छठ पूजा कितने तारीख का है

  1. Chhath 2022 doing fast for the first time know the rules pehli baar kar rahe chhath mpds
  2. Chhath Puja 2022: Chhath Puja Kab Hai Nahay Khaay Kharna Date Chhath Puja Arghya Time
  3. Chhath Puja 2023: कब है छठपूजा तिथि व पूजा मुहूर्त 2023
  4. छठ पूजा क्या है? छठ क्यों मनाते हैं? छठ पूजा की शुभकामनाएं कैसे दें?
  5. Chhath Puja 2021 Samagri List Check Chhat Puja Pujan Item List In Daura
  6. Chhath Puja 2022: सोसायटी में कैसे मनाएं छठ पूजा 2022? जानिए घर में छठ मनाने की पूरी विधि
  7. छठ पूजा 2021 : पहला अर्घ्य आज, सूर्य को अर्घ्य देने का कौनसा है सबसे शुभ समय
  8. छठ पूजा


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Chhath 2022 doing fast for the first time know the rules pehli baar kar rahe chhath mpds

Chhath Puja Vrat : छठ का महापर्व इस साल 28 अक्टूबर को शुरू हो रहा है. यह पर्व झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में मनाया जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ का त्योहार मनाया जाता है. इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. इस दौरान महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं. छठ में महिलाएं छठी मैया की पूजा करती हैं. यह व्रत अच्छी फसल, परिवार की सुख-समद्धि और संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन व्रतों में से एक है. अगर आप पहली बार छठ का व्रत रखने वाले हैं तो उसके नियमों को जान लेना बहुत जरुरी है. छठ पूजा के नियम छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय से होती है. इस दिन व्रती महिलाएं सुबह उठकर नहा लें और घर क साफ सफाई कर लें. इसके बाद कद्दू भात खाकर अपने व्रत की शुरुआत करें. इस दिन नहाकर नए वस्त्र पहने. अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि को खरना होता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन का व्रत रखती हैं और अगले दिन छठी मैया और सूर्य देव को चढाने के लिए प्रसाद की भी तैयारी की जाती है. आप छठ पूजा का व्रत रखते हैं तो परिवार के सभी सदस्य को तामसिक भोजन से दूर रखें और चार दिनों तक सात्विक भोजन ही कराएं. व्रत रखने वालों को मांस, मदिरा, झूठी बातें, काम, क्रोध, लोभ, धूम्रपान आदि से दूर रहना चाहिए. छठ पूजा में छठी मैया और सूर्यदेव को ठेकुआ और कसार (चावल के आटे के लड्डू) का भोग लगाना चाहिए. छठ पूजा व्रत तिथि नहाय- खाए 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा . यह छठ पूजा का पहला दिन है जहां महिलाएं कद्दू भात से व्रत की शुरुआत करती हैं. 29 अक्टूबर को खरना मनाया जाएगा . इस दिन सुबह व्रती स्नान ध्यान करके पूरे दिन का व्रत रखते हैं. शाम को पूजा के लिए गुड़ से बनी खीर...

Chhath Puja 2022: Chhath Puja Kab Hai Nahay Khaay Kharna Date Chhath Puja Arghya Time

पटना : लोक आस्था का महापर्व छठ इसी महीने है. अगर आपके मन में नहाय खाय, खरना आदि को लेकर कोई कन्फ्यूजन है तो दूर कर लीजिए. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है. ये पर्व चार दिन तक चलता है. इस साल ये छठ 28 अक्टूबर 2022 से 31 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. आइए जानते हैं छठ पूजा का मुहूर्त, नहाय-खाय, खरना की तारीख, सूर्योदय पूजन का मुहूर्त और सूर्यास्त पूजन मुहूर्त. कार्तिक माह के चतुर्थी तिथि को पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है. छठ पूजा में महिलाएं संतान की दीर्घायु और बेहतर स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. 28 अक्टूबर 2022 को है नहाय खाय ( Nahay Khaay 28 अक्टूबर 2022) पहले दिन यानी 28 अक्टूबर को नहाय खाय है. इसी दिन से छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है. नहाय खाय के दिन महिलाएं स्नान के बाद घर की साफ सफाई करती हैं. इस व्रत में पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है. नहाय खाय के दिन चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात प्रसाद के रूप में बनता है. इन भोजन में सेंधा नमक का ही उपयोग किया जाता है. खरना 29 अक्टूबर 2022 ( Chhath Puja Kharna 29 October 2022) दूसरे दिन खरना होता है. व्रती महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती हैं. उसे रात में ग्रहण करती हैं. इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. इसके बाद से 36 घंटे का व्रत शुरू हो जाता है. 30 अक्टूबर 2022 छठ पूजा पहला अर्घ्य छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. व्रती नदी, तालाब या फिर घर में ही पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं. सूर्यास्त का समय - शाम 5 बजकर 37 मिनट ...

