चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2023

  1. Hindu Nav Varsh 2023: चैत्र माह से ही क्यों होती हैं हिंदू नववर्ष की शुरुआत? इसके पीछे है ये खास वजह
  2. Navratri 2023 Calendar कब से शुरू हो रही है चैत्र और शारदीय नवरात्रि देखें नवरात्र का संपूर्ण कैलेंडर
  3. Why Hindu New Year Is Celebrated On The Day Of Chaitra Shukla Pratipada Here Is The Reason ANN
  4. हिन्दू नववर्ष शुरू: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (विक्रमी संवत 2080) भविष्यवाणी
  5. Hindu Nav Varsh 2023: हिंदू नववर्ष के पहले दिन बनें ये शुभ संयोग
  6. Ashadha Gupt Navratri 2023: कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि? वृद्धि योग में होगी कलश स्थापना, देखें मुहूर्त और व्रत कैलेंडर


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Hindu Nav Varsh 2023: चैत्र माह से ही क्यों होती हैं हिंदू नववर्ष की शुरुआत? इसके पीछे है ये खास वजह

डीएनए हिंदी: विश्व भर में अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, नया साल 1 जनवरी के दिन मनाया जाता है. भारत में भी इस दिन ही लोग नया साल मनाते हैं. हालांकि भारतीय संस्कृति के अनुसार, हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) पंचांग के मुताबिक चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मनाया जाता है. इस साल हिंदू नव वर्ष की शुरूआत 22 मार्च 2023 को हो रही है. 22 मार्च को चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को विक्रम संवत 2080 की शुरुआत हो रही है. हिंदू विक्रम संवत 2080 (Vikram Samvat 2080) अंग्रेजी कैलेंडर के वर्ष 2023 से 57 वर्ष आगे है. इस बार नए वर्ष के राजा बुध ग्रह और मंत्री शुक्र ग्रह होंगे. इन दोनों का आपसी संबंध मित्रता का है. ऐसे यह साल काफी अच्छा रहने वाला है. हिंदू धर्म की पूजनीय माता के नवरात्रि की शुरुआत भी इसी दिन से होती है. हालांकि कई बार लोगों के मन में सवाल आता है कि हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) की शुरुआत चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से ही क्यों होती है. तो चलिए आज इस बारे में जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh 2023) का प्रारंभ क्यों होता है. चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही हिंदू नववर्ष होने के कारण (Hindu Nav Varsh 2023) - ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. अनुमान के मुताबिक करीब 1 अरब 14 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 साल पहले चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि बनी थी. यह कारण भी है कि इस दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है. - महापराक्रमी सम्राट विक्रमादित्य ने अपने नाम से संवत्सर की शुरुआत भी चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को की थी. यहीं वजह है कि हिंदू नववर्ष को विक्रमी संवत्सर भी कहा जाता है. इस वर्...

Navratri 2023 Calendar कब से शुरू हो रही है चैत्र और शारदीय नवरात्रि देखें नवरात्र का संपूर्ण कैलेंडर

Navratri 2023 Calendar: कब से शुरू हो रही है चैत्र और शारदीय नवरात्रि? देखें नवरात्र का संपूर्ण कैलेंडर Navratri 2023 Calendar साल 2023 में चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि पूरे नौ दिनों की होने वाली है। इस साल नवरात्रि में काफी खास संयोग भी बन रहे हैं। इसके साथ ही इस साल गुप्त नवरात्रि भी काफी खास है। जानिए सभी नवरात्रि की तिथि और समय। नई दिल्ली, Navratri 2023 Calendar: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक पड़ने वाली इन नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल भर में 4 बार नवरात्रि पड़ती है। जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि खास मानी जाती है। इसके साथ ही माघ और आषाढ़ मास में नवरात्रि पड़ती है जिन्हें गुप्त नवरात्रि के नाम से जानते हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्रि में साधु-संतों के साथ गृहस्थ लोग मां दुर्गा की पूजा करने के साथ व्रत रखती हैँ। वहीं गुप्त नवरात्रि में दुर्गा की दस विद्याओं की पूजा अर्चना की जाती है। यह नवरात्रि तंत्र विद्या के लिए खास होती है। जानिए साल 2023 में कब-कब पड़ रही हैं कौन सी नवरात्रि। चैत्र नवरात्रि 2023 कब से कब तक? हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ समाप्त होंगे। साल 2023 में चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से शुरू हो रही है, जो समाप्त 22 मार्च को शाम 8 बजकर 20 मिनट पर हो रही है। इसलिए 21 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू होकर 30 मार्च को समाप्त होगी। 24 मार्च 2023, शुक्रवार- मां चंद्रघंटा की पूजा 25 मार्च 2023, शनिवार- मां कूष्मांडा की पूजा 26, मार्च 2023, रविवार- मां स्कंदमाता की पूजा 27 मार्च 2...

