धुआंधार तेल

  1. Castor Oil in Hindi l अरंडी (रेंड़ी) तेल के फायदे व उपयोग l 1mg
  2. सोयाबीन तेल के 7 फायदे और नुकसान
  3. दररोज वापरात येणाऱ्या खोबरेल तेलाचे फायदे तुम्हाला माहित नसतील
  4. लैवेंडर तेल के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान
  5. Castor Oil in Hindi
  6. अरंडी के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान


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Castor Oil in Hindi l अरंडी (रेंड़ी) तेल के फायदे व उपयोग l 1mg

एरण्ड नाम सुनने पर शायद थोड़ा समझने में असुविधा हो सकती है। लेकिन आपके आसानी के लिए अगर ये नाम बताऊं तो जरूर पहचान लेंगे क्योंकि अरंडी का तेल या कैस्टर ऑयल नाम से सब इसको पहचानते हैं। एरंड के आयुर्वेदिय गुणों के कारण सदियों से इसका प्रयोग स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के लिए किया जाता है। एरंड के पत्ते, बीज, जड़,फूल और उनसे निकाले तेल का इस्तेमाल उपचार के तौर पर किया जाता है। आम तौर पर एरंड का इस्तेमाल आँख संबंधी समस्या, पाइल्स, खाँसी, पेट दर्द जैसे समस्याओं के लिए प्रयोग किया जाता है। चलिये आगे एरंड के बारे में विस्तार से जानते हैं- Contents • 1 एरंड क्या होता है (What is Arandi in Hindi) • 2 अन्य भाषाओं में एरंड का नाम (Name of Arandi in Different Languages in Hindi) • 3 एरंडी का औषधीय गुण (Medicinal Properties of Aarndi in Hindi) • 4 एरंड के फायदे (Arandi Uses and Benefits) • 4.1 नेत्र रोग के लिए फायदेमंद कैस्टर ऑयल (Castor oil Benefits in Eye Disease in Hindi) • 4.2 और पढ़े-आंखों के संक्रमण (इंफेक्शन) के लक्षण, कारण और घरेलू उपचार • 4.3 खाँसी से दिलाये राहत एरंडी (Arandi Leaves Benefits to Get Relief from Cough in Hindi) • 4.4 उदर-विकार में लाभकारी एरंडी (Arandi Plant Help to Get Relief from Abdominal Problem in Hindi) • 4.5 प्रवाहिका या पेचिश से राहत दिलाने में करे मदद एरंडी (Arandi Beneficial in Dysentric in Hindi) • 4.6 एपेन्डिसाइटिस से दिलाये राहत अरंडी का तेल (Arandi Oil Help to Cure Appendicitis in Hindi) • 4.7 कृमि से निजात दिलाये अरंडी के पत्ते (Arandi Leaves Benefit to Get Relief from Worms in Hindi) • 4.8 और पढ़े- कृमि के इलाज में अशोक का सेवन फायदेमंद • 4.9 प...

सोयाबीन तेल के 7 फायदे और नुकसान

घर में आप कई तरह के तेल का उपयोग करते होंगे। कुछ तेल खाना बनाने के लिए, तो कुछ तेल बालों में लगाने के लिए। कभी-कभी लोग तेल को शरीर व चेहरे पर भी लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न प्रकार के तेल का इस्तेमाल करते हुए कभी-न-कभी आपने सोयाबीन ऑयल का भी उपयोग किया ही होगा। हम इस लेख में इसी तेल के बारे में बता रहे हैं। इस तेल में कई खूबियां और खामियां हैं, जिनकी वजह से शरीर को सोयाबीन तेल के फायदे और नुकसान होते हैं। हमने स्टाइलक्रेज के इसे आर्टिकल में विस्तार से इन सभी के बारे में बताया है। साथ ही यह भी जानकारी दी है कि सोयाबीन का तेल कितना सुरक्षित है और कितना हानिकारक। विषय सूची • • • • • सोयाबीन तेल क्या है – What is Soybean Oil in Hindi सोयाबीन ऑयल वनस्पति तेल है यानी वेजिटेबल ऑयल है, जिसे सोयाबीन के बीजों से निकाला जाता है। संयमित मात्रा में इसका इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है, लेकिन इसका अधिक उपयोग शरीर को कई तरह के नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसी वजह से लेख में आगे हम सोयाबीन तेल के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में बता रहे हैं। पढ़ना जारी रखें लेख में आगे बढ़ते हुए जानते हैं कि स्वास्थ्य के लिए सोयाबीन तेल के फायदे क्या-क्या हैं। सोयाबीन तेल के फायदे – Benefits of Soybean Oil in Hindi सोयाबीन ऑयल स्वास्थ्य पर क्या असर डालता है और सोयाबीन तेल के फायदे क्या हैं, ये सब हम आगे रिसर्च के आधार पर बता रहे हैं। इन फायदों को जानकर यह न समझ लें कि सोयाबीन तेल का उपयोग करने के बाद बीमारी में डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत नहीं है। यह तेल बीमारियों से बचाव कर सकता है, लेकिन किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है। इसलिए, बीमार होते ही डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। 1. हड्...

