धनतेरस कौन सी तारीख को है

  1. Dhanteras 2021: क्यों झाड़ू खरीदना शुभ है, क्या होता है इससे, शास्त्रों में क्या कहा गया है? जरूर समझिए ये बात
  2. 2022 में धनतेरस कब है New Delhi, India में
  3. धनतेरस 2020 की तारीख मुहूर्त व पौराणिक मान्यता
  4. धनतेरस (धनत्रयोदशी) कब हैं ? कौन सी तारीख 22 या 23 अक्टूबर, खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ त्रिपुष्कर योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग कब ?
  5. Dhanteras Shopping Tips धनतेरस पर ये सामान खरीदने से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा ये चीजें होती हैं अशुभ
  6. Dhanteras 2022 Date 22 Or 23 October Dhanteras Puja Time Shopping Muhurat Dhantrayodashi
  7. 2021 में धनतेरस कब है New Delhi, India में


Download: धनतेरस कौन सी तारीख को है
Size: 48.4 MB

Dhanteras 2021: क्यों झाड़ू खरीदना शुभ है, क्या होता है इससे, शास्त्रों में क्या कहा गया है? जरूर समझिए ये बात

Dhanteras 2021: धनतेरस (Dhanteras) कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन कुछ नया खरीदने की परंपरा है. धनतेरस आज यानि 2 नवंबर, मंगलवार के दिन है. मान्यता है कि इस दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है, उसमें लाभ होता है. धन संपदा में इजाफा होता है. धनतेरस (Dhanteras) के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस का त्योहार देव वैद्य श्री धनवंतरि जी और लक्ष्मी जी के खजांची माने जाने वाले कुबेर को याद करने का दिन है. 'धनतेरस' को 'धनवंतरि त्रयोदशी' भी कहा जाता है. धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी के साथ धनवंतरि जी और कुबेर की भी पूजा की जानी चाहिए क्योंकि कुबेर जहां धन का जोड़-घटाव रखने वाले हैं. वहीं, धनवंतरि जी ब्रह्मांड के सबसे बड़े वैद्य हैं. कुबेर जी के बिना लक्ष्मी पूजनअधूरा पं. हृदय रंजन शर्माके मुताबिक, धनतेरस के दिन पूजा के लिए सबसे सही समय प्रदोष काल के दौरान होता है, जब स्थिर लग्न प्रचलित होती है. मान्यता है अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाए तो लक्ष्मी जी का वास घर में रहता है. धनतेरस पर कुबेर जी के बिना लक्ष्मी जी की पूजा अधूरी रहती है. धनवंतरी जी हिन्दू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक देवताओं के वैद्य हैं. उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन जिन चीजों की खरीदारी की जाती है वह तेरह गुना और बढ़ जाती है. इस दिन झाड़ू खरीदने की भी परंपरा है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है. - धनतेरस के दिन हर घर में एक नई झाड़ू जरूर खरीदना चाहिए. मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है. घर में झाड़ू के पैर लग जाए तो इसे भी अशुभ माानते हैं. -मान्यताओं के मुताबिक, झाड़ू को सुख-शांति बढ़ाने और दुष्ट शक्त...

2022 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2022 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...

धनतेरस 2020 की तारीख मुहूर्त व पौराणिक मान्यता

पौराणिक कथाओं एवं मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। दीपावली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दीपोत्सव का आरंभ धनतेरस से होता है। इस वर्ष धनतेरस 13 नवंबर, दिन शुक्रवार को मनाई जायेगी। शास्त्रों अनुसार जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थीं, उसी प्रकार माना जाता है कि भगवान धन्वंतरि क्षीरसागर से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए वैद्य समाज हर्षोल्लास के साथ धन्वंतरि जयंती मनाता है| धनतेरस के दिन दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना से भगवन धन्वंतरि का पूजन किया जाता है| इस दिन यमराज की भी पूजा की जाती है| धनतेरस के दिन लक्ष्मी का आवास भी घर में माना जाता है| इस तिथि को पुराने वर्तनों के बदले नया वर्तन खरीदना शुभ माना गया है| ऐसा विश्वास किया जाता है की इस दिन पीतल व चांदी के वर्तन खरीदने से अधिक पुण्य लाभ मिलता है| इस दिन जो कुछ भी खरीदा जाता है उसमें लाभ होता है। धन संपदा में वृद्धि होती है। इसलिये इस दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धन्वंतरि भी इसी दिन अवतरित हुए थे, इसी कारण इसे धनतेरस कहा जाता है। देवताओं व असुरों द्वारा संयुक्त रूप से किये गये समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए चौदह रत्नों में धन्वन्तरि व माता लक्ष्मी शामिल हैं। यह तिथि धनत्रयोदशी के नाम से भी जानी जाती है| देवी लक्ष्मी हालांकि धन की देवी हैं, परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हमको स्वस्थ्य और लंबी आयु भी चाहिए। यही कारण है कि दीपावली के दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हैं। देवताओं के वैद्य धन्वन्तरी की धनतेरस पूजा का महत्व- कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रय...

धनतेरस (धनत्रयोदशी) कब हैं ? कौन सी तारीख 22 या 23 अक्टूबर, खरीदारी के लिए अत्यंत शुभ त्रिपुष्कर योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग कब ?

