Chhath puja kab hai

  1. Chhath Puja 2023 Date When Kartik Maas Significance Of This Fast Mothers Nahay Khaye
  2. Chhath Puja 2022: Date, shubh muhurat for Surya pujan in morning and evening
  3. CHHATH PUJA IN HINDI
  4. छठ पूजा क्यों मनाया जाता है? Chhath Puja 2023 क्या है इसका पौराणिक महत्व, लाभ और छठ पूजा की
  5. Chhath Puja 2021 Date: When Is Chhath Puja? Know Date, Worship Samgrri, Katha, And Thekua Recipe


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Chhath Puja 2023 Date When Kartik Maas Significance Of This Fast Mothers Nahay Khaye

Chhath Puja 2023 Date: भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है छठ पूजा का पर्व. ये त्योहार केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में रह रहें भारतीय भी मनाते हैं. इस त्योहार का बड़ महत्व है. भारत में ये त्योहार बिहार में रहने वालों के लिए खास महत्व रखता है. इस साल छठ पूजा 17 नंवबर, शुक्रवार के दिन शुरु होगी जो 20 नवंबर को उषा अर्घ के साथ समाप्त होगी. छठ पूजा का दिन छठ पूजा का दिन छठ पूजा अनुष्ठान शुक्रवार 17 नंवबर 2023 नहाय खाय शनिवार 18 नंवबर 2023 खरना रविवार 19 नंवबर 2023 संध्या अर्घ सोमवार 20 नंवबर 2023 सूर्योदय/ उषा अर्घ छठ पूजा की विधि • छठ पूजा से दो दिन पहले चतुर्थी के दिन स्नान करने के बाद भोजन किया जाता है. • पंचमी के दिन व्रत रखने के बाद संध्या के समय नदी में स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ दिया जाता है. • इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है. • पूरे दिन बिना जल पिए, खाए नदी में स्नान करके सूर्यदेव को अर्घ दिया जाता है. छठ पूजा महत्व (Chhath Puja significance) छठ पूजा में छठी मय्या की उपासना करने का विधान है. भगवान सूर्य को अर्घ देने का विधान है. इस माहपर्व पर बिना खाए पिए माताएं 36 घंटे तक निर्जाला व्रत रखती हैं. निर्जला व्रत रखकर नियमों का पालन करते हुए विधि विधान से इनकी आराधना करता है उन्हें संतान सुख, बच्चे को बेहतर स्वास्थ, सूर्य के समान तेज, बल प्राप्त होता है.

Chhath Puja 2022: Date, shubh muhurat for Surya pujan in morning and evening

Chhath puja 2022 start date and end date: Chhath Puja is celebrated on the Sashti Tithi of Kartik, Shukla Paksha (the sixth day during the waxing phase of the Lunar cycle in the Hindu month of Kartik). However, the festivities last for four days and the preparations begin soon after Diwali. Read on to know the Chhath Puja 2022 dates and Surya Pujan morning and evening shubh muhurat. However, the third day is the most important of all four days. As per the traditional Hindu calendar, Chhath Puja is celebrated on the Shashti Tithi (sixth day) during the waxing or bright phase of the Lunar cycle) in the Hindu month of Kartik. And it is preceded by a ritual called Nahay Khay on the Chaturthi Tithi (Day 1 of Chhath Puja - this year, Chhath puja festivities begin today), Kharna on Panchami Tithi (Day 2 of Chhath Puja), followed by Usha Arghya on the Saptami Tithi (Day 4 of Chhath Puja). However, this festival falls during the Gregorian month of October. Therefore, read on to know the Chhath Puja 2022 dates and significance.

CHHATH PUJA IN HINDI

छठ पूजा ( Chhath Puja in hindi ) सूर्य उपासना का एक विशेष पर्व है. पृथ्वी की हरियाली हो या फूलों की लाली, पत्तों की कोमलता हो या चन्द्रमा की शीतलता सभी कुछ भगवान सूर्य के कारण ही संभव होता है. जिसके बिना पेड़ पौधे, जीव-जन्तु, यहां तक की प्रकृति की कल्पना असंभव है. भारत वर्ष लोक आस्था और परम्पराओं का देश है. ऋषियों कि यह भूमि जहॉं उगते हुए सूर्य के साथ-साथ डूबते हुए सूर्य को भी नमन किया जाता है. पूरे भारत में मनाए जाने वाले मकर संक्रांति कि तरह छठ पूजा सूर्योपसना का एक पर्व है. यह त्योहार अव दुनियॉं के कई देशों में मनाया जाता है. दुनियॉं के किन-किन देशों में छठ पूजा मनाया जाता है. इस पर विषय पर चर्चा करने के पहले हम history of chhath puja in Hindi विस्तार पूर्वक जानते हैं. Table of Contents • • • • • • • • • • • • सूर्य उपासना का प्रचलन वैदिक काल से है. जिसका उल्लेख ऋग्वेद में पढ़ने को मिलता है. स्कंद पुराण में भी सूर्य उपासना का उल्लेख पढ़ने को मिलता है. छठ पूजा लोकआस्था का एक ऐसा महापर्व है, जो अपने आप में एकदम अनूठा है. छठ पूजा एक ऐसी पूजा, जिसमें न मंदिर की जरूरत होती है और न ही मूर्ति पूजा आवश्यक है. वस्तुतः इसमें प्रकृति की पूजा खुले अम्बर के तले प्रकृति प्रदत चीजों से की जाती है. छठ पूजा में किसी भी ब्राह्मण और पुरोहित की आवश्यकता नहीं पड़ती है और न ही किसी मंत्रोच्चार की. इस पूजा में भक्त और भगवान के बीच कोई मघ्यस्थ नहीं होता. यहाँ तक की इसमें बाहरी मिठाई तक चढ़ाने की परंपरा नहीं है. इस पूजा में घर पर ही निर्मित चावल का लड्डू एबं गेंहू आटे से बना ठेकुआ चढ़ाया जाता है. यह पूजा सादगीपूर्ण, आडम्बर रहित और संभवतः कर्मकांड से कोसो दूर हैं.इसका विधि-विधान बेहद ही रोचक और का...

