Computer ke bare mein

  1. कंप्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer in Hindi)
  2. Computer Operator क्या है और कैसे बने?
  3. Computer के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of computer
  4. कम्प्यूटर जनरेशन क्या है
  5. कंप्यूटर की पीढियां


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कंप्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer in Hindi)

कार्य करने की गति (Working Speed) आज के Computer में इंसान एवं अन्य किसी भी मशीन की तुलना में काम करने की गति सबसे ज्यादा होती है Computer की speed इतनी तेज होती है, कि जिसे सामान्य घड़ी की सहायता से मापा नहीं जा सकता। Computer की इसी तेज speed के कारण हमें समय मापने की नई इकाइयों जैसे Micro Second, Nano Second and Pico Second का अविष्कार करना पड़ा। • 1 Second = 10 6 Micro Second • 1 Second = 10 9 Nano Second • 1 Second = 10 12 Pico Second विश्वसनीयता (Reliability) Computer का सबसे ज्यादा फायदा उसकी शत-प्रतिशत सही गणना करने की क्षमता से है जो इसे अन्य मशीनों की तुलना में भरोसेमंद बनाता है अगर सही Data और Command दी जाय तो कंप्यूटर स्वयं कभी कोई गलती नहीं करता, गलती तभी हो सकता है जब Software बनाते समय ही Programmer से कोई भूल हो गए हो। याद रखने की क्षमता (Power of Remembering) इंसान की याददाश्त की सिमा होती है इसके विपरीत computer में हम किसी भी प्रकार के जानकारी को कितने भी लम्बे समय के लिए संग्रह (Store) करके रख सकते है, साथ ही साथ data को खोना या पुनर्प्राप्त करना भी पूरी तरह आप पर निर्भर है। निर्णय क्षमता (Decision Making) कंप्यूटर की विशेषताएं यह भी है की वह स्वयं निर्णय लेने की क्षमता रखता है दिए गए कई विकल्पों में से सही समय पर सही विकल्प का चयन करते हुए Process करना Computer की एक मुख्य विषेशता है। इसी तार्किक निर्णय क्षमता (decision making) के बिना Multiple Data को एक साथ process करना संभव नहीं होता जैसे Space, defence, research, technology और management, आदि के क्षेत्र में। मेमोरी (Memory) कंप्यूटर के पास अपनी खुद की Memory होती है जिसमे वह में किसी भी प्रकार व ब...

Computer Operator क्या है और कैसे बने?

आप सभी थोडा बहुत ये जानते होंगे के कंप्यूटर ऑपरेटर का क्या काम होता है? “ Computer Operator is needed “ या DEO (Data Entry Operator) के लिए यहाँ apply करे? ये सभी notices को आप जरुर ही Bus stands, college के दीवारों में, स्टेशन में, Public Notice Board में देखे होंगे और एक बार ये जरुर सोचा होगा की इनका क्या मतलब है। ये Computer Operator की job profile क्या है, ये क्या काम करते हैं। यदि आपके मन में भी यही सब सवाल हैं तब आप जरुर से यह article कंप्यूटर ऑपरेटर क्या है पढना चाहिए। यह job एक ऐसा काम होता है जिसे की कोई भी technical या non technical person बड़े आराम से कर सकता है। बस केवल कुछ technical knowledge जैसे की MS Excel का कुछ ज्ञान होना चाहिए। इसके अलावा जो सबसे बहुत जरुरी चीज़ है वो है typing speed। यदि आपको यह job future में करना है तब आपको अपनी typing speed को जरुर से ध्यान देना होगा। यह job प्राय सभी Government, Private companies में उपलब्ध होता है वो भी Part time और Full time। इसलिए यदि आप पहले ही ये निर्धारित कर लें की आपको भविष्य में यह करना होगा। इसके लिए आपको खुदको कुछ अलग ही तैयार करना होगा। लेकिन लोगों को ये कैसे करें पता नहीं है। इसलिए आज मैंने सोचा की आप लोगों को क्यूँ न कंप्यूटर ऑपरेटरक्या होता है के विषय में जानकारी प्रदान करूँ जिससे आपको ये job को चुनने में आसानी हो। तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं। कंप्यूटर ऑपरेटर बनने के लिए क्या करें? कंप्यूटर ऑपरेटर क्या होता है – What is Computer Operator in Hindi कंप्यूटर ऑपरेट ( Computer Operator) एक ऐसा व्यक्ति होता है जो कि कंप्यूटर से जुड़ी हुई सभी छोटी बड़ी कार्य करने में सक्षम होता है। Computer Operato...

