छत्तीसगढ़ राज्य गीत

  1. छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य कौन कौन से है? छत्तीसगढ़ के लोकगीत कौन कौन से है
  2. Arpa Pairi Ke Dhar
  3. अर्पा पैरी के धार
  4. Chhattisgarh Ke Lokgeet


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छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य कौन कौन से है? छत्तीसगढ़ के लोकगीत कौन कौन से है

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें • • • • • • • • • • • • • • • छत्तीसगढ़ में लोक नृत्यों की अनेक विविधताएँ हैं। यहाँ का जनजातीय क्षेत्र हमेशा अपने लोक नृत्यों के लिए विश्व प्रसिद्ध रहा है। छत्तीसगढ़ में अनेक तरह के लोक नृत्य प्रचलित हैं। विभिन्न अवसरों, पर्वों से संबंधित भिन्न – भिन्न नृत्य प्रचलित हैं, जिनमें स्त्री-पुरुष समान रूप से भाग लेते हैं। छत्तीसगढ़ की लोक रचनाओं में नदी-नाले, झरने, पर्वत और घाटियाँ तथा सुंदर धरती की कल्पना होती है। तो आइये विस्तार से देखते है कि छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य कौन कौन से है? छत्तीसगढ़ के लोकगीत कौन कौन से है? मध्य काल में यहाँ अनेक जातियाँ आयी थी जो अपने साथ अनेक संस्कृति भी लेकर आई थी। छत्तीसगढ़ के लोक नृत्यों में बहुत कुछ समानता होती है। ये नृत्य मात्र मनोरंजन के साधन नहीं हैं, बल्कि जातीय नृत्य, धार्मिक अनुष्ठान ओर ग्रामीण उल्लास के अंग भी हैं। देव- पितरों की पूजा-अर्चना के बाद लोक जीवन प्रकृति के सहचर्य के साथ घुल मिल जाता है। छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक नृत्य छत्तीसगढ़ में प्रकृति के अनुरूप ही ऋतु परिवर्तन के साथ लोक नृत्य अलग अलग शैलियों में विकसित हुआ। यहाँ के लोक नृत्यों मे मांदर, झांझ, मंजीरा और डंडा प्रमुख रूप से प्रयुक्त होता है। छत्तीसगढ़ के निवासी नृत्य करते समय मयूर के पंख, सुअर के सिर्से, शेर के नाखून, गूज, कौड़ी और गुरियों की माला आदि आभूषण धारण करते हैं। अब आइए कुछ छत्तीसगढ़ के कुछ प्रमुख लोक नृत्य को विस्तार से देखते है। 1. गौरा नृत्य गौरा छत्तीसगढ़ की मड़िया जनजाति का यह बहुत ही प्रसिद्ध लोक नृत्य है। नयी फसल पकने के समय मड़िया जनजाति के लोग गौर नामक पशु के सींग को कौड़ियों में सजाकर सिर पर धारण कर अत्यन्त ही आकर्षक व प्रसन्नचित मुद्...

Arpa Pairi Ke Dhar

अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार इंद्रावती हा पखारय तोर पईयां महूं विनती करव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार चंदा सुरूज बनय तोर नैना महूं विनती करव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया सोनहा धाने के अंग, लुगरा हरियर हे रंग तोर बोली हवे जइसे मैना अंचरा तोर डोलावय पुरवईया महूं विनती करव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया रायगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां रायपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय दुर्ग बस्तर सोहय पैजनियाँ नंदगाँव नवा करधनिया महूं विनती करव तोर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया Arpa pairi ke dhar, Mahanadi he apar Indravati ha pakharay tor paiyaan Mahoon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya Sohay bindiya sahin, ghat dongari pahar Chanda suraj banay tor naina Mahoon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya Sonaha dhaane ke ang, lugra hariyar he rang Tor bolee have jaise maina Anchara tor dolavay purvaiya Mahoon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya Raigarh havay sugghar, tore maure mukut Sarguja au Bilaspur he baihaan Raipur kaniha sahi ghate sugghar phabay Durg Bastar sohay paijaniyaan Nandgaon nava karadhaniya Mahooon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya The steams of Arpa and Pairi, immense is Mahanadi, Indravati also visited your feet. I pray for your land, Victory, Victory to you, Mother Chhattisgarh. Like a small dot, the ghats of Dongri Mountain, The moon and sun also became your eyes. I pray for your land, Victory,...