Why Hindu New Year Is Celebrated On The Day Of Chaitra Shukla Pratipada Here Is The Reason ANN

Hindu Nav Varsh 2023: पूरी दुनिया में एक जनवरी से नए साल (New Year) की शुरुआत होती है. 31 दिसंबर की रात 12 बजे घड़ी की सुईयों का मिलन होते ही कैलेंडर वर्ष बदल जाता है. लेकिन हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र माह से होता है. हर साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन हिंदू नववर्ष मनाया जाता है. इस दिन की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए बीते कुछ साल से विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाने लगे हैं. लोग उत्साह और उमंग के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं. जानिए कब से होगा हिंदू नववर्ष शुरू? इस बार हिंदू नववर्ष 22 मार्च 2023 से शुरू होगा. हिंदू नववर्ष पर शहरों और गांवों में सर्व समाज की शोभायात्रा निकाली जाएगी. भारतीय संस्कृति एवं कालगणना विश्व में सबसे प्राचीन है. कालगणना में ग्रह नक्षत्रों, आकाशीय पिंडों की गति का अत्यंत गहराई से किया गया अध्ययन और निकाला गया निष्कर्ष खगोलीय वैज्ञानिकों का मानव जाति को अनुपम उपहार है. आइए आपको बताते हैं कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर ऐसा क्या खास है कि इस दिन को हिंदू नववर्ष मनाया जाता है. • जगतपिता ब्रह्माजी ने इसी दिन सृष्टि का निर्माण किया था. अनुमान के मुताबिक, करीब 1 अरब 14 करोड़ 58 लाख 85 हजार 123 साल पहले सृष्टि की रचना हुई थी. • महाराजा विक्रमादित्य ने इसी दिन विक्रमी संवत का शुभारंभ किया था. • इसी दिन देवी दुर्गा की आराधना का नवरात्रि महापर्व प्रारंभ होता है. • सतयुग में प्रभु श्री रामचंद्रजी का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था. • न्याय प्रणेता महर्षि गौतम की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है. • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही महाराजा युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था. • आराध्य देव वरुणावतार भगवान झूलेलाल साईं का अवतरण दिवस भी मनाया जाता है. • गुरु अंगद देव साहिब का अवतरण...

हिन्दू नववर्ष शुरू: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (विक्रमी संवत 2080) भविष्यवाणी

हिंदू नव वर्ष 2023 इस बार 21 मार्च 2023 की रात्रि 10:53 बजे प्रारंभ हो जाएगा क्योंकि इसी समय चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी और इसी से हिंदू नव वर्ष का आगमन माना जाता है इसलिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा। जब भी हमें नववर्ष का फल कथन करना हो हम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी कि वर्ष लग्न (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा – 2023) हिंदू नव वर्ष 2023 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) की कुंडली वृश्चिक लग्न की बनी है। आइए अब यह जानने का प्रयास करते हैं कि वर्ष लग्न कुंडली के अनुसार यह हिंदू नववर्ष 2023 हमारे देशवासियों और हमारे देश तथा आसपास के लोगों और राष्ट्रों पर किस प्रकार का प्रभाव डाल सकता है: • विपरीत प्रकृति के देशों के प्रति पारस्परिक सामंजस्य की कमी होगी और स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने तथा खतरनाक हथियारों के प्रयोग के लिए होड़ मचेगी। परमाणु और अन्य विध्वंसक हथियारों के संग्रह की प्रवृत्ति बढ़ेगी और एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जाने की स्थिति बन रही है। • देव गुरु बृहस्पति का विशेष प्रभाव होने से भारत का विश्व पटल पर रुतबा बढ़ेगा और भारत की बात को विशेष प्रमुखता दी जाएगी। • शनि ग्रह का लग्न पर प्रभाव होने के कारण और शुक्र-राहु की युति की स्थिति के परिणामस्वरूप विश्व के महत्वपूर्ण देशों के सामने अप्रत्याशित घटनाएं और कट्टरवाद तथा आतंकवाद सिर उठा कर खड़े होते नजर आ सकते हैं। • विश्व में आर्थिक मंदी के हालात जन्म लेंगे। इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। हालांकि शीघ्र ही उसका असर दूर भी हो जाएगा। • विश्व के ऐसे देश जो गरीबी की चपेट में हैं और बड़े देशों से बड़ा कर्ज लेकर कर्जदार बने हैं उनकी स्थिति और भी विकट होती नजर आएगी और अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है जिससे उन...

