दीपावली लक्ष्मी पूजा

  1. दीपावली
  2. Know about Deepawali 2020 Puja Muhurat, preparation and complete method of Lakshmi Puja
  3. diwali puja vidhi in hindi
  4. दीपावली लक्ष्मी पूजन विधि
  5. दीपावली पर लक्ष्मी पूजा कैसे करें? जानिए पूजन सामग्री से लेकर विधि, मंत्र और मुहूर्त
  6. दीपावली गणेश लक्ष्मी की संपूर्ण पूजा विधि
  7. Diwali Puja 2022


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दीपावली

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Know about Deepawali 2020 Puja Muhurat, preparation and complete method of Lakshmi Puja

नई दिल्ली: हिन्‍दू धर्म के सबसे बड़े त्‍योहार दीपावली ( Diwali 2020) को मनाने का समय करीब आ गया है. दिवाली या दीपावली का शुभ त्योहार इस साल 14 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा. इस दिन हर घर में देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है और भक्त उनसे धन-समृद्धि मांगते हैं. इस दिन घरों, दुकानों और दफ्तरों को दीयों, मिट्टी के बर्तनों, जगमगाती रोशनी और फूलों से सजाया जाता है. लक्ष्‍मी पूजा के दिन शाम को लोग पारंपरिक परिधानों में सजकर पूजा करते हैं. इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को शाम 05:28 बजे से शाम 07:24 बजे तक है (अवधि 1 घंटा 56 मिनट). वहीं प्रदोष काल शाम 05:27 से शाम 08:07 तक रहेगा. वहीं अमावस्या की तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02:17 बजे से 15 नवंबर को सुबह 10:36 बजे तक रहेगी. लक्ष्मी पूजन ( 1. लक्ष्‍मी पूजन के लिए खासी तैयारियां करनी पड़ती हैं. इसके लिए सबसे पहले अपने घर पर एक स्थान तय करें जहां आप पूजन करना चाहते हैं. घर में जहां मंदिर हो, उस जगह पर लक्ष्मी पूजन की जा सकती है. इस जगह को गंगाजल या सादे पानी से साफ करें. फिर लकड़ी के पटे पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं. इस पर चावल के आटे से बनी एक छोटी रंगोली बनाएं. यहां सम्मानपूर्वक देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को रखें. इसके दायीं या बायीं ओर एक मुट्ठी अनाज रखें. 2. इसके बाद 'कलश' तैयार करें. 'कलश' को पानी, एक सुपारी, गेंदे का एक फूल, सिक्के और चावल से भरें. कलश पर नारियल रखें, जिसके रेशे वाला हिस्‍सा ऊपर की ओर हो. इसी नारियल के चारों ओर आम के 5 पत्‍ते लगाएं. 3. अब 'पूजा की थाली' तैयार करें. इसमें अक्षत (चावल) रखें, हल्‍दी पाउडर से कमल का फूल बनाएं और उस पर लक्ष्‍मी जी की मूर्ति रखें. मूर्...

diwali puja vidhi in hindi

FILE माता लक्ष्मीजी के पूजन की सामग्री अपने सामर्थ्य के अनुसार होना चाहिए। इसमें लक्ष्मीजी को कुछ वस्तुएँ विशेष प्रिय हैं। उनका उपयोग करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इनका उपयोग अवश्य करना चाहिए। वस्त्र में इनका प्रिय वस्त्र लाल-गुलाबी या पीले रंग का रेशमी वस्त्र है। माताजी को पुष्प में कमल व गुलाब प्रिय है। फल में श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार व सिंघाड़े प्रिय हैं। सुगंध में केवड़ा, गुलाब, चंदन के इत्र का प्रयोग इनकी पूजा में अवश्य करें। अनाज में चावल तथा मिठाई में घर में बनी शुद्धता पूर्ण केसर की मिठाई या हलवा, शिरा का नैवेद्य उपयुक्त है। प्रकाश के लिए गाय का घी, मूंगफली या तिल्ली का तेल इनको शीघ्र प्रसन्न करता है। अन्य सामग्री में गन्ना, कमल गट्टा, खड़ी हल्दी, बिल्वपत्र, पंचामृत, गंगाजल, ऊन का आसन, रत्न आभूषण, गाय का गोबर, सिंदूर, भोजपत्र का पूजन में उपयोग करना चाहिए। तैयारी चौकी पर लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे। लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें। पूजनकर्ता मूर्तियों के सामने की तरफ बैठें। कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें। नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेटें कि नारियल का अग्रभाग दिखाई देता रहे व इसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण का प्रतीक है। दो बड़े दीपक रखें। एक में घी भरें व दूसरे में तेल। एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में। इसके अतिरिक्त एक दीपक गणेशजी के पास रखें। मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं। गणेशजी की ओर चावल की सोलह ढेरियां बनाएं। ये सोलह मातृका की प्रतीक हैं। नवग्रह व षोड...

