चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन

  1. नवरात्रि तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए इस दिन अवश्य करें ये उपाय
  2. chaitra navratri 2022 maa chandraghanta puja vidhi mantra bhog and aarti
  3. नवरात्रि का तीसरा दिन आज, मां को ऐसे करें प्रसन्न, जानें आरती, मंत्र और सभी जानकारी
  4. चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन और गौरी पूजा का महत्व
  5. आज है नवरात्रि का तीसरा दिन, जानें इस दिन से संबंधित कथा और मंत्र की संपूर्ण जानकारी
  6. chaitra navratri 2022 3rd day maa chandraghanta puja vidhi aarti katha bhog mantra
  7. Navratri 2021 Day 3: The Third Day Of Navratri Is Dedicated To Maa Chandraghanta, Know The Worship Method And Importance Of This Day
  8. Chaitra Navratri 2023 Day 3 Maa Chadraghanta Aarti Puja Vidhi Bhog Mantra In Hindi


Download: चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन
Size: 71.74 MB

नवरात्रि तीसरा दिन: माँ चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए इस दिन अवश्य करें ये उपाय

चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा को होता है समर्पित चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा होती है। मां चंद्रघंटा बाघ पर सवार हैं कहा जाता है इस देवी की मुद्रा से ही अत्याचारी दानव और दैत्य और राक्षस भयभीत हो उठते हैं। मां का यह स्वरूप परम शांति दायक और कल्याणकारी बताया गया है। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है और इसीलिए इन्हें देवी चंद्रघंटा कहा जाता है। नवरात्रि विशेष अपने इस ब्लॉग में आज हम जानेंगे तीसरे दिन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी और महत्वपूर्ण बातें। साथ ही जानेंगे आज मां चंद्रघंटा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आप क्या कुछ उपाय कर सकते हैं। भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके माँ चंद्रघंटा का स्वरूप देवी के अन्य रूपों की ही तरह मां चंद्रघंटा का स्वरूप भी बेहद ही खूबसूरत मन मोह लेने वाला और अलौकिक है। देवी की 10 भुजाएं हैं और देवी मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग सोने की तरह चमकीला है। माँ के 10 हाथों में धनुष, त्रिशुल, तलवार और गदा जैसे शस्त्रआदि उपस्थित है। माँ चंद्रघंटा पूजा महत्व कहा जाता है जब असुरों के साथ देवी का युद्ध हुआ था तो देवी चंद्रघंटा ने 1 घंटे की टक्कर से ही असुरों का नाश कर दिया था। ऐसे में नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की शुरुआत हुई। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक को तीसरे मणिपुर चक्र के जाग्रत होने वाली सिद्धियां प्राप्त होती है। इसके अलावा ऐसे व्यक्तियों के सभी सांसारिक कष्ट दूर होते हैं, साथ ही जातकों को वरिष्ठता, आत्मविश्वास, और किसी भी मुद्दे पर सही निर्णय लेने की योग्यता भी व्यक्ति को प्राप्त होने लगती है। बृहत् कुंडली में छिपा है, आ...

chaitra navratri 2022 maa chandraghanta puja vidhi mantra bhog and aarti

Chaitra Navratri 2022 Day 3: नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है. इस चैत्र नवरात्रि मां चंद्रघंटा की पूजा 4 अप्रैल, सोमवार के दिन की जाएगी. देवी चंद्रघंटा के सिर पर घंटे के आकार का चंद्र है, इसलिए इन्हें 'चंद्रघंटा' कहा जाता है. इनके सभी हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं. देवी दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना से साहस में वृद्धि होती है. मान्यता है कि शेर पर सवार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के कष्ट खत्म हो जाते हैं. इससे अलावा इनकी उपासना मन की शांति मिलती है. आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा-विधि, मंत्र, आरती और भोग के बारे में. शास्त्रों के मुताबिक मां चंद्रघंटा की पूजा लाल रंग के कपड़े पहनकर करना चाहिए. माता की पूजा में लाल फूल, रक्त चंदन और लाल रंग की चुनरी का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए 'ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः, शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सा न किं जनैः' इस मंत्र का जाप चंदन की माला पर करनी चाहिए. मां चंद्रघंटा को क्या लगाएं भोग (Chandraghanta Devi Bhog) देवी के हर स्वरूप की पूजा में अलग-अलग प्रकार का भोग अर्पित किया जाता है. दरअसल भोग देवी मां के प्रति समर्पण का भाव दर्शाता है. ऐसे में मां चंद्रघंटा को दूध या इससे बनी मिठाइयों का भोग लगाना चाहिए. माता को भोग अर्पित करने के बाद खुद भी इसे ग्रहण करना चाहिए और दूसरों में भी बांटना चाहिए. मां चंद्रघंटा मंत्र (Chandraghanta Devi Mantra) या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता प्रसादं तनुते महयं चन्द्रघण्टेति विश्रुता मां चंद्रघंटा की आरती (Chandraghanta Mata ki Aarti) ...

