धनतेरस कितनी तारीख को है

  1. Dhanteras 2022 Date: 22 या 23 अक्टूबर, कब है धनतेरस? जानिए सही तारीख और पूजन का शुभ मुहूर्त
  2. धनतेरस कब है, 22 या 23 अक्टूबर? कनफ्यूज न हों, पंडित जी से जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
  3. धनतेरस कब है, धन्वंतरि पूजा विधि, नरक चतुर्दशी, धनतेरस कितनी तारीख की है, धनतेरस कब है 2019, Dhanteras 2019: shubh muhurat for shopping and pujan vidhi, dhanteras par kharidari ka shubh muhurat
  4. dhanteras 2022 know puja shubh muhurat asupicious time rahu kaal Shani Pradosh kuber dhanvantari diwali pcup
  5. धनतेरस क्यों मनाया जाता है / धनतेरस का शुभ मुहूर्त
  6. Dhanteres 2022 Date When Is Dhanteras On 22 Or 23 Dhanteres Shubh Muhurat Dhanteres Kharidi Muhurat
  7. धनतेरस
  8. 2031 में धनतेरस कब है New Delhi, India में


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Dhanteras 2022 Date: 22 या 23 अक्टूबर, कब है धनतेरस? जानिए सही तारीख और पूजन का शुभ मुहूर्त

• • Faith Hindi • Dhanteras 2022 Date: 22 या 23 अक्टूबर, कब है धनतेरस? जानिए सही तारीख और पूजन का शुभ मुहूर्त Dhanteras 2022 Date: 22 या 23 अक्टूबर, कब है धनतेरस? जानिए सही तारीख और पूजन का शुभ मुहूर्त Dhanteras 2022 Date: धनतेरस कब है: लोगों को धनतेरस की सही तारीख के बारे में पता होना जरूरी है. ऐसे में जानते हैं धनतेरस की सही तारीख क्या है. धनतेरस 2022 मैसेज Dhanteras 2022 Date धनतेरस कब है: जैसे ही लोग गूगल पर सर्च करते हैं कि धनतेरस (Dhanteras 2022) कब है तो तारीख 23 अक्टूबर निकलकर आती है. लेकिन वहीं गूगल पर 23 अक्टूबर को दिवाली भी दिखा रहा है. ऐसे में लोगों को धनतेरस पर्व की सही तारीख (Date of Dhanteras) के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख धनतेरस की सही तारीख पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि धनतेरस की सही तारीख क्या है. पढ़ते हैं आगे… धनतेरस शुभ मुहूर्त क्या है? • धनतेरस शुभ मुहूर्त – 22 अक्टूबर, 2022 6.02 (शाम) • धनतेरस समापन – 23 अक्टूबर 4:30 बजे तक (शाम) धनतेरस के दिन किन चीजों को खरीदना होता है सही? धनतेरस पर धनवंतरी की धातु पीतल खरीदना अति उत्तम माना जाता है. यही कारण है कि लोग धनतेरस के दिन पीतल के बर्तन खरीदते हैं. धनतेरस पर पीतल के अलावा व्यक्ति सोने, चांदी, तांबे आदि का सामान खरीद सकता है. इन्हें खरीदना भी बेहद ही शुभ माना जाता है. बता दें कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना भी बेहद ही शुभ मानते हैं. वहीं हिंदू मान्यताएं के अनुसार, झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती हैं. धनतेरस के दिन घर में नई झाड़ू लाने से मां लक्ष्मी का आगमन भी आपके घर में हो सकता है. और सालों-साल जीवन में धन की कमी नहीं होेती है.