दीपावली लक्ष्मी पूजन विधि

दीपावली यानी धन और समृद्धि का त्यौहार. इस दिन गणेश और माता लक्ष्मी के साथ ही साथ भगवान कुबेर, सरस्वती और काली माता की पूजा की जाती है. Diwali Pujan Samagri कलावा, रोली, सिंदूर, १ नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, 5 सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, चौकी, समिधा, कमल गट्टे, पंचामृत ( दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली. कुशा, रक्त चंदन. गणपति पूजन | Ganapati Pujan किसी भी पूजा में सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा की जाती है. इसलिए हाथ में पुष्प लेकर गणपति का ध्यान करें. गजाननम्भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम्। उमासुतं शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम्। आवाहन: ऊं गं गणपतये इहागच्छ इह तिष्ठ कहकर पात्र में अक्षत छोड़ें लक्ष्मी पूजन Lakshmi Puja Vidhi पूजा भगवती लक्ष्मी की साधना के साथ शुरू करना चाहिए . ध्यान आप के सामने पहले से ही स्थापित श्री लक्ष्मी प्रतिमा के सामने किया जाना चाहिए . भगवती श्री लक्ष्मी का मनन करते हुए निम्न मंत्र का जाप किया जाना चाहिए ॐ या सा पद्मासनस्था , विपुल – कटि – तटी , पद्म – दलायताक्षी। गम्भीरावर्त – नाभिः , स्तन – भर – नमिता , शुभ्र – वस्त्रोत्तरीया।। लक्ष्मी दिव्यैर्गजेन्द्रैः। मणि – गज – खचितैः , स्नापिता हेम – कुम्भैः। नित्यं सा पद्म – हस्ता , मम वसतु गृहे , सर्व – मांगल्य – युक्ता।। लक्ष्मी देवी की अंग पूजा Laxmi Ang Puja for Diwali बायें हाथ में अक्षत लेकर दायें हाथ से थोड़ा-थोड़ा छोड़ते जायें— ऊं चपलायै नम: पादौ पूजयामि ऊं चंचलायै नम: जानूं पूजयामि, ऊं कमलायै नम: कटि पूजयामि, ऊं कात्यायिन्यै नम: नाभि पूजयामि, ऊं जगन्मा...

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा कैसे करें? जानिए पूजन सामग्री से लेकर विधि, मंत्र और मुहूर्त

दिवाली वाले दिन भगवान राम के साथ ही देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की भी पूजा होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम रावण का वध करके अपनी नगरी अयोध्या वापस लौटे थे। उनके आने की ही खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। कहा जाता है कि तभी से दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। कुछ मान्यताओं अनुसार इस दिन देवी लक्ष्मी का आगमन हुआ था। जिस कारण इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। जानिए दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि और मुहूर्त… दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (Diwali Laxmi Puja Muhurat) : अमावस्या तिथि प्रारंभ – अक्टूबर 27 को 12:23 पी एम बजे से अमावस्या तिथि समाप्त – अक्टूबर 28 को 09:08 एम एम बजे लक्ष्मी पूजा समय – 06:43 पी एम से 08:15 पी एम तक दीपावली पूजन सरल विधि (Diwali Pujan Vidhi) : दिवाली पूजन प्रदोष काल में किया जाता है। दिवाली की शाम को एक लकड़ी की साफ चौकी बिछाएं। उस चौकी पर गंगा जल से छिड़काव करें और इसके बाद भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, सरस्वती के साथ कुबेर और श्री यंत्र भी स्थापित करें। पूजा स्थान पर एक जल से भरा तांबे या स्टील का कलश रखें। कलश पर रोली से सतिया बना लें और श्रीं लिखें। फिर इस कलश पर मोली की 5 गांठे बांधें। इसके बाद उस पर आम के पत्ते रखें। पुजा स्थान पर पंच मेवा, गुड़, फूल , मिठाई, घी, खील बताशे, फल आदि भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के सामने या आस पास रखें। हो सके तो मां लक्ष्मी को कमल का फूल जरूर अर्पित करे। इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के आगे पांच घी और पांच तेल के दीपक जलाएं। साथ ही तेल का एक बड़ा दीपक भी जलाएं। भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा के साथ मां सरस्वती, कुबेर, कृष्ण जी और राम दरबार की पूजा भी जरूर करें। लक्ष्मी पूजन के दौर...

