चन्द्रशेखर आजाद जयंती

  1. चन्द्रशेखर आज़ाद का जीवन परिचय Chandra Shekhar Azad Biography in Hindi
  2. जयंती विशेष : चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) : डेली करेंट अफेयर्स
  3. 10 special interesting facts on Chandra Shekhar Azad birth anniversary
  4. Chandra Shekhar Azad Jayanti Know Interesting Things About Azad
  5. Martyr Chandrashekhar Azad remembered on his birth anniversary
  6. चंद्रशेखर आजाद: वो क्रांतिकारी जिसने कहा 'आजाद हूं, आजाद रहूंगा' और...
  7. चंद्रशेखर आजाद की जीवनी


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चन्द्रशेखर आज़ाद का जीवन परिचय Chandra Shekhar Azad Biography in Hindi

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जयंती विशेष : चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) : डेली करेंट अफेयर्स

जयंतीविशेष : चंद्रशेखरआजाद (Chandra Shekhar Azad) चर्चामेंक्यों? • हालहीमेंचंद्रशेखरआजादकीजयंतीमनाईगईहै। • भारतकेप्रधानमंत्रीनेचंद्रशेखरआजादकोउनकीजयंतीपरश्रद्धांजलिदीहै। • प्रधानमंत्रीनेकहाकिभारतमाताकेवीरसपूतउल्लेखनीयव्यक्तिचंद्रशेखरआजादकोउनकीजयंतीपरस्मरणकरतेहैं।अपनीयुवावस्थाकेदौरानउन्होंनेभारतकोसाम्राज्यवादकेचंगुलसेमुक्तकरानेकेलिएखुदकाबलिदानकरदिया।वहभविष्यकेलिएएकविचारकभीथेऔरउन्होंनेएकमजबूतएवंन्यायपूर्णभारतकासपनादेखाथा। चंद्रशेखरआजाद • भारतीयस्वतंत्रताआंदोलनकेमहानायकचंद्रशेखरआजादकाजन्म 23 जुलाई, 1906 कोमध्यप्रदेशकेझाबुआजिलेकेभाबरानामकस्थानपरहुआथा। • चंद्रशेखरआजादकेपिताकानामपंडितसीतारामतिवारीएवंमाताकानामजगदानीदेवीथा। • चंद्रशेखरआज़ादकाबचपनआदिवासीबाहुल्यक्षेत्रभाबरामेंगुजराथा।उन्होंनेइसआदिवासीपरिवेशमेंचंद्रशेखरआजादनेभीलोकेसाथकुश्ती, तैराकीऔरधनुर्विद्याकोसीखा।चंद्रशेखरआजादनेभावरामेंप्राथमिकशिक्षापूरीकीतथा 14 वर्षकीआयुमेंवेअध्ययनकेलिएबनारसचलेगएजहांपरउन्होंनेएकसंस्कृतपाठशालामेंआगेकीपढ़ाईकी। जलियांवालाबागहत्याकांडऔरचंद्रशेखरआजाद • 1919 मेंजलियांवालाबागहत्याकांडनेपूरेदेशकोहिलाकररखदियाथा।इसहत्याकांडमेंहजारोंनिर्दोषलोगोंकोअंग्रेजोंनेगोलियोंसेछलनीकरवादियाथा।इसहत्याकांडकीप्रतिक्रियासेनजानेकितनीहीक्रांतिकारियोंकाजन्महुआजिन्होंनेभारतमाताकोअंग्रेजोंसेमुक्तकरवानेकीप्रतिज्ञाली।चंद्रशेखरआजादभीइन्हींक्रांतिकारियोंमेंसेएकथे। ‘हिंदुस्तानरिपब्लिकनएसोसिएशन’ व ‘हिंदुस्तानसोशलिस्टरिपब्लिकनएसोसिएशन’ • जबगांधीजीनेअसहयोगआंदोलनकीघोषणाकीतोपूरेदेशमेंक्रांतिकीलहरदौड़गई।गांधीजीकेदिखाएगएमार्गपरचलतेहुएविदेशीवस्तुओं, विदेशीशिक्षणसंस्थानों, विदेशीसंस्थाओंकाबहिष्कारकियाजानेलगा।इसीआंदोलनमें 16 वर्षीयचंद्रशेखरआ...

