चर्चा

  1. भाषा की परिभाषा, प्रकृति, विशेषताएं, महत्व
  2. शिवसेना
  3. परीक्षा पे चर्चा 2023: PM Modi करेंगे स्टूडेंट से वार्तालाप: परीक्षा तैयारी टिप्स
  4. तुलनात्मक राजनीति : अर्थ, विकास, महत्व, प्रकृति, क्षेत्र एवं सीमाएं
  5. क्रिटिकल थिंकिंग क्या होती है?
  6. संवाद
  7. ‘भाजपमुक्त महाराष्ट्र’ करण्याचा काँग्रेसचा निर्धार, वरिष्ठ नेत्यांच्या बैठकीत निवडणूक रणनीतीवर चर्चा


Download: चर्चा
Size: 47.69 MB

भाषा की परिभाषा, प्रकृति, विशेषताएं, महत्व

उच्चरित ध्वनि संकेतों की सहायता से भाव या विचार की पूर्ण अथवा जिसकी सहायता से मनुष्य परस्पर विचार-विनिमय करता या सहयोग करते हैं, उस यादृच्छिक रूढ़ ध्वनि-संकेतों की प्रणाली को भाषा कहते हैं’’। यहां तीन बातें विचारणीय हैं- • ’’सार्थक शब्दों के समूह या संकेत को भाषा कहते हैं। यह संकेत स्पष्ट होने चाहिए। मनुष्य के जटिल मनोभावों को भाषा व्यक्त करती है किन्तु केवल संकेत भाषा नहीं है। • भाषा यादृच्छिक संकेत है यहां शब्द और अर्थ में कोई तर्क संगत सम्बन्ध नहीं रहता। बिल्ली, कौआ, घोड़ा आदि को क्यों पुकारा जाता है यह बताना कठिन है। इनकी ध्वनियों को समाज ने स्वीकार कर लिया है। इसके पीछे कोई तर्क नहीं है। • भाषा के ध्वनि संकेत रूढ़ होते हैं। परम्परा या युगों से इनके प्रयोग होते आये हैं’’। भाषा की परिभाषा भाषा की परिभाषा इस प्रकार दी गई है- • महर्षि पतंजलि ने पाणिनि की अष्टाध्यायी के महाभाष्य में भाषा की परिभाषा इस प्रकार दी गई है- व्यक्ता वाचि वर्णा येषां त इमे व्यक्तवाच:। • भतरृहरि ने शब्द उत्पत्ति और ग्रहण के आधार पर भाषा को परिभाषित किया है- शब्द कारणमर्थस्य स हि तेनोपजन्यते। तथा च बुद्धिविषयादर्थाच्छब्द: प्रतीयते। बुद्धयर्थादेव बुद्धयर्थे जाते तदानि दृश्यते। • अमर कोष में भाषा की वाणी का पर्याय बताते हुए कहा गया है- ब्राह्मी तु भारती भाषा गीर् वाक वाणी सरस्वती। • कामताप्रसाद गुरु ने अपनी पुस्तक हिंदी-व्याकरण’ में भाषा की परिभाषा इस प्रकार दी है-भाषा वह साधन है जिसके द्वारा मनुष्य अपने विचार दूसरों पर भली-भांति प्रकट कर सकता है और दूसरों के विचार आप स्पष्टतया समझ सकते हैं। • दुनीचंद ने हिंदी-व्याकरण’ में भाषा की परिभाषा को इस प्रकार लिपिबद्ध किया है-हम अपने मन के भाव प्रकट करने के ल...

G

नई दिल्ली: तीन दिन की जी-20 कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक बृहस्पतिवार से हैदराबाद में शुरू होगी और इसमें टिकाऊ खेती, जलवायु समाधान और महिलाओं के नेतृत्व वाली खेती समेत कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा. बैठक में जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों और वैश्विक संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है. विभिन्न देशों के कृषि मंत्री और वैश्विक संगठनों के महानिदेशक भी बैठक में भाग लेंगे. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि पहले दिन, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. उद्घाटन के बाद कृषि उपप्रमुखों (एडीएम) की बैठक होगी. दूसरे दिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी-20 देशों के अपने समकक्षों और जी-20 बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल के अन्य प्रमुखों का स्वागत करेंगे. उस दिन के मंत्रिस्तरीय कार्यक्रमों में ‘‘खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए टिकाऊ कृषि'' पर चर्चा शामिल होगी. तीन समानांतर सत्रों में महिलाओं के नेतृत्व वाली कृषि, टिकाऊ जैव विविधता और जलवायु समाधान पर भी मंत्रिस्तरीय चर्चा होगी. तीसरे दिन, मंत्रियों की बैठक भारत की अध्यक्षता में कृषि कार्यसमूह, जी-20 के परिणामों को अपनाने के साथ समाप्त होगी. • • "सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही": तमिलनाडु के मंत्री को ED द्वारा गिरफ़्तार किये जाने पर भड़के विपक्षी नेता • बिहार में गुस्साए शख्स ने 3 बेटियों और पत्नी का किया कत्‍ल, फिर खुद भी लगा ली फांसी (हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

शिवसेना

एकनाथ शिंदे यांच्या या जाहिरातीमुळे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी त्यांचा कोल्हापूर दौरा रद्द केल्याची चर्चा सुरू झाली आहे. मात्र, शिंदे गटाचे नेते तथा मंत्री दीपक केसरकर यांनी आमच्या मतभेद नसल्याचे सांगितले. तसेच देवेंद्र फडणवीसांचा कानाला इजा झाली आहे, त्यांना डॉक्टरांनी प्रवास करण्यास नकार दिल्याचे उत्तर दिले. अशी झाली सुरुवात शासन आपल्या दारी कार्यक्रमासाठी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांचा कोल्हापूर दौरा नियोजित होता. ते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्यासह कोल्हापुरात जाणार होते. मात्र, आजच्या जाहीरातीमुळे भाजप नेत्यांनी आपली नाराजी व्यक्त केली आहे. यातूनच भाजपामध्ये अस्वस्थता असून याच कारणातून देवेंद्र फडणवीसांनी कोल्हापूर दौरा रद्द केला अशी चर्चा राजकीय वर्तुळात सुरू आहे. यावर बोलताना कोल्हापूरचे पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्याऐवजी चंद्रकांत पाटील हे कोल्हापूर दौऱ्यावर जाणार आहेत, अशी माहिती त्यांनी आज माध्यमांशी संवाद साधताना दिली आहे. जाहिरातीत नेमके काय? शिवसेनेने आज वेगवेगळ्या वर्तमानपत्रात दिलेल्या जाहिरातीमुळे शिवसेना-भाजप यांच्यात धुसफूस सुरू झाल्याची चर्चा रंगली आहे. देशात मोदी, राज्यात शिंदे या मथळ्याखाली ही जाहिरात प्रसिद्ध करण्यात आली आहे. राज्यातील सर्व प्रमुख वृत्तपत्रांत 'राष्ट्रामध्ये मोदी, महाराष्ट्रात शिंदे', अशी जाहीरात देत शिंदेसेनेने आज चांगलीच खळबळ उडवून दिली. झी टीव्ही व मॅटराईझ या संस्थेने केलेल्या सर्व्हेवर ही जाहीरात देण्यात आली आहे. त्यात महाराष्ट्रातील 46.4 टक्के जनता भाजप आणि शिंदेंच्या शिवसेनेला पुन्हा सत्तेवर आणण्यासाठी इच्छुक आहे, असा दावा करण्यात आला आहे. फडणवीसांना शिंदेंचे आव्हान सर्व्हेक्षणातील सर्वात ठळक बाब म्हणजे महाराष...

परीक्षा पे चर्चा 2023: PM Modi करेंगे स्टूडेंट से वार्तालाप: परीक्षा तैयारी टिप्स

परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन क्यों होता है? आपको बता दें कि पारंपरिक तौर पर परीक्षा को लेकर छात्र घबराते हैं। पेरेंट्स और टीचर की ओर से परीक्षा को लेकर एक बहुत बड़ा दबाव बनाया जाता है जिससे कि छात्र परीक्षा किस दबाव से खुद को तैयार नहीं पाते हैं। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की पहल बड़ी सराहनीय की परीक्षा पर चर्चा जैसे कार्यक्रम का आयोजन करके देशभर के सभी बोर्ड परीक्षार्थियों का मनोबल बढ़ाते हैं। ‌‌ परीक्षा की तैयारी करते समय छात्रों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। उन सवाल का जवाब उन्हें अक्सर मिल नहीं पाता है, ऐसे में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम एक ऐसा माहौल प्रदान करता है, जिसमें छात्र अपनी जिज्ञासा को शांत कर सकते हैं और परीक्षा से संबंधित सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछ सकते हैं। दूर करे परीक्षा का डर अक्सर देखा गया है कि बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों में खासा डर बना रहता है, इस बार को निकालने के लिए परीक्षा पर चर्चा 2023 कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसलिए परीक्षार्थी को परीक्षा से डरने के बजाय अपनी अच्छी तैयारी और अच्छी रणनीति के साथ परीक्षा में शामिल होकर अच्छे अंक प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। परीक्षा पर चर्चा सही रणनीति परीक्षा की तैयारी यहां हम छात्रों को कुछ टिप्स देना चाहते हैं कि परीक्षा की तैयारी करते समय आपको अपना टाइम टेबल इस समय बना लेना चाहिए। बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने वाले दसवीं बारहवीं के छात्रों को परीक्षा की रणनीति के अनुसार सैंपल पेपर को सॉल्व करना शुरू कर देना चाहिए। अभी भी जो टॉपिक आपको समझ में नहीं आ रहा है उस टॉपिक को अलग-अलग माध्यम से समझने की कोशिश करें इसके लिए आप अपने टीचर से मदद ले सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन ...

तुलनात्मक राजनीति : अर्थ, विकास, महत्व, प्रकृति, क्षेत्र एवं सीमाएं

तुलनात्मक राजनीति : अर्थ, विकास, महत्व, प्रकृति, क्षेत्र एवं सीमाएं परिचय 21वीं शताब्दी में तुलनात्मक राजनीतिक विश्लेषण का जो रूप आज हमारे सामने है, वह एक लंबे घटनाक्रम का परिणाम है और इस समय अवधि में उसे सैकड़ों उतार-चढ़ाव से होकर गुजरना पड़ा है। फिर भी यह नहीं कहा जा सकता कि यह परिपूर्णता को प्राप्त कर चुका है। हम यह जरूर कह सकते है कि तुलनात्मक राजनीति संक्रमण काल की अवस्था में है। आज भी तुलनात्मक राजनीति की प्रकृति एवं क्षेत्र में लगातार विकास, बदलाव एवं असंतोष की स्थिति बनी हुई है। वैश्वीकरण के इस दौर में विश्व के तमाम देशों में पारस्परिक सहयोग एवं निर्भरता बढ़ी है। आज किसी भी राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय विषय को केवल सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नहीं समझा जा सकता है और न ही किसी समस्या को सिर्फ स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुलझाया जा सकता है। एक स्थानीय समस्या वैश्विक समस्या का रूप धारण कर सकती है तथा एक वैश्विक समस्या स्थानीय स्तर की राजनीति या अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है। उदाहरणस्वरूप चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस देखते ही देखते वैश्विक चिंता का विषय बन गया तथा विश्व के लगभग तमाम देशों की आर्थिक एवं राजनीतिक व्यवस्था को इसने प्रभावित किया। उपरोक्त वैश्विक घटनाओं के संदर्भ में तुलनात्मक राजनीति की प्रकृति व क्षेत्र में भी तेजी से परिवर्तन हुए है। इसी संदर्भ में प्रस्तुत लेख तुलनात्मक राजनीति का अर्थ, उद्भव एवं विकास, महत्व, प्रकृति एवं क्षेत्र तथा इसकी सीमाओं पर चर्चा की गई है। तुलनात्मक राजनीति का अर्थ तुलनात्मक राजनीति के अर्थ को समझने से पहले हमें इसका तुलनात्मक सरकार से अंतर क्या है,समझ लेना ...

