धनतेरस कितने तारीख को है

  1. 2022 में धनतेरस कब है New Delhi, India में
  2. significance of buying a broom on dhanteras
  3. 2023 में धनतेरस कब है New Delhi, India में
  4. धनतेरस कब है 2023
  5. 2021 में धनतेरस कब है New Delhi, India में


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2022 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2022 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2022 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...

significance of buying a broom on dhanteras

नई दिल्ली: धनतेरस (Dhanteras) का पवित्र त्योहार इस बार शुक्रवार यानी 13 नवंबर को मनाया जाएगा. धनतेरस पर भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा-अर्चना की जाती है. धनतेरस से ही दीपों के त्योहार दिवाली की शुरुआत हो जाती है. यह त्योहार प्रमुख तौर पर भगवान धनवंतरि को समर्पित होता है. इस दिन कुछ विशेष चीजों को खरीदने की परंपरा है. धनतेरस पर झाड़ू खरीदने की परंपरा धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की प्राचीन परंपरा है. पुराणों में कहा गया है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा यह भी प्रथा है कि जब भी घर में झाड़ू लाएं तो उस पर सफेद रंग का धागा बांध दें, जिससे मां लक्ष्मी आपके घर में बनी रहें. यह भी पढ़ें- धनतेरस पर खरीदें तीन झाड़ू पुराणों के अनुसार, धनतेरस के दिन एक नहीं बल्कि तीन झाड़ू खरीदनी चाहिए. इसके अलावा धनतेरस पर खरीदी गई झाड़ू से दिवाली के दिन मंदिर में साफ-सफाई करना भी शुभ माना जाता है. धनतेरस पर रविवार और मंगलवार को झाड़ू नहीं खरीदने की भी परंपरा है. धनतेरस पूजा का समय इस साल धनतेरस का त्योहार शुक्रवार यानी 13 नवंबर को है. पूजा का शुभ समय शाम को 5.32 बजे से लेकर 5.59 बजे तक है. लोगों को 30 मिनट के अंदर ही पूजा करनी होगी. इस दिन भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें. धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

2023 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2023 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...

धनतेरस कब है 2023

कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को इस दिन भगवान सूर्य ने कलि के द्वारा निर्मित रोगों से पीड़ित संसार के प्राणियों को रोगों से मुक्त कराया एवं देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए कलयुग में काशी नगरी में कल्पंदत नामक ब्राह्मण के पुत्र रूप में जन्म लिया और वह आगे चलकर धनवंतरी के नाम से प्रसिद्ध हुए जिन्होंने राजपुत्र सुश्रुत को अपना शिष्य बनाया एवं चिकित्सा शास्त्र आयुर्वेद की रचना की। धनतेरस कब है (धन त्रयोदशी)और धन्वन्तरि जंयती इस दिन नए गणेश लक्ष्मी, नए बर्तन मिठाई एवं खेल खिलौने बाजार से खरीदने की परंपरा है क्योंकि इस दिन वेदराज धनवंतरि और यमराज के निर्मित घर के मुख्य द्वार पर दीप प्रज्वलित कर आरोग्य एवं दीर्घायु की कामना करनी चाहिए ,ऐसा करने से किसी भी प्रकार के रोग एवं अकाल मृत्यु का भय नहीं होता है । स्वास्थ्य धन – धनतेरस हमारा स्वास्थ्य धन सबसे महत्वपूर्ण है इसके लिए आवंला और हल्दी दोनों को हमें खरीद कर उसका पूजन करके, सालभर अपने घर में आरोग्य हेतु सेवन करना चाहिए। कोई भी नई अयुर्वेद दवा या नया उपचार, रोगी को स्नान और नेगेटिविटी समाप्त करने के लिए हमें कनकधारा पूजा जरूर करना चाहिए। सायं काल दरवाजे पर अनाजों के ऊपर उस पर चार बत्ती का दीपक लगाना चाहिए।जो रात्रि मे जलाया जाय अलसी का तेल हो। दीपदान हेतु चार बत्ती का दीपक आटे का बना कर किसी भी जल स्थान में दीप दान करना चाहिए हर व्यक्ति के लिए अलग दीपक होना चाहिए। धन्वंतरी जयंती के एक कलश की स्थापना करके साल भर में अनाज भरकर एक नारियल रखना चाहिए । 2 अक्टूबर 2021 मंगलवार धन तेरस कार्तिक कृष्ण पक्ष अंक ज्योतिष से 2+2+5=9 इस वर्ष… मंगल से संबंधित वस्तुएं का ही मार्केट में असर ज्यादा होगा.. शेयर मार्केट भी उछाल पर होगा चिकित्सा,...

2021 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2021 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2021 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...