दीपावली सनातन पद्धति में बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है, 5 दिनों के इस पर्व में धनतेरस को दीपावली महापर्व का प्रारंभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार धनतेरस प्रत्येक वर्ष कार्तिक मॉस कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। वेदो में वर्णन मिलता है इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था, धनतेरस के दिन सोना-चांदी,आभूषण एवं बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है। धनत्रयोदशी के दिन खरीदी गई चीजों में तेरह गुने की वृद्धि की मान्यता है और लोगो को सफल देखा गया है, धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि,भगवान कुबेर के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है, इस दिन घरों में दीए जलाएं जाते हैं। इस वर्ष दीपावली 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी, परन्तु धनतेरस की तिथि को लेकर लोगो में मतभेद बना हुआ है ये 22 या 23 अक्तूबर किस दिन है। धनत्रयोदशी (धनतेरस) वर्ष 2022 ==== कार्तिक महीने की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 02 मिनट पर प्रारंभ हो रही हैं एवं अगले दिन यानी 23 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म हो जाएगी। धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा त्रयोदशी तिथि के दौरान प्रदोष काल में करने का विधान है। इस वर्ष कार्तिक महीने की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 02 मिनट पर प्रारंभ हो रही हैं और अगले दिन यानी 23 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म हो जाएगी इसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। सनातन पध्यति में कोई भी व्रत या त्योहार को उदया तिथि के आधार पर माना गया, ऐसे में त्रयोदशी की उदया तिथि 23 अक्तूबर को है, इस कारण धनत्रयोदशी 23 अक्टूबर को ही मनाएं। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि कार्ति...

Dhanteras Shopping Tips धनतेरस पर ये सामान खरीदने से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा ये चीजें होती हैं अशुभ

Dhanteras Shopping Tips And Muhurat: दीपावली का प्रारंभ धनतेरस से माना जाता है, जो इस वर्ष 25 अक्टूबर को है। यह हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस दिन हम खरीदारी करते हैं, जो हमारे लिए शुभ हो और सुख-समृद्धि में वृद्धि करने वाला हो। लोगों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन शुभ वस्तुओं की खरीदारी करने से लक्ष्मी माता की कृपा उनके परिवार पर होती है और वर्षभर आ​र्थिक स्थि​ति अच्छी रहेगी। धनतेरस पर आप भी खरदारी करेंगे, ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि कौन सी वस्तु आपके लिए शुभ और मंगलकारी होगी और कौन सी वस्तु आपको नहीं खरीदनी चाहिए। 1. सोने या चांदी के सिक्के धनतेरस के दिन सोने या चांदी के सिक्के खरीदें, उस पर लक्ष्मी माता और गणेश जी का चित्र बना होना चाहिए। इस सिक्के का दिवाली के दिन विधिपूर्वक पूजा करें और अपने तिजोरी में रख दें। यह आपके धन-सं​पत्ति के लिए शुभ फलदायी होगा। 2. गोमती चक्र धनतेरस के दिन आप 11 गोमती चक्र खरीद सकते हैं। यह शुभकारी होता है। यह परिजनों की सेहत और समृद्धि को बढ़ाता है। दिवाली के दिन इनका पूजन करें और पीताम्बर यानी पीले वस्त्र में बांधकर तिजोरी आदि में रख दें। 3. धनतेरस पर धनिया खरीदें धनतेरस के दिन साबुत धनिया खरीदे का रिवाज है। इसे दिवाली वाले दिन लक्ष्मी पूजा के समय माता को अर्पित करें। फिर उसके कुछ दाने गमले में बो दें। उसमें यदि स्वस्थ पौधा निकलता है तो पूरे वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। यदि पौधा सामान्य और पतला है तो आपकी पूरे वर्ष आपकी आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। 4. पीतल के बर्तन धनतेरस के दिन देवताओं के वैद्य धनवन्तरि की पूजा होती है, उनको प्रिय धातु पीतल है। इस वजह से धनतेरस को पीतल के बर्तन खरीदना शुभ माना जात...

Dhanteras 2022 Date 22 Or 23 October Dhanteras Puja Time Shopping Muhurat Dhantrayodashi

Dhanteras 2022 Date and Muhurat: धनतेरस 2022 सही तारीख (Dhanteras 2022 Exact Date) धनतेरस यानी कि कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है. 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि का शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म होगी. धनतेरस पर पूजा-पाठ के अलावा शुभ वस्तुओं की खरीदारी का भी विधान है. ऐसे में दोनों दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा. धनतेरस 2022 पूजा की डेट-मुहूर्त (Dhanteras 2022 Puja Muhurat) धनतेरस पर मां लक्ष्मी, कुबरे देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार धनतेरस की पूजा प्रदोष काल यानी की शाम के समय की जाती है, जब स्थिर लग्न प्रचलित हो. वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है, कहते इसमें धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है. चूंकि त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर को प्रदोष काल शुरू होने पर ही खत्म हो रही है ऐसे में पूजा 22 अक्टूबर 2022 को ही करें. इसी दिन वृषभ लग्न है. इसमें यम के निमित्त दीपदान किया जाता है. पूजा मुहूर्त - शाम 7 बजकर 10 - रात 08 बजकर 24 (22 अक्टूबर 2022) प्रदोष काल: शाम 5.52 - रात 8.24 (22 अक्टबर 2022) वृषभ काल: शाम 7.10 - रात 09.06 (22 अक्टबर 2022) धनतेरस 2022 खरीदारी डेट-मुहूर्त (Dhanteras 2022 Shopping Muhurat) धनतेरस पर 22 अक्टूबर 2022 की पूरी रात और 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि समाप्त होने पर खरीदारी कर सकते हैं यानी कि दोनों दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त है. धनतेरस पर सोना, चांदी, वाहन, संपत्ति, जमीन, बर्तन आदि खरीदना शुभ होता है. इस बार धनतेरस पर पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जो खरीदारी के लिए बहुत शुभ होता है. कुल मिलाकर इस साल धनतेरस पर खरीदारी के लिए पूरे 24 घंटे शुभ मुह...

2021 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2021 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2021 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...