छठ पूजा क्यों मनाया जाता है? Chhath Puja 2023 क्या है इसका पौराणिक महत्व, लाभ और छठ पूजा की

Last Updated on May 18, 2023 by छठ पूजा क्यों मनाया जाता है | छठ पूजा का महत्त्व , छठ पूजा का पौराणिक महत्त्व | छठ पूजा का लाभ | खड़ना कब होता है ? नहाय खाय कब होता है ? kab hai chhath puja | Chhath Puja Vidhi | Chhath Puja Kyon Manaya Jata hai | Chhath Puja ka mahatva भारत की एक विशेष बात यह हैं कि यहा कई धर्मो और सभ्यताओं को मानने वाले लोग एक साथ मिलकर रहते है और देश की अखंडता का प्रमाण देते हैं। क्योंकि देश मे कई धर्मो और मान्यताओं को मानने वाले लोग निवास करते हैं तो जाहिर है कि वह कई तरह के त्यौहार भी मनाते हैं और इसी वजह से भारत को त्यौहारों का देश भी कहा जाता हैं। भारत के एक बड़े भूभाग बिहार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख और लोकप्रिय त्यौहार छठ पूजा का त्यौहार भी हैं, जिसके बारे में हम इस लेख में बात करेंगे। इस लेख में हम ‘छठ पूजा क्या होती हैं’, ‘छठ पूजा क्यों मनाया जाता हैं’, ‘ छठ पूजा का पौराणिक महत्व‘, ‘ छठ पूजा के लाभ‘, ‘ छठ पूजा से सम्बंधित कथाएं और ‘ छठ पूजा के महत्व‘ Chhath puja kab hai जैसे विषयों पर बात करेंगे। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनायें छठ पूजा क्या हैं? छठ पूजा क्यों मनाया जाता है? Chhath Puja Kya hai छठ पूजा सनातन धर्म से जुड़ा हुआ एक प्रमुख त्यौहार हैं जिसमे सूर्य व प्रकति की उपासना और आराधना को महत्व दिया जाता हैं। छठ पूजा का त्यौहार कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को दीवाली के बाद मनाया जाता हैं। यह देश मे मनाए जाने वाले उन पर्वो में से एक हैं जो वैदिक काल से चले आ रहे हैं। इस पर्व में मूर्ति पूजा का कोई महत्व नहीं है। छठ पूजा के त्यौहा...

Chhath Puja 2021 Date: When Is Chhath Puja? Know Date, Worship Samgrri, Katha, And Thekua Recipe

Chhath Puja 2021 Date:छठ के पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. छठ का पर्व बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश की कई Chhath Puja 2021) का पावन पर्व 8 नवंबर 2021, सोमवार को कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि से आरंभ होगा. ये पर्व चार दिनों तक मनाया जायगा. छठ का पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है. छठ की शुरूआत आज नहाय-खाय (Nahay Khay) के साथ होती है. छठ के दूसरे दिन को खरना कहते हैं. इस दिन व्रती को पूरे दिन व्रत रखना होगा. शाम को व्रती महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर गुड़वाली खीर का प्रसाद बनाएंगी. छठ व्रत के तीसरे दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन महिलाएं शाम के समय तालाब या नदी में जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती है. चौथे दिन सूर्य देव को जल देकर छठ का समापन किया जाता है. छठ पूजा में ठेकुआ का बहुत महत्व होता है. ठेकुआ ज्‍यादातर बिहार और झारखंड के लोग बनाते और खाते हैं. ठेकुआ को छठ पूजा के मौके पर विशेष रूप से तैयार किया जाता हैं. ठेकुआ को खजुरिया या थिकारी के नाम से भी जाना जाता है. इसे विशेष रूप से छठ पूजा के समय बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में ज्यादा बनाया जाता है. ठेकुआ की पूरी रेसिपी के लिए छठ पूजा सामग्रीः (Chhath 2021 Pujan Samagri) छठ पूजा के लिए कुछ चीजों की जरूरत पड़ती है जैसे, साड़ी या धोती, बांस की दो बड़ी टोकरी, बांस या पीतल का सूप, गिलास, लोटा और थाली, दूध और गंगा, एक नारियल, गन्‍ना, चावल, एक दर्जन मिट्टी के दीपक, धूपबत्‍ती, कुमकुम, बत्‍ती, पारंपरिक सिंदूर, चौकी, केले के पत्‍ते, केला, सेव, सिंघाड़ा, हल्‍दी, मूली और अदरक का पौधा, शकरकंदी और सुथनी, पान और सुपारी, शहद, मिठाई, गुड़, गेहूं और चावल क...