Chhath Puja 2023: कब है छठपूजा तिथि व पूजा मुहूर्त 2023

भारत को त्यौहारों का देश कहा जाता है क्योंकि यहाँ होली, दिवाली, रक्षाबंधन, भाईदूज आदि का अपना महत्व है। इन्ही पर्वों में से एक है छठ पूजा जो सनातन धर्म की सबसे शुभ एवं प्रसिद्ध पूजा है। छठ पूजा बिहारवासियों के लिए विशेष महत्व रखता है और इस दिन भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, छठ पूजा को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि तक किया जाता है। ग्रेगोरिन कलेंडर के अनुसार, छठ पूजा सामान्यरूप से हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। छठ पूजा 2023 की तिथि एवं मुहूर्त इस दिन मनाया जाएगा चैती छठ: छठ पूजा के त्यौहार को चार दिन तक मनाया जाता है और इस दौरान महिलाओं द्वारा 36 घंटों का उपवास किया जाता है। छठ पूजा के प्रत्येक दिन का अपना महत्व हैं जो इस प्रकार है: नहाय खाये नहाय खाये छठ पूजा का प्रथम दिन होता है। इस दिन स्नान करने के बाद घर की साफ-सफाई की जाती है और शाकाहारी भोजन का सेवन किया जाता है। खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है खरना। इस दिन व्रतधारी द्वारा निर्जला व्रत का पालन किया जाता है। संध्याकाल में भक्तजन गुड़ की खीर, घी की रोटी और फलों का सेवन करते हैं, साथ ही परिवार के सदस्यों को इसे प्रसाद के रूप में दिया जाता है। संध्या अर्घ्य छठ पर्व के तीसरे दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। सूर्य देव को अर्घ्य के समय जल और दूध अर्पित किया जाता है और छठी मैया की प्रसाद भरे सूप से पूजा की जाती है। सूर्य देव की आराधना के पश्चात रात में छठी मैया की व्रत कथा सुनी जाती है। उषा अर्घ्य छठ पर्व के अंतिम दिन प्रातःकाल में सूर्य देव को अर्घ्य...

छठ पूजा क्या है? छठ क्यों मनाते हैं? छठ पूजा की शुभकामनाएं कैसे दें?

|| छठ क्यों मनाया जाता है, छठ पूजा पर लेख हिंदी में, छठ पूजा का इतिहास, छठ पूजा की विधि, छठ पूजा की कहानी, छठ पूजा कितना दिन बाकी है, छठ पूजा 2023 में कब है, बिहार में छठ पूजा क्यों मनाया जाता है, छठ पूजा की शुभकामनाएं कैसे दें || हमारे देश भारत में नवरात्र शुरू होते ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। इसके बाद एक के बाद त्योहार आते हैं। पहले दशहरा, फिर दिवाली, फिर भैयादूज, इसके बाद छठ आदि। छठ एक ऐसा त्योहार है, जिसकी हमारे देश में बहुत धूम रहती है। इसे मनाने के लिए लोग दूर दराज से मुसीबत झेलते हुए भी अपने गांव, शहरों की ओर लौटते हैं। इस पर्व पर लोगों की सुविधाओं के लिए रेलवे की अेार से भी विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं। छठ पूजा क्या है? छठ क्यों मनाते हैं? जैसे सवालों के जवाब आज आपको हम इस पोस्ट में देंगे। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि हिंदी में छठ पूजा की शुभकामनाएं कैसे दें। आइए, शुरू करते हैं- 1.16 छठ पर्व देश में किन राज्यों में मनाया जाता है? छठ पूजा क्या है? (What is chath Pooja?) दोस्तों, सबसे पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि छठ पूजा क्या है? (What is chath Pooja?) आपको जानकारी दे दें कि छठ का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इसीलिए इसे छठ का पर्व कहा जाता है। यह व्रत मूलतः संतान के लिए रखा जाता है। छठ पूजा के रोज भगवान सूर्य एवं षष्ठी मैया का पूजन होता है। इसलिए इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इसके साथ ही भगवान शिव (lord shiva) यानी भोलेनाथ के पूजन का भी प्रावधान है। कहा जाता है कि इस व्रत के प्रताप से संतान सुख मिलता है। संतान सुखी रहती है एवं उसे दीर्घायु की प्राप्ति होती है। • छठ की क्या कथा है? (What is the story of chath...

Chhath Puja 2021 Samagri List Check Chhat Puja Pujan Item List In Daura

Chhath Puja 2021 Samagri List: पहली बार रख रही हैं छठ पूजा का व्रत तो तैयार कर लें पूजा की ये सामग्री Chhath Puja 2021 Samagri List : छठ महापर्व 8 नवंबर 2021 को नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है. अगर आप पहली बार छठ व्रत कर रहे हैं और जरूरी पूजन सामग्री की जानकारी नहीं है तो यहां देखें सभी सामग्री लिस्ट. Chhath Puja 2021 Samagri : छठ महापर्व 8 नवंबर 2021 को नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है. चार दिनों के इस छठ पूजा 2021 के लिए लोग तैयारियों में जुटे हुए हैं. अगर आप पहली बार यह व्रत कर रहे हैं और आपको इस पूजा के लिए जरूरी सामग्री की जानकारी नहीं है तो आपकी समस्या हम दूर करेंगे. आज हम आपको इस छठ पूजा 2021 सामग्री के बारे में बताएंगे. आइए डालते हैं एक नजर. चेक कर लें ये छठ पूजा 2021 सामग्री • बांस की 2 टोकरियां • बांस का सूप, अगर बांस का सूप न मिल पाए तो पीतल का सूप ले सकते हैं. • आपको कुछ फलों की भी जरूरत पड़ेगी. इसमें शरीफा, केला, नाशपाती, पानी वाला नारियल. • मिठाई और गुड़ • दूध और जल के लिए एक गिलास • 1 लोटा और थाली • पत्ते लगे हुए 5 गन्ने • शकरकंदी और सुथनी • पान और सुपारी • हल्दी, मूली और अदरक का हरा पौधा • बड़ा वाला मीठा नींबू • गेहूं, चावल का आटा • ठेकुआ, चावल • सिंदूर, दीपक, शहद और धूप • नए कपड़े ये है छठ पूजा 2021 का कार्यक्रम छठ पूजा नहाय-खाय (8 नवंबर 2021, सोमवार) छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होती है. नहाय-खाय इस पूजा का पहला दिन होता है. इस दिन व्रती घर को साफ-सुथरा करके पवित्र करते हैं. इसके अलावा प्रसाद बनाने के लिए रखे सामान को पवित्र स्थान पर रखती हैं. इस बार नहाय-खाय आज यानी 8 नवंबर 2021 को है. छठ पूजा खरना (9 नवंबर 2021, मंगलवार) खरना छठ पूजा ...

Chhath Puja 2022: सोसायटी में कैसे मनाएं छठ पूजा 2022? जानिए घर में छठ मनाने की पूरी विधि

छठ पूजा (Chhath Puja 2022) एक प्राचीन हिंदू उत्सव है जो सूर्य भगवान और उनकी बहन छठी माया को समर्पित है। इसे सूर्य षष्ठी के रूप में भी जाना जाता है और यह बिहार, ओडिशा, झारखंड, यूपी, पश्चिम बंगाल और नेपाल के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। छठ पूजा 2022(Chhath Puja 2022) त्योहार महिलाओं द्वारा अपने परिवार की भलाई के लिए एक सख्त उपवास के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत को सबसे कठिन परहेजों में से एक माना जाता है क्योंकि व्रती 36 घंटे तक न तो खा-पी सकते हैं और न ही पी सकते हैं। अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में घुटने के गहरे पानी में खड़े होकर छठ पूजा 2022: नई जानकारी दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वह 1,100 स्थलों परछठ पूजा 2022 (Chhath Puja 2022)की व्यवस्था करेगी। 30 अक्टूबर, 2022 और 31 अक्टूबर, 2022 (Chhath Puja 2022 Date) को बनाए जाने वाले छठ पूजा के लिएसरकार ने 25 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं। इस वर्ष इन जगहों पर एंबुलेंस, वॉशरूम, प्राथमिक उपचार और पावर बैकअप की व्यवस्था की जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि,"संक्रमण की तीव्रता भले ही कम हो गई है लेकिन संक्रमण अभी भी हो रहा है। इसलिए कृपया कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें और मास्क पहनें। जुर्माना लगाया जा सकता है लेकिन कृपया नियमों का पालन करें। पिछले दो वर्षों से, महामारी की वजह सेत्योहार प्रभावित हुए हैं। 2014 में हमारी सरकार के गठन के बाद से, त्योहार बड़े धूमधाम से मनाये जा रहे हैं। हमारे सत्ता में आने से पहले, सरकार 69 स्थलों पर तैयारी के लिए 2.5 करोड़ रुपये आवंटित करती थी, लेकिन अब, बजट 25 करोड़ हो गया है और घाटो की संख्या को 1,100 कर दिया गया है। छठ पूजा 2022 (Chhath Puja 2022): बिहार के...

