डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के फोटो

  1. Ambedkar Jayanti 2023:बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के जीवन से जुड़े खास किस्से, हर किसी के लिए हैं प्रेरणा
  2. Ambedkar Jayanti 2023 Kab Hai Babasaheb Bhim Rao Ambedkar History Significance In Hindi
  3. Happy Ambedkar Jayanti 2023 Wishes Images Whatsapp Facebook Status Baba Saheb Ambedkar Quotes In Hindi
  4. डॉ0 भीमराव अंबेडकर के विचार एवं शिक्षा में योगदान
  5. भीमराव अंबेडकर के सामाजिक विचार
  6. डॉ. भीमराव आम्बेडकर जीवनी : Biography of Bhimrao Ramji Ambedkar
  7. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
  8. उत्तर प्रदेश में बदला गया बाबा साहेब का नाम, अब डॉक्टर भीमराव 'रामजी' अंबेडकर लिखा जाएगा
  9. ६०+डॉ बाबासाहेब आंबेडकर १३० जयंती विशेष,स्टेटस हिंदी/Dr Baba Saheb ambedkar wishes hindi(14th april 2022)


Download: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के फोटो
Size: 31.30 MB

Ambedkar Jayanti 2023:बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के जीवन से जुड़े खास किस्से, हर किसी के लिए हैं प्रेरणा

Ambedkar Jayanti 2023: आज सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत और समतामूलक समाज के निर्माणकर्ता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती है। डॉ भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता के तौर पर जाना जाता है। उनका जन्म 14 अप्रैल को हुआ था। बाबा साहेब की जयंती को पूरे देश में लोग उत्साह से मनाते हैं। भारत रत्न अम्बेडकर पूरा जीवन संघर्ष करते रहे । भेदभाव का सामना करते हुए उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। आजादी की लडाई में शामिल हुए और स्वतन्त्र भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने के लिए संविधान निर्माण में अतुल्य भूमिका निभाई। बाबा साहेब ने पिछड़े और कमजोर वर्ग के अधिकारों के लिए पूरा जीवन संघर्ष किया। भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्से हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा भी हैं। बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जानें उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें। अम्बेडकर की शिक्षा उन दिनों छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त थीं, इस कारण उन्हें शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन बाबा साहेब बचपन से ही बुद्धिमान और पढ़ाई में अच्छे थे, इसलिए उन्होंने जात-पात की जंजीरों को तोड़ अपनी शिक्षा पूरी की। मुंबई के एल्फिंस्टन रोड पर स्थित सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले वह पहले अछूत छात्र थे। बाद में 1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से शिक्षा ली । 1916 में बाबा साहेब को शोध के लिए सम्मानित किया गया था। अंबेडकर का करियर लंदन में पढ़ाई के दौरान जब उनकी स्कॉलरशिप खत्म हो गई तो वह स्वदेश वापस आ गए और मुंबई के कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर नौकरी करना शुरू कर दिया। हालांकि उन्हें यहां पर भी जात पात और समानता का सामना करना पड़ा। इसी कारण अंबेडकर दलित समुदाय को समान अ...

Ambedkar Jayanti 2023 Kab Hai Babasaheb Bhim Rao Ambedkar History Significance In Hindi