10 special interesting facts on Chandra Shekhar Azad birth anniversary

महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती है। इस अवसर पर पूरा देश उनको याद कर रहा है। चंद्रशेखर आजाद भारत के उन महान क्रांतिकारियों में से एक हैं जिनके नाम से अंग्रेज कांपा करते थे। आजाद की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनको याद किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा - भारत माता के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर नमन। वह एक निर्भीक क्रांतिकारी थे जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश में हुआ था। बेखौफ अंदाज के लिए जाने जाने वाले चंद्रशेखर सिर्फ 14 साल की उम्र में 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ गए थे। गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन को अचानक बंद कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गए। यहां जाने चंद्रशेखर आजाद के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें 1. स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों मे से एक चंद्रशेखर आजाद का जन्म मध्य प्रदेश के झाबुआ में हुआ था। जहां आजाद का जन्म हुआ उस जगह को अब आजादनगर नाम से जाना जाता है। 2. आजाद छोटी उम्र में ही आजादी की लड़ाई उतर गए थे। उन्होंने बचपन में ही निशानेबाजी सीख ली थी। 3. अपनी पहली सजा में आजाद को 15 कोड़े पड़े। आजाद की देशभक्ति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर कोड़े पर उन्होंने वंदे मातरम के साथ-साथ महात्मा गांधी की जय के नारे लगाए। इसके बाद से ही उन्हें सार्वजनिक रूप से 'आजाद' पुकारा जाने लगा। 4. उनकी पहली सजा मिलने का किस्सा भी दिलचस्प है। कोर्ट में जब उनसे उनके बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने ऐसा जबाव दिया जिससे वहां बैठे अंग्रेज सकते में आ गए। उन्होंने अपना नाम आजाद बताया। पिता ...

Chandra Shekhar Azad Jayanti Know Interesting Things About Azad

नई दिल्ली: Chandra Shekhar Azad Jayanti: महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती है. चंद्रशेखर आजाद का जन्म(Chandra Shekhar Azad Birthday) 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था. आज उनकी जयंती के मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने लिखा, '' भारत माता के वीर सपूत चंद्रशेखर आजाद(Chandra Shekhar Azad) को उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि. वे एक निर्भीक और दृढ़ निश्चयी क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी थी. उनकी वीरता की गाथा देशवासियों के लिए प्रेरणा का एक स्रोत है' देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले चंद्रशेखर आजाद के कई दिलचस्प किस्से हैं. उनमें से एक किस्सा तक का है जब 1920 में 14 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad) गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़े थे. जिसके बाद वे गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए. जहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' को उनका निवास बताया. आजाद को 15 कोड़ों की सजा दी गई थी. आज चंद्रशेखर आजाद की जयंती के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी 10 बाते बता रहे हैं. चंद्रशेखर आजाद से जुड़ी 10 बातें 3.बताया जाता है कि चंद्रशेखर आजाद की निशानेबाजी बहुत अच्छी थी. दरअसल इसकी ट्रेनिंग उन्होंने बचपन में ही ले थी. 4. पहली बार गिरफ़्तार होने पर उन्हें 15 कोड़ों की सजा दी गई. हर कोड़े के वार के साथ उन्होंने, 'वन्दे मातरम्‌' और 'महात्मा गांधी की जय' का स्वर बुलंद किया. इसके बाद वे सार्वजनिक रूप से 'आजाद' पुकारे जाने लगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिल...

Martyr Chandrashekhar Azad remembered on his birth anniversary

बस स्टेशन स्थित शहीद की प्रतिमा पर हुआ माल्यार्पण फोटो फाइल नम्बर 23 एसयूएल 1 : बस स्टेशन स्थित शहीद चन्द्रशेखर आजाद की प्रतिमा के सामने तिरंगा फहराते समाजसेवी सुलतानपुर, संवाददाता अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की 116 वी जयंती पर आजाद समाज सेवा समिति की ओर से नगर में प्रभात फेरी निकालकर समस्त शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया और बस स्टेशन स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क में गोष्ठी की गई। वरिष्ठ समाज सेवी करतार केशव यादव ने कहा कि आजाद समाज सेवा समिति द्वारा शहीद चंद्रशेखर आजाद की जयंती पर अपार जन समूह के साथ प्रभात फेरी निकालकर शहीदों को याद किया जाना अच्छे कार्यों के लिए और राष्ट्र निर्माण की चेतना के लिए प्रेरणादायी है। संस्था अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि शहीद चंद्रशेखर आजाद ने अपने जीवन काल में क्रांतिकारियों को अपना परिवार और राष्ट्र प्रेम को अपना घर माना। हमें देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों के राष्ट्र प्रेम और भाई चारे से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए। यही शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। गोष्ठी को संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष शराफत खान, श्याम नारायण पाण्डेय, दिलीप सिंह, रविंद्र तिवारी, मकसूद अंसारी, बबलू सिंह प्रधान, गिरीश तिवारी बबलू ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर संस्था नियंत्रण मोहम्मद अहमद, ओम प्रकाश गौड़, शैलेश वर्मा, सुरेश सोनी, धर्मेंद्र जायसवाल, बबलू तिवारी, अनिल कोरी, घनश्याम, जायसी, विजय यादव, अजय सिंह, पवन शर्मा, मोहम्मद अख्तर, अब्दुल मन्नान, मोइद खान, वैभव श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। इनसेट डीवाईएफआई व एसएफआई ने शहीदों की मूर्ति पर किया माल्यार्पण सुलतानपुर। छात्र संगठन एसएफआई , भारत क...

