ड्रैगन फ्रूट्स की खेती

  1. ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती
  2. ड्रैगन फ्रूट्स की व्यावसायिक खेती ने पूरे भारत में किसान समुदाय को आकर्षित किया, जानिए ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में
  3. ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती कैसे करें
  4. ड्रैगन फ्रूट की खेती का बिजनेस कैसे करे
  5. ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती से होगी लाखों की कमाई, जानिए बुवाई का तरीका
  6. Dragon fruit farming In Hindi
  7. ड्रैगन फ्रूट की खेती का बिजनेस कैसे करे
  8. ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती
  9. Dragon fruit farming In Hindi
  10. ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती कैसे करें


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ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती

ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती ड्रेगन फ्रूट थाइलैंड, वियतनाम, इज़रायल और श्रीलंका में लोकप्रिय है। बाजार में 200 रु से 250 रु तक दाम मिलने की वजह से हाल के दिनों में भारत में भी इसकी खेती का प्रचलन बढ़ा है। कम वर्षा वाले क्षेत्र इसकी खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। ड्रेगन फ्रूट के पौधे का उपयोग सजावटी पौधे के साथ साथ ड्रेगन फ्रूट उपजाने के लिए होता है। ड्रेगन फ्रूट को ताजे फल के तौर पर खा सकते हैं साथ ही इस फल से जैम, आइस क्रीम, जैली, जूस और वाइन भी बना सकते हैं। सौंदर्य प्रसाधन के तौर पर भी इसे फेस पैक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ड्रेगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु : इसके लिए 50 सेमी वार्षिक औसत की दर से बारिश की जरूरत होती है जबकि 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान इसके लिए उपयुक्त माना जाता है। बहुत ज्यादा सूर्य प्रकाश को इसकी खेती के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। सूरज की रौशनी जिन इलाके में ज्यादा हो उन इलाकों में बेहतर उपज के लिए छायादार जगह में इसकी खेती की जा सकती है। उपयुक्त मिट्टी : इस फल को रेतिली दोमट मिट्टी से लेकर दोमट मिट्टी तक नाना प्रकार के मिट्टियों में उपजाया जा सकता है। हालांकि बेहतर जिवाश्म और जल निकासी वाली बलुवाई मिट्टी इसकी उपज के लिए सबसे बेहतर है। ड्रेगन फ्रूट की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7 तक उपयुक्त माना जाता है। ड्रेगन फ्रूट के लिए खेत की तैयारी : खेत की अच्छी तरह से जुताई की जानी चाहिए ताकि मिट्टी में मौजुद सारे खरपतवार खत्म हो जाएं। जुताई के बाद कोई भी जैविक कंपोस्ट अनुपातनुसार मिट्टी में दिया जाना चाहिए। ड्रेगेन फ्रूट की खेती में बुआई की विधि ड्रेगेन फ्रूट की खेती में बुआई का सबसे सामान्य तरीका है काट कर लगाना वैसे बीज के ...

ड्रैगन फ्रूट्स की व्यावसायिक खेती ने पूरे भारत में किसान समुदाय को आकर्षित किया, जानिए ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में

1990 के दशक में ड्रैगन फ्रूट को भारत में घरेलू बगीचों में पेश किया गया था। इसकी लाभप्रदता और इस तथ्य के कारण कि इसे एक बार स्थापित होने के बाद कम इनपुट की आवश्यकता होती है, इसने किसानों के बीच व्यापक लोकप्रियता हासिल की। संयंत्र 20 से अधिक वर्षों तक उपज बनाए रखता है, न्यूट्रास्युटिकल गुणों में उच्च है और मूल्य वर्धित प्रसंस्करण उद्योगों के लिए अच्छा है।

ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती कैसे करें

ड्रैगन फ्रूट मध्य अमेरिका का मूल फल है. लेकिन वर्तमान में थाईलैंड, वियतनाम, इज़राइल और श्रीलंका में इसकी खेती अधिक मात्रा में की जा रही है. और अब भारत में भी इसकी खेती की जाने लगी है. ड्रैगन फ्रूट का खाने में इस्तेमाल किया जाता है. खाने के अलावा इसका इस्तेमाल व्यावसायिक तौर पर भी किया जाता है. ड्रैगन फ्रूट से जैम, आइसक्रीम, जेली, जूस और वाइन बनाई जाती है. ड्रैगन फ्रूट के खाने से मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता हैं. इसके फल में बीज किवी की तरह काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • ड्रैगन फ्रूट की खेती इसका पौधा नागफनी की तरह का होता है. लेकिन ये चौड़ाई ना लेते हुए लम्बाई में बढ़ता हैं. इसके पौधे को पानी की कम आवश्यकता होती है. इसकी खेती शुष्क वातावरण वाली जगहों पर की जाती है. इसकी खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान सामान्य होना चाहिए. इसके पौधे अधिक तापमान पर अच्छे से विकास करते है. अगर आप भी इसकी खेती कर अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं तो आज हम आपको इसकी खेती के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं. उपयुक्त मिट्टी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसी ख़ास तरह की मिट्टी की जरूरत नही होती. इसकी खेती उचित जल निकासी और अच्छी उर्वरक छमता वाली मिट्टी में की जा सकती है. इसकी खेती जलभराव वाली जमीन में नही की जा सकती. इसकी खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान 7 के आसपास होना चाहिए. भारत में इसे महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली के आसपास उगाया जा रहा है. जलवायु और तापमान ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त होती है. भारत में इसे शुष्क और आद्र जगहों पर उगाया जाता है. ड्रैगन फ्रूट के पौधे को बारिश की भी काफी कम जरू...