नवरात्रि का तीसरा दिन आज, मां को ऐसे करें प्रसन्न, जानें आरती, मंत्र और सभी जानकारी

आज नवरात्रि का तीसरा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा (chandraghanta Maa) स्वरूप की अराधना की जाती है। पौराणिक ग्रंथों में मां चंद्रघंटा को अलौकिक शक्तियां दिलाने वाली देवी माना गया है। इनके शरीर का रंग सोने की तरह चमकीला है। इस देवी के दस हाथ हैं और इनकी मुद्रा युद्ध में उद्यत रहने की होती है। देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह यानी शेर है। ऐसी मान्यता है कि देवी की साधना और भक्ति करने से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। इस देवी के माथे पर घंटे के आकार का आधा चंद्र विराजमान है। इसीलिए इस देवी को चंद्रघंटा कहा गया है। जानिए नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा विधि, कथा, मंत्र और आरती… नवरात्रि के तीसरे दिन की पूजा विधि (Maa Chandraghanta Puja Vidhi) : नवरात्रि के तीसरे दिन मां का साज-श्रृंगार करें। फिर पुष्‍प, दुर्वा, अक्षत, गुलाब, लौंग कपूर आदि से मां की पूजा-अर्चना करें। चाहें तो एक चौकी पर साफ वस्‍त्र बिछाकर मां चंद्रघंटा की प्रतिमा को स्‍थापित करें। व्रत का संकल्‍प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां चंद्रघंटा समेत सभी देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इस दिन मां को गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद यानी पंचामृत से स्‍नान कराएं और उन्हें मिष्‍ठान और फल का अर्पण करें। इस दिन मां के इस स्वरूप की कथा सुनकर आरती उतारें। मां को हलवे का भोग लगा सकते हैं। चंद्रघंटा शक्ति की पूजा और साधना से मणिपुर चक्र जाग्रत होता है। इनकी पूजा करने से वीरता-निर्भरता एवं विनम्रता का विकास होता है। इनकी पूजा से मुख, नेत्र तथा सम्पूर्ण काया में कान्ति बढ़ने लगती है। मां चन्द्रघंटा की पूजा करने वालों को शान्ति और सुख का अनुभव होने लगता है। मां चन्द्रघंटा की कृपा से हर तरह के पाप और सभी बाधाएं दूर हो जा...