अर्पा पैरी के धार

अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार इंद्रावती हा पखारय तौर पईयां महूं विनती करव तौर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार चंदा सुरूज बनय तौर नैना महूं विनती करव तौर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया सोनहा धाने के अंग, लुगरा हरियर हे रंग तौर बोली हवे जइसे मैना अंचरा तौर डोलावय पुरवईया महूं विनती करव तौर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया रायगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां रायपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय दुर्ग बस्तर सोहय पैजनियाँ नंदगाँव नवा करधनिया महूं विनती करव तौर भुँइया जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया Arpa pairi ke dhar, Mahanadi he apar Indravati ha pakharay tor paiyaan Mahoon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya Sohay bindiya sahin, ghat dongari pahar Chanda suraj banay tor naina Mahoon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya Sonaha dhaane ke ang, lugra hariyar he rang Tor bolee have jaise mayna Anchara tor dolavay purvaiya Mahoon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya Raigarh havay sugghar, tore maure mukut Sarguja au Bilaspur he baihaan Raipur kaniha sahi ghate sugghar phabay Durg Bastar sohay paijaniyaan Nandgaon nava karadhaniya Mahooon vinati karva tor bhuniya Jay ho jay ho Chattisgarh maiya The steams of Arpa and Pairi, immense is Mahanadi, Indravati also visited your feet. I pray for your land, Victory, Victory to you, Mother Chhattisgarh. Like a small dot, the ghats of Dongri Mountain, The moon and sun also became your eyes. I pray for your land, Victory,...

Chhattisgarh Ke Lokgeet

22 अन्य नृत्य गीत लोकगीत क्या है? • लोकगीतों की परंपरा प्राचीन समय से विद्यमान है. • लोक गीतों के रचयिता प्रायः अज्ञात होते हैं। वस्तुतः ये गीत समूहगत रचनाशीलता का परिणाम होते हैं एवं मौखिक परंपरा में जीवित रहकर युगों की यात्रा करते हैं। • लोकगीत कटुताओं, पर्वों, संस्कारों के अतिरिक्त धर्म और श्रम से भी संबंधित होते हैं। • लोक मन स्पंदित होकर गुनगुनाने के लिए बंधन या नियम की आवश्यकता नहीं होती है, इसीलिए ये संस्कृति के समग्र संवाहक होते हैं। • लोकगीतों में राज्य की आदिम परम्परा व जातीय विशेषताएं दृश्टिगत होती है। लोकगीतों की विशेषताएं • इनके मूल में आदिम परंपरा एवं जातीय विशेषताएं हैं। इनका दर्शन लोकगीतों में होता है। • लोक गीत से विभिन्न पर्व, उत्सव, अनुष्ठान जुड़े हैं। • लोक गीतों के प्रतीक ग्राम्य एवं कृषि संस्कृति से लिए गए होते हैं। • लोक गीतों के रचयिता ओर रचनाकाल अज्ञात ही होते हैं। अतः यह लोक संपत्ति होती है और सर्वकालिक भी होती है। • लोक गीतों की परंपरा मौखिक होती है। उनमें स्वाभाविकता, तीव्र भावाभिव्यक्ति, लयता, सहजता एवं सपाट बयानी होती है। • इनमें प्रायः प्रश्नोत्तर प्रणाली, पुनरावृत्तियां, टेक एवं अतिशयोक्तियां होती हैं। • छत्तीसगढ़ के लोक साहित्य में लोकगीतों की प्रचुरता है। विभिन्न संस्कार गीत भी इसका हिस्सा हैं। छत्तीसगढ़ के गीत एवं गीतकार गीत गीतकार वेदमती शैली ऋतु वर्मा, झाडूराम, देवांगन, पूनाराम निषाद, रेवाराम साहू कापालिक शैली तीजनबाई, शांतिबाई, ऊषाबाई ददरिया लक्ष्मण मस्तुरिया, दिलीप षडंगी, केदार यादव भरथरी सुरुजबाई खाण्डे पन्थी गीत देवदास बंजारे चन्दैनी गायक चिन्तदास खाण्डे बाँस गीत केजुराम यादव, नकुल यादव कबीर गीत भारती बन्धु छत्तीसगढ़ लोकगीतों के भाग छ...