दीपज्योति नमोस्तुते

  1. बारह ज्योतिर्लिंग
  2. नवरात्रात अखंड दिवा लावण्यामागील शास्त्रोक्त कारण आणि नियम
  3. किसी भी शुभ कार्य से पहले जलाएं दीपक, पढ़ें ये मंत्र...
  4. Why do we light a lamp?
  5. Mahalakshmi Stuti
  6. नवरात्रीत अखंड दिवा लावण्याची योग्य पद्धत आणि नियम, महत्व
  7. Mahalakshmi Stuti
  8. बारह ज्योतिर्लिंग
  9. किसी भी शुभ कार्य से पहले जलाएं दीपक, पढ़ें ये मंत्र...
  10. Why do we light a lamp?


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बारह ज्योतिर्लिंग

भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग पुराणों के अनुसार भगवान् शिव जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए थे, उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। भारत में इस प्रकार 12 स्थान है, जहां पर ज्योतिर्लिंग स्थित है। सागर तट पर दो, नदी के किनारे पर तीन, पर्वतों की ऊँचाई पर चार और मैदानी प्रदेशों में गाँवों के पास तीन इस तरह बारह स्थान है, जहां भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग स्वरुप स्थित है। ये बारह ज्योतिर्लिंग है – • श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग • श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री रामेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री भीमांशंकर ज्योतिर्लिंग • श्री विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेवजी के अर्थात शंकर भगवान के इन बारह ज्योतिर्लिंग के तेजोमय और पवित्र स्थानों की महिमा अनोखी है। ज्योतिर्लिंगों के नामों के स्मरण का लाभ यदि मनुष्य क्रमशः कहे गये इन बारहों ज्योतिर्मय शिवलिंगोंके स्तोत्रका भक्तिपूर्वक पाठ करे, तो इनके दर्शनसे होनेवाले फलको प्राप्त कर सकता है। जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय, इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप, इन ज्योतिर्लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। प्रातःकाल उठकर इन बारह ज्योतिर्लिंगों के नामों का स्मरण करने से आवागमन के चक्र से मुक्ति मिल जाती है, और इन लिंगों की पूजा से सभी दुःखों का नाश होता है। ज्योतिर्लिंग स्तोत्र, बारह ज्योतिर्लिंग की कथाएं निचे ज्योतिर्लिंग के स्तोत्र और उनकी कथाओं के जो पोस्ट ह...

नवरात्रात अखंड दिवा लावण्यामागील शास्त्रोक्त कारण आणि नियम

Side Effects of Vitamin C Serum: प्रत्येकाची इच्छा दीर्घकाळ सुंदर आणि तरुण दिसण्याची असते. यासाठी महिला आणि पुरुष दोघेही विविध प्रकारच्या त्वचेची काळजी घेणारी उत्पादने वापरतात. बाजारात अनेक उत्पादने उपलब्ध आहेत जी त्वचा सुंदर बनवण्याचा दावा करतात. यापैकी एक म्हणजे व्हिटॅमिन सी सीरम, ज्याबद्दल लोक खूप उत्सुक आहेत. तुम्ही ज्याला पाहता, तो चमकणाऱ्या त्वचेसाठी व्हिटॅमिन सी सीरम वापरत आहे. त्याचा अर्थ विचार न करता लोक ते त्वचेवर लावत आहेत. असे करणे त्वचेसाठीही हानिकारक ठरू शकते. आज आम्ही तुम्हाला व्हिटॅमिन सी सीरमच्या अतिवापराचे काय धोके आहेत आणि कोणत्या लोकांनी त्याचा वापर करू नये हे सांगणार आहोत. Kulcha Recipe:मजेदार, मसालेदार, मसालेदार आणि रुचकर जेवण कोणाला आवडत नाही. असे चविष्ट पदार्थ खाण्यासाठी लोक अनेकदा बाहेर पडतात. पण, बाहेरचे अन्न जास्त खाल्ल्याने आजारी पडण्याचा धोका असतो. अशा परिस्थितीत स्त्रिया घरच्या घरी सर्वकाही बनवण्याचा प्रयत्न करतात. छोले-भटुरे हा असा पदार्थ आहे, जो घरी बनवायला अगदी सोपा आहे. पण, कडक उन्हात लहान मुले आणि प्रौढही तेलात तळलेले भटुरे खाण्यास टाळाटाळ करतात. तुम्हाला हवे असल्यास भटुरे ऐवजी झटपट कुलचे बनवू शकता. उन्हाळी हंगाम येताच मुलांच्या सुट्ट्या सुरू होतात. बरेच पालक आपल्या मुलांना बाहेरगावी फिरायला घेऊन जातात, तर बरेच जण त्यांना घराबाहेर फिरायला घेऊन जातात. ज्यांना बाहेर फिरायला जाता येत नाही, त्यांनी आपल्या मुलांना घराजवळील उद्यानात सहलीला घेऊन जावे. सहलीला जाणे हे वडीलधाऱ्यांबरोबरच प्रत्येक मुलालाही आवडते. सहलीला लहान मुलांसोबत प्रौढही खूप एन्जॉय करतात.