चैत्र नवरात्रि का तीसरा दिन और गौरी पूजा का महत्व

नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा देवी की पूजा का विधान बताया गया है। शेर की सवारी करने वाली चंद्रघण्टा देवी का शरीर सोने की तरह चमकता हुआ प्रतीत होता है। माता रानी की 10 भुजाएं होती हैं। जिनमें से चार भुजाओं में उन्होंने त्रिशूल, गदा, तलवार, और कमण्डलु धारण किया होता है। माता का पांचवा हाथ वर-मुद्रा में होता है। देवी की अन्य चार भुजाओं में कमल का पुष्प, तीर, धनुष, जप माला होती है और पांचवा हाथ अभय मुद्रा में होता है। देवी का यह स्वरुप शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। चन्द्रघण्टा देवी अपने भक्तों को किसी भी प्रकार के भय से मुक्त करके उन्हें साहस प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं। देवी माँ के सिर पर घंटे के आकार का चन्द्रमा होता है जिसके चलते उन्हें चन्द्रघण्टा देवी कहा जाता है। चंद्रघंटा देवी की पूजा करते समय उनके इस ख़ास मन्त्र का उच्चारण करना बेहद फलदायी बताया गया है मन्त्र है, “या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।” कैसे करें देवी चंद्रघंटा देवी की पूजा • अगर आपको अपने जीवन में सुख समृद्धि चाहिए हो तो आपको पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। • माँ दुर्गा के चन्द्रघण्टा रूप को केसर और केवड़ा जल से स्नान कराएं। • फिर माँ चंद्रघंटा को सुनहरे रंग के वस्त्र पहनाकर सजाएं। • पूजा में माता रानी को केसर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं तो इससे माता अवश्य प्रसन्न होती हैं। • इसके अलावा माँ चंद्रघंटा को गुड़ और लाल सेब भी अवश्य चढ़ाएं। ये माता रानी को बहुत प्रिय होते हैं। • माँ चंद्रघंटा को सफ़ेद कमल और पीले गुलाब की माला पहनाएं। • पूजा के दौरान इस मंत्र का जप अवश्य करें , “या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण ...

आज है नवरात्रि का तीसरा दिन, जानें इस दिन से संबंधित कथा और मंत्र की संपूर्ण जानकारी

13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो चुकी है। ऐसे में 15 अप्रैल गुरुवार के दिन नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन जीवन की दुविधा दूर करने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट नवरात्रि तीसरे दिन पूजन विधि • इस दिन भी सुबह जल्दी स्नान आदि करके मां की पूजा का संकल्प लें। • इस दिन की पूजा में मां चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य इत्यादि अर्पित करें। • इसके अलावा मां को सुगंधित फूल भी चढ़ाए। • भोग में मां के लिए दूध से बनी कोई मिठाई अवश्य शामिल करें। • इसके बाद दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और अंत में मां की आरती उतारें। मां चंद्रघंटा से संबंधित व्रत कथा मां चंद्रघंटा दैत्यों और राक्षसों का वध करने के लिए जानी जाती हैं। जब समस्त विश्व में दैत्यों का उत्पात हद से ज्यादा बढ़ गया था। तब मां चंद्रघंटा ने भक्तों की पीड़ा का नाश करने के लिए दैत्यों से युद्ध छेड़ा। इस दौरान उनका दैत्य महिषासुर से भयंकर युद्ध हुआ। इस दौरान माता ने अपने क्रोध से महिषासुर और उसकी विशाल दैत्यों की सेना का नाश कर दिया था और अंत में विजय की प्राप्ति की। नवरात्रि तीसरे दिन का महत्व नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति को अपने जीवन में डर से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा मां चंद्रघंटा की पूजा से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम या दूर करने में भी मदद हासिल होती है। क्योंकि मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मणिपुर चक्र का सीधा संबंध मंगल ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। यह भी पढ़ें: नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा करने से शांत होते ...

chaitra navratri 2022 3rd day maa chandraghanta puja vidhi aarti katha bhog mantra

नवरात्रि का तीसरा दिन आज, मां चंद्रघंटा की होगी पूजा, नोट कर लें पूजन विधि, मंत्र, आरती, महत्व और भोग Navratri 3rd Day Maa chandraghanta puja vidhi shubh muhrat : इस समय चैत्र नवरात्रि चल रही हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। कल नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात् इस समय चैत्र नवरात्रि चल रही हैं।नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। आजनवरात्रि का तीसरा दिन है।नवरात्रि केतीसरे दिन मां के तृतीयस्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों की वध करने वाला कहा जाता है। ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है। माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है, जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं। आइए जानते हैं माता चंद्रघंटा की पूजा विधि, महत्व, मंत्र और कथा... माता चंद्रघंटा कीपूजा विधि... • नवरात्रि के तीसरे दिन विधि- विधान से मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की अराधना करनी चाहिए। मां की अराधना उं देवी चंद्रघंटायै नम: का जप करके की जाती है। माता चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें। आप मां को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग भी लगा सकती हैं। नवरात्रि के हर दिन नियम से दुर्गा चालीस और दुर्गा आरती करें। Rashifal : 4 अप्रैल को नवरात्रि के तीसरे दिन सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य, पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल मां चन्द्रघंटा का स्त्रोत मंत्र: ध्यान वन्दे वाच्छित लाभाय चन्द्रर्घकृत शेखराम। सिंहारूढा दशभुजां चन्द्रघण्टा यशंस्वनीम्घ ...

