Dharti mata ki kahani

  1. धरती माता की कहानी
  2. Dharam
  3. Dharti Mata Ki Kahani (धरती माता की कहानी)
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धरती माता की कहानी

धरती माता के व्रत व पूजन का विशेष महत्व शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है। धरती माता का व्रत और पूजन करते समय धरती माता की कहानी सुनी जाती है। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से धरती माता की पूजा करता है तो उसे पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है धरती माता की कहानी सुनने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। धरती माता की कहानी|dharti mata ki kahani. धरती माता की कहानी। धरती माता की कथा। धरती माता की कहानी –प्राचीन समय की बात है एक गांव में एक मां और उसका बेटा-बेटी रहा करते थे। माँ गरीब थी, वह मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरती थी। धीरे-धीरे दिन गुजरते गये और बच्चे बड़े होने लगे। बेटी शादी के योग्य हो गई तब मां बूढ़ी हो गई। मां ने अपने बेटे से कहा कि बेटा तेरी बहन शादी के योग्य हो गई है इसलिए तेरे जैसा घर वर देखकर उसकी शादी करना। ऐसा बोलकर मां तो कुछ दिनों बाद मर गई। उसका भाई गांव गांव में घुमा लेकिन बहन के योग्य पति नहीं मिला। वह घूम घूम कर थक गया और एक दिन सोचने लगा कि मेरे जैसा तो इस दुनिया कोई नही है, इसलिए मैं ही इससे शादी कर लेता हूं। ऐसा सोचकर वह चुनरी और शादी के लिए सब सामान ले आया, तब उसकी बहन ने पूछा कि भाई, तुम यह सब सामान क्यों लेकर आए हो। तब उसके भाई ने कहा कि बहन यह सब सामान तुम्हारी शादी के लिए लेकर आया हूं। गांव वालों ने बहन से कहा कि तुम्हारा भाई ही तुमसे शादी करने वाला है, तब बहन ने जाकर अपने भाई से पूछा कि भाई मेरी शादी किससे कर रहे हो। इस पर भाई ने कोई जवाब नहीं दिया, तब बहन समझ गई। उसने एक लोटे में जल लिया, चुनरी ली और चप्पल पहनकर जंगल की तरफ चली गई। जंगल में गाय चराने वाले ग्वालो ने उससे पूछा कि कहां जा रही हो तो वह कुछ नहीं बोली। वन में जाकर वह धरती माता को पुक...

Dharam

2023 saal के Festival और व्रत - जनवरी 2023 का त्यौहार कैलेंडर, जानें कब हैं कौन-कौन से व्रत, पर्व व त्यौहार? जैसे की अब साल 2022 ख़तम होने वाला है और नए साल का आगाज होने वाला है और नए साल में आप को नए व्रत और त्यौहार आएंगे उन सब की जानकारी हम आप को देंगे जो अग्रजी महीने से जनवरी 2023 से लेकर दिसम्बर 2023 तक की सभी जानकर हम आप को देंगे 2023 saal के Festival और व्रत 1 मार्च महाशिवरात्रि 18 मार्च होली 2 अप्रैल चैत्र नवरात्रि 10 अप्रैल राम नवमी 3 मई अक्षय तृतीया 2 अगस्त नाग पंचमी 11 अगस्त रक्षा बंधन 19 अगस्त जन्माष्टमी 31 अगस्त गणेश चतुर्थी 26 सितंबर शरद नवरात्रि 5 अक्टूबर दशहरा 13 अक्टूबर करवा चौथ 23 अक्टूबर धनतेरस 24 अक्टूबर दिवाली 30 अक्टूबर छठ पूजा जनवरी में कौन कौन से त्योहार आते हैं 2023? 2023 जनवरी के त्‍यौहार पौष पुत्रदा एकादशी - 2 जनवरी, सोमवार ... पौष पूर्णिमा - 6 जनवरी, सोमवार ... मकर संक्रांति- 15 जनवरी, रविवार ... षटतिला एकादशी- 18 जनवरी, बुधवार ... माघ अमावस्या- 21 जनवरी, शनिवार ... बसंत पंचमी- 26 जनवरी, गुरुवार ... जया एकादशी- 1 फरवरी 2023, बुधवार ... माघ पूर्णिमा- 5 फरवरी 2023, रविवार

Dharti Mata Ki Kahani (धरती माता की कहानी)

Dharti Mata Ki Kahani (धरती माता की कहानी) धरती माता की उत्पत्ति की कहानी – धरती माता की उत्पत्ति की कहानी में कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने उन्हें अपनी गोद में लिया था। धरती माता भगवान विष्णु के चारों तरफ चारों दिशाओं के साथ बनाई गई थीं। यहां उन्हें पांच महाभूतों द्वारा आवृत था, जो थे आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी। भगवान विष्णु ने उन्हें अपनी गोद से जाना जाता है और उन्हें धरती माता का अवतार दिया गया। धरती माता की गीत के बोल हैं: dharti mata ki kahani lyrics देवी धरती माँ की जय, धरती माँ की जय। जगत जननी जगत तारिणी धरती माँ की जय।। सागर तल में लक्ष्मी नाम हैं, उसमें तुम्हारा वास हैं। भूमि उपर हैं नाम तेरा, मैंने यह समझा हैं वह तेरा। भूमि तू ही जीवन हैं मेरा, तू ही जन्म दाता हैं मेरा। तेरे चरणों में आधार हैं मेरा, मैंने यह समझा हैं वह तेरा। जब जब धरती तुम्हें अपनाती हैं, तब तब लोगों को सताती हैं। दुःख दर्द से सबको बचाती हैं, मैंने यह समझा हैं वह तेरा। तू ही उन्नति हैं, तू ही विकास हैं, तेरे बिना दुनिया हैं अधम असाध्य। धरती माँ तेरा नाम सदा लेती हैं, मैंने यह समझा हैं वह तेरा। dharti mata ki kahani in hindi कथा- एक समय की बात है एक गांव में एक मां और उसका बेटा-बेटी रहा करते थे। माँ गरीब थी, वह मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरती थी। धीरे-धीरे दिन गुजरते गये और बच्चे बड़े होने लगे। बेटी शादी के योग्य हो गई तब मां बूढ़ी हो गई। मां ने अपने बेटे से कहा कि बेटा तेरी बहन शादी के योग्य हो गई है इसलिए तेरे जैसा घर वर देखकर उसकी शादी करना। ।’ ऐसा कहकर माँ तो कुछ दिनों में मर गई । भाई गाँव-गाँव घूमा लेकिन बहन के योग्य कोई वर नहीं मिला । वह घूम-घूम कर थक गया। बैठे-बैठे उसने सोचा कि, ...

Old Lyrics

Dharti meri mata pita aasman Dharti meri mata pita aasman Mujhko to apna sa lage sara jahan Dharti meri mata pita aasman Unche unche parwato ki badlo se hode Unche unche parwato ki badlo se hode Nadiya bahe re sare bandhano ko tod Phulo ki hasi me basi hai meri jan Mujhko to apna sa lage sara jahan Dharti meri mata pita aasman Yu to meri ankhiyo ne dekhe kayi rang Yu to meri ankhiyo ne dekhe kayi rang Man ko na bandha maine kisi ke bhi sang Jal ke upar tairu mai hans ke saman Mujhko to apna sa lage sara jahan Dharti meri mata pita aasman Mujhko to apna sa lage sara jahan Dharti meri mata pita aasman.