धतूरे का फूल

  1. धतूरे के फूल का ज्योतिष में महत्व जानें
  2. Dhatura Flower Significance : धतूरे का फूल भगवान शिव को है प्रिय, जानिए क्यों
  3. सपने मे धतूरा देखना। Sapne me dhatura dekhna
  4. काले धतूरे के बीज के फायदे और नुकसान
  5. धतूरे का फूल
  6. Devi Devtaon Ke Priye Phool:किस देवी
  7. सपने में धतूरे का फूल देखना Archives
  8. What Is The Importance Of Dhatura Flower


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धतूरे के फूल का ज्योतिष में महत्व जानें

जी हां, हम उसी धतूरे की बात कर रहे हैं, दो देवों के देव महादेव को अति प्रिय है। इस फल को यदि आप महादेव को अर्पित नहीं करती हैं, तो वह आपकी पूजा को भी स्वीकार नहीं करते हैं। इस फल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जंगली होने के साथ-साथ यह कहीं भी उग आता है और यह जहरीले होते हैं, इसलिए इन्‍हें प्रसाद के तौर पर ग्रहण नहीं किया जा सकता है मगर इनके फूलों को बहुत अधिक महत्व है। कैसा होता है धतूरे का फूल? धतूरे का फूल अमूमन सफेद रंग का होता है। आपको बता दें कि यह रंग भगवान शिव को अति प्रिय है और इस फूल में किसी भी प्रकार की खुशबू नहीं होती है। यह फूल कभी-कभी हल्‍के बैंगनी या फिर पीले रंग का भी होता है। यह बहुत जल्‍दी मुरझा जाता है इसलिए इसे तोड़कर तुरंत ही चढ़ा देना अच्‍छा होता है। क्‍यों है भगवान शिव को धतूरा और धतूरे का फूल इतना प्रिय? दरअसल, समुद्र मंथन के समय जब समुद्र की गहराइयों से हलाहल से भरा कलश निकला तब सब ने यही सोचा कि इसे कौन ग्रहण करेगा। ऐसे में इसे जरूर पढ़ें- धतूरे के फूल का क्‍या करें? • धतूरे के फूल को आप अपने कॉपी किताबों के बीच में रख सकती हैं। जब यह सूख जाए तब भी आप इसे अपने पास रखे रह सकती हैं। इससे आपके अंदर ज्ञान वृद्धि होगी। • धतूरे के फूल को आप अपनी पैसों की तिजोरी के अंदर रख सकती हैं। इससे आपकी आर्थिक स्थिति ठीक होगी। • अगर आपको रात में डरावने सपने आते हैं तो आपको धतूरे के फूल को तकिया के नीचे रख कर सोना चाहिए। ऐसा करने भय दूर होता है। • आपको पुराने

Dhatura Flower Significance : धतूरे का फूल भगवान शिव को है प्रिय, जानिए क्यों

Facebook Twitter WhatsApp Instagram Linkedin Koos Dhatura flower : धर्म शास्त्रों में देवी-देवताओं (god and godess) को कई ऐसी चीजें हैं जो बहुत प्रिय हैं. जिसमें से कुछ फूल भी हैं जो उन्हें चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है. देवी दुर्गा (devi Durga) को गुड़हल (hibiscus flower) के फूल बहुत पसंद हैं, वैसे ही शिव (lord Shiva)जी को धतूरे का फूल चढ़ाया जाता है. यह उनको बहुत ज्यादा भाता है. तो चलिए जान लेते हैं इस फूल की क्या खासियत है और भोलेनाथ को यहक्यों पसंद आता है. धतूरे का फूल क्यों प्रिय है भोलेनाथ को • आपको बता दें कि बाबा भोलेनाथ (Bholenath) को अगर धतूरे का फूल नहीं चढ़ाते हैं तो उनकी पूजा पूरी नहीं मानी जाती है. इस फूल की खासियत है कि यह कहीं भी उग आते हैं. इन्हें बहुत देखभाल करने की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि यह फूल जहरीले होते हैं तो इन्हें खाने की गलती बिल्कुल ना करें. • इस फूल का ज्योतिष शास्त्र (astrology) में खासा महत्व है. असल में इस फूल का रंग सफेद होता है जो भगवान शिव को बहुत प्रिय है. लेकिन आपको बता दें कि इस फूल में कोई खूशबू नहीं होती है. धतूरे के फूल बहुत नाजुक होते हैं इसलिए इन्हें तोड़ने के तुरंत बाद चढ़ा दीजिए नहीं तो ये मुरझा जाते हैं. • शिव जी को यह फूल इसलिए बहुत प्रिय है क्योंकि, इसका तिरस्कार बहुत किया जाता है. भगवान शिव उनको अपना लेते हैं जो समाज के द्वारा ठुकराया जाता है. उनका यह स्वभाव उदारता को दर्शाता है. • वहीं, इस फूल को शिव जी को चढ़ाने के पीछे यह भी संदेश है कि मन की कड़वाहट को दूर करके अच्छे विचार का संचार करें. यही कारण है कि शिव जी को यह फूल चढ़ाया जाता है. अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी त...