किसी भी शुभ कार्य से पहले जलाएं दीपक, पढ़ें ये मंत्र...

How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे द्वारा बताए गए उपाय करके आप ऋण मुक्त हो सकते हैं परंतु शर्त यह है कि आपके कर्म अच्छे होना चाहिए। उपाय तभी काम करते हैं जबकि आप सच्चे और अच्‍छे हैं। परिवार के प्रति जिम्मेदार हैं। Success in politics astrology : ऐसे भी कई लोग हैं जो सेना या पुलिस में नौकरी करना चाहते हैं। कई लोग हैं जो शासन-प्रशासन में काम करना चाहते हैं। हालांकि बहुत से लोग राजनीति में अपना भविष्य चमकाना चाहते हैं परंतु वे सफल नहीं हो पाते हैं। यदि आप भी राजनीति में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं तो आपने मन में सवाल होगा कि ऐसा क्या करूं कि इस क्षेत्र में सफलता मिले तो जानिए कि कौन से वार को व्रत रखने से यह मनोकामना होगी पूर्ण। धार्मिक मान्यतानुसार सभी माताएं पूजा से नहीं साधना क...

Why do we light a lamp?

दी पक या दिया सनातन वैदिक हिंदू धर्म में अपनी विशेष स्थान पाया है. दिया जलाना मतलब मन से, अश्रद्धा को निकालना और ज्ञान रुपी परमेश्वर को जगाना या भगवान को आव्हानीत करना. यह एक सूर्य की भांति तेज का प्रतीक ( निरपेक्ष आग का सिद्धांत) है. दीपक जिसका अर्थ है " प्रकाश" अंधकार की ओर से प्रकाश का मार्ग दिखलानेका एक जरिया ' तमसो मा ज्योतिर्गमय" अज्ञान के अधंकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर लेके जाने की प्रार्थना में यह मंत्र पढ़ा जाता है. एक दीपक काफी है जो एक अंधकार को दूर करनेके लिए. तो चलो जान लेते है सनातन धर्म में क्या कहा गया है दीपक के बारे में ! प्राचीन कहानियों के अनुसार ऋषि दुर्वास के शाप से देवराज इन्द्रने अपना राज्यपद खो चुका था, श्राप विमुक्ति के लिए भगवान विष्णु की सलाह से लक्ष्मी स्वरूप दीपक की पूजा करके श्राप से विमुक्ति पाई थी तथा अपना शासन फिर से प्राप्त किया था. और कुछ अनुभवी पुराणवेत्ताओंका कहना है की समुद्र मंथन के वक्त रस्सी के रूप में आदिशेष नाग की तथा अँधेरे को दूर करनेके लिए विशाल अग्निस्वरूपी उज्वल दीपक की सहायता ली गयी थी. कार्तिक का महीना जिस में दीवाली का त्यौहार आता है , इस महीने में विशेष रूप से भगवान विष्णु और शिव की पूजा की जाती है जिसे कार्तिक दीपम के नाम से जाना जाता है. हरदिन दिए जलाए जाते है हजारो लाखो की तादात में. और दीवाली का त्यौहार विशेष रूप से दीपक जलाने के लिए अलक्ष्मी को दूर करके लक्ष्मी की कृपा बनाए रखनेके लिए मनाया जाता है. इससे यह स्पष्ट होता है की जहां अंधकार होता है वह लक्ष्मी नहीं रहती. लक्ष्मी का निवास उस घर में या उस स्थान में होता है जहां हरदिन दीपक जलाए जाते हो. लगभग हर भारतीय घर में सुबह- शाम भगवान या तुलसी के सामने दिया जलाया जाता...