क्रिटिकल थिंकिंग क्या होती है?

क्रिटिकल थिंकिंग आज के युग में सबसे ट्रेंडिंग स्किल में से एक है लेकिन बड़े बड़े प्रोफेसनल भी इसे समज हीं नहीं पाते। आलोचनात्मक सोच कौशल या critical thinking skills in Hindi आपको उपलब्ध सभी तथ्यों और सूचनाओं के आधार पर किसी स्थिति को समझने और उसका आकलन करने में मदद करती है। महत्वपूर्ण सोच कौशल की मदद से, आप किसी समस्या को परिभाषित करने और हल करने के लिए सूचना, डेटा और तथ्यों को क्रमबद्ध और व्यवस्थित कर सकते हैं। कुछ लोग क्रिटिकल होने को गलत नजर से देखते है। दरअसल critical thinking skills in Hindi हमारे सोचने का ही एक तरीका है जो हमारी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों के लिए ही काफ़ी उपयोगी है। इस ब्लॉग में हम critical thinking in Hindi क्या है? विद्यार्थी जीवन में इसका क्या महत्व है This Blog Includes: • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स क्या है? क्रिटिकल थिंकिंग, तर्कसंगत रूप से सोचने और विचारों के बीच तार्किक संबंध को समझने की क्षमता है। ऐसी स्किल्स प्लेटो और सुकरात जैसे प्रारंभिक यूनानी दार्शनिकों के समय से लेकर आधुनिक युग तक चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उदाहरण के लिए, नकली समाचारों की पहचान करने की क्षमता, तथ्यों का विश्लेषण करना आदि। क्रिटिकल थिंकिंग के लिए कई अलग-अलग परिभाषाएं मौजूद हैं, जो आम तौर पर तर्कसंगत, संदेहपूर्ण, निष्पक्ष विश्लेषण या तथ्यात्मक साक्ष्य के मूल्यांकन से ही सम्बन्धित हैं। क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स क्यों जरूरी है? अब प्रश्न यह उठता है कि क्रिटिकल थिंकिंग क्यों महत्वपूर्ण है? यहां कुछ कारण दिए गए हैं, जो यह बतलाते हैं कि ये स्किल्स क्यों महत्वपूर्ण है- क्रिटिकल थिंकिंग सार्वभौमिक है आप चाहे कोई भी रास्ता या पेशा अपनाएं, य...

संवाद

• العربية • Asturianu • Azərbaycanca • Boarisch • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • Català • Нохчийн • Čeština • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Suomi • Français • Frysk • Galego • עברית • हिन्दी • Hrvatski • Kreyòl ayisyen • Հայերեն • Bahasa Indonesia • Italiano • 日本語 • ქართული • Қазақша • 한국어 • Кыргызча • Latina • Lietuvių • Latviešu • Bahasa Melayu • Nederlands • Norsk nynorsk • Norsk bokmål • Occitan • ਪੰਜਾਬੀ • Polski • Português • Română • Русский • Sicilianu • سنڌي • Srpskohrvatski / српскохрватски • Simple English • Shqip • Српски / srpski • Sunda • Svenska • Kiswahili • தமிழ் • Тоҷикӣ • Türkçe • Українська • اردو • Oʻzbekcha / ўзбекча • Tiếng Việt • Walon • 吴语 • მარგალური • 中文 • Bân-lâm-gú • 粵語 या लेखातील हा साचा संवाद म्हणजे आदान - प्रदान, देवाण - घेवाण, संप्रेषण, संज्ञापन इत्यादी. थोडक्यात संवाद म्हणजे आपल्या मतांचा केलेला आदान - प्रदान किंवा देवाण - घेवाण होय. "एका व्यक्तीद्वारे इतर व्यक्तीकडे अथवा व्यक्ती समूहा कडे चिन्हाद्वारे माहितीचे प्रेषण किंवा प्रक्षेपण होय." "संदेशा द्वारे चालणारी आंतरक्रिया म्हणजे संवाद". संवाद ही संस्कृतीशी संबधित प्रक्रिया आहे. याचाच अर्थ ज्या व्यक्तीला संवाद साधायचा आहे. तिची आणि ज्या व्यक्तीशी संवाद साधायचा आहे या दोघांचीही संस्कृतिक पार्श्वभूमी एकच असल्यास संवाद अधिक प्रभावी होतो. ज्यावेळी विविध प्रसार माध्यमांचा वापर करून संवाद केला जातो व तो संदेश खूप लोकापर्यंत पोहोचविला जातो त्यास जनसंज्ञापन म्हणतात.मानवी जीवनामध्ये संवादाला खूप महत्त्वाचे स्थान आहे. संवादाला मानव...

‘भाजपमुक्त महाराष्ट्र’ करण्याचा काँग्रेसचा निर्धार, वरिष्ठ नेत्यांच्या बैठकीत निवडणूक रणनीतीवर चर्चा

मुंबई : राज्यात महाविकास आघाडी मजबूत करण्याबरोबरच आगामी लोकसभा निवडणुकीत भाजपमुक्त महाराष्ट्र करण्याचा निर्धार काँग्रेसच्या वरिष्ठ नेत्यांच्या बैठकीत करण्यात आला. बैठकीत लोकसभा मतदारसंघनिहाय राजकीय परिस्थितीचा आढावा घेऊन निवडणूक रणनीतीवरही चर्चा करण्यात आल्याची माहिती राज्याचे प्रभारी एच.के. पाटील यांनी पत्रकार परिषदेत दिली. राज्यातील सध्याची परिस्थिती व आगामी लोकसभा निवडणुकांबाबत चर्चा करण्यासाठी प्रभारी एच.के. पाटील यांच्या अध्यक्षतेखाली मंगळवारी चर्चगेट येथील गरवारे क्लब येथे पक्षाच्या गाभा समितीची बैठक झाली. बैठकीत लोकसभा मतदार संघनिहाय आढावा घेण्यात आला. राज्यात पक्षसंघटना बळकट करुन जास्तीत जास्त कशा जिंकता येतील, यावरही चर्चा करण्यात आली. आगामी लोकसभा निवडणुकीत भाजपमुक्त महाराष्ट्र करण्याचा निर्धार बैठकीत करण्यात आल्याचे पाटील यांनी सांगितले. मसाबा गुप्ताशी घटस्फोटानंतर मधू मंटेनाने केलं दुसरं लग्न, पत्नीबरोबरचे फोटो पाहून नीना गुप्तांची कमेंट, म्हणाल्या… बैठकीनंतर प्रसारमाध्यमांशी बोलताना पाटील म्हणाले की, मोदी सरकारने मागील नऊ वर्षांत लोकशाहीचा गळा घोटला आहे. आगामी लोकसभा निवडणुकीत या सरकारचा परभाव करणे हे आता सावध पवित्रा मुंबई काँग्रेसनंतर प्रदेश काँग्रेसमध्येही बदल होणार का, असे विचारले असता प्रभारी पाटील यांनी त्यावर सावध पवित्रा घेत, थेट उत्तर देण्याचे टाळले. आपण आता कर्नाटक सरकारमध्ये मंत्री असल्याने महाराष्ट्राचा प्रभारी राहणार नसल्याने मी त्यावर काही बोलणे योग्य होणार नाही, नवे प्रभारी त्यावर भाष्य करतील, असे त्यांनी सांगितले. दोस्त दोस्त ना रहा. राज्यातील शिंदे-फडणवीस सरकारमध्ये मतभेद सुरु झाले आहेत. शिंदे यांनी सर्व वर्तमानपत्रात जाहीरात देऊन फडणवीस पेक्ष...