दीपावली गणेश लक्ष्मी की संपूर्ण पूजा विधि

दीपावाली के अवसर पर लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए आप घर की साज-सजावट पर खूब ध्यान देते हैं। लेकिन साज सजावट काफी नहीं है। लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपकी पूजा विधि विधान पूर्वक हो। इसलिए दीपावली की रात गणेश लक्ष्मी के साथ कुबेर महाराज की भी पूजा करें। कुबेर देवताओं के खजांची हैं। अमावस की कालिमा देवी काली का स्वरूप है। यह तमोगुणमयी रात होती है। इसलिए इस रात देवी कली की भी पूजा होती है। कई स्थानों पर तो विशेष पूजा पंडाल बनाकर इस रात देवी काली की पूजा होती है। काली, लक्ष्मी और सरस्वती तीनों ही महालक्ष्मी से उत्पन्न हुई हैं। यही कारण है कि दीपावली में शुभ लाभ की चाहत रखने वालों को महालक्ष्मी की प्रसन्न हेतु तीनों देवियों काली, लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए। पूजा की संपूर्ण विधि बता रहे हैं पण्डित मुरली झा। पूजन सामग्री कलावा, रोली, सिंदूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र , फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश हेतु आम का पल्लव, चौकी, समिधा, हवन कुण्ड, हवन सामग्री, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, मिठाईयां, पूजा में बैठने हेतु आसन, हल्दी , अगरबत्ती, कुमकुम, इत्र, दीपक, रूई, आरती की थाली। कुशा, रक्त चंदनद, श्रीखंड चंदन। पर्वोपचार पूजन शुरू करने से पूर्व चौकी को धोकर उस पर रंगोली बनाएं। चौकी के चारों कोने पर चार दीपक जलाएं। जिस स्थान पर गणेश एवं लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करनी हो वहां कुछ चावल रखें। इस स्थान पर क्रमश: गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति को रखें। अगर कुबेर, सरस्वती एवं काली माता की मूर्ति हो तो उसे भी रखें। लक्ष्मी माता की पूर्ण प्रसन्नता हेतु भगवान विष्णु की मूर्ति लक्ष्मी माता के बायीं ओर रख...

Diwali Puja 2022

धनतेरस से भैया दूज तक पांच दिनों तक मनाई जाने वालीदिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) एक महत्वपूर्ण त्योहार है। लक्ष्मी पूजा, या दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) पूजा, शुभ दिन पर हर भारतीय घर में किए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है। यह मुख्यतः शाम को देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है। लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। इसलिए पूजा अत्यंत प्रसन्नता और भक्ति के साथ की जाती है। देवी लोगों के जीवन में समृद्धि, धन और शांति भी लाती हैं। यह त्योहार पूरे भारत में बहुत खुशी तथा उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग एक साथ इकट्ठे होते हैं, खाते हैं व जश्न मनाते हैं। बुराई पर अच्छाई और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में पूरे घर में तेल के दीपक जलाए जाते हैं। दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) और लक्ष्मी दिवाली पूजाविधि (Diwali Puja Vidhi) दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022)में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पुराणों में ऐसा कहा गया है कि देवी लक्ष्मी इस दिन पृथ्वी पर हर घर में आती हैं। इसलिए, देवी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन घर की सफाई तथा लाइट की व्यवस्था करना आवश्यक है। दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) के समय, निम्नलिखित अनुष्ठानों को ध्यान में रखा जाना चाहिए: 1. 2. अपनी पूजा या लिविंग रुम में टेबल या स्टूल पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं। बीच में कुछ दाने रखें। 3. चांदी या कांसे का 75% पानी से भरा कलश दानों के बीच में रखें। कलश में सुपारी, गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश पर पांच आम के पत्ते एक घेरे में रखें। दिवाली पूजा 2022 (Diwali Puja 2022) पूजा के लिए कलश 4. कलश के दा...