Mahalakshmi Stuti

दोस्तों क्या आप Mahalakshmi Stuti महालक्ष्मी स्तु‍ति ढुंढ रहे हे ? तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको देवी महालक्ष्मी की स्त्रुति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं. देवी महालक्ष्मी की स्त्रुति शांत मन के साथ, अपने आप को देवी माँ के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य की प्राप्ति, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है Mahalakshmi Stuti Detail: महालक्ष्मी स्तु‍ति संबंधित देवी लक्ष्मी भाषा संस्कृत और हिंदी सूत्र सन्तान लक्ष्मी नमस्तेस्तु पुत्र पौत्र प्रदायिनि पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Santana Lakshmi Namastestu Putra Poutra Pradayini Putram Dehi Dhanam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me विद्या लक्ष्मी नमस्तेस्तु ब्रह्मविद्या स्वरूपिणि विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Vidya Lakshmi Namastestu Brahmavidya Swaroopini Vidyam Dehi Kalam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me धन लक्ष्मी नमस्तेस्तु सर्व दारिद्रय नाशिनि धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Dhana Lakshmi Namastestu Sarva Daridrya Nashini Dhanam Dehi Shriyam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me धान्य लक्ष्मी नमस्तेस्तु सर्वाभरण भूषिते धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Dhanya Lakshmi Namastestu Sarvabharana Bhooshite Dhanyam Dehi Dhanam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me मेधा लक्ष्मी नमस्तेस्तु कलि कल्मष नाशिनि प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Medha Lakshmi Namastestu Kali Kalmasha Nashini Prajnam Dehi Shriyam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me गज लक्ष्मी नमस्तेस्तु सर्व देव स्वरूपिणि अश्र्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Gaja...

नवरात्रीत अखंड दिवा लावण्याची योग्य पद्धत आणि नियम, महत्व

आपल्या हिंदू धर्मात नवरात्राला खूप महत्त्व आहे. आपण वर्षातून 2 वेळा देवीची उपासना करतो. नवरात्रीत देवी आईला प्रसन्न करण्यासाठी भाविक लोकं घट-स्थापना, अखंड दिवा, जागरण इत्यादी करतात. नवरात्राच्या 9 दिवसात आपण घरात घट स्थापना आणि अखंड दिवा लावतो. या अखंड दिव्याला न विझू देता तेवण्याचा नियम आहे. हा अखंड दिवा लावल्यावर आपण ह्याला एकटे सोडू शकत नाही आणि त्याला विझू द्यायचे नाही. जर का हा दिवा विझला तर हे वाईट मानले आहे. नवरात्रात अखंड दिवा लावण्याचे काही नियम आहेत, ज्यांना आपल्याला पाळावे. जेणे करून आपल्याला इच्छित फळ मिळू शकतात. सहसा लोकं पितळ्याचा दिवा अखंड दिवा म्हणून तेवतात. जर आपल्याकडे पितळ्याचा दिवा नाही तर आपण मातीचा दिवा देखील लावू शकता. मातीच्या दिवा अखंड दिवा म्हणून तेवण्यापूर्वी दिव्याला संपूर्ण 1 दिवस पाण्यात भिजवून ठेवा आणि त्याला पाण्यातून काढून स्वच्छ कापड्यानं पुसून वाळवून घ्या. शुक्रवार हा दिवस लक्ष्मी देवी, संतोषी माता आणि माँ काली यांचा दिवस आहे. आर्थिक संकटातून सुटका हवी असेल तर या दिवशी महालक्ष्मीची पूजा करावी. महालक्ष्मीची पूजा करून देवीला प्रसन्न केल्याने कर्जातूनही मुक्ती मिळते आणि पैशाचा ओघही वाढतो. यासोबतच तब्येतही सुधारते. चला जाणून घेऊया महालक्ष्मीला कसे प्रसन्न करावे. धार्मिक मान्यतानुसार शुक्रवार लक्ष्मी देवीला समर्पित आहे. या दिवशी देवी लक्ष्मीची पूजा विधीद्वारे केली पाहिजे. लक्ष्मीला संपत्तीची देवी देखील म्हटले जाते. ज्याला लक्ष्मीचा आशीर्वाद लाभतो त्याला आयुष्यात कधीही आर्थिक समस्येला सामोरा जावं लागत नाही. देवी लक्ष्मीला संतुष्ट करण्यासाठी शुक्रवारी हे 4 उपाय केले पाहिजेत. हे उपाय केल्याने लक्ष्मीची विशेष कृपा होते. देवीला लाल वस्त्र अर्पण करा...

