छठ पूजा क्यों किया जाता है

  1. छठ पूजा कब है, क्यों मनाई जाती है, पूजन सामग्री और पूजा विधि
  2. छठ पूजा (Chhath Puja) में सूर्य भगवान की पूजा क्यों की जाती हैं, और छठ पूजा का क्या महत्व हैं ?
  3. छठ पूजा क्यों मनाया जाता है
  4. छठ पूजा क्यों मनाई जाती है? (Chhath Pooja Kyu Manaya Jata Hai)
  5. छठ पूजा कब है
  6. Chathh Pooja 2020 : Significance When How Chathh Is Celebrated


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छठ पूजा कब है, क्यों मनाई जाती है, पूजन सामग्री और पूजा विधि

छठ पूजा 4 दिनों का त्यौहार है जो की दीपावली के 4 दिन बाद शुरू होकर 7 वे दिन तक रहता है | यह त्यौहार भारत के बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड जैसे राज्यों में प्रमुख रूप से मनाया जाता है | छठ पूजा पर उगते सूर्य एवं अस्त होते सूर्य की उपासना की जाती है और अच्छे भविष्य की कामना की जाती है | इस दिन महिलाऐं सूती धोती पहनकर पार्वती माता के रूप व सूर्य की बहन छठी माता को पूजते है और अच्छे भविष्य और सुख समृद्धि की कामना करते है | यह भारत के सबसे प्राचीन और वैदिक आर्य सभ्यता के अनुसार इस त्यौहार को मनाया जाता है | कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होने वाले इस त्यौहार के अनुष्ठान बहुत ही कठिन माने जाते है | इस त्यौहार के लिए स्नान व्रत आदि सभी रीतियां महिलाऐं पुरुष सभी करते है | लेकिन खास तौर पर महिलाऐं इस दिन के लिए खास तैयारी करती है | Table of Contents • • • • • • 2022 में छठ पूजा कब है भारतीय पंचाग के अनुसार वर्ष में 2 बार छठ पूजा मनाई जाती है | एक छठ पूजा चैत्र शुक्ल षष्ठी को और दूसरी छठ पूजा कार्तिक महीने में मनाई जाती है | इस वर्ष 2022 में कार्तिक महीने में मनाइए 4 दिनों का छठ पूजा पर्व दीपावली के 3 दिन बाद यानि की कार्तिक शुक्ल चतुर्थी 28 अक्टूबर 2022 से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी 31 अक्टूबर 2022 तक रहता है | कार्तिक शुक्ल षष्ठी जिस दिन छठ पूजा होती है वह 27 अक्टूबर 2022 को रहेगी | छठ पूजा को लेकर कई तरह की कथाएं जुडी हुई है जिनमें से एक कथा के अनुसार जब भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या आये | तब राजतिलक से एक दिन पहले कार्तिक शुक्ल षष्ठी को शाम को सरयू के किनारे सूर्य को अर्घ्य देकर अगले दिन सुबह सूर्योदय को अर्घ्य देने के बाद उन्होंने अयोध्या का राज्य संभाला था | इसके बाद से ह...

छठ पूजा (Chhath Puja) में सूर्य भगवान की पूजा क्यों की जाती हैं, और छठ पूजा का क्या महत्व हैं ?

" छठ " शब्द का अर्थ नेपाली, मैथिली और भोजपुरी भाषाओं में छठा है | यह त्यौहार हिंदू लूनी-सौर बिक्रम संवत कैलेंडर के कार्तिकेय के महीने के 6 वें दिन मनाया जाता है और इसीलिए इसका नाम छठ पूजा है | यह शब्द संस्कृत शब्द " षष्ठी " का प्राकृत वंश है और यह त्योहार नवरात्रि के बाद हिंदुओं का सबसे लंबा और सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है | यह 4 दिनों तक रहता है | छठ पूजा का इतिहास (History)- कुछ लोगों का कहना है कि छठ पूजा सबसे पुराना त्योहार है जो प्राचीन वेदों से भी पहले हो सकता है क्योंकि ऋग्वेद में सूर्य की पूजा करने के भजन और इसी तरह के कुछ अनुष्ठान शामिल हैं जैसे इस त्योहार में होते हैं | इन अनुष्ठानों का महाभारत में भी उल्लेख है जहां द्रौपदी को इसी तरह के अनुष्ठानों का प्रदर्शन किया गया है | चतुर धौम्य की सलाह पर, पांडवों और द्रौपदी द्वारा छठ का अनुष्ठान किया गया था | सूर्य की इस पूजा ने द्रौपदी की कई समस्याओं को हल कर दिया और बाद में पांडवों को अपना राज्य वापस पाने में मदद की | इस त्यौहार का वैज्ञानिक या योगिक इतिहास वैदिक काल से है, जब योर के विद्वानों या ऋषियों ने इस तकनीक का उपयोग भोजन के बिना रहने के लिए किया था क्योंकि वे सूर्य की किरणों से ऊर्जा को अवशोषित करते थे | इसे छठ विधि के रूप में जाना जाता था | कुछ प्राचीन यह भी बताते हैं कि भगवान राम और सीता ने उपवास रखा था और निर्वासन से लौटने के बाद अपने राज्याभिषेक के दौरान शुक्ल पक्ष में कार्तिक महीने में सूर्य को पूजा की पेशकश की थी | छठ पूजा का महत्व (Significance Of Chhath Puja)- अब हमें एक अच्छा जीवन प्रदान करने के लिए सूर्य को धन्यवाद देने के धार्मिक महत्व के अलावा, इस त्यौहार के अनुष्ठानों से कुछ विज्ञान भी जुड़ा हुआ है | ...

छठ पूजा क्यों मनाया जाता है

छठ पूजा क्यों मनाया जाता है | Why We Celebrate Surya Shashti Vrat in Hindi: कार्तिक माह की शुक्ला षष्ठी को छठ पूजा का यह व्रत मनाया जाता हैं. इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व हैं. इसे करने वाली स्त्रियाँ धन धान्य, पति पुत्र तथा सुख सम्पति से परिपूर्ण तथा संतुष्ट रहती हैं. चर्म रोग आँख की बीमारी से भी छुटकारा मिल जाता हैं. पूजन तथा अर्ध्य दान देते समय सूर्य किरण अवश्य देखना चाहिए. पूजन विधि में फल, पकवान, मिष्ठान आदि का महत्व हैं. छठपूजा 2022 के बारे में आज यहाँ बात करेगे. छठ पूजा क्यों मनाया जाता है Surya Shashti Vrat in Hindi व्रत नाम छठ पूजा अन्य नाम सूर्य षष्ठी आराध्य छठी मैया क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तिथि कार्तिक माह शुक्ल षष्ठी तारीख 30 अक्टूबर 2022, रविवार छठ पूजा क्यों मनाया जाता है (surya shashti vrat katha in hindi): प्राचीनकाल में बिन्दुसर तीर्थ में महिपाल नाम का एक वणिक रहता था. वह धर्म कर्म तथा देवता विरोधी था. सूर्य भगवान की प्रतिमा के सामने होकर मल मूत्र त्याग किया. जिसके परिणाम स्वरूप उसकी दोनों आँखे चली गई. एक दिन अपने आततायी जीवन से उब कर गंगा जी में कूदकर प्राण देने का निश्चय कट चक पड़ा. रास्ते में उसे ऋषिराज नारदजी मिले और पूछा-कहिये सेठ जी, कहाँ जल्दी जल्दी भागे जा रहे हो? अँधा सेठ हो पड़ा और सांसारिक सुख दुःख की प्रताड़ना से प्रताड़ित होकर प्राण त्यागने का इरादा बताया. मुनि दया से गदगद होकर बोले- हे अज्ञानी, तू प्राण त्याग कर मत मर. भगवान सूर्य के क्रोध से तुम्हे यह दुःख भुगतना पड़ रहा हैं. तू कार्तिक माह की सूर्य षष्ठी का व्रत रख तेरा दुःख दरिद्र मिट जाएगा. वणिक ने वैसा ही किया तथा सुख सम्रद्धि से पूर्ण दिव्य ज्योति वाला हो गया. छठ...

छठ पूजा क्यों मनाई जाती है? (Chhath Pooja Kyu Manaya Jata Hai)

विषय-सूची • • • • • • • • • • छठ पूजा क्यों मनाई जाती है? (Chhath Pooja Kyu Manaya Jata Hai) “ छठ पूजा क्यों मनाई जाती है?” छठ पूजा सूर्य और उनकी पत्नी उषा को समर्पित हैं। छठ पूजा का पर्व सूर्य देव की आराधना के लिए मनाया जाता हैं। यह पर्व साल में दो बार मानाया जाता है। चैत्र शुक्ल षष्ठी और कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथियों को मनाया जाता हैं। इसमें कार्तिक की छठ पूजा का महत्त्व जयादा होता है। यह पर्व चार दिनों तक चलता हैं और इसे अनेको नाम से जाना जाता हैं जैसे – छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ, छठ माई पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा, आदि। छठ पर्व, छठ या षष्‍ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व हैं। यह त्योहार सूर्य देव की उपासना का त्योहार हैं। सूर्य देव यानि भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर उनकी पूजा की जाती हैं। मुख्य रूप से यह पर्व पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस महापर्व छठ को इस्लाम सहित अन्य धर्मों में भी मनाते देखा जाता हैं। छठ पूजा का इतिहास (Chhath Pooja Ka Itihas) शास्त्रों के अनुसार देखा जाये तो छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्य देव की आराधना और उनकी कृपा पाने के लिए किया जाता हैं। ऐसा माना जाता हैं की सूर्य देव की पूजा से चर्म रोग और सेहत अच्छी रहती हैं। साथ ही धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं। ये छठ पूजा कब से मनाया जाता है? (Chhath Pooja Kab Se Manaya Jata Hai) • इस त्योहार की शुरूआत महाभारत काल से हुई थी। • सूर्यपुत्र कर्ण प्रतिदिन घंटो नदी में खड़े होकर सूर्य को अर्ध्य देते थे। • जिसकी वजह से वह महान योद्धा बने। • उसी समय से छठ पूजा की परम्परा की शुरुआत हुई और...

छठ पूजा कब है

छठ पूजा कब है | छठ पूजा कब से और क्यों मनाया जाता है | छठ पूजा विधि भारत देश एक गणतांत्रिक देश है जो अलग- अलग राज्यों का समावेश है। भारत के इन राज्यों की सबकी अपनी एक अलग- अलग पहचान है। जैसे – गीत, संगीत, नृत्य और त्यौहार जो उस राज्य की खूबसूरती, संस्कृति और सामाजिक रीति – रिवाजों को बयां करती है। तो चलिए देखते है उत्तर भारत की एक प्रमुख त्यौहार छट पूजा के बारे में। छठ पूजा छठ पूजा एक पारंपरिक त्योहार है, और यह पर्व बिहारीयों का सबसे बड़ा पर्व है ये उनकी संस्कृति है। छठ पर्व बिहार मे बड़े धुम- धाम से मनाया जाता है। ये एक मात्र ही बिहार या पूरे भारत का ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चला आ रहा है और ये बिहार कि संस्कृति बन चुका हैं। छठ पूजा को देश के कई हिस्सों में बिहार और उत्तर प्रदेश से आये उत्तर भारतीय आर्य लोगों की पहचान के रूप में देखा जाता रहा है। • भारत में छठ पूजा हमारे त्योहार कुछ ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित होते हैं और वे हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं। हम विभिन्न देवी – देवताओं से प्रार्थना करते हैं और अपनी बेहतरी की कामना करते हैं और एक अवसर को मनाते हैं। छठ पूजा उत्तर भारत के सबसे पारंपरिक त्योहारों में से एक है और वास्तव में नई पीढ़ी को संस्कार सीखना चाहिए और हमारी परंपराओं का पालन करना चाहिए। सामाजिक और सांस्कृतिक महत्त्व की पहचान छठ पूजा छठ पूजा का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और लोकपक्ष है। भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण इस पर्व में बाँस निर्मित सूप, टोकरी, मिट्टी के बर्त्तनों, गन्ने का रस, गुड़, चावल और गेहूँ से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोक गीतों से होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है। छठ पर्व का महाप्रसाद ठेकुआ होता है। • छठ पर्व कब मनाय...

Chathh Pooja 2020 : Significance When How Chathh Is Celebrated

छठ पूजा को एक सबसे प्रमुख त्योहार माना जाता है जो उत्तर भारतीय राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। छठ एक प्रसिद्ध त्योहार है जो हिंदू कैलेंडर महीने के 6 वें दिन "कार्तिका" से शुरू होता है। यह त्यौहार सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा की पूजा के लिए समर्पित होता है। यह त्यौहार पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करने और दिव्य सूर्य देव और उनकी पत्नी का आशीर्वाद पाने के लिए भगवान को धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, यह माना जाता है की सूर्य कई स्वास्थ्य स्थितियों को ठीक करता है और दीर्घायु, प्रगति, सकारात्मकता, समृद्धि और कल्याण प्रदान करता है। छठ पूजा के 4 दिन के अनुष्ठानों में नदी में पवित्र स्नान करना, उपवास करना, और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य को प्रसाद और अर्घ्य देना शामिल है। पहला दिन: नहाय - खाए पहले दिन, भक्त सुबह - सुबह गंगा के पवित्र जल में स्नान करते हैं। इसके बाद वह सूर्य देव को अर्पित करने के लिए प्रसाद तैयार करते हैं। गंगा जल से पूरे घर और परिवेश को शुद्ध किया जाता है। लोग उपवास रखते हैं और पूरे दिन में सिर्फ एक समय भोजन करते हैं। इस दिन चने की दाल, कड्डू की सब्जी और खीर कांसे या मिट्टी के बर्तनों में तैयार करते हैं। इस भोजन की तैयारी में नमक नहीं मिलाया जाता है। दूसरा दिन - लोहंडा और खरना (अर्गसन) दूसरे दिन, भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को सूर्य देव की पूजा के बाद खीर ग्रहण करते है। इस दिन का विशेष भोजन (खीर के समान पकवान) और पूरियां सूर्य देव को अर्पित की जाती हैं। यह पूजन करने के अगले 36 घंटों के लिए फिर से उपवास करते हैं। तीसरा दिन - संध्या अर्घ्य छठ पूजा का तीसरा दिन उपवास और बिना पानी की एक बूंद पीक...