ड्रैगन फ्रूट की खेती का बिजनेस कैसे करे

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ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती से होगी लाखों की कमाई, जानिए बुवाई का तरीका

Rate this post ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती से होगी लाखों की कमाई, जानिए बुवाई का तरीका जानिए ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे की जाती है और इसके फायदे ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) एक ऐसा फल है जिसकी खेती सबसे पहले दक्षिण अमेरिका में की गई थी। इसके बाद कई देशों में इसकी खेती की जाती थी। भारत के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है। ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) को हिंदी में कमलम और Pitaya ( ड्रैगन फ्रूट की बेहतर खेती: एक बार करें निवेश, 25 साल तक मिलेगा मुनाफा इतना ही नहीं, इस फसल में केवल एक निवेश के बाद, यह पारंपरिक खेती की तुलना में लगभग 25 वर्षों तक आय उत्पन्न कर सकता है। इसलिए ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है। आज हम आपको ट्रैक्टर जंक्शन के जरिए ड्रैगन फ्रूट की खेती की जानकारी दे रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। ड्रैगन फ्रूट या कमलम क्या है / ड्रैगन फ्रूट के प्रकार ड्रैगन फ्रूट एक प्रकार की कैक्टस बेल है। ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम Hylocerus undus (हिलोसेरस अंडस) है। भारत में इसे कमलम के नाम से जाना जाता है। इसके फल गूदेदार और रसीले होते हैं। ड्रैगन फ्रूट (कमलम) दो प्रकार के होते हैं। एक सफेद मांस वाला और दूसरा लाल मांस वाला। इसके फूल बहुत सुगंधित होते हैं, जो केवल रात में खिलते हैं और सुबह गिर जाते हैं। एक पौधा 8 से 10 फल देता है। यह भी पढ़िए | भारत में ड्रैगन फ्रूट (कमल) की खेती कहाँ होती है वर्तमान में, ड्रैगन फ्रूट की ज्यादातर भारत में कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में खेती की जाती है। कुछ समय से उत्तर प...

Dragon fruit farming In Hindi

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ड्रैगन फ्रूट की खेती का बिजनेस कैसे करे

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ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती

ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती ड्रेगन फ्रूट थाइलैंड, वियतनाम, इज़रायल और श्रीलंका में लोकप्रिय है। बाजार में 200 रु से 250 रु तक दाम मिलने की वजह से हाल के दिनों में भारत में भी इसकी खेती का प्रचलन बढ़ा है। कम वर्षा वाले क्षेत्र इसकी खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। ड्रेगन फ्रूट के पौधे का उपयोग सजावटी पौधे के साथ साथ ड्रेगन फ्रूट उपजाने के लिए होता है। ड्रेगन फ्रूट को ताजे फल के तौर पर खा सकते हैं साथ ही इस फल से जैम, आइस क्रीम, जैली, जूस और वाइन भी बना सकते हैं। सौंदर्य प्रसाधन के तौर पर भी इसे फेस पैक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ड्रेगन फ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु : इसके लिए 50 सेमी वार्षिक औसत की दर से बारिश की जरूरत होती है जबकि 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान इसके लिए उपयुक्त माना जाता है। बहुत ज्यादा सूर्य प्रकाश को इसकी खेती के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। सूरज की रौशनी जिन इलाके में ज्यादा हो उन इलाकों में बेहतर उपज के लिए छायादार जगह में इसकी खेती की जा सकती है। उपयुक्त मिट्टी : इस फल को रेतिली दोमट मिट्टी से लेकर दोमट मिट्टी तक नाना प्रकार के मिट्टियों में उपजाया जा सकता है। हालांकि बेहतर जिवाश्म और जल निकासी वाली बलुवाई मिट्टी इसकी उपज के लिए सबसे बेहतर है। ड्रेगन फ्रूट की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7 तक उपयुक्त माना जाता है। ड्रेगन फ्रूट के लिए खेत की तैयारी : खेत की अच्छी तरह से जुताई की जानी चाहिए ताकि मिट्टी में मौजुद सारे खरपतवार खत्म हो जाएं। जुताई के बाद कोई भी जैविक कंपोस्ट अनुपातनुसार मिट्टी में दिया जाना चाहिए। ड्रेगेन फ्रूट की खेती में बुआई की विधि ड्रेगेन फ्रूट की खेती में बुआई का सबसे सामान्य तरीका है काट कर लगाना वैसे बीज के ...