Ambedkar Jayanti 2023 Date: संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है. डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है. बाबा साहेब निचले तबके से तालुक रखते थे. बचपन से ही समाजिक भेदभाव का शिकार हुए. यही वजह थी कि समाज सुधारक बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया. महिलाओं को सशक्त बनाया. इस साल बाबा भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जाएगी.आइए जानते हैं बाबा भीमराव अंबेडकर के बारे में रोचक बातें, इतिहास. डॉ. भीमराव अंबेडकर का इतिहास (Baba Bhim Rao Ambedkar History) 14 अप्रैल 1981 को मध्यप्रदेश के महू में रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई ने अपनी सबसे छोटी संतान को जन्म दिया, जिसका नाम था भिवा रामजी अंबेडकर. बाबासाहेब के नाम से पहचाने जाने वाले आंबेडकर अपने 14 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. डॉ. अंबेडकर अछूत माने जानी वाली जाती महार के थे. ऐसे में वह बचपन से उन्हें भेदभाव और समाजिक दुराव से गुजरना पड़ा. बाबा साहेब अंबेडकर की उपलब्धि (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar Facts) बालपन से ही बाबासाहेब मेधावी छात्र थे. स्कूल में पढ़ाई में काबिल होने के बावजूद उनसे अछूत की तरह व्यवहार किया जाता था. उस दौर में छुआछूत जैसी समस्याएं व्याप्त होने के कारण उनकी शुरुआती शिक्षा में काफी परेशानी आई, लेकिन उन्होंने जात पात की जंजीरों को तोड़ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और स्कूली शिक्षा पूरी की. 1913 में अंबेडकर ने अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से लॉ, इकोनॉमिक्स और पॉलिटिकल साइंस में डिग्री प्राप्त की. उन्होंने भा...

Happy Ambedkar Jayanti 2023 Wishes Images Whatsapp Facebook Status Baba Saheb Ambedkar Quotes In Hindi

Happy Ambedkar Jayanti 2023 Wishes: अंबेडकर जयंती पर बाबा साहेब के प्रेरणादायक संदेश अपनों को भेजकर दें शुभकामनाएं Happy Ambedkar Jayanti 2023 Wishes: 14 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस पर उनके मोटिवेशनल कोट्स अपनों को भेजकर इस दिन की शुभकामनाएं दें. Happy Ambedkar Jayanti 2023 Wishes: 14 अप्रैल को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी. संविधान के निर्माता को दुनिया बाबा साहेब डॉ. बी. आर. अंबेडकर के नाम से जानती है. 1891 में इसी दिन मध्यप्रदेश के महू में बाबा साहेब का जन्म हुआ था. निचली जाति से तालुक रखने वाले अंबेडकर जी को जन्म के बाद से ही सामाजिक तौर पर जातिगत भेदभाव सेहना पड़ा. दलितों, कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए बाबा साहेब न बहुत संघर्ष किया. बचपन से मेधावी छात्र रहे बाबा साहेब अंबेडकर न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में पहचाने जाने लगे. जाति व्यवस्था का दंश झेल चुके बाबा साहेब अंबेडकर ने समाज में हर तबके को समानता दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. वह भारत देश के पहले कानून मंत्री बनाए गए. भारत रत्न से सम्मानित बाबा साहेब अंबेडकर के अनमोल विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं. अंबेडकर जयंती को समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस पर उनके मोटिवेशनल कोट्स अपनों को भेजकर इस दिन की शुभकामनाएं दें. सफलता कभी भी पक्की नहीं होती है, असफलता भी कभी अंतिम नहीं होती है अपनी कोशिश को तब तक जारी रखो जब तक आपकी जीत इतिहास ना बन जाए अगर आप में गलत को गलत कहने की क्षमता नही है तो आपकी प्रतिभा व्यर्थ है. शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो मंदिर जाने वाले लोगों की...