छठ पूजा 2021 : पहला अर्घ्य आज, सूर्य को अर्घ्य देने का कौनसा है सबसे शुभ समय

Chhath Puja Sandhya Arghya 2021 : छठ पूजा में षष्ठी तिथि को सांध्य और सप्तमी को उषा काल के सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व है। 10 तारीख को सांध्या का अर्घ्‍य दिया जाएगा और इसके बाद 11 नवंबर 2021 को सुबह के सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। आओ जानते हैं कि संध्या को सूर्य को किसी समय और कैसे अर्घ्‍य दें। 2. 10 नवंबर (संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय : शाम 05 बजकर 30 मिनट पर है। हालांकि सूर्य अस्त प्रारंभ होगा 05 बजकर 03 मिनट से और कई जगहों पर 5 बजकर 44 मिनट पर अस्त हो जाएगा। अस्त होने के बाद भी बहुत देर तक आकाश में उजाला छाया रहता है। भारत के पश्‍चिमी राज्यों में सूर्य अस्त देर से होगा जबकि पूर्वी राज्यों में 5 बजकर 02 मिनट से ही सूर्य अस्त प्रारंभ हो जाएगा। 1. अर्घ्य देने के लिए बांस की 3 बड़ी टोकरी या पीतल का सूप लें, जिसमें चावल, लाल सिंदूर, गन्ना, हल्दी, सुथनी, सब्जी, शकरकंदी, नाशपाती, शहद, पान, बड़ा नींबू, सुपारी, कैराव, कपूर, मिठाई, चंदन, ठेकुआ, मालपुआ, खीर, सूजी का हलवा, पूरी, चावल से बने लड्डू आदि सभी सजा लें। साथ में थाली, दूध और गिलास ले लें। सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद टोकरी में रखें और एक दीपक भी जला लें। इसके बाद नदी में उतरकर सूर्यदेव को तांबे के लौटे में भरे जल से अर्घ्य दें। इसके बाद सभी सामग्री से पूजा करें।

छठ पूजा

छठ पूजा छठ पूजा आधिकारिक नाम छठ पूजा अन्य नाम छइठ, छठ व्रत, छठ, छठी म‌इया की पूजा, रनबे माय पूजा, छठ पर्व, डाला छठ, सूर्य षष्ठी अनुयायी प्रकार उद्देश्य सर्वकामना पूर्ति अनुष्ठान सूर्योपासना, निर्जला व्रत तिथि समान पर्व ललही छठ,चैती छठ,बैसक्खा छठ,अगहनिया छठ छठ पर्व, छइठ या षष्‍ठी पूजा बिहार मे हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस पर्व को छठी मैया, जिसे त्यौहार के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। इनमें पवित्र स्नान, उपवास और पीने के पानी (वृत्ता) से दूर रहना, लंबे समय तक पानी में खड़ा होना, और प्रसाद (प्रार्थना प्रसाद) और अर्घ्य देना शामिल है। परवातिन नामक मुख्य उपासक (संस्कृत पार्व से, जिसका मतलब 'अवसर' या 'त्यौहार') आमतौर पर महिलाएं होती हैं। हालांकि, बड़ी संख्या में पुरुष इस उत्सव का भी पालन करते हैं क्योंकि छठ लिंग-विशिष्ट त्यौहार नहीं है। छठ महापर्व के व्रत को स्त्री - पुरुष - बुढ़े - जवान सभी लोग करते हैं। पर्यावरणविदों का दावा है कि छठ अनुक्रम • 1 शुरुआत • 2 नामकरण • 3 लोक आस्था का पर्व • 4 छठ पर्व किस प्रकार मनाते हैं? • 5 उत्सव का स्वरूप • 5.1 नहाय खाय • 5.2 खरना और लोहंडा • 5.3 संध्या अर्घ्य • 5.4 उषा अर्घ्य • 6 व्रत • 7 सूर्य पूजा का संदर्भ • 8 सूर्योपासना की परम्परा • 8.1 देवता के रूप में • 8.2 मानवीय रूप की कल्पना • 8.3 आरोग्य देवता के रूप में • 9 पौराणिक और लोक कथाएँ • 9.1 रामायण से • 9.2 महाभारत से • 9.3 पुराणों से • 10 सामाजिक/सांस्कृतिक महत्त्व • 11 छठ गीत • 12 छठ शुभकामना सन्देश • 13 तिथि • 14 छठ पूजा और बिहारवासियों की पहचान • 15 यह भी देखें • 16 सन्दर्भ • 17 बाहरी कड़ियाँ शुरुआत ऐतिहासिक रूप से, मुंगेर एक कथा के अनुसार प्रथम देवासुर...