दररोज वापरात येणाऱ्या खोबरेल तेलाचे फायदे तुम्हाला माहित नसतील

खोबरेल तेलाचे फायदे– खोबरेल तेल आपल्या आरोग्यासाठी, केसांसाठी आणि त्वचेसाठी इतकं फायदेशीर आहे की भारतात आपल्या पूर्वजांनी आदीकाळापासूनच नारळाचे तेल किंवा खोबरेल तेल वापरायला सुरुवात केली असावी. भारतभर आणि खोबरेल तेलाचे प्रकार ( Types of Coconut oil) कच्चे किंवा रीफाइंड न केलेले खोबरेल तेल: हे खोबरेल तेल जास्त काढण्यासाठी यांत्रिकी पद्धत न वापरल्याने ह्या तेलात जास्त खोबरेलची अस्सल चव आणि पौष्टिक मूल्य जास्त असते. यात कोणतेही अ‍ॅडिटीव्ह, रसायने वगैरे नसतात. व्हर्जिन किंवा रीफाइंड न केलेले खोबरेल तेल मुख्यतः साबण, सौंदर्यप्रसाधने आणि त्वचा आणि केसांची निगा राखण्यासाठी वापरतात. रीफाइंड केलेले खोबरेल तेल: खोबरेल तेलाचा शुद्ध प्रकार नसला तरी खोबरेल तेलाचा हा प्रकार सर्वाधिक प्रमाणात वापरला जातो. हे खोबरेल तेल कोपरा म्हणून ओळखल्या जाणार्‍या वाळलेल्या खोबऱ्या पासून काढले जाते. तेलाच्या शुद्धीकरण प्रक्रियेत ब्लीचिंग आणि डीओडोरिझिंगचा समावेश होतो. हे खोबरेल तेल सहज उपलब्ध आहे, दीर्घ काळ टिकणारे आहे आणि कच्च्या खोबरेलाच्या तेलापेक्षा अधिक स्वच्छ आणि स्वस्त आहे. खोबरेल तेल पौष्टिक का आहे? खोबरेल तेल पिण्याचे/खाण्याचे फायदे खोबरेल तेलाच्या फायद्याचे श्रेय त्याच्यातील समृद्ध पौष्टिक मूल्यांना दिले जाऊ शकते. खोबरेल तेलात चरबी, जीवनसत्त्वे, खनिजे आणि अँटिऑक्सिडेंट्स आहेत. खोबरेल तेलात बहुतेक कॅलरीज फॅट्स मधून येतात. खोबरेल तेलात असलेल्या 90% फॅट्स मध्ये संतृप्त चरबी (Saturated fat) असते. आरोग्यासाठी सॅचुरेटेड फॅट्स चांगले नसतात. पण खोबरेल तेलातील अर्ध्या सॅचुरेटेड फॅट्स मध्ये लॉरीक ॲसिड असल्याने ते आपल्या कोलेस्ट्रॉलची पातळी सुधारू शकते. खोबरेल तेलामध्ये कॅलरी आणि चरबीचे प्रमाण जास्त असल...

लैवेंडर तेल के 17 फायदे, उपयोग और नुकसान

लैवेंडर के फूल से बनने वाले लैवेंडर ऑयल को गुणकारी माना गया है। लैवेंडर ऑयल एक खास एसेंशियल ऑयल है, जो थकान और स्ट्रेस के अलावा, कई शारीरिक समस्याओं से उबरने में मदद कर सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम लैवेंडर ऑयल के फायदे बता रहे हैं, लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि लेख में बताए गए लैवेंडर तेल के गुण सिर्फ विभिन्न समस्याओं के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। लेख में बताए गए उपाय मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं हैं और बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। इस लेख में जानिए कि लैवेंडर का तेल क्या है और शरीर के लिए इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जा सकता है। साथ ही आप पढ़ेंगे कि लैवेंडर तेल के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं। विषय सूची • • • • • • • लैवेंडर के प्रकार – Types of Lavender Oil in Hindi वैसे तो इसकी 30 से ज्यादा प्रजातियां हैं, लेकिन इसे 4 खास प्रकार में बांटा जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है ( • इंग्लिश लैवेंडर : यह पौधा ज्यादा ठंड में भी जीवित रह सकता है और इसकी खुशबू सबसे अच्छी होती है, लेकिन इस लैवेंडर से ऑयल सबसे कम निकलता है ( • फ्रेंच लैवेंडर : इसके पौधे अन्य लैवेंडर के मुकाबले आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसकी पत्तियां हरे और ग्रे रंग की होती हैं। इनकी खुशबू सबसे तेज होती है ( • स्पाइक लैवेंडर : इस लैवेंडर के पौधे घास की तरह दिखते हैं ( • लैवेंडिन : लैवेंडर का यह प्रकार इंग्लिश लैवेंडर और स्पाइक लैवेंडर का हाइब्रिड होता है। इसकी खेती खासकर उद्योग के लिए ही की जाती है, क्योंकि यह सबसे ज्यादा खूबसूरत होते हैं और सबसे ज्यादा तेल भी इन्ही में से निकलता है। लेख के अगले भाग में आप जानेंगे लैवेंडर तेल के फायदे के बारे में। लैवेंडर तेल के फायदे – Ben...