Computer के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of computer

Computer के फायदे और नुकसान – Advantages and Disadvantages of computer in Hindi. Computer के लाभ और हानि. आज के युग में Computer का बहुत बड़ा महत्व है मतलब की computer के बिना बहुत सारे काम अधूरे रह जाते हैं| Computer एक Electronic device होता है जो की यूजर के द्वारा input लेता है और फिर उस input को memory में store करके उसको process करता है| process करने के बाद यूजर को Output provide करता है| कंप्यूटर ने आज के दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है| कंप्यूटर और इन्टरनेटके माध्यम से आज किसी भी प्रकार का information seconds में भेजे जा सकते हैं जो की उपयोगकर्ता के लिए बहुत ही फायदेमंद है| अब सारे काम computersके द्वारा हो रहे हैं जो की मुश्किल काम को भी आसान बना देता है| इसके बहुत सारे फायदे भी है और साथ ही साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं जैसे एक सिक्के के दो पहलु होते हैं| लोग अगर सही से इसका इस्तेमाल करें तो यह लोगो के लिए बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि बहुत सारे मुश्किल काम को यह आसान बना देता है लेकिन अगर लोग इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करने लगें तो इसके बहुत सारे नुकसान भी है जो की लोगो के स्वास्थ्य और विश्वास को नुकसान पहुंचाते हैं| दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम Computer के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे| Advantages and Disadvantages of Computer in Hindi. Computer के लाभ और हानि. Assay on Computer advantages and disadvantages. Hello Friends! How are you? Welcome again to Guptatreepoint blog. Let’s start the topic. Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • Computer के फायदे और नुकसान (Advantages and Disadvantages of Computer in Hindi) कंप्यूटर आज के युग में लोगो के बहुत सारे का...

कम्प्यूटर जनरेशन क्या है

Table of Contents • • • • • • • कम्प्यूटर जनरेशन क्या है – कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ| Generations of Computers – Best Info In Hindi कम्प्यूटर की पीढ़ियाँ प्रथम पीढ़ी (First Generation) – सन् 1946 से 1956 सन् द्वितीय पीढ़ी (Second Generation) – सन् 1956 से 1964 सन् तृतीय पीढ़ी (Third Generation) – सन् 1964 से सन् 1970 चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation) – सन् 1970 से अब तक पंचम पीढ़ी (Fifth Generation) – भविष्य के कम्प्यूटर्स कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी (First Generation) सन् 1946 से सन् 1956 तक विकसित हुए इसके वाल्व होने के कारण इसे केवल इलैक्ट्रॉनिक स्विच (Electronic Switch) की भांति प्रयोग किया गया था।ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Calculator) प्रथम इलैक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर, प्रथम पीढ़ी का कम्प्यूटर है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी हम पहले ही दे चुके हैं। बिनॉक (BINAC) का निर्माण ENIAC बनाने वाली कम्पनी ने ही सन् 1949 में किया था। ENIAC और BINAC के निर्माता एकर्ट और माचली ने व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये यूनिवैक (Universal Automatic Calculator-UNIVAC) बनाया। यूनिवैक वह प्रथम इलैक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था, जिसका प्रयोग आम जनता के बीच किया गया। सन् 1949 में इंग्लैण्ड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एक कम्प्यूटर एडसैक (EDSAC) बनाया। BINAC और UNIVAC में पारे पर डेटा का स्टोर किया जाता था, परन्तु EDSAC में कैथोड रे ट्यूब पर मेमोरी स्टोर होती थी। Electro-Mechanical कम्प्यूटर के निर्माण में अग्रणी आई.बी.एम. ने सन् 1952 में कम्प्यूटर मॉडल-101 बनाया। इस कम्प्यूटर में मेमोरी स्टोर करने के लिये मैग्नेट टेप के साथ कैथोड और अत्यधिक मेमोरी के लिये चुम्बकीय ड्रम का प्रयोग किया गय...

कंप्यूटर की पीढियां

Generations of Computer (कंप्यूटर की पीढियां) सन् 1946 में प्रथम इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस, वैक्‍यूम ट्यूब (Vacuum Tube) युक्‍त एनिएक कम्‍प्‍यूटर की शुरूआत ने कम्‍प्‍यूटर के विकास को एक आधार प्रदान किया कम्‍प्‍यूटर के विकास के इस क्रम में कई महत्‍वपूर्ण डिवाइसेज की सहायता से कम्‍प्‍यूटर ने आज तक की यात्रा तय की। इस विकास के क्रम को हम कम्‍प्‍यूटर में हुए मुख्‍य परिवर्तन के आधार पर निम्‍नलिखित पॉंच पीढि़यों में बॉंटते हैं:- Table of Contents • • • • • • • • • • • कम्‍प्‍यूटरों की प्रथम पीढ़ी (First Generation Of Computer) :- 1946-1956 कंप्यूटर की प्रथम पीढ़ी की शुरुआत सन् 1946 में एकर्ट और मुचली के एनिएक (ENIAC-Electronic Numerical Integrator And Computer) नामक कम्‍प्‍यूटर के निर्माण से हुआ था इस पीढ़ी के कम्‍प्‍यूटरों में वैक्‍यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था जिसका आविष्‍कार सन् 1904 John Ambrose Fleming ने किया था इस पीढ़ी में एनिएक के अलावा और भी कई अन्‍य कम्‍प्‍यूटरों का निर्माण हुआ जिनके नाम एडसैक (EDSEC – Electronic Delay Storage Automatic Calculator), एडवैक (EDVAC – Electronic Discrete Variable Automatic Computer ), यूनिवैक (UNIVAC – Universal Automatic Computer), एवं यूनीवैक – 1 (UNIVAC – 1) हैं। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते थे इनकी Speed बहुत ही Slow होती थी और मेमोरी भी कम होती थी इसी कारण इन कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करके नहीं रखा जा सकता था इन कंप्यूटर की कीमत बहुत अधिक होने के कारण ये कंप्यूटर आम जनता की पहुँच से दूर थे| प्रथम पीढ़ी के कम्‍प्‍यूटरों के निम्‍नलिखित लक्षण थे:- • वैक्‍यूम ट्यूब का प्रयोग • पंचकार्ड पर आधारित • संग्रहण के लिए मैग्‍नेटिक...