Cat सावित्री 2023

  1. Vat Savitri Vrat Katha 2023
  2. Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री पूजन सामग्री और बरगद का महत्व
  3. vrat savitri vrat 2023 date puja samagri list shubh muhurat know significance of vat savitri sry
  4. Vat Savitri 2023: वट सावित्री के दिन बन रहा ये खास संयोग पूजा को बनाएगा और भी फलदायी, जानिए क्या है इसका महत्व
  5. Vat Savitri Vrat 2023 Date Auspicious Yoga Amavasya Shani Jayanti Puja Vidhi Significance


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Vat Savitri Vrat Katha 2023

वट सावित्री व्रत कथा (Vat Savitri Vrat Katha 2023) • वट सावित्री व्रत की कथा का उल्लेख भविष्य पुराण में मिलता है। वट सावित्री व्रत के नाम से पता चलता है कि यह व्रत सावित्री देवी द्वारा शुरू हुआ था। • पौराणिक कथा के अनुसार, देवी सावित्री राजा अश्वपति की कन्या थीं और सत्यवान उनके पति थे। सावित्री ने सत्यवान को अपने वर के रूप में चुना था। • देवर्षि नारद (देवर्षि नारद ने भगवान विष्णु को क्यों दिया श्राप) को जब यह पता चला तो उन्होंने सावित्री को सत्यवान के अल्पायु यानी कि कम आयु में ही रित्यु हो जाने वाली बात बताई। यह भी पढ़ें: • सावित्री ने चतुराई के साथ सत्यवान से 100 पुत्र होने का आशीर्वाद यमराज से मांगा। बिना सत्यवान के पुत्र संभव ही कहां। • यमराज समझ गए और उन्होंने पति की तरफ सावित्री की निष्ठा देख उन्हें सत्यवान के प्राण लौटा दिए। • तभी से यह ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत का चलन शुरू हुआ। इस दिन सावित्री सत्यवान की कथा सुनने से अखंड सौभग्य मिलता है। तो ये है वट सावित्री व्रत की संपूर्ण कथा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। Image Credit: freepik, shutterstock

Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री पूजन सामग्री और बरगद का महत्व

• • Faith Hindi • Vat Savitri Vrat 2023: पूजा की थाली में जरूर रखें ये सामान, देखें लिस्ट और जानें बरगद की पूजा का महत्व Vat Savitri Vrat 2023: पूजा की थाली में जरूर रखें ये सामान, देखें लिस्ट और जानें बरगद की पूजा का महत्व Vat Savitri Vrat 2023: हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से वट सावित्री का व्रत रखती है और इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व होता है. Vat Savitri Vrat 2023 Date and Timing: हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन व्रत सावित्री का व्रत रखा जाता है. इस साल वट सावित्री का व्रत 19 मई 2023 को रखा जाएगा और यह व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती है. ( Vat Savitri Vrat Importance) वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ का पूजन किया जाता है और हिंदू धर्म में इसका खास महत्व माना गया है. वट सावित्री का व्रत करवाचैथ की तरह बहुत ही कठिन और फलदायी होता है. ( Vat Savitri Vrat Pujan Samagri List) इस व्रत में पूजन सामग्री के बारे में पता होना जरूरी है क्योंकि बरगद के पेड़ की पूजा में सामग्री काफी महत्वपूर्ण होती है. आइए जानते हैं कि वट सावित्री व्रत की पूजन सामग्री और बरगद के पेड़ का महत्व. क्यों होती है बरगद के पेड़ की पूजा? धर्म पुराणों के अनुसार वट यानि बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. बरगद का पूजन करने से इन देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसलिए बरगद के पेड़ का विशेष महत्व माना गया है और वट सावित्री व्रत के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए इसका पूजन करती हैं. पुराणों के अनुसार बरगद का पेड़ अकेला ऐसा वृक्ष है जो कि 300 से ज्यादा सालों तक जीवित रहता है यानि इस पेड़ की आयु बहुत लंबी ...

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Vat Savitri Vrat 2023: शुक्रवार को रखा जाएगा व्रत सावित्री का व्रत, नोट कर लें पूजा सामाग्री की लिस्ट और विधि देश के कुछ हिस्सों में वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रखा जाता है.तो आइए जानते हैं व सावित्री का व्रत कब रखा जाएगा और इस व्रत का महत्व क्या है. 19 मई 2023, दिन शुक्रवार को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा. Vat Savitri Vrat 2023: 19 मई 2023, दिन शुक्रवार को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा.हर साल ये व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है.इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है.देश के कुछ हिस्सों में वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन रखा जाता है.तो आइए जानते हैं व सावित्री का व्रत कब रखा जाएगा और इस व्रत का महत्व क्या है. सावित्री और सत्यवान की मूर्ति, बांस का पंखा, कच्चा सूत, लाल रंग का कलावा, बरगद का फल, धूप, मिट्टी का दीपक, फल, फूल, बतासा, रोली, सवा मीटर का कपड़ा, इत्र, पान, सुपारी, नारियल, सिंदूर, अक्षत, सुहाग का सामान, घर से बनी पुड़िया, भीगा हुआ चना, मिठाई, घर में बना हुआ व्यंजन, जल से भरा हुआ कलश, मूंगफली के दाने, मखाने. इस व्रत को लेकर शास्त्रों में कई धार्मिक मान्यताएं प्रचलित हैं.उसमें से एक के अनुसार वट वृक्ष के नीचे ही अपने कठोर तप से पतिव्रता सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित किया था.जबकि एक अन्य मान्यता की मानें तो भगवान शिव के वरदान से ऋषि मार्कण्डेय को वट वृक्ष में भगवान विष्णु के बाल मुकुंद अवतार के दर्शन हुए थे.उसी दिन से वट वृक्ष की पूजा किये जाने का विधान है. इस वर्ष वट सावित्री व्रत के दिन कुछ शुभ योग का निर्माण हो रहा है.इसलिए इस वर्ष इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है.आइये जानें इस शुभ यो...

Vat Savitri 2023: वट सावित्री के दिन बन रहा ये खास संयोग पूजा को बनाएगा और भी फलदायी, जानिए क्या है इसका महत्व

हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है. इस बार ये तिथि आज यानी 19 मई को पड़ रही है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रहकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भी प्रार्थना करती हैं. इसके लिए बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. मान्यता है कि पेड़ की परिक्रमा करके उसके चारों ओर कलावा बांधा जाता है और जिस तरह बरगद के पेड़ की आयु लंबी होती है उसी तरह पति की आयु भी लंबी होती है. शास्त्रों में क्या है मान्यता? कहते हैं कि वट वृक्ष के नीचे ही अपने कठोर तप से पतिव्रता सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित किया था. वहीं दूसरी मान्यता कहता है कि भगवान शिव के वरदान से ऋषि मार्कण्डेय को वट वृक्ष में भगवान विष्णु के बाल मुकुंद अवतार के दर्शन हुए थे. तभी से वट वृक्ष की पूजा की जाती है. क्या है शुभ मुहूर्त? वट सावित्री की अमावस्या तिथी 18 मई अपराहृ 9:42 पर लगेगी और 19 मई 2023 को रात्रि 9:22 समाप्त होगी. क्या बन रहा शुभ योग? इस बार इस व्रत में खास संयोग बन रहा है जिससे इस उपवास का महत्व और बढ़ जाएगा. इस बार वट सावित्री के व्रत पर शोभन योग (shobhan yog) बन रहा है जो 18 मई को शाम 7:37 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 19 मई को शाम 6:16 मिनट तक रहेगा. वहीं दूसरा संयोग शश योग है. इस दिन शनि जयंती भी है ऐसे में शनि देव की पूजा अर्चना करना भी बहुत फलदायी होगा. जिनकी कुंडली में ढैय्या और साढ़ेसाती है उन्हें तो इस दिन शनि देव की पूजा जरूर करनी चाहिए. इसके अलावा इस दिन गजकेसरी योग भी है. ये सारे ही संयोग बहुत ही फलदायी है इसलिए व्रत को महत्व दोगुना हो जाता है. क्या है पूजा विधि? इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद लाल या पील...

Vat Savitri Vrat 2023 Date Auspicious Yoga Amavasya Shani Jayanti Puja Vidhi Significance

Vat Savitri Amavasya 2023: सुहागिनों का खास पर्व वट सावत्रि व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या और पूर्णिमा के दिन रखा जाता है. ज्येष्ठ माह की अमावस्या पर पति की लंबी उम्र के लिए महिलाएं वट सावित्री व्रत रखती है. नारद पुराण में इसे ब्रह्म सावित्री व्रत भी कहा गया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना के साथ बिना कुछ खाए निर्जल व्रत करती हैं. इस साल वट सावित्री अमावस्या व्रत पर शनि देव को प्रसन्न करने के खास संयोग बन रहा है, क्योंकि इसी दिन शनि जयंती भी है. आइए जानते हैं वट सावित्री पूर्णिमा की डेट, शुभ योग, मुहूर्त और पूजा विधि वट सावित्री अमावस्या 2023 कब है (Vat Savitri Vrat 2023 Date) ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 18 मई 2023 को रात 09 बजकर 42 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 मई 2023 को रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार अमावस्या पर वट सावित्री व्रत 19 मई 2023 को रखा जाएगा. वट सावित्री व्रत 2023 शुभ योग (Vat Savitri Vrat 2023 shubh yoga) • ज्येष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत के साथ शनि जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा. खास बात ये है कि इस दिन शनि देव स्वराशि कुंभ में विराजमान रहेंगे, जिससे शश योग बन रहा है. ऐसे में शनि देव की पूजा से शुभ फल की प्राप्ति होगी. • वट सावित्री अमावस्या के दिन शोभन योग भी रहेगा, इसके साथ इस दिन चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में होंगे जिससे गजकेसरी योग बन रहा है. इन खास योग में पूजा-व्रत से साधक को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बी प्राप्त होगा वट सावित्री व्रत रखने की सही विधि (Vat Savitri Vrat Puja vidhi) व्रत सावित्री व्रत वाले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले स्नान कर पूजा की तैयारी करती है, भोग बनाती है. सोलह श्रृंगार कर शुभ मुहूर्त में स्त्रिय...