डॉ0 भीमराव अंबेडकर के विचार एवं शिक्षा में योगदान

अंबेडकर का जन्म मध्य भारत के एक छोटे से शहर मऊ में एक अछूत परिवार में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उनके परिवार का सैन्य-सेवा से संबंध था। वे महार जाति के सदस्य थे। अंबेडकर के दादा मलोजी सैन्य सेवा में थे और अंबेडकर के पिता रामजी मऊ सैनिक स्कूल के प्रभारी सुबेदार-मेजर थे। रामजी और उनकी पत्नी भीमाबाई की चौदह संतान हुई। उनमें से सात की मृत्यु शैशवावस्था में ही हो गई। यह उस समय के लिए आम बात थी। भीम चौदहवां बालक था जिन्हें भीवा भी पुकारा जाता था। जब वे दसवीं में थे तो उनका विवाह रमाबाई से कर दिया गया। उस समय रमाबाई की उम्र नौ-दस साल की थी। अंबेडकर अछूत समाज के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने मैट्रिक परीक्षा पास की और इस अवसर पर समारोह का आयोजन किया गया। केलुस्कर की सिफारिश पर बड़ौदा नरेश महाराज सयाजीराव गायकवाड़ ने आगे की शिक्षा के लिए 20 रुपये प्रति माह की छात्रवृति देना स्वीकार किया। 1912 में एल्फिंस्टन कालेज से बी.ए. की परीक्षा पास की। डाॅ. अम्बेडकर एक प्रसिद्ध भारतीय विधिवेत्ता थे। उन्होंने अपना जीवन भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के विरूद्ध संघर्ष में बिता दिया। उन्हें भारतीय संविधान का जनक भी माना जाता है। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बने। डाॅ. बी.आर. अम्बेडकर का भारत के सर्वोच्य नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। डॉ0 भीमराव अंबेडकर के धार्मिक विचार अंबेडकर का यह मानना था कि धर्म प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। बहुत से लोग जो मार्क्सवाद से प्रभावित होकर, धर्म को अफीम समझते हैं तथा धर्म त्यागने योग्य मानते हैं, लोगों की ऐसी सोच उचित नहीं है। अंबेडकर कॉर्ल मार्क्स तथा अन्य मार्क्सवादी चिन्तकों से इस बात पर बिलकुल सहमत नहीं हुए कि धर्म का मानव जी...

भीमराव अंबेडकर के सामाजिक विचार

प्रश्न; डाॅ. भीमराव अम्बेडकर 'राजनीतिक विचारक की अपेक्षा एक समाज सुधारक अधिक थे।' इस कथन की विवेचना कीजिए। अथवा" डाॅ. अंबेडकर दलित वर्ग के मसीहा के रूप में जाने जाते हैं। समझाइए। अथवा" डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की आदर्श समाज की अवधारण की विवेचना कीजिए। अथवा" डाॅक्टर भीमराव अम्बेडकर के सामाजिक विचार लिखिए। उत्तर-- डाॅ. भीमराव अंबेडकर के सामाजिक विचार bhim rao ambedkar ke samajik vichar;डॉ. भीमराव अम्बेडकर मूलतः एक समाज सुधारक अथवा समाजिक चिंतक थे। वह हिन्दु समाज द्वारा स्थापित समाजिक व्यवस्था से काफी असंतुष्ट थे और उन में सुधार की मांग करते थे ताकि सर्व धर्म सम्भाव पर आधारित समाज की स्थापना की जा सके। अम्बेडकर ने अस्पृश्यता के उन्मूलन और अस्पृश्यों की भौतिक प्रगति के लिए अथक प्रयास किय । वे 1924 से जीवन पर्यन्त अस्पृश्यों का आंदोलन चलाते रहे। उनका दृढ विश्वास था कि अस्पृश्यता के उन्मूलन के बिना देश की प्रगति नहीं हो सकती। अम्बेडकर का मानना था कि अस्पृश्यता का उन्मूलन जाति-व्यवस्था की समाप्ति के साथ जुड़ा हुआ है और जाति व्यवस्था धार्मिक अवधारणा से संबद्ध है। समाजिक सुधारों को प्रमुखता समाज सुधार हमेशा डॉ. अम्बेडकर की प्रथम वरीयता रही। उनका विश्वास था कि आर्थिक और राजनीतिक मामले समाजिक न्याय के लक्ष्य की प्राप्ति के बाद निपटाये जाने चाहिए। अम्बेडकर का विचार था कि अर्थिक विकास सभी समाजिक समस्याओं का समाधान कर देगा। जातिवादी हिंदुओं की मानसिक दासता की अभिव्यक्ति है। इस प्रकार जातिवाद के पिशाच/बुराई के निवारण के बिना कोई वास्तविक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता। हमारे समाज में क्रांतिकारी बदलाव के लिए समाजिक सुधार पूर्व शर्त है समाजिक सुधारों में परिवार व्यवस्था में सुधार और धार्मिक सुधार...

