धरती माता की कहानी हिंदी में pdf

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  2. [PDF], आरती: माता वैष्णो देवी
  3. तुलसी माता की कहानी इन हिंदी


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[PDF], श्री तुलसी जी की आरती, video, Tulsi Mata Ki Aarti, Book PDF Download in Hindi, Lyrics, कहानी

यहाँ पढ़ें : Tulsi Mata ki aarti lyrics in hindi जय जय तुलसी सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर, रुज से रक्षा करके भव त्राता। जय जय तुलसी माता। बहु पुत्री है श्यामा, सूर वल्ली है ग्राम्या, विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता। जय जय तुलसी माता। हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित, पतित जनों की तारिणि, तुम हो विख्याता। जय जय तुलसी माता। लेकर जन्म बिजन में आई दिव्य भवन में, मानव लोक तुम्हीं से सुख सम्पत्ति पाता। जय जय तुलसी माता। हरि को तुम अति प्यारी श्याम वर्ण सुकुमारी, प्रेम अजब है श्री हरि का तुम से नाता। जय जय तुलसी माता। यहाँ पढ़ें : Tulsi श्री तुलसी जी की आरती के लिरिक्स का पीडिएफ डाउनलॉड करने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें। यहाँ पढ़ें : tulsi mata ki kahani video, – तुलसी माता की कथा – budhiya aur tulsi ki kahani – तुलसी माता की कहानी शास्त्रों में कई ऐसी कहानी और कथा है जिन्हे आप सभी को जानना चाहिए. ऐसे में आज हम लेकर आए हैं आपके लिए तुलसी माता की वह कहानी जो बहुत कम लोग जानते हैं, आप इसे वीडियो मे देख सकते हैं तथा इसके साथ- साथ आप तुलसी माता की कहानी का हिंदी पीडिएफ भी डाउनलॉड कर सकते हैं। यहाँ पढ़ें : यहाँ पढ़ें : जालंधर से जुड़ी मां तुलसी कथा जो बहुत कम लोग जानते हैं एक कथा के अनुसार माता तुलसी से जुड़ी एक कथा बहुत प्रचलित है। जो जालंधर से जुड़ी हुई हैं। जो शिव रूपी था, जालंधर पार्वती को पाना चाहता था इसलिए वह पार्वती के पास शिव जी अनुपस्थिति मे गया। लेकिन माता ने अपने तेज से उसे पहचान लिया तथा वहां से देवी पार्वती अंतर्ध्यान हो गई। मां ने क्रुद्ध होकर सारा वृतांत भगवान विष्णु को सुनाया। जालंधर की पत्नी वृंदा अत्यंत पतिव्रता स्त्री थी। उसी के पति व्रत...

[PDF], आरती: माता वैष्णो देवी

Maa Vaishno Devi ki Aarti यहाँ पढ़ें : vaishno mata ji ki aarti lyrics – वैष्णो देवी मां आरती लिरिक्स जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी हाथ जोड़ तेरे आगे,आरती मैं गाता॥ शीश पे छत्र विराजे, मूरतिया प्यारी। गंगा बहती चरनन,ज्योति जगे न्यारी॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे। सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥ सुन्दर गुफा तुम्हारी, मन को अति भावे। बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥ भवन पे झण्डे झूलें,घंटा ध्वनि बाजे। ऊँचा पर्वत तेरा,माता प्रिय लागे॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल, भेंट पुष्प मेवा। दास खड़े चरणों में, दर्शन दो देवा॥ जो जन निश्चय करके, द्वार तेरे आवे। उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥ इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे। कहते सेवक ध्यानू, सुख सम्पत्ति पावे॥ maa vaishno devi aarti lyrics PDF Download in Hindi वैष्णो देवी यहाँ पढ़ें : भारत मे हिंदू मान्यता के अनुसार वैष्णो देवी मां शक्ति को समर्पित पवित्रतम देवी हैं। भारतीय हिंदू मंदिरों में से वैष्णो देवी मंदिर एक है, जो भारत के जम्मू और कश्मीर में वैष्णो देवी की पहाड़ी पर स्थित है। इस धार्मिक स्थल की आराध्य देवी, वैष्णो देवी को माता रानी और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर, जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू जिले मे कटरा नगर के समीप स्थित है। यह उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर पहाड़ों पर 5200 फ़ीट की ऊचाई पर, कटरा से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर (ऊचाई पर) स्थित है। यहाँ पढ़ें : मां वैष्णो देवी – तीर्थयात्रा स्थल Maa Vaishno Devi ki Aarti इस मंदिर के दर्शन के लिए हर वर्ष लाखों तीर्थ यात्री, इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं। यहाँ तक पहुँचने के लिए उधमपुर से कटरा तक एक रेल संपर्क स्थ...

तुलसी माता की कहानी इन हिंदी

तुलसी माता की कहानी कार्तिक मास में सभी स्त्रियां तुलसी माता को सीचने जाती, तो कोई धन मांगती, कोई पुत्र मांगती, कोई सुहाग मांगती। सब कोई सींचकर कर आ जाती पर एक डोकरी सवा पहर रात को उठती और सवा पहर दिन चढ़े तब तुलसी माता की पूजा करती, तुलसी माता को सींचकर कहती है। हे तुलसी माता सत् की दाता, मैं बिड़ला सींचू तेरा तू कर निस्तारा मेरा, तुलसी माता बहू दीजिए, बेटी दीजिए, पोता दीजिए, लड्डू दीजिए, पितांबर की धोती दीजिए, गहना दीजिए, घी का घड़ा दीजिए, मीठा मीठा खीर और पूड़ी दीजिए, दाल भात का भोजन दीजिए, धन दौलत दीजिए, बेटा पोता को काम दीजिए, तुलसी को पता दीजिए, मुंह में गंगाजल दीजिए, सूरज जी की साख दीजिए, जल यमुना की नीर दीजिए, ग्यारस को दिन दीजिए, मारु तो बैकुंठ में बास दीजिए, चंदन को दाग दीजिए, मरू तब आप श्री कृष्ण को कंधा दीजिए, हर-हर करते वैकुंठे जावे रोज इतना कह कर आती थी। उस डोकरी की इतनी सारी बातें सुन सुनकर तुलसी माता सूखने लगी। तब भगवान ने पूछा कि आपको सभी स्त्रियां आकर उगाती हैं। और पूजा करती हैं, तो भी आप सुख रही हैं। ऐसा क्या हो गया? तब तुलसी माता ने कहा कि आप मेरे मन की बात को मत पूछो। तो भगवान बोले कि अगर मैं नहीं पूछूंगा तो कौन पूछेगा। तब तुलसी माता ने भगवान से कहने लगी कि एक डोकरी माई आती हैं। और रोज इतनी सारी मन्नत मांगती हैं। पर मैं सभी मन्नत को पूरा कर दूंगी। फिर भी मैं आपका कंधा कहां से दूंगी। तो भगवान बोले कि जैसा नसीब में होगा वैसा ही होगा। आप सोचिए मत और हरे-भरे होकर फूलिए। भगवान ने कहा कि जब वहां मरेगी तब मौके पर मैं और आप ही कंधा दे देंगे। आप सुबह जब वह पूजा करने आए, तब कह देना कि सब कुछ तुम्हें मिल जाएगा। कुछ दिनों बाद वह डोकरी ठोकर खाकर रास्ते में गिर कर म...