धनतेरस कब है

  1. Dhanteras 2021: कब है धनतेरस? यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे जुड़ी प्रथा
  2. धनतेरस कब है ? धनतेरस की पूजा विधि क्या है
  3. 2023 में धनतेरस कब है New Delhi, India में
  4. dhanteras 2022 date october 23 kab hai dhanteras know significance shubh muhurat and puja vidhi
  5. जानें धनतेरस 2021 तिथि, महत्व, मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारे में।
  6. Dhanteras 2022: साल 2022 में कब है धनतेरस? नोट कर लें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
  7. Dhanteras Date 2022: धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस साल किन राशियों के लिए है खास


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Dhanteras 2021: कब है धनतेरस? यहां जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इससे जुड़ी प्रथा

dhanteras 2021 Dhanteras 2021: कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस (Kab Hai Dhanteras 2021) या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है. कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस (Dhanteras 2021) या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन धन के देव कुबेर, मां लक्ष्‍मी, धन्‍वंतरि और यमराज का पूजन किया जाता है. इस दिन सोना, चांदी या बर्तन आदि खरीदना शुभ माना जाता है. धनतेरस पूजन विधि (Dhanteras Puja Vidhi) धनतेरस की शाम के समय उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा के समय घी का दीपक जलाएं. कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं. पूजा करते समय “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मंत्र का जाप करें. फिर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें. और मिट्टी का दीपक जलाएं. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं और फूल चढ़ाएं. धनतेरस की प्रथा नतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है. इस प्रथा के पीछे एक लोककथा है. कथा के अनुसार किसी समय में एक राजा थे जिनका नाम हेम था. दैव कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. ज्योंतिषियों ने जब बालक की कुण्डली बनाई तो पता चला कि बालक का विवाह जिस दिन होगा उसके ठीक चार दिन के बाद वह मृत्यु को प्राप्त होगा. राजा इस बात को जानकर बहुत दुखी हुआ और राजकुमार को ऐसी जगह पर भेज दिया जहां किसी स्त्री की परछाई भी न पड़े...

धनतेरस कब है ? धनतेरस की पूजा विधि क्या है

इस बार आश्विन मास की अमावस्या को सूर्य ग्रहण के कारण दीपावली का पर्व 25 की जगह 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा. धनतेरस की तिथि भी इसी मान से बदल गई है. आइए जानते हैं कब है धनतेरस का पर्व और कैसे करें कुबेरदेव को प्रसन्न। दिवाली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो रही है. इस दिन भगवान धन्वंतरि, कुबेर और यमदेव की पूजा की जाती है। कब है धनतेरस 2022: 22वें शनिवार को द्वादशी तिथि सुबह 6.02 बजे तक रहेगी, जिसके बाद त्रयोदशी शुरू होगी. त्रयोदशी अगले दिन शाम 06.03 बजे तक रहेगी। ऐसे में कुछ लोग 22 की रात को धनतेरस मनाएंगे और कुछ लोग उदयतिथि के अनुसार 23 अक्टूबर 22 रविवार को इसे मनाएंगे. कई विद्वानों के अनुसार धनतेरस 23 अक्टूबर को है और नरक चतुर्दशी भी इसी दिन होगी। और धनतेरस की पूजा विधि नीचे लिखी गयी है • भगवान् शंकर ने रावण के सौतेले भाई कुबेर को ‘धनपाल’ होने का वरदान दिया था। इसलिए कुबेर को सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है। • देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव की पूजा करने से धन संबंधी सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। • धनतेरस से पहले उत्तर दिशा को साफ सुथरा रखें। घर की उत्तर दिशा में भगवान कुबेर का वास होता है। कहा जाता है कि अगर • इस दिशा को वास्तु के अनुसार रखा जाए तो व्यक्ति अपार धन और संपत्ति का मालिक बन सकता है। • इसलिए उत्तर दिशा में हरे तोते का चित्र लगाने से वहां के दोष समाप्त हो जाते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होने लगती है। • धन के देवता कुबेर के मंत्र धनतेरस से पहले कब पूजा करे • जानिए कुबेरदेव के कौन से विशेष मंत्र हैं, जिससे वे प्रसन्न होते हैं। दक्षिण की ओर मुख करके कुबेर मंत्र सिद्ध होता है। • अत्यंत दुर्लभ कुबेर मंत्र इस प्रकार है- मंत्र- ॐ श्रीं, ॐ ह्रीं श्रीं, ॐ ह...

2023 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2023 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...

dhanteras 2022 date october 23 kab hai dhanteras know significance shubh muhurat and puja vidhi

शास्त्रों में धनतेरस त्योहार का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस त्योहार से दिवाली के पर्व की शुरुआत हो जाती है। इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व… धनतेरस तिथि वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 01 मिनट पर होगी और 23 अक्टूबर, रविवार को शाम 06 बजकर 04 मिनट पर अंत होगा। इसलिए उदयातिथि को आधार मानते हुए धनरेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। जानिए पूजा- विधि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ- स्वच्छ कपड़े पहन लें। धनतेरस पर धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा का विधान है। पूजा शाम के समय शुभ मुहूर्त में ही करें। इस दिन पीतल और चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा है। इसलिए बाजार से कुछ न कुछ जरूर खरीदकर लाएं। इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाने चाहिए। क्योंकि धनतेरस से ही जानिए महत्व पुराणों के अनुसार जब देवता और राक्षस समुद्र मंथन कर रहे थे तब भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनका पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर देवता की पूजा करता है। उसे धन, यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।

जानें धनतेरस 2021 तिथि, महत्व, मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारे में।

कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन सोने-चांदी खरीदने की परम्परा रही है। जानें, धनतेरस की तिथि, महत्व एवं पूजा मुहूर्त के बारे में। धनतेरस 2021 (Dhanteras 2021) धनतेरस का पर्व पांच दिवसीय दिवाली पर्व का प्रथम दिन होता है जो भगवान धनवंतरि को समर्पित होता हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, धनतेरस का त्यौहार प्रति वर्ष कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को श्रद्धाभाव एवं उत्साह से मनाया जाता है। यह पर्व धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जंयती के नाम से भी प्रसिद्ध है। धनतेरस का शाब्दिक अर्थ "धन" और तेरस अर्थात "त्रयोदशी या तेरह " होता है। पौरणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ भी खरीदा जाता हैं उससे कई गुना लाभ की प्राप्ति होती है। धन संपदा में वृद्धि होती है इसलिए इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं। वर्ष 2021 में कब है धनतेरस? इस वर्ष धनतेरस का त्यौहार 2 नवंबर, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त 2021 धनतेरस पूजा मुर्हुत: 06:18 PM से 08:10 PM तक प्रदोष काल: 05:32 PM से 08:10 PM तक वृषभ काल: 06:18 से रात 08:13 PM तक त्रयोदशी तिथि आरंभ: सुबह 11:31 बजे से (2 नवंबर 2021) त्रयोदशी तिथि समाप्त: सुबह 09:02 बजे तक (3 नवंबर 2021) धनतेरस का महत्व हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार, धनतेरस के दिन धन की देवी ऐसा माना जाता है कि, इस दिन जैन धर्म के भगवान महावीर तीसरे और चौथे ध्यान में जाने हेतु योग निरोध के लिए चले गए थे। तीन दिन ध्यान के पश्चात योग निरोध करते हुए दीपावली के दिन भगवान महावीर को निर्वाण प्राप्त हुआ था। उस समय से ही यह तिथि जैन आगम में धन्य तेरस के नाम से प्रसिद्ध हुई। इस दिन को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भ...

Dhanteras 2022: साल 2022 में कब है धनतेरस? नोट कर लें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

Dhanteras 2022 Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में हर त्योहार अपना अलग महत्व है. दिवाली, दशहरा, धनतेरस ये कुछ ऐसे त्योहार हैं, जिनका इंतजार व्यक्ति को साल शुरु होते ही शुरू हो जाता है. दिवाली की शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है. धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है. इसी दिन से दिवाली के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है. धनतेरस के पर्व का संबंध धन और समृद्धि से है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि देव का जन्म हुआ था. इसी कारण इसे धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस के दिन बाजार से बर्तन, सोना, चांदी आदि की खरीददारी करने का विधान है. आइए जानें साल 2022 में कब है धनतेरस और इसका शुभ मुहूर्त. ये भी पढ़ें- Diwali 2022: साल 2022 में दिवाली कब है? नोट करें लें तिथि, लक्ष्मी पूजन का टाइम और पूजन विधि धनतेरस 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त- पंचाग के अनुसार धनतेरस का त्योहार साल 2022 में 23 अक्टूबर, रविवार के दिन पड़ रहा है. दिवाली से एक दिन पहले ही धनतेरस पर्व मनाया जाता है. इस दिन घर में पूजा कर उनके आगमन की प्रार्थना की जाती है. शास्त्रों में इस दिन खरीददारी का विशेष महत्व है. धनतेरस शुभ मुहूर्त- धनतेरस मुहूर्त - पंचाग के अनुसार धनतेरस का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर की शाम 05:44 से शुरू होकर 06:05:50 तक होगा. कुल अवधि : 21 मिनट प्रदोष काल- शाम को 05 :44 मिनट से 08:16 मिनट तक. वृषभ काल- 06:58 मिनट से 08:54 मिनट तक. ये भी पढ़ें- Somvati Amavasya 2022: मई माह में है साल 2022 की आखिरी सोमवती अमावस्या, जानें तिथि और पूजन विधि धनतेरस का महत्व- मां लक्ष्...

Dhanteras Date 2022: धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और इस साल किन राशियों के लिए है खास

डीएनए हिंदी : Dhanteras Date 2022 Kab hai Shubh Muhurat, Puja Vidhi Sanyog-इस साल 2022 में धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार 23 अक्टूबर को पड़ रहा है. धनतेरस का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है.इसी दिन से दीपावली (Diwali 2022) के पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है. इस साल धनतेरस पर खास संयोग बन रहा है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि देव का जन्म हुआ था. इस कारण इसे धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस के दिन बाजार से बर्तन,सोना,चांदी या कोई नया सामान खरीदने का विधान है. आईए जानते हैं धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, क्या है संयोग और कैसे करें पूजा यह भी पढ़ें- धनतेरस 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Dhanteras Puja Shubh Muhurat and Tithi and Timing) पंचाग के अनुसार धनतेरस का त्योहार 2022 में 23 अक्टूबर यानि रविवार के दिन पड़ रहा है. दीपावाली से एक दिन पहले ही धनतेरस पर्व मनाया जाता है.इस दिन घर में पूजा कर उनके आगमन की प्रार्थना की जाती है.इस दिन एक दीपक जलाया जाता है. धनतेरस शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) पंचाग के अनुसार धनतेरस का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर की शाम 05:44 से शुरू होकर 06:05:50 तक होगा. कुल अवधि : 21 मिनट प्रदोष काल- शाम को 05:44 मिनट से 08:16 मिनट तक वृषभ काल- 06:58 मिनट से 08:54 मिनट तक धनतेरस का महत्व (Significance of Dhanteras) मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है.धनतेरस के दिन भगवान कुवेर और मां लक्ष्मी दोनों की ही पूजा की जाती है. मां लक्ष्मी की कृपा से वैभव,धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.मां लक्ष्मी के आशीर्व...