Hindu Nav Varsh 2023: हिंदू नववर्ष के पहले दिन बनें ये शुभ संयोग

Hindu Nav Varsh 2023: हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है। इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च 2023, बुधवार को है। इसी दिन से नव संवत्सर 2080 भी आरंभ हो रहा है। इसी दिन गुडी पड़वा भी है। माना जाता है कि इस दिन ही सृष्टि के सृजन का आरंभ हुआ था। पंचांग की गणना के अनुसार इस वर्ष 12 के बजाय 13 महीने होंगे। ऐसा अधिक मास होने के कारण होगा। आचार्य अनुपम जौली के अनुसार हिंदू वर्ष की गणना में प्रत्येक वर्ष लगभग 11 दिन अतिरिक्त होते हैं। इन्हें प्रत्येक तीसरे वर्ष एक साथ एक अतिरिक्त माह के रुप में गिना जाता है। इसी अतिरिक्त माह को अधिक मास कहा जाता है। यह भी पढ़ें: इन शुभ मुहूर्तों में आएगा नया हिंदू संवत्सर 2080 (Hindu Nav Varsh 2023) इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 21 मार्च 2023 को रात्रि 9.22 बजे आरंभ होगी। घट स्थापना का समय अगले दिन 22 मार्च 2023 को सुबह 6.14 बजे से 7.55 बजे तक रहेगा। ऐसे में नया संवत्सर भी 21 मार्च 2023 को ही रात्रि 9.22 बजे आरंभ हो जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आएंगी। इसे हिंदू धर्म में सौभाग्य, सुख, समृद्धि और वैभव का चिह्न माना गया है। अत: भक्तों के लिए आने वाला वर्ष सौभाग्यशाली रहेगा। नए वर्ष में बनेंगे ये शुभ संयोग नए वर्ष के पहले दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं जो आने वाले सुखद भविष्य का संकेत देते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ-साथ शुक्ल योग और ब्रह्म योग भी बन रहे हैं। इन शुभ मुहूर्तों में यदि आप भी सौभाग्य पाने के लिए कोई उपाय करना चाहते हैं तो अवश्य कर सकते हैं। यह भी पढ़ें: पूरे साल सुख पाने के लिए करें ये उपाय (Tone Totke) यदि आप भी पूरे वर्ष सुख और सौभाग्य पाना चाहते हैं तो नए वर्ष के...

Ashadha Gupt Navratri 2023: कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्रि? वृद्धि योग में होगी कलश स्थापना, देखें मुहूर्त और व्रत कैलेंडर

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी पूजन होता है. आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि 18 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ हो रही है. हर साल आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. एक साल में दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि होती है. गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के अलावा 10 महाविद्याओं का भी पूजन होता है. तंत्र-मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि अच्छी मानी जाती है. इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूरे 9 दिन की है. 9 दिन की नवरात्रि को शुभ माना जाता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कब से है? कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है? देखें आषाढ़ गुप्त नवरात्रि व्रत कैलेंडर भी. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 प्रारंभ पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 18 जून रविवार को सुबह 10 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ हो रही है. यह तिथि अलगे दिन सोमवार 19 जून को सुबह 11 बजकर 25 मिनट तक है. प्रतिपदा तिथि 19 जून को मान्य है, इसलिए आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून से प्रारंभ होगी. यह भी पढ़ें: गुरुवार को करें केसर के 6 उपाय, संवर जाएगी बिगड़ी किस्मत, महालक्ष्मी होंगी खुश, धन-दौलत रहेगा भरपूर वृद्धि योग में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 इस साल 19 जून को प्रारंभ हो रही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि वृद्धि योग में है. उस दिन वृद्धि योग सुबह से लेकर देर रात 01 बजकर 15 मिनट तक है. वृद्धि योग में आप जो भी कार्य करेंगे, उसके फल में वृद्धि होगी. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023 कलश स्थापना मुहूर्त आषाढ़ गुप्त नवरात्रि ...