छोटे बच्चों के निमोनिया की दवा

  1. Pneumonia in hindi
  2. न्यूमोनिया
  3. निमोनिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
  4. शिशुओं और बच्चों में निमोनिया के लक्षण । Bacho Ko Pneumonia Ka Ilaj
  5. बच्चाें का सर्दी
  6. बच्चों को जुकाम होने पर क्या करना चाहिए? जानें सरसों के तेल का कैसे करें इस्तेमाल।
  7. निमोनिया के लक्षण एवं उपचार । Symptoms of pneumonia in hindi
  8. शिशुओं में निमोनिया के कारण, संकेत और उपचार


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Pneumonia in hindi

क्या आप जानते हैं जब बच्चों को निमोनिया होता है तो उनकी हालत बहुत गंभीर हो जाती है? क्या आप यह जानते हैं कि निमोनिया के कारण हर साल दुनिया भर में हजारों बच्चों की मृत्यु हो जाती है? क्या आपको यह पता है कि यह बीमारी बच्चों सहित वयस्क लोगों को भी हो सकती है? जी हां, यह सच है। निमोनिया एक गंभीर बीमारी है। इस रोग में फेफड़ों में सूजन आ जाती है। फेफड़ों में पानी भर जाता है। सही समय पर लक्षणों की पहचान (nimoniya ke lakshan) कर उपचार शुरू नहीं करने पर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है। क्या आप निमोनिया के लक्षणों के बारे में जानते हैं? आइए आपको निमोनिया के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और परहेज के बारे में बताते हैं ताकि आप इन सभी उपायों से निमोनिया का घरेलू इलाज (nimoniya ka ilaj) कर सकें। Contents • 1 निमोनिया क्या है? (What is Pneumonia in Hindi?) • 2 निमोनिया के लक्षण (Symptoms of Pneumonia ) • 3 छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षण (Symptoms of Pneumonia in Children) • 4 निमोनिया के प्रकार (Types of Pneumonia) • 5 निमोनिया के कारण (Causes of Pneumonia) • 6 निमोनिया का घरेलू उपचार करने के लिए उपाय (Home Remedies for Pneumonia in Hindi) • 6.1 निमोनिया का घरेलू इलाज लहसुन से (Garlic: Home Remedies to Treat Pneumonia in Hindi) • 6.2 भाप से निमोनिया का उपचार (Steam: Home Remedy for Pneumonia in Hindi) • 6.3 सरसों के तेल से निमोनिया का इलाज (Mustard Oil: Home Remedies to Treat Pneumonia in Hindi) • 6.4 निमोनिया का घरेलू इलाज हल्दी से (Turmeric: Home Remedies to Cure Pneumonia in Hindi) • 6.5 निमोनिया से बचाव के लिए तुलसी का सेवन (Tulsi: Home Remedies for Pneumonia Treatment in Hindi) • 6.6 प...

न्यूमोनिया

A chest X-ray showing a very prominent wedge-shaped फुफ्फुसशोथ या फुफ्फुस प्रदाह (निमोनिया) आम लक्षणों में वार्षिक रूप से, निमोनिया लगभग 45 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है जो कि विश्व की जनसंख्या का सात प्रतिशत है और इसके कारण लगभग 4 लाख मृत्यु होती हैं। 19वीं शताब्दी में वीं शताब्दी में एण्टीबायोटिक उपचार और टीकों के आने से बचने वाले लोगों की संख्या बेहतर हुई है। अनुक्रम • 1 चिह्न तथा लक्षण • 2 कारण • 2.1 बैक्टीरिया • 2.2 वायरस • 2.3 फफूंद • 2.4 परजीवी • 2.5 इडियोपैथिक (ऐसे रोग से सम्बन्धित जिसका कोई कारण न हो) • 3 पैथोफिज़ियोलॉजी (रोग के कारण पैदा हुए क्रियात्मक परिवर्तन) • 3.1 वायरस जनित • 3.2 बैक्टीरिया जनित • 4 निदान • 4.1 शारीरिक परीक्षण • 4.2 इमेजिंग • 4.3 माइक्रोबायोलोजी • 4.4 वर्गीकरण • 4.5 विभेदक निदान • 5 रोकथाम • 5.1 टीकाकरण • 5.2 अन्य • 6 प्रबन्धन • 6.1 बैक्टीरिया जनित • 6.2 वायरस जनित • 6.3 श्वसन (एस्पिरेशन) • 7 पूर्वानुमान • 7.1 चिकित्सीय भविष्यवाणी नियम • 7.2 फुफ्फुसीय रिसाव, एम्पियेमा और एब्सेस • 7.3 श्वसन तथा परिधीय (circulatory) तंत्र की विफलता • 8 महामारी विज्ञान • 8.1 बच्चे • 9 इतिहास • 10 समाज और संस्कृति • 11 सन्दर्भ • 12 बाहरी कड़ियाँ चिह्न तथा लक्षण [ ] Symptoms frequency लक्षण आवृत्ति खांसी निमोनिया मुख्य रूप से शब्द निमोनिया व्यापक रूप से कई बार फेफड़ों की निमोनिया होने की सम्भावना को बढ़ाने वाली परिस्थितियों और जोखिम कारकों में धूम्रपान, प्रतिरक्षा की कमी तथा मद्यपान की लत, बैक्टीरिया [ ] स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिया (डीआरएसपी) और जब जोखिम कारक उपस्थित हों तो जीवाणुओं के विस्तार को सुविधा मिलती है। स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिया, माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुल...

निमोनिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

बदलते माैसम के साथ छींकना, खांसना, गले में खराश और तेज बुखार जैसी समस्याएं निमानिया का लक्षण हो सकती हैं। समय पर निमोनिया का इलाज नहीं हुआ, ताे यह संक्रामक रोग जानलेवा भी हो सकता है। अगर घर में किसी को निमोनिया हुआ है, तो अधिक सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि यह रोग संक्रमण होने के कारण जल्दी फैल सकता है। इस लेख में समझिए निमोनिया के कारण क्या हैं और निमोनिया का घरेलू उपचार कैसे होता है। नीचे मुख्य जानकारी है चलिए, अब जानते हैं कि निमोनिया कितने प्रकार के होते हैं। निमोनिया के प्रकार – Types of Pneumonia in Hindi निमोनिया कई प्रकार का होता है, लेकिन यहां हम इसके कुछ खास प्रकारों के बारे में बता रहे हैं ( 1. बैक्टीरियल निमोनिया: वो निमोनिया जो बैक्टेरिया के द्वारा फैलता है। इसके कारण शरीर कमजोर हो जाता है और फिर कमजोर प्रतिरक्षा के कारण बैक्टीरिया फेफड़ों में संक्रमण पैदा कर देते हैं। यह बीमारी खराब पोषण, बुढ़ापे या खराब प्रतिरक्षा की वजह से हो सकती है। बैक्टीरियल निमोनिया सभी उम्र को प्रभावित कर सकता है ( 2. वायरल निमोनिया: वायरल निमोनिया फ्लू सहित कई वायरस के कारण हो सकता है। यह मुख्य रूप से युवा, बुजुर्गों और इन्फ्लूएंजा से पीड़ितों में पाई जाने वाली बीमारी है। इन्फ्लुएंजा-ए और बी वायरस वयस्कों में निमोनिया रोग का मुख्य कारण है और शिशुओं में वायरल निमोनिया का मुख्य कारण रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस (आरएसवी) है ( 3. माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया: माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया एक प्रकार का ‘एटिपिकल’ बैक्टीरिया है, जो आमतौर पर श्वसन तंत्र के हल्के संक्रमण का कारण बनता है। इन जीवाणुओं के कारण बच्चों में ट्रेकोब्रोनिटिस नाम की बीमारी हो सकती है, जिसे आमतौर पर सीने में ठंड लगना कहा जाता ...

शिशुओं और बच्चों में निमोनिया के लक्षण । Bacho Ko Pneumonia Ka Ilaj

Image: Shutterstock शिशुओं को अक्सर निमोनिया हो जाता है। यह ऐसी बीमारी है, जो शिशुओं में काफी देखने को मिलती है। यूं तो यह बच्चों में होने वाली आम बीमारी है, लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह खतरनाक साबित हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2015 में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्युदर 16 प्रतिशत थी। निमोनिया क्या है? निमोनिया को फुफ्फुस प्रदाह भी कहते हैं। यह छाती या फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह कभी एक तो कभी दोनों फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। इस बीमारी में फेफड़ों में सूजन आ जाती है और तरल भी भर जाता है, जिससे वायुकोष पर असर पड़ता है। इस कारण बच्चे को खांसी, कफ की शिकायत होती है और सांस लेने में परेशानी होती है। वॉकिंग निमोनिया हल्का निमोनिया होता है, जो आमतौर पर माइकोप्लाज्मा बैक्टीरिया या कभी-कभी किसी अन्य बैक्टीरिया के कारण फैलता है ऐसा निमोनिया होने पर बच्चा सुस्त हो सकता है, लेकिन उसकी दिनचर्या सामान्य रहती है। इसलिए, इसे वॉकिंग निमोनिया का नाम दिया गया है। वॉकिंग निमोनिया के लक्षण, जांच और उपचार सामान्य निमोनिया की तरह ही होता है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह सामान्य निमोनिया का रूप ले सकता है। यह ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है। 2. वायरल निमोनिया का कारण • रेस्पिरेटरी सिंक्राइटियल वायरस (RSV) • इंफ्लुएंजा • राइनोवायरस • पैराइन्फ्लुएंजा • एडिनोवायरस 3. फंगल निमोनिया का कारण • निमोसिस्टिस जीरोवेसी • कोक्सीडिओडोमाइकोसिस • हिस्टोप्लास्मोसिस • क्रिप्टोकोकस आपको बता दें कि वायरल निमोनिया बच्चों को होने वाला आम निमोनिया है। वहीं फंगल निमोनिया कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों ...