धनतेरस कब है, 22 या 23 अक्टूबर? कनफ्यूज न हों, पंडित जी से जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2022: धनतेरस का त्योहार नजदीक आ गया है. ऐसे में कई लोग कन्फ्यूज्ड हैं कि धनतेरस आखिरकार किस तारीख को है. बता दें धनतेरस का त्योहार दो दिन नहीं एक ही दिन पड़ रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 23 अक्टूबर को मनाना शुभ माना जा रहा है. अगर आप अब भी कन्फ्यूज्ड हैं तो आइए जानते हैं पंडित जी के अनुसार बताई हुई विधी के अनुसार आप कब धनतेरस मना पाएंगे. धनतेरस का शुभ मुहूर्त पंडित मुकेश शर्मा के मुताबिक, इस साल धनतेरस की तारीख और मूहुर्त को लेकर कन्फ्यूजन है. दरअसल, ये कन्फ्यूजन तिथि को लेकर है. धनतेरस त्र्योदशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 23 अक्टूबर को मनाना चाहिए. इसका शुभ मुहूर्त 5 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 05 मिनट तक का है. तिथी के अनुसार, जो लोग धनतेरस का व्रत रखते हैं, वो लोग 23 अक्टूबर को ही रखें. दीपावली कब है? इसके अलावा अगर आप दीपावली की तिथी को लेकर अगर कन्फ्यूज्ड हैं, तो पंडित जी के अनुसार, दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. जिसकी पूजा का मुहूर्त 6 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 8 बजकर 33 मिनट तक का है. धनतेरस के त्योहार पर बन रहा है शुभ योग धनतेरस 2022 पर शुभ योग भी बन रहा है. इस साल 23 तारीख को शनि देव मार्गी हो रहे हैं. ऐसे में कई राशियों को लाभ मिलेगा. इसके साख ही धनतेरस के दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है. क्यों मनाया जाता है Dhanteras धनतेरस को धनत्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे. इसलिए इस दिन तीनों देवताओं की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस दिन खरीदारी करना भी शुभ माना...

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धनतेरस कब है, धन्वंतरि पूजा विधि, नरक चतुर्दशी, धनतेरस कितनी तारीख की है, धनतेरस कब है 2019, Dhanteras 2019: shubh muhurat for shopping and pujan vidhi, dhanteras par kharidari ka shubh muhurat Dhanteras 2019: ये है धनतेरस पर खरीददारी का शुभ मुहूर्त, इस दिन जरूर खरीदें ये 5 चीजें By October 18, 2019 09:54 AM 2019-10-18T09:54:03+5:30 2019-10-18T12:00:14+5:30 Dhanteras Shubh Muhurat For Shopping: धनतेसर के दिन बहुत से लोग खरीददारी भी करते हैं। धनतेसर के दिन खरीददारी की अलग मान्यता होती है। दिवाली से पहले कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाने वाले धनतेसर के दिन बहुत से लोग खरीददारी भी करते हैं। धनतेसर के दिन खरीददारी की अलग मान्यता होती है। आइए आपको बताते हैं इस साल खरीददारी करने का शुभ मुहूर्त क्या है और कौन-कौन सी हैं वो जरूरी चीजें जिन्हें आपको जरूर खरीदना चाहिए। धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम- 07:08 से 08:31 तक प्रदोष काल- 05:58 PM से 08:31 PM वृषभ काल- 07:07 PM to 09:02 PM त्रयोदशी तिथी की शुरुआत - 25 अक्टूबर को 07:08 PM बजे त्रयोदशी तिथी खत्म - 26 अक्टूबर को 03:46 PM बजे खरीददारी करने की सही तिथि सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त- 06:43 PM से 07:08 PM तक इस मुहूर्त में यदि आप सोना खरदीते हैं तो उसे बेहद शुभ माना जा सकता है। वहीं आप अन्य सामान भी इसी समय पर खरीद सकते हैं। माना जाता है कि धनतेरस के दिन सोना खरीदने से घर में लक्ष्मी प्रवेश करती हैं। धनतेसर के दिन जरूर खरीदें ये 5 सामान 1. धनतेरस के दिन चांदी के या किसी धातु के बर्तन जरूर खरीदें। कोशिश करें की ये पानी रखने का बर्तन हो। 2. धनतेरस के दिन गणेश और लक्ष्मी की अलग-अलग प्रतिमा जरूर खरीदें। 3. धनतेरस के दिन खील बताशे और...