चंद्रशेखर आजाद: वो क्रांतिकारी जिसने कहा 'आजाद हूं, आजाद रहूंगा' और...

चंद्रशेखर आजाद कहते थे कि 'दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे'. एक वक्त था जब उनके इस नारे को हर युवा रोज दोहराता था. वो जिस शान से मंच से बोलते थे, हजारों युवा उनके साथ जान लुटाने को तैयार हो जातेथे.आइएआज उनकी 90वीं पुण्‍यतिथ‍ि पर कुछ बातें आपको बताते हैंजो शायद आपको न पता हों. चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था. उनका जन्म स्थान मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले का भाबरा में हुआ था. 1920 में 14 वर्ष की आयु में चंद्रशेखर आजाद गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़े थे.देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जब पहली बार अंग्रेजों की कैद में आए तो उन्हें 15 कोड़ों की सजा दी गई थी. 14 साल कीउम्र में ही वो गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए. यहां जज ने जब उनका नाम पूछा तो पूरी दृढ़ता से उन्होंने कहा आजाद. पिता का नाम पूछने पर जोर से बोले, 'स्वतंत्रता'. पता पूछने पर बोले- जेल. इस पर जज ने उन्हें सरेआम 15 कोड़े लगाने की सजा सुनाई. ये वो पल था जब उनकी पीठ पर 15 कोड़े बरस रहे थे और वो वंदे मातरम् का उदघोष कर रहे थे. ये ही वो दिन था जबदेशवासी उन्हें आजाद के नाम से पुकारने लगे थे. धीरे धीरे उनकी ख्याति बढ़ने लगी थी. चंद्रशेखर आजाद की निशानेबाजी बचपन से बहुत अच्छी थी. दरअसल इसकी ट्रेनिंग उन्होंने बचपन में ही ले थी. सन् 1922 में चौरी चौरा की घटना के बाद गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया तो देश के कई नवयुवकों की तरह आज़ाद का भी कांग्रेस से मोहभंग हो गया. जिसके बाद पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल, शचीन्द्रनाथ सान्याल योगेशचन्द्र चटर्जी ने 1924 में उत्तर भारत के क्रान्तिकारियों को लेकर एक दल हिन्दुस्तानी प्रजातान्त्रिक संघ क...

चंद्रशेखर आजाद की जीवनी

एक साहसी स्वतंत्रता सेनानी और एक निडर क्रांतिकारी चंद्रशेखर का जन्म 23 जुलाई 1906 को भाबरा, पंडित सीताराम तिवारी और जगरानी देवी के पुत्र, चंद्रशेखर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भाबरा में प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए उन्हें चौरी-चौरा की घटना के कारण असहयोग आंदोलन के महात्मा गांधी के निलंबन से मोहभंग, वह एक गरमदलीय में बदल गये। चंद्रशेखर आजाद समाजवाद में विश्वास करते थे; अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर उन्होंने ‘हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ का गठन किया। वे भगत सिंह सहित कई अन्य क्रांतिकारियों के लिए एक परामर्शदाता थे। वे किसी भी तरह से संपूर्ण आज़ादी चाहते थे। लाल लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिये चंद्रशेखर आज़ाद ने अंग्रेज सहायक पुलिस अधीक्षक जॉन पायंट्स सांण्डर्स को मार डाला। जीवित रहते हुए वे अंग्रेज़ सरकार के लिए आतंक का पर्याय रहे। साथियों में से एक के धोखा देने के कारण, 27 फरवरी 1931 को अल्फ्रेड पार्क, वे अभी भी करोड़ो भारतीयों के नायक हैं और शहीद भगत सिंह, द लीजेंड ऑफ़ भगत सिंह और 23 मार्च 1931 जैसे फिल्मों में उनके जीवन पर आधारित चरित्र है। चंद्रशेखर आजाद के बारे में तथ्य और जानकारी जन्मतिथि 23rd जुलाई 1906 जन्म स्थान भावरा, मध्य प्रदेश राष्ट्रीयता भारतीय माता जगरानी देवी पुण्यतिथि 27 फरवरी 1931 (24 वर्ष की आयु में ) पिता पंडित सीताराम तिवारी शिक्षा भावरा, तदुपरांत उन्हें उच्च शिक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसीकी संस्कृत पाठशाला भेज दिया। राजनीति में शामिल होने से पहले पेशा उन्होंने महात्मा गाँधी द्वारा शुरू किये असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया प्रसिद्ध नाम आजाद ( “मुक्त”) सम्बंधित हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (बाद में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन...