धनतेरस कितनी तारीख की है

  1. धनतेरस शुभ मुहूर्त सोमवार 5
  2. दीपावली कितने तारीख को है धनतेरस कितने तारीख को है? – ElegantAnswer.com
  3. 2020 में धनतेरस कब है New Delhi, India में
  4. Dhanteras 2023: कब है धनतेरस, जानें कब करें खरीदारी शुभ मुहूर्त


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धनतेरस शुभ मुहूर्त सोमवार 5

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दीपावली कितने तारीख को है धनतेरस कितने तारीख को है? – ElegantAnswer.com

दीपावली कितने तारीख को है धनतेरस कितने तारीख को है? इसे सुनेंरोकेंDhanteras 2021 Date, Time, Puja Muhurat in India (धनतेरस 2021 में कब है): धनतेरस पांच दिन तक चलने वाले दिवाली पर्व का पहला दिन है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आने वाला ये त्योहार इस साल 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। धनतेरस पूजा का मुहूर्त कब है? इसे सुनेंरोकेंपूजन का शुभ मुहूर्त आचार्यों के अनुसार इस साल धनतेरस का पूजन 02 नवंबर, दिन मंगलवार को किया जाएगा। इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल शाम 05:35 से 08:14 तक तथा वृषभ काल शाम 06:18 से 08:14 तक रहेगा। धनतेरस कितने बजे से कितने बजे तक? इसे सुनेंरोकेंधनतेरस तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को सुबह 11:31 बजे से हो रही है और तिथि का समापन 3 नवंबर सुबह 09:02 बजे होगा. बता दें कि धनतेरस की पूजा प्रदोष काल में की जाती है और इसमें करना शुभ होता है. धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 11 मिनट तक है. धनतेरस की पूजा कैसे की जाती है? धनतेरस की पूजा विधि – • इसके बाद पूजा स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। आचमन के लिए जल छोड़ें और भगवान धन्वंतरि को वस्त्र (मौली) चढ़ाएं। • भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर पर अबीर, गुलाल पुष्प, रोली और अन्य सुगंधित चीजें चढ़ाएं। • चांदी के बर्तन में खीर का भोग लगाएं। • इसके बाद आचमन के लिए जल छोड़ें। पूजा करने का समय कितने बजे से है? इसे सुनेंरोकेंआज के दिन लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे बढ़िया समय शाम को 6.10 मिनट से लेकर रात को 8.06 मिनट तक है. इस दौरान लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा करें और उन्हें भोग लगाकर घर में दिये जलाएं. अगर अलग-अलग मुहूर्त की बात करें तो वो इस प्रकार है. अमावस्या तिथि ...

2020 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2020 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2020 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...

Dhanteras 2023: कब है धनतेरस, जानें कब करें खरीदारी शुभ मुहूर्त

धनतेरस रोशनी, उमंग और खुशियों के पर्व दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है जो हिन्दू धर्म का प्रमुख एवं प्रसिद्ध त्यौहार है। पांच दिवसीय पर्व दीपावली का प्रथम दिन होता है धनतेरस। यह दिन धन के कोषाध्यक्ष देव कुबेर और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित होता हैं और इस दिन इनका पूजन किया जाता है। सुख-समृद्धि एवं वैभवपूर्ण जीवन की कामना के लिए धनतेरस का दिन श्रेष्ठ होता है। हिन्दुओं के पवित्र त्यौहार धनतेरस को धन त्रयोदशी या धन्वन्तरि त्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस शब्द की उत्पति दो शब्दों से मिलकर हुई है "धन" और "त्रयोदशी" जिसका अर्थ है "धन" और तेरस या "त्रयोदशी" का अर्थ है तेरह। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तेरहवी तिथि या त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस 2023 की तिथि एवं मुहूर्त धनतेरस पूजा विधि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी एवं कुबेर देव की कृपा प्राप्त करने के लिए धनतेरस पूजा को इस प्रकार करें: • धनतेरस पर संध्या के समय शुभ मुहूर्त में उत्तर दिशा की तरफ देव कुबेर और भगवान धन्वंतरि की स्थापना करें। • इन्ही के साथ माता लक्ष्मी एवं श्री गणेश की भी मूर्ति या चित्र को स्थापित करना चाहिए। • इसके बाद दीपक प्रज्वलित करें और विधिवत पूजन प्रारंभ करें। • सभी देवी-देवताओं को तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि अर्पित करें। • अब कुबेर देवता को सफेद मिठाई और धन्वंतरि देव को पीली मिठाई का प्रसाद के रूप में भोग लगाएं। • इस पूजा के दौरान 'ऊं ह्रीं कुबेराय नमः' मंत्र का जाप करते रहें। • भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें? • धनतेरस के अवसर पर सोना, चाँ...