सपने मे धतूरा देखना। Sapne me dhatura dekhna

अगर कोई सपने मे भगवान शिव को धतूरा अर्पित करते हुए देखता है तो यह सपना इसी बात की ओर संकेत करता है कि आपकी कोई बडी मनोकामना जल्द ही पूरा होने वाली है। और आपको अपने मनचाहे परिणाम मिलने वाले है। सपने मे धतूरा खाना। Sapne me dhatura khana अगर कोई सपने मे धतूरा खुद को खाते हुए देखता है तो यह सपना किसी तरह के मानसिक व शारिरीक कष्ट होने की ओर ही ंसकेत करता है जिससे बचने के लिये आपको अपनी सेहत का कुछ ज्यादा ही ख्याल रखने की जरूरत है। सपने मे नये कपडे पहनना।

काले धतूरे के बीज के फायदे और नुकसान

Table of Contents • • • • • • • • • • • • काले धतूरे की पहचान क्या हैं – Kale Dhature Ki Pehchan इस धतूरे के बीज का रंग काला होता हैं. इसके पत्ते का साइज बड़ा होता है, ये नोकदार और डंठल युक्त होते हैं. इसके फूल घंटी जैसे दिखाई देते हैं. काला धतूरे के फल गोल और कांटेदार होते हैं. काले धतूरे के बीज के फायदे – Kale Dhature Ke Beej Ke Fayde इसके बीजो में मौजूद औषधीय गुणों के कारण हमें इससे लाभ मिलते हैं, चलिए नीचे काले धतूरे के बीज के कुछ विशेष फायदे के बारे में जानते हैं- धतूरे के बीज के फायदे शरीर दर्द में यदि आपके शरीर में दर्द है या बॉडी अकड़ सी गयी हैं. तब काले धतूरे के बीज आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं. इसके बीज का दही के साथ सेवन करने से बदन दर्द में लाभ मिलता है. लेकिन आप इसका सेवन अपने डॉक्टर की सलाह से सही मात्रा में करें. त्वचा रोगों में है लाभकारी धतूरे के बीज के फायदे त्वचा रोगों में भी मिलते हैं. इसके बीजो को सरसों के तेल में डालकर गर्म कर ले. इस तेल को दाद, खाज, खुजली वाले स्थान पर लगाने से जल्द लाभ मिलता हैं. सूजन में धतूरे के बीज के फायदे हाथ पैरो की सूजन में धतूरे के बीज का इस्तेमाल बेहद फायदेमंद होता हैं. इसके लिए आप इसके बीजो को अच्छे से पीस ले और सरसों तेल में मिलाकर मालिश करें. इससे सूजन दूर हो जाती हैं. अंडकोष की सूजन में लाभाकरी अंडकोष की सूजन को मिटाने के लिए आप इनका प्रयोग कर सकते हो. धतूरे के बीज को पीसकर इसमें शहद मिला ले. इस लेप को आप अपने अंडकोष पर बांध ले, इससे तुरंत फायदा मिलता हैं. तनाव दूर करते हैं धतूरे के बीज मानसिक तनाव को दूर करने के लिए धतूरे के बीज एक उत्तम औषधि हैं. इसमें एट्रोपिन नामक तत्व पाया जाता हैं, जो मष्तिस्क की नसों को शांत ...

धतूरे का फूल

छोटी-सी सफेद दुंदुभि खुल-खिल रही है परागकण दमक रहे हैं पूरी श्वेताभा के साथ मैं स्वयं को रोक पाने में असमर्थ हूँ अभी छू लिया है मैंने लरजती अंगुलियों से वह फूल मैं अपनी तर्जनी और अँगूठे को सूंघता हूँ अहा! कैसी तो मादक गंध भर गई है नथुनों में अभिसारोपरांत थकी किसी स्त्री की काँख में छलछलाते पसीने की मृदु-तिक्त महक सौंधी शिव को इसी लिये पसंद है धतूरे का फूल कि पार्वती की स्वेद-गंध पर वे मोहित रहते हैं - हम उम्मीद करते हैं कि यह पाठक की स्वरचित रचना है। अपनी रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करे ं। विशेष • Kavya Cafe: Rachit Dixit Poetry- ब्रेक अप के बाद लड़के • Hindi Kavita: नवीन सागर की कविता 'अपना अभिनय इतना अच्छा करता हूँ' • Urdu Poetry: नसीर तुराबी की ग़ज़ल 'दिया सा दिल के ख़राबे में जल रहा है मियाँ' • Parveen Shakir Poetry: वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया • अल्हड़ बीकानेरी की हास्य कविता- समय का फेर • Social Media Shayari: ढक कर चलता हूं, ज़ख्मों को आजकल