बच्चाें का सर्दी

Image: iStock सर्दी-जुकाम नाक, गले और साइनस से जुड़ा एक वायरल संक्रमण है, जो आपके शिशु के स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। वहीं, बंद और बहती नाक जुकाम के मुख्य संकेत हैं। सर्दी-जुकाम के प्रति बच्चे अतिसंवेदनशील होते हैं, क्योंकि वो अक्सर अन्य लोगों के आसपास ज्यादा होते हैं। बच्चों को सर्दी का संक्रमण घर के सदस्य या उनसे मिलने वालों के जरिए लग सकता है। इसके अलावा, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और वो 100 से ज्यादा कोल्ड वायरस से घिरे रहते हैं। बच्चे दो वर्ष के होने तक पहले साल में आठ-दस बार सर्दी का शिकार हो सकते हैं • सर्दी-जुकाम एक वायरल संक्रमण है और यह किसी अन्य के माध्यम से आपके बच्चे को प्रभावित कर सकता है। अगर घर के किसी सदस्य और बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति को सर्दी है, तो यह वायरस संक्रमित व्यक्ति से शिशु के शरीर में दाखिल हो सकता है। • बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, इसलिए वो जल्द सर्दी का शिकार हो सकते हैं। बच्चों को लगभग 100 से ज्यादा कोल्ड वायरस प्रभावित कर सकते हैं। • सबसे पहले यह जान लें कि आम सर्दी-जुकाम का कोई तत्काल इलाज नहीं है। यह आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाता हैं। कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप सर्दी-जुकाम से पीड़ित बच्चे को आराम का अनुभव करा सकते हैं। कोशिश करें कि आपका बच्चा घर में किसी भी चीज से असहज महसूस न करें। अगर उसे खाने का मन नहीं कर रहा है, तो जबरदस्ती न करें। इस दौरान आप उसे गुनगुना पानी पिलाएं और हल्का पोषण से भरपूर भोजन कराएं। • तीन साल से छोटे बच्चों को सर्दी-जुकाम की ओवर द काउंटर दवा (बिना डॉक्टरी सलाह की दवा) न दें। वहीं, 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ओवर द काउंटर दवा देने से पहले उसके पैक पर लिखे ...

बच्चों को जुकाम होने पर क्या करना चाहिए? जानें सरसों के तेल का कैसे करें इस्तेमाल।

Contents • 1 बच्चों को जुकाम होना किसी बीमारी का संकेत तो नहीं (Complications of Cold in Babies) • 2 बच्चों में जुकाम होने के कारण (Causes of Cold in Babies) • 3 बच्चों को जुकाम होने के लक्षण (Symptoms of Cold in Babies) • 4 बच्चों को जुकाम से बचाने के उपाय (Prevention Tips for Cold in Babies) • 5 बच्चों को जुकाम से राहत दिलाने के घरेलू उपचार (Home Remedies for Cold in Babies) • 5.1 पेट्रोलियम जेली बच्चों को जुकाम से कष्ट से दिलाये राहत (Petroleum Jelly to Get Relief from Cold in Babies in Hindi) • 5.2 स्टीम करवाने से बच्चों को जुकाम की परेशानी से मिलती है राहत (Steam to Get Relief from Cold in Babies in Hindi) • 5.3 तरल पदार्थों का सेवन बच्चों को जुकाम से दिलाये राहत (Liquid Food Intake Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 5.4 यूकीलिप्टस तेल बच्चों को जुकाम से दिलाये राहत (Eucalyptus Oil Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 5.5 चिकन सूप का सेवन बच्चों को जुकाम से दिलाये राहत (Intake of Chicken Soup Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 5.6 शहद बच्चों को जुकाम से दिलाये राहत (Honey Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 5.7 अजवाइन बच्चों को जुकाम से दिलाये राहत (Carom Seed Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 5.8 सलाइन का पानी बच्चों के जुकाम में फायदेमंद (Saline Water Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 5.9 दालचीनी बच्चों के जुकाम में फायदेमंद (Cinnamon Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 5.10 सरसों के तेल का मिश्रण बच्चों के जुकाम में फायदेमंद (Musturd Oil Mixture Beneficial for Cold in Babies in Hindi) • 6 डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ? ...