Castor Oil in Hindi

आमतौर पर बालों की समस्या को दूर करने के लिए अरंडी का तेल उपयोग में लाया जाता है। लेकिन वर्षों से ही बालों और त्वचा के साथ ही बहुत से रोगों में भी अरंडी का तेल इस्तेमाल किया जाता है। यह शरीर के अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। कैस्टर ऑयल क्या है - (What is Castor Oil in Hindi) अरण्डी का आयल एक वनस्पति आयल है। इस तेल को रिकिनस कम्युनिस पौधों के बीजों से बनाया जाता है। इसके बीजों में से तेल निकाला जाता है इससे ही अरंडी का तेल बनता है। अरंडी के तेल में रिकिन होता है जो एक विषैला एंजाइम है। ताप प्रक्रिया से गुजरने के बाद यह विषैला एंजाइम निष्क्रिय हो जाता है। अन्य भाषाओं में एरंड का नाम - (Name of Castor Oil or Arandi in Different Languages in Hindi) अरंडी के तेल का वानस्पतिक नाम रिसिनस कॉम्युनिस है अन्य प्रांतों में इस तेल को भिन्न-भिन्न नामों से जानते है। अरंडी के तेल को हिंदी में क्या कहते हैं? - अरंडी के तेल को हिंदी में अरंड, एरंड, एरंडी, रेंड़ी कहा जाता है अंग्रेजी - कैस्टर ऑयल संस्कृत - एरण्ड, आमण्ड, चित्र, गन्धर्वहस्तक, पञ्चाङ्गुल, दीर्घदण्ड, वातारि, उरुबक, चित्रबीज, उत्तानपत्रक, व्याघपुच्छ कन्नड़ - हरलु असम - इरी कोकणी - एरेन्डी ओड़िआ - भेरोन्टा , ऐरॉन्डो तेलुगु - आमुडामु , एरंडमु नेपाली - अँडेर गुजराती - एरंडो , एरंडियों ड़ेवेली , अवुडालु , अवुडुल तमिल - आमणककम्, एरण्डम पारसी - बेद ञ्जीर , तुख्मे वेद ञ्जीर अरबी - खिरवा , बज्रुल खिर्बआ मराठी - एरंड, एरंडी बंगाली - भेरेंडा पंजाबी - अनेरू , अरण्ड मलयालम - चिट्टावणकफ , आवणकका, अवनक्कू उर्दू - एरण्ड एरंड के फायदे (Castor Oil Benefits in Hindi) अरंडी के तेल में ऐसे पोषक तत्व होते है। जो शरीर के स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों...

अरंडी के तेल के फायदे, उपयोग और नुकसान

यह एक वनस्पति तेल है और इसका पौधा मूल रूप से अफ्रीका और भारत में पाया जाता है। अरंडी का वैज्ञानिक नाम रिसीनस कम्युनिस (Ricinus communis) है। भारत में अरंडी के तेल को कई नामों से जाना जाता है- तेलुगु में अमुदामु, मराठी में इरांदेला टेला, तमिल में अमानकु एनी, मलयालम में अवानाककेना और बंगाली में रिरिरा टेला। उपयोग के हिसाब से अरंडी तेल एक बहुत पुराना औषधीय तेल है जो कई समस्याओं के इलाज के रूप में उपयोग होता है। इस तेल को बनाने के लिए इसके बीजों का उपयोग किया जाता है, इसके बीजो को दबाकर तेल निकाला जाता है। लेकिन इसके सूजन को कम करने और जीवाणुरोधी गुणों के कारण यह तेल पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह विभिन्न सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, वस्त्र, मालिश तेलों और प्रतिरक्षा प्रणाली, • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • केस्टर ऑयल बालों के विकास को बढ़ाने के लिए एक अच्छा उपाय है। इसके साथ सिर की मालिश करने से आपको घने और लंबे बाल मिल सकते हैं। यह तेल रोम के रक्त परिसंचरण को बढ़ा देता है, जिससे बालों का विकास तेज हो जाता है। तेल में ओमेगा 9 आवश्यक फैटी एसिड है जो बालों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है। स्कॅल्प (और पढ़े - नेचुरोपैथी (Naturopathy) चिकित्सकों का मानना है जब इसका ऊपरी त्वचा पर उपयोग किया जाता है तब अरंडी का तेल प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। यह आपके शरीर के रक्षा तंत्र को भी बढ़ाता है। बाहरी रूप से इस्तेमाल करने पर टी -11 कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है, जो शरीर में रक्षा तंत्र में वृद्धि करती है। टी -11 कोशिकाओं में रोगजनकों और विषाक्त पदार्थों के खिलाफ एंटीबॉडी होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। (और पढ़े - अरंडी का तेल कट्स औ...