Dragon fruit farming In Hindi

Basic Info ड्रैगन फ्रूट (कमलम) थाइलैंड, वियतनाम, इजरायल और श्रीलंका में लोकप्रिय हैं। यह विदेशी फल ना ही सिर्फ किसानों की आमदनी को दोगुना करती है, बल्कि इसमें कई पोषक गुण भी हैं। आकर्षक दिखने के कारण इस फल की बाजार में काफी मांग हैं। भारत में इसकी खेती हाल ही में प्रचलित हुई है। इस फल का नाम ड्रेगन फ्रूट से बदल के गुजरात सरकार ने कमलम कर दिया है। कई शहरी उपभोक्ता, जो मधुमेह, कार्डियो-वैस्कुलर और अन्य तनाव संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं और प्राकृतिक उपचार को प्राथमिकता देते हैं ड्रैगन फ्रूट उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है। ड्रैगन फ्रूट के स्वाथ्य लाभ • ड्रैगन फ्रूट कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है। • शुगर डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद है। • ड्रैगन फ्रूट फाइबर युक्त होता है, जो आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्व की कमियों को पूरा करता है। • इसके सेवन से कार्डियोवैस्कुलर रोग (सी.वी.डी) होने का खतरा काम हो जाता है। • हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोगों से बचाव करता है। • ड्रैगन फ्रूट में एंटीअक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। • पोटैशियम और विटामिन सी ड्रैगन फ्रूट में प्रचुर मात्रा में होते हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का तरीका पिछले दो से तीन दशक में जलवायु में काफी बदलाव आया है। इससे वर्षा की अनियमितता और फसल खराब होने की संभावना भी बढ़ गई है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए, कई किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर रुख किया है। क्योंकि यह सूखे की स्थिति में या खराब मिट्टी में भी हो सकता है। ड्रैगन फ्रूट में हीलिंग के अच्छे गुण होते हैं। ड्रैगन फ्री के पौधे बाजार में 60 रु. से लेकर 200 रु. तक मिलते हैं। कीमत इस पर निर्भर करती है कि पौधा कितना पुराना है। 3 साल प...

ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती कैसे करें

ड्रैगन फ्रूट मध्य अमेरिका का मूल फल है. लेकिन वर्तमान में थाईलैंड, वियतनाम, इज़राइल और श्रीलंका में इसकी खेती अधिक मात्रा में की जा रही है. और अब भारत में भी इसकी खेती की जाने लगी है. ड्रैगन फ्रूट का खाने में इस्तेमाल किया जाता है. खाने के अलावा इसका इस्तेमाल व्यावसायिक तौर पर भी किया जाता है. ड्रैगन फ्रूट से जैम, आइसक्रीम, जेली, जूस और वाइन बनाई जाती है. ड्रैगन फ्रूट के खाने से मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता हैं. इसके फल में बीज किवी की तरह काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • ड्रैगन फ्रूट की खेती इसका पौधा नागफनी की तरह का होता है. लेकिन ये चौड़ाई ना लेते हुए लम्बाई में बढ़ता हैं. इसके पौधे को पानी की कम आवश्यकता होती है. इसकी खेती शुष्क वातावरण वाली जगहों पर की जाती है. इसकी खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान सामान्य होना चाहिए. इसके पौधे अधिक तापमान पर अच्छे से विकास करते है. अगर आप भी इसकी खेती कर अच्छा लाभ कमाना चाहते हैं तो आज हम आपको इसकी खेती के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं. उपयुक्त मिट्टी ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए किसी ख़ास तरह की मिट्टी की जरूरत नही होती. इसकी खेती उचित जल निकासी और अच्छी उर्वरक छमता वाली मिट्टी में की जा सकती है. इसकी खेती जलभराव वाली जमीन में नही की जा सकती. इसकी खेती के लिए जमीन का पी.एच. मान 7 के आसपास होना चाहिए. भारत में इसे महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली के आसपास उगाया जा रहा है. जलवायु और तापमान ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु उपयुक्त होती है. भारत में इसे शुष्क और आद्र जगहों पर उगाया जाता है. ड्रैगन फ्रूट के पौधे को बारिश की भी काफी कम जरू...