Navratri 2021 Day 3: The Third Day Of Navratri Is Dedicated To Maa Chandraghanta, Know The Worship Method And Importance Of This Day

नई दिल्ली: Navratri 2021 Day 3: नवरात्रि के दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है. लेकिन नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है. मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता रहा है. वैसे मान्यता है कि वह अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं, इसलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष रहता है हमेशा. साथ ही ये भी माना गया है कि मां चंद्रघंटा को घंटों की नाद बेहद प्रिय रही है. वे इससे दुष्टों का संहार तो करती हैं, वहीं इनकी पूजा में घंटा बजाने का खास महत्व रहता है. माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति ही धर्म की रक्षा और संसार से अंधकार मिटाने के लिए हुई थी. मान्‍यता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना भक्त को आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्रदान करती है. नवरात्रि के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की साधना कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले भक्तों को संसार में यश, कीर्ति और सम्मान मिलता है ऐसी मान्याता है. यह भी पढ़ें • Maa Chandraghanta: आज है नवरात्रि का तीसरा दिन, ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, यहां जानें पूजन विधि, मंत्र और भोग • Navratri 3rd Day 2022: कल है मां चंद्रघंटा की उपासना का दिन, जानें पूजा विधि, मंत्र और प्रसाद • Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि में पवन सिंह के देवी गीत 'मईया के आरती' की धूम, यूट्यूब पर 5 करोड़ के पार माता चंद्रघंटा का स्वरुप - मां चंद्रघंटा के मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है. इनके दस हाथ हैं. इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं. इनका वाहन सिंह है. अपने वाहन सिंह पर सवार मां का यह स्वरुप युद्ध व द...

Chaitra Navratri 2023 Day 3 Maa Chadraghanta Aarti Puja Vidhi Bhog Mantra In Hindi

Chaitra Navratri 2023 Day 3: 2023 चैत्र नवरात्रि की तीसरी शक्ति है मां चंद्रघंटा. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इन्हें पापों की विनाशिनी कहा जाता है. मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की उपासना से साहसी और पराक्रमी बनने का वरदान मिलता है. इस साल मां चंद्रघंटा की पूजा 24 मार्च 2023 शुक्रवार के दिन होगी. आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, प्रिय भोग, मुहूर्त और मंत्र. चैत्र नवरात्रि 2023 तीसरे दिन का मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Day 3 Muhurat) चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि शुरू - 23 मार्च 2023, शाम 06.20 चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि समाप्त - 24 मार्च 2023, शाम 04.59 • अमृत काल मुहूर्त - सुबह 06.24 - सुबह 07.57 • अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12.03 - दोपहर 12.52 • सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 06.21 - दोपहर 01.22 • रवि योग - 24 मार्च, दोपहर 01.22 - 25 मार्च, सुबह 06.20 कैसे पड़ा मां चंद्रघंटा का नाम ? मां दुर्गा का तीसरा रूप हैं मां चंद्रघंटा. युद्ध मुद्रा में सिंह पर विराजमान मां चंद्रघंटा के इनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष व गदा धारण हैं. इनके माथे पर घंटे के आकार में अर्द्ध चंद्र विराजमान है, इसलिए ये चंद्रघंटा कहलाती हैं.मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती है और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है. शास्त्रों के अनुसार, मां चंद्रघंटा ने राक्षसों के संहार के लिए अवतार लिया था. इनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों की शक्तियां समाहित हैं. मां चंद्रघंटा की पूजा विधि ((Maa Chandraghanta Puja vidhi) मां चंद्रघंटा की पूजा में लाल और नारंगी रंग का अधिक प्रयोग करें. नवरात्रि के तीसरे दि...