Mahalakshmi Stuti

दोस्तों क्या आप Mahalakshmi Stuti महालक्ष्मी स्तु‍ति ढुंढ रहे हे ? तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको देवी महालक्ष्मी की स्त्रुति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं. देवी महालक्ष्मी की स्त्रुति शांत मन के साथ, अपने आप को देवी माँ के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य की प्राप्ति, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है Mahalakshmi Stuti Detail: महालक्ष्मी स्तु‍ति संबंधित देवी लक्ष्मी भाषा संस्कृत और हिंदी सूत्र सन्तान लक्ष्मी नमस्तेस्तु पुत्र पौत्र प्रदायिनि पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Santana Lakshmi Namastestu Putra Poutra Pradayini Putram Dehi Dhanam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me विद्या लक्ष्मी नमस्तेस्तु ब्रह्मविद्या स्वरूपिणि विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Vidya Lakshmi Namastestu Brahmavidya Swaroopini Vidyam Dehi Kalam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me धन लक्ष्मी नमस्तेस्तु सर्व दारिद्रय नाशिनि धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Dhana Lakshmi Namastestu Sarva Daridrya Nashini Dhanam Dehi Shriyam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me धान्य लक्ष्मी नमस्तेस्तु सर्वाभरण भूषिते धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Dhanya Lakshmi Namastestu Sarvabharana Bhooshite Dhanyam Dehi Dhanam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me मेधा लक्ष्मी नमस्तेस्तु कलि कल्मष नाशिनि प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Medha Lakshmi Namastestu Kali Kalmasha Nashini Prajnam Dehi Shriyam Dehi Sarva Kamamscha Dehi Me गज लक्ष्मी नमस्तेस्तु सर्व देव स्वरूपिणि अश्र्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्र्च देहि मे Gaja...

बारह ज्योतिर्लिंग

भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग पुराणों के अनुसार भगवान् शिव जहाँ-जहाँ स्वयं प्रगट हुए थे, उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। भारत में इस प्रकार 12 स्थान है, जहां पर ज्योतिर्लिंग स्थित है। सागर तट पर दो, नदी के किनारे पर तीन, पर्वतों की ऊँचाई पर चार और मैदानी प्रदेशों में गाँवों के पास तीन इस तरह बारह स्थान है, जहां भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग स्वरुप स्थित है। ये बारह ज्योतिर्लिंग है – • श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग • श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री रामेश्वर ज्योतिर्लिंग • श्री भीमांशंकर ज्योतिर्लिंग • श्री विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग • श्री घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेवजी के अर्थात शंकर भगवान के इन बारह ज्योतिर्लिंग के तेजोमय और पवित्र स्थानों की महिमा अनोखी है। ज्योतिर्लिंगों के नामों के स्मरण का लाभ यदि मनुष्य क्रमशः कहे गये इन बारहों ज्योतिर्मय शिवलिंगोंके स्तोत्रका भक्तिपूर्वक पाठ करे, तो इनके दर्शनसे होनेवाले फलको प्राप्त कर सकता है। जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय, इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप, इन ज्योतिर्लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है। प्रातःकाल उठकर इन बारह ज्योतिर्लिंगों के नामों का स्मरण करने से आवागमन के चक्र से मुक्ति मिल जाती है, और इन लिंगों की पूजा से सभी दुःखों का नाश होता है। ज्योतिर्लिंग स्तोत्र, बारह ज्योतिर्लिंग की कथाएं निचे ज्योतिर्लिंग के स्तोत्र और उनकी कथाओं के जो पोस्ट ह...

किसी भी शुभ कार्य से पहले जलाएं दीपक, पढ़ें ये मंत्र...

How to Care for Indoor Plants in Hindi : घर में हरेभरे पौधा के होने से मन प्रसन्न रहता है और सकारात्मकता फैलती है। क्या आपके गमले में पौधे पनप नहीं पा रहे हैं? जल्दी से मुरझा जाते हैं या पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो पा रही है? ऐसे में जानिए हमारे द्वारा बताए गए मात्र 3 टिप्स। इन टिप्स को आजमाएंगे तो आपके पौधे भी हरेभरे होकर महकने लगेंगे। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Lal kitab karj mukti ke upay : यदि आप कर्ज के तले दबे हुए हैं और इससे छुटकारा पाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे द्वारा बताए गए उपाय करके आप ऋण मुक्त हो सकते हैं परंतु शर्त यह है कि आपके कर्म अच्छे होना चाहिए। उपाय तभी काम करते हैं जबकि आप सच्चे और अच्‍छे हैं। परिवार के प्रति जिम्मेदार हैं। Success in politics astrology : ऐसे भी कई लोग हैं जो सेना या पुलिस में नौकरी करना चाहते हैं। कई लोग हैं जो शासन-प्रशासन में काम करना चाहते हैं। हालांकि बहुत से लोग राजनीति में अपना भविष्य चमकाना चाहते हैं परंतु वे सफल नहीं हो पाते हैं। यदि आप भी राजनीति में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं तो आपने मन में सवाल होगा कि ऐसा क्या करूं कि इस क्षेत्र में सफलता मिले तो जानिए कि कौन से वार को व्रत रखने से यह मनोकामना होगी पूर्ण। धार्मिक मान्यतानुसार सभी माताएं पूजा से नