डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन इन हिंदी

  1. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय (हिंदी में) 7 बाते
  2. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय, मृत्यु | Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi
  3. डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय
  4. सर्वपल्ली राधा कृष्णन
  5. Teacher's Day: 9 साल तक BHU के वीसी रहे सर्वपल्ली राधाकृष्णन, नहीं लिया था वेतन
  6. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है शिक्षक दिवस
  7. डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का हिंदी में जीवन परिचय
  8. सर्वपल्ली राधाकृष्णन


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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय (हिंदी में) 7 बाते

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन पर निबंध हिंदी में: आज हम भारत के भारत रत्न डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। जैसे की हम सब जानती है कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर इनका नाम भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। वह एक दर्शनशास्त्र का बहुत ज्ञानी थे। और उन्होंने भारतीय दर्शन शास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुआत की थी। और डॉ राधाकृष्णन जी एक प्रसिद्ध और महान शिक्षक भी हुए हैं। इसलिए हम उनकी याद में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाते हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बायोग्राफी से संबंधित कुछ मुख्य अतिथि जैसे उनका जन्म, परिवार, शिक्षा, दांपत्य जीवन, राजनीतिक जीवन, निधन, सम्मान और उपलब्धियां तथा उनके अनमोल विचार उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें जैसे मुख्य वह बातें आपको उपलब्ध करवाएंगे। • • • • • • • • • • • • • • डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi) डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे भारत देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति हुए हैं। व शिक्षा के लेखक होने के साथ-साथ उन्होंने अपने जीवन में जन कल्याण के लिए कई अधिक कार्य की है। इसलिए हम उनकी याद में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी जिसे आपको जानना जरूरी है, जिसकी जानकारी नीचे आपको उपलब्ध करवाई जा रही है जिससे आप पूरा पढ़िए। नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म 5 सितम्बर 1888 जन्म का स्थान तिरूतनी गाँव, तमिलनाडु माता-पिता सिताम्मा, सर्वपल्ली वीरास्वा...

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय, मृत्यु | Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi

आजाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Dr Sarvepalli Radhakrishnan) का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा गया है। वे दर्शनशास्त्र का भी बहुत ज्ञान रखते थे, उन्होंने भारतीय दर्शनशास्त्र में पश्चिमी सोच की शुरुवात की थी। राधाकृष्णन प्रसिध्य शिक्षक भी थे, यही वजह है, उनकी याद में हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। बीसवीं सदी के विद्वानों में उनका नाम सबसे उपर है। वे पश्चिमी सभ्यता से अलग, हिंदुत्व को जीवन परिचय बिंदु राधाकृष्णन जीवन परिचय पूरा नाम डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन धर्म हिन्दू जन्म 5 सितम्बर 1888 जन्म स्थान तिरुमनी गाँव, मद्रास माता-पिता सिताम्मा, सर्वपल्ली विरास्वामी विवाह सिवाकमु (1904) बच्चे 5 बेटी, 1 बेटा डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम सर्वपल्ली विरास्वामी था, वे गरीब जरुर थे किंतु विद्वान ब्राम्हण भी थे। इनके पिता के ऊपर पुरे परिवार की जिम्मदारी थी, इस कारण राधाकृष्णन को बचपन से ही ज्यादा सुख सुविधा नहीं मिली। राधाकृष्णन ने 16 साल की उम्र में अपनी दूर की चचेरी बहन सिवाकमु से शादी कर ली। जिनसे उन्हें 5 बेटी व 1 बेटा हुआ। इनके बेटे का नाम सर्वपल्ली गोपाल है, जो भारत के महान इतिहासकारक थे। राधाकृष्णन जी की पत्नी की मौत 1956 में हो गई थी। भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ी वीवी एस लक्ष्मण इन्हीं के खानदान से ताल्लुक रखते है। डॉ राधाकृष्णन का बचपन तिरुमनी गांव में ही व्यतीत हुआ। वहीं से इन्होंने अपनी शिक्षा की प्रारंभ की। आगे की शिक्षा के लिए इनके पिता जी ने क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरुपति मे...

डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय | Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography In Hindi: भारत के दूसरें राष्ट्रपतिडॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन जिनका जन्म दिन प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को हम शिक्षक के रूप में मनाते हैं. इन्होने एक शिक्षक के रूप में अपने जीवन की शुरुआत की और भारत के राष्ट्रपति तक का पद हासिल हैं. सादी जीवन शैली और उच्च विचारों के धनी डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन को हम आदर्श शिक्षक के रूप में याद करते हैं. इनकी जीवनी में जानते हैं किस तरह एक मेधावी छात्र ने अपने शिक्षक बनने का सपना पूरा किया और राष्ट्रपति के पद तक पहुचे. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय Dr Sarvepalli Radhakrishnan Biography In Hindi पूरा नाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म ५ सितम्बर १८८८ मृत्यु १७ अप्रैल १९७५ पत्नी शिवकामु संतान ५ पुत्रियाँ एवं १ पुत्र शिक्षा क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल नागरिकता भारतीय डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितम्बर 1888 कों मद्रास से 50 किमी दूरी पर स्थित तिरुतनी ग्राम के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. धार्मिक प्रवृति के परिवार में जन्म के कारण धार्मिक सिद्धांतो पर इनका गहरा प्रभाव पड़ा. माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा तिरुतनी और बैलोर कॉलेज से प्राप्त की. आगे की पढाई के लिए डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन मद्रास चले गये और यहाँ से इन्होने कला में ba और ma किया. मानववादी विचारों के समर्थक डॉक्टर कृष्णन कहते थे जो नए युग में लोग पक्षी के उड़ने और मछली के तैरने के सिद्धांतो के बारे में खोज कर रहे हैं, हमे एक मानव के मानव बनकर भूमि पर चलना सीखना हैं. मानव का मानव बने रहने में ही उनकी सच्ची विजय हैं. मानव का मानव बनना उनकी विजय और महामानव बनना चमत्कार हैं. धार्मिक प्रवर्ती के नेता डॉ ...

सर्वपल्ली राधा कृष्णन

डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (5 सितम्बर 1888 – 17 अप्रैल 1975): 1.भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति (1952 - 1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे। 2. वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। 3. सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था। 4. डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (5 सितम्बर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Teacher's Day: 9 साल तक BHU के वीसी रहे सर्वपल्ली राधाकृष्णन, नहीं लिया था वेतन

भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को देशभर में शिक्षक दिवस (Teacher\’s Day) के रूप में मनाया जाता है. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) का बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से भी गहरा नाता रहा है. बीएचयू (BHU) में महामना के आग्रह पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 9 वर्ष तक कुलपति का कार्यभार संभाला. इस दौरान डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने विश्वविद्यालय से वेतन नहीं लिया. इसके अलावा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से है जिन्हें कम ही लोग जानते हैं. बीएचयू के प्रोफेसर बाला लखेन्द्र ने बताया कि शुरुआती दौर में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन सप्ताह में दो दिनों के लिए ट्रेन से कोलकाता से वाराणसी आते थे और विश्वविद्यालय का काम काज निपटा कर वापस लौट जाते थे. इस दौरान वो विश्वविद्यालय से सिर्फ ट्रेन के टिकट के पैसे ही लेते थे. लगभग 9 सालों तक वो विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर तैनात थे.लेकिन इस पूरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय से वेतन तक नहीं लिया था. कैम्पस में प्रवेश से अंग्रेजों को रोका 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जब देश भर में विरोध का दौर जारी था. उसी वक्त काशी हिंदी विश्वविद्यालय में भी छात्र आंदोलन कर रहे थे. इस दौरान ब्रिटिश हुकूमत छात्रों के गिरफ्तारी के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश करना चाहा लेकिन बतौर कुलपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने उन्हें कैम्पस में प्रवेश से रोक दिया. बीएचयू में है कई स्मरण डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन से जुड़ी कई चीजें आज भी विश्वविद्यालय के भारत कला भवन और मालवीय भवन में धरोहर के रूप में रखी गई है. इसमें वो पत्र भी शामिल है जो महामना ने पहली बार डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को लिखा था,इसके अलावा मालवीय जी के सा...

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है शिक्षक दिवस

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography in Hindi – भारत देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में विख्यात डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) के नाम से शायद ही ऐसा कोई हो जो परिचित ना हो. वे एक दर्शनशास्त्री होने के साथ ही भारतीय संस्कृति के संवाहक भी थे और साथ ही हिन्दू विचारक के रूप में विख्यात थे. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan birthday as teacher’s day) के अवसर पर ही देश भर में शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है. राधाकृष्णन ने देश के राष्ट्रपति के रूप में साल 1962 से लेकर साल 1976 तक अपना योगदान दिया था. यही नहीं उन्होंने देश के कई कॉलेज में एक शिक्षक के रूप में भी काम किया था. साल 1954 में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) से सम्म्मानित किया गया था. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के बारे में जितनी बातें की जाएँ वे कम है. लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography) से लेकर उनके जीवन के हर पहलू पर नजर डालने वाले हैं. तो चलिए जानते है डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन को करीब से. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बायोग्राफी (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography) : 1. देश को शिक्षा का महत्व समझाने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan date of birth) 5 सितंबर 1988 को तमिलनाडु के एक गाँव तिरुतनी में हुआ था. उनका बचपन भी इन गांवों में ही धार्मिक जगहों पर व्यतीत हुआ. वे एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे एक तेजस्वी बालक थे. 2. उनके पिता का नाम सर्वेपल्...

डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का हिंदी में जीवन परिचय

भारत हमेशा से महान विभूतियों का देश रहा है। 20वीं सदी के भी अनेक महान व्यक्ति इस महान देश में जन्म लिए और अपने ज्ञान के प्रकाश से सारे विश्व को आलोकित किये। इन्हीं महान विभूतियों में एक थे विश्व के महान दार्शनिक, शिक्षक व शिक्षाविद डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन | डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक विशुद्ध भारतीय उपज थे जो कभी कुछ पढ़ने या सीखने के लिए विदेश नहीं गये। वह एक चमत्कारी व्यक्तित्व के पुरुष थे जिन्होंने दार्शनिक, शिक्षक, विद्वान एवं थे राजनयिक के रूप में विश्व को प्रभावित किया। डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 ई० को दक्षिण भारत के मद्रास शहर के नजदीक तिरुत्तन्नी नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था। डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने माता-पिता की दूसरी संतान थे। उनके पिता वीरस्वामी पुरोहित और शिक्षक का काम करते थे। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा तिरुत्तन्नी में ही हुई। ये 1900 ई० में मैट्रिक की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। इन्होंने बी.ए. और एम.ए. की डिग्री मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से प्राप्त की। एम.ए. इन्होंने दर्शनशास्त्र में किया। डॉ राधाकृष्णन जी का शिक्षा डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शैक्षणिक जीवन ईसाई मिशनरी शिक्षण संस्थाओं में हुआ। ईसाई हिन्दू धर्म की निरन्तर निंदा करते रहते थे। वे हिन्दू धर्म को घृणा की दृष्टि से देखते थे। यही कारण था कि डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने हिन्दू धर्म और उसके दर्शन शास्त्र पर अध्ययन करना शुरू किया। साथ ही स्वामी विवेकानन्द के भाषणों को सुनकर ये बहुत प्रभावित हुए। यही कारण था कि उन्होंने दर्शन शास्त्र में एम.ए. और अंग्रेजों को हिन्दू धर्म और दर्शन शास्त्र के मजाक का करारा जवाब दिया। अपने शोधात्मक लेख- “एथिक्स ऑफ वेदांत” में दिया। इसे पढ़कर मद्रास क्र...

सर्वपल्ली राधाकृष्णन

पूरा नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म जन्म भूमि तिरूतनी, मृत्यु मृत्यु स्थान मृत्यु कारण स्वास्थ्य ख़राब अभिभावक सर्वपल्ली वीरास्वामी, सीताम्मा पति/पत्नी सिवाकामू संतान पाँच पुत्र, एक पुत्री नागरिकता भारतीय पार्टी स्वतंत्र पद कार्य काल शिक्षा एम.ए. विद्यालय क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज पुरस्कार-उपाधि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan, जन्म: जन्म डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक ग़रीब किन्तु विद्वान विद्यार्थी जीवन डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का बाल्यकाल तिरूतनी एवं तिरूपति जैसे धार्मिक स्थलों पर ही व्यतीत हुआ। इन्होंने प्रथम आठ वर्ष तिरूतनी में ही गुजारे। यद्यपि इनके पिता पुराने विचारों के इंसान थे और उनमें धार्मिक भावनाएं भी थीं, इसके बावजूद उन्होंने राधाकृष्णन को क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरूपति में इन 12 वर्षों के अध्ययन काल में डॉक्टर राधाकृष्णन ने बाइबिल के महत्त्वपूर्ण अंश भी याद कर लिए। इसके लिए इन्हें विशिष्ट योग्यता का सम्मान प्रदान किया गया। इस उम्र में इन्होंने दाम्पत्य जीवन उस समय मद्रास के पत्नी का देहांत डॉक्टर राधाकृष्णन को बचपन से ही पुस्तकों से प्रेम था। इस कारण तभी स्पष्ट हो गया था कि यह बालक बड़ा होकर विद्वत्ता एवं महानता का वरण अवश्य करेगा। उनका स्वभाव संकोची था, अतः वह घर के सामाजिक समारोहों में उत्साह एवं उल्लास का अनुभव नहीं करते थे। यह इनके परिवार के गहरे संस्कारों का ही प्रभाव रहा कि जीवन भर शाकाहारी रहे। इन्होंने कभी भी धूम्रपान अथवा मद्यपान नहीं किया। परिवार में प्रथम पुत्री पैदा होने के बाद अगले पन्द्रह वर्षों में राधाकृष्णन दम्पति को छ...