डॉ. भीमराव आम्बेडकर जीवनी : Biography of Bhimrao Ramji Ambedkar

डॉ भीमराव अम्बेडकर जीवन परिचय - डॉ भीमराव अम्बेडकर को बाबासाहेब नाम से भी जाना जाता है. अम्बेडकर जी उनमें से एक है, जिन्होंने भारत के संबिधान को बनाने में अपना योगदान दिया था. अम्बेडकर जी एक जाने माने राजनेता व प्रख्यात विधिवेत्ता थे. इन्होंने देश में से छुआ छूत, जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आन्दोलन किये. इन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों को दे दिया, दलित व पिछड़ी जाति के हक के लिए इन्होंने कड़ी मेहनत की. आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरूके कैबिनेट में पहली बार अम्बेडकर जी को लॉ मिनिस्टर बनाया गया था. अपने अच्छे काम व देश के लिए बहुत कुछ करने के लिए अम्बेडकर जी को 1990 में देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. डॉ भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय पूरा नाम जन्म 14 अप्रैल 1891 जन्म स्थान महू, इंदौर मध्यप्रदेश माता-पिता भिमबाई मुर्बद्कर, रामजी मालोजी सकपाल विवाह रमाबाई (1906) आरंभिक जीवन – अम्बेडकर जी अपने माँ बाप की स्कूल की पढाई पूरी क रने के बाद अम्बेडकर जी को आगे की पढाई के लिए बॉम्बे के एल्फिनस्टोन कॉलेज जाने का मौका मिला, पढाई में वे बहुत अच्छे व तेज दिमाग के थे, उन्होंने सारे एग्जाम अच्छे से पास करे थे, इसलिए उन्हें बरोदा के गायकवाड के राजा सहयाजी से 25 रूपए की स्कॉलरशिप हर महीने मिलने लगी. उन्होंने राजनीती विज्ञान व अर्थशास्त्र में 1912 में ग्रेजुएशन पूरा किया. उन्होंने अपने स्कॉलरशिप के पैसे को आगे की पढाई में लगाने की सोची और आगे की पढाई के लिए अमेरिका चले गए. अमेरिका से लौटने के बाद बरोदा के राजा ने उन्हें अपने राज्य में रक्षा मंत्री बना दिया. परन्तु यहाँ भी छुआछूत की बीमारी ने उनका पीछा नहीं छोड़ा, इतने बड़े पद में होते हुए भी उन्हें कई बार निरादर का सामना करना...

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर

भारत को संविधान देने वाला महान नेता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था। जो पेशे से सैनिक स्कूल के प्रधानाध्यापक थे। उनके माता का नाम भीमाबाई थी। उनके 5 साल पूरा होने के बाद उनकी माता का मौत हो गई। उनका देखभाल उनके चाची की। वह अपने माता पिता के चौदहवीं संतान थे। वह जन्मजात प्रतिभा संपन्न थे। 1894 में भीमराव अंबेडकर जी के पिता सेवा निर्मित हो गए। बच्चों की देखभाल उनके चाची ने कठिन परिस्थितियों में रहते हुए की। रामजी मालोजी के केवल तीन बेटे बलराम आनंद राव और भीमराव एवं दो बेटियां मंजुला और तुलासा हि इन कठिन परिस्थितियों में जीवित बच पाए। इनका जन्म महार जाति में हुआ था। जिसे लोग अछूत और बेहद निचले वर्ग मानते थे। बचपन में भीमराव के परिवार के साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था। भीमराव अंबेडकर के बचपन का नाम रामजी सकपाल था। अंबेडकर के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सेना में कार्य करते थे और उनके पिता के पास मराठी गणित इंग्लिश का अच्छा ज्ञान था। उनके पिता हमेशा ही अपने बच्चे की शिक्षा पर जोर देते थे।अपने भाइयों और बहनों में केवल अंबेडकर ही स्कूल की परीक्षा में सफल हुए और इसके बाद आगे बढ़ने में सफल हुए। अपने एक देशस्त ब्राह्मण शिक्षक महादेव के कहने पर अंबेडकर ने अपने नाम से सतपाल हटाकर अंबेडकर जोड़ लिया जो उनके गांव के नाम पर आधारित था। भीमराव संस्कृत पढ़ना चाहते थे। लेकिन अछूत होने के कारण है संस्कृत पढ़ने का अधिकारी नहीं समझा गया। प्रारंभिक शिक्षा में बहुत अधिक अपमानित होना पड़ा। शिक्षक उनके किताब कॉपी नहीं सोते थे जिस स्थान पर अन्...

उत्तर प्रदेश में बदला गया बाबा साहेब का नाम, अब डॉक्टर भीमराव 'रामजी' अंबेडकर लिखा जाएगा

Yogi Adityanath का बड़ा फैसला, बाबा साहेब का नाम होगा Bhimrao Ramji Ambedkar । वनइंडिया हिंदी लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला लिया है कि वह तमाम राजकीय अभिलेखों में संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ राम जी को भी जोड़ेगी। योगी सरकार ने बुधवार को सभी विभागों को और इलाहाबाद की सभी कोर्ट की बेंचों को आदेश दिया है कि वह अपने अभिलेखों में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जगह डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर का इस्तेमाल करें। राज्यपाल ने शुरू की थी मुहिम योगी सरकार के इस फैसले की अहम वजह है कि संविधान के पन्ने में बाबा साहब का नाम डॉक्टर भीमराव रामजी अंबेडकर के नाम से हस्ताक्षर। बाबा साहब डॉक्टर भीमराज अंबेडकर महासभा के निदेशक डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल ने बताया कि इस अभियान को 2017 में राज्यपाल राम नाईक ने शुरू किया था। राम नाईक ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और महासभा को पत्र लिखकर आंबेडकर के नाम का सही उच्चारण करने और सही तरह से लिखने के लिए ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराया था। उच्चारण गलत होता है लालजी प्रसाद ने बताया कि मुख्य बात यह है कि उनके नाम का सही उच्चारण होना चाहिए, अंग्रेजी में उनके नाम की स्पेलिंग सही है, लेकिन हिंदी में उनके नाम को अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखा जाना चाहिेए। रामजी उनके पिता का नाम था, लिहाजा पुरानी परंपरा के अनुसार पिता का नाम बेटे के नाम के मध्य में इस्तेमाल किया जाता है। लिहाजा अभी भी ऐसा करना चाहिए। जिसके बाद बुधवार को सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव जीतेंद्र कुमार ने यह शासनादेश जारी किया है।

६०+डॉ बाबासाहेब आंबेडकर १३० जयंती विशेष,स्टेटस हिंदी/Dr Baba Saheb ambedkar wishes hindi(14th april 2022)

Conclusion :- दोस्तो अगर आपको भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी से जुड़े बाबासाहेब आंबेडकर स्टेटस डाउनलोड,जय भीम स्टेटस हिंदी,भीमराव आंबेडकर स्टेटस,Baba Saheb status,बाबासाहेब आंबेडकर जयंती फोटो Hd,जय भीम कविता, हिंदी बाबासाहेब स्टेटस डाउनलोड. पसंद आये हो तो जरूर अपने दोस्तों, प्रियजनों, रिश्तेदारों संग शेयर करना न भूले.