निमोनिया के लक्षण एवं उपचार । Symptoms of pneumonia in hindi

Pneumonia in hindi. निमोनिया एक संक्रमित बीमारी है। यह सांस जुड़ी गंभीर बीमारी है। सिर्फ खांसी जुकाम मतलब निमोनिया नहीं। खांसी सर्दी अगर समय से अधिक अगर हमारे शरीर में रुकी रही, तो बलगम की खांसी तथा बुखार आना शुरू होता हैं। जो सांस की नली और फेफड़ों को संक्रमित करता हैं । जिससे निमोनिया होने के चांस बढ़ जाते हैं। इनके लक्षणों ( symptoms of pneumonia ) ध्यान देकर बचा जा सकता है । यह बीमारी न केवल बच्चों में बल्कि किसी भी उम्र में हो सकता है । लेकिन एक शोध के अनुसार एक मिलियन लोग प्रति वर्ष इस बीमारी से ग्रसित होते है । वही हजारों बच्चे इस बीमारी के कारण मौत के शिकार हो जाते है । निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो एक बार होने के बाद आसानी से पीछा नहीं छोड़ती है । जैसे मौसम में बदलाव होता निमोनिया के रोगी को सर्दी खाँसी शुरू हो जाती है । विशेष रूप से बच्चों पर काफी प्रभाव माना गया है । इसलिए आवश्यक है कि थोड़ी सर्दी जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें । एवं खुद को सुरक्षित रखे । Also Read – ◆ ◆ Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • निमोनिया का अर्थ ? meaning of pneumonia in hindi. – निमोनिया एक प्रकार रोग है जो किसी भी उम्र में हो सकता है । यह बैक्टीरिया के कारण होता है । इसमें रोगी को बहुत ठंड लगती है एवं फेफड़ों में सूजन की प्रॉब्लम होती जिसे सांस लेने में भी परेशानी होती है । जब इनके हल्के लक्षण ( symptoms of pneumonia ) नजर आने पर डॉक्टर से सम्पर्क करें । निमोनिया क्या है ? What is pneumonia in hindi. – निमोनिया ( Pneumonia ) यानी फेफड़ों का संक्रमण । जो बैक्टीरिया के कारण होता है । निमोनिया होने पर इंसान को ठंड लगने लगती है । जिसमें सर्दी, खांसी और बुखार हो ...

शिशुओं में निमोनिया के कारण, संकेत और उपचार

हमारे शरीर में निमोनिया का एक या दोनों फेफड़ों पर असर पड़ता है जिसके कारण वायु कोष बलगम, मवाद और अन्य द्रव से भर जाता है और सांस लेने में कठिनाई होती है। शिशुओं को फ्लू के बाद निमोनिया हो सकता है या सर्दी और विषाणु ( वायरस) संक्रमण, इसके होने के सबसे आम कारण है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले शिशुओं में, गंभीर रूप से निमोनिया होने पर यदि उसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो उनके जीवन के लिए खतरा हो सकता है। विभिन्न प्रकार के निमोनिया के बारे में और इस समस्या के दौरान बच्चे की देखभाल करने के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें। निमोनिया क्या है? जब विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और वायरस फेफड़ों को संक्रमित करके श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते हैं, तो इसे निमोनिया कहा जाता है। यह एक या दोनों फेफड़ों पर असर डाल सकता है और किसी भी व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। फेफड़ों का वायु– कोष संक्रमण से सूज जाता है और मवाद व अन्य तरल पदार्थों से भर जाता है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसका एक सामान्य लक्षण खांसी है, जिसके बाद फेफड़ों से गाढ़ा बलगम ( कफ) निकलता है जो हरे, भूरे रंग का या खून से रंगा हो सकता है। लोग सर्दी या फ्लू के बाद और अक्सर सर्दियों के महीनों में निमोनिया से ग्रसित होते हैं। निमोनिया बिना किसी चेतावनी के एक, दो या कई दिनों के लिए किसी को भी हो सकता है।इसे गलती से सिर्फ तेज जुकाम भी समझा जा सकता है और खांसी इसका सबसे पहला और आम लक्षण होता है।निमोनिया का इलाज घर पर किया जा सकता है और इसे ठीक होने में लगभग 2 से 3 सप्ताह का समय लगता है। यह समस्या शिशुओं, बुजुर्गों और अन्य बीमारियों से जूझते लोगों में गंभीर व खतरनाक साबित हो सकती है। इस समस्या से ग्रसित लो ग बहुत बीमार हो स...