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dhanteras 2022 know puja shubh muhurat asupicious time rahu kaal Shani Pradosh kuber dhanvantari diwali pcup | Dhanteras 2022: धनतेरस और शनि प्रदोष व्रत आज, जानें क्या है पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त | Hindi News, Uttar Pradesh Dhanteras 2022: धनतेरस और शनि प्रदोष व्रत आज, जानें क्या है पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त Dhanteras 2022: धनतेरस इस बार 22 और 23 अक्टूबर दो दिन है. दिवाली से पहले धनतेरस के दिन धन-संपत्ति के कोषाध्यक्ष और धन की देवी लक्ष्मी के साथ आयुर्वेद के पिता धन्वंतरि की पूजा की जाती है. वहीं यमदीप 22 अक्टूबर को जलाना शुभ होगा. ज्योतिष शास्त्र (Astrrology) के जानकारों का मानना है कि उदया तिथि की मान्यता के अनुसार धनतेरस 23 अक्टूबर को मनाना ज्यादा उचित रहेगा. दरअसल 23 अक्टूबर को शाम तक प्रदोष काल है. ऐसे में लोग 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाएंगे. आज धनतेरस के मौके पर शनि प्रदोष व्रत का संयोग बना है. आज आप धन, सुख और वैभव के साथ पुत्र प्राप्ति का भी आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. शनि प्रदोष मुहूर्त 2022 कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ आज 22 अक्टूबर, शाम 06 बजकर 02 मिनट से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन कल 23 अक्टूबर, शाम 06 बजकर 03 मिनट पर इंद्र योग: आज शाम 05:13 बजे से कल शाम 04:07 बजे तक ब्रह्म योग: आज सुबह से लेकर शाम 05:13 बजे तक त्रिपुष्कर योग: आज दोपहर 01:50 बजे से शाम 06:02 बजे तक धनतेरस को होती है सोना-चांदी और अन्य वस्तुओं की खरीदारी धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं. इस दिन देवाताओं के वैद्य धन्वंतरी की जयंती मनाई जाती है और लोग शुभ मुहूर्त में सोना, चांदी या अन्य वस्तुओं की खरीदारी करते हैं, जो उनके लिए उन्नतिदायक सिद्ध होता है. धन...

धनतेरस क्यों मनाया जाता है / धनतेरस का शुभ मुहूर्त

धनतेरस क्यों मनाया जाता है कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी यानी धनतेरस के दिन ही धन्वंतरि देव की जयंती है अंग्रेजी माह अनुसार इस वर्ष धनतेरस मंगलवार को दो नवंबर 2021 को पड़ रहा है, जबकि दीपावली चार नवंबर 2021 को मनाई जाएगी धनतेरस के दिन शुभ खरीदारी के साथ धनवंतिर की पूजा के साथ कुबेर, लक्ष्मी, गणेश और यम की पूजा होगी | क्यों मनाया जाता है धनतेरस – धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब प्रभु धन्वंतरि प्रकट हुए थे तब उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इस तिथि को धन्वंतरि जयंती या धन त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन बर्तन और गहने आदि की खरीदारी करना बेहद शुभ होता है। क्यों होती है महालक्ष्मी की पूजा – कहते हैं कि धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव और मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती है। इस दिन भगवान कुबेर की पूजा की भी विधान है। धनतेरस 2021 शुभ मुहूर्त – धनतेरस तिथि 2021- 2 नवंबर, मंगलवार धन त्रयोदशी पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 5 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजे तक। प्रदोष काल- शाम 05:39 से 20:14 बजे तक। वृषभ काल- शाम 06:51 से 20:47 तक। दिन का चौघड़िया – लाभ- प्रात: 10:43 से 12:04 तक. अमृत- दोपहर 12:04 से 01:26 तक. शुभ- दोपहर 02:47 से 04:09 तक रात का चौघड़िया – लाभ- 07:09 से 08:48 तक. शुभ- 10:26 से 12:05 तक. अमृत- 12:05 से 01:43 तक. ऐसे करें धनतेरस पूजा – 1. इस दिन सुबह जल्द उठें और नित्यकर्म निपटाकर पूजा की तैयारी करें 2. घर के ईशान कोण में ही पूजा करें. मुंह ईशान, पूर्व या उत्तर में होना चाहिए 3. पंचदेव यानी सूर्यदेव, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु की स्थापना करें. 4. पूजा के वक्त घर के सभी लोग एकत्रित रहें. इस दौरान ...