Devi Devtaon Ke Priye Phool:किस देवी

Devi devta ko Chadhaein ye Pushp: सनातन धर्म को मानने वाले लोग अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। उनको प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग फूल अर्पित किए जाते हैं। भगवान को बिना पुष्प चढ़ाए बिना कोई भी पूजा या अनुष्ठान पूरा नहीं होता है। वैसे तो आप किसी भी भगवान को कोई भी पुष्प अर्पित कर सकते हैं। लेकिन भगवान को उनके पसंद के फूल चढ़ाए जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। फूलों के संबंध में शारदा तिलक नामक पुस्तक में कहा गया है। दैवस्य मस्तकं कुर्यात्कुसुमोपहितं सदा। अर्थात- देवता का मस्तक सदैव पुष्प से सुशोभित रहना चाहिए। भगवान श्री गणेश ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान श्री गणेश को तुलसीदल को छोड़कर सभी प्रकार के फूल चढाएं जा सकते हैं। पद्मपुराण आचाररत्न में भी लिखा है कि ‘न तुलस्या गणाधिपम’ अर्थात् तुलसी से गणेश जी की पूजा कभी न करें। गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा है। गणेश जी को दूर्वा बहुत ही प्रिय है। दूर्वा के ऊपरी हिस्से पर तीन या पांच पत्तियां हों तो बहुत ही उत्तम है। भगवान शिव भगवान शंकर को धतूरे के फूल, हरसिंगार, व नागकेसर के सफेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, कनेर, कुसुम, आक, कुश आदि के फूल चढ़ाने का विधान है। भगवान शिव को केवड़े का पुष्प नहीं चढ़ाया जाता है। भगवान विष्णु इन्हें कमल, मौलसिरी, जूही, कदम्ब, केवड़ा, चमेली, अशोक, मालती, वासंती, चंपा, वैजयंती के पुष्प विशेष प्रिय हैं। विष्णु भगवान तुलसी दल चढ़ाने से अति शीघ्र प्रसन्न होते है। कार्तिक मास में भगवान नारायण केतकी के फूलों से पूजा करने से विशेष रूप से प्रसन्न होते है । लेकिन विष्णुजी पर आक, धतूरा, शिरीष, सहजन, सेमल, कचनार और गूलर आदि नहीं अर्पित करना चाहिए। सूर्य नारायण इनकी उपासना कुटज के पुष्पों से की जाती ...

सपने में धतूरे का फूल देखना Archives

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What Is The Importance Of Dhatura Flower

Dhatura flower : धर्म शास्त्रों में देवी-देवताओं (god and godess) को कई ऐसी चीजें हैं जो बहुत प्रिय हैं. जिसमें से कुछ फूल भी हैं जो उन्हें चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है. देवी दुर्गा (devi Durga) को गुड़हल (hibiscus flower) के फूल बहुत पसंद हैं, वैसे ही शिव (lord Shiva)जी को धतूरे का फूल चढ़ाया जाता है. यह उनको बहुत ज्यादा भाता है. तो चलिए जान लेते हैं इस फूल की क्या खासियत है और भोलेनाथ को यहक्यों पसंद आता है. धतूरे का फूल क्यों प्रिय है भोलेनाथ को • आपको बता दें कि बाबा भोलेनाथ (Bholenath) को अगर धतूरे का फूल नहीं चढ़ाते हैं तो उनकी पूजा पूरी नहीं मानी जाती है. इस फूल की खासियत है कि यह कहीं भी उग आते हैं. इन्हें बहुत देखभाल करने की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि यह फूल जहरीले होते हैं तो इन्हें खाने की गलती बिल्कुल ना करें. • इस फूल का ज्योतिष शास्त्र (astrology) में खासा महत्व है. असल में इस फूल का रंग सफेद होता है जो भगवान शिव को बहुत प्रिय है. लेकिन आपको बता दें कि इस फूल में कोई खूशबू नहीं होती है. धतूरे के फूल बहुत नाजुक होते हैं इसलिए इन्हें तोड़ने के तुरंत बाद चढ़ा दीजिए नहीं तो ये मुरझा जाते हैं. • शिव जी को यह फूल इसलिए बहुत प्रिय है क्योंकि, इसका तिरस्कार बहुत किया जाता है. भगवान शिव उनको अपना लेते हैं जो समाज के द्वारा ठुकराया जाता है. उनका यह स्वभाव उदारता को दर्शाता है. • वहीं, इस फूल को शिव जी को चढ़ाने के पीछे यह भी संदेश है कि मन की कड़वाहट को दूर करके अच्छे विचार का संचार करें. यही कारण है कि शिव जी को यह फूल चढ़ाया जाता है. अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक ज...