Dhanteres 2022 Date When Is Dhanteras On 22 Or 23 Dhanteres Shubh Muhurat Dhanteres Kharidi Muhurat

Dhanteres 2022 Date and shubh muhurat: धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. साल 2022 में धनतेरस की तिथि को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति बन गई है. दरअसल इस बार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है. वहीं त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 23 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 03 मिनट पर होगी. ऐसे में धनतेरस (dhanteras) की सही तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में जानते हैं कि इस धनतेरस 22 या 23 अक्टूबर में से किस दिन मनाना ज्याद अच्छा रहेगा. धनतेरस कब है 22 या 23 अक्टूबर को | When is Dhanteras on 22 or 23 October ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार, धनतेरस की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल होता है. इस दिन स्थिर लग्न में पूजा की जाती है. मान्यता है स्थिर लग्न में धनतेरस की पूजा करने पर घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो धनतेरस पर स्थिर लग्न वृषभ होता है. ऐसे में धनतेरस का पर्व त्रयोदशी तिथि, प्रदोष काल और स्थिर लग्न में मनाना ज्यादा अच्छा है. आगे जानते हैं धनतेरस के लिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में. धनतेरस शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर, 2022 | Dhanteras 2022 Date, Shubh Muhurat त्रयोदशी तिथि शुरू - 22 अक्टूबर 2022 को शाम 06:02 बजे त्रयोदशी तिथि समाप्त - 23 अक्टूबर 2022 को शाम 06:03 बजे प्रदोष काल - 05:45 पी एम से 08:17 पी एम वृषभ काल - 07:01 पी एम से 08:56 पी एम धनतेरस पूजा मुहूर्त - 07:01 पी एम से 08:17 पी एम धनतेरस 2022 खरीदी शुभ मुहूर्त | Dhanteras 2022 Kharidi Muhurat धनतेरस के लिए खरीदारी 22 और 23 अक्टूबर दोनों ही दिन कर सकते ...

धनतेरस

धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में धनतेरस के दिन [ धनतेरस की शाम घर के बाहर मुख्य द्वार पर और आंगन में दीप जलाने की प्रथा भी है। इस प्रथा के पीछे एक विवाह के पश्चात विधि का विधान सामने आया और विवाह के चार दिन बाद यमदूत उस राजकुमार के प्राण लेने आ पहुँचे। जब यमदूत राजकुमार प्राण ले जा रहे थे उस वक्त नवविवाहिता उसकी पत्नी का विलाप सुनकर उनका हृदय भी द्रवित हो उठा। परन्तु विधि के अनुसार उन्हें अपना कार्य करना पड़ा। यमराज को जब यमदूत यह कह रहे थे, उसी समय उनमें से एक ने यम देवता से विनती की- हे यमराज! क्या कोई ऐसा उपाय नहीं है जिससे मनुष्य अकाल मृत्यु से मुक्त हो जाए। दूत के इस प्रकार अनुरोध करने से यम देवता बोले, हे दूत! अकाल मृत्यु तो कर्म की गति है, इससे मुक्ति का एक आसान तरीका मैं तुम्हें बताता हूं, सो सुनो। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी रात जो प्राणी मेरे नाम से पूजन करके दीपमाला दक्षिण दिशा की ओर भेट करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। यही कारण है कि लोग इस दिन घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर दीप जलाकर रखते हैं। धन्वन्तरि [ ] एक दूत ने बातों ही बातों में तब यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है क्या। इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की संध्या यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की संध्या लोग आँगन में यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यम देवता के नाम पर व्रत भी रखते हैं। धनतेरस के दिन दीप जलाकर भगवान धन्वन्तरि की पूजा करें। भगवान धन्वन्तरि से स्वास्थ बनाये रखने हेतु प्रार्थना करें। चाँदी का कोई पात्र व लक्ष्मी गणेश अंकित...

2031 में धनतेरस कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2031 में धनतेरस कब है व धनतेरस 2031 की तारीख व मुहूर्त। धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम 1.धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए। 2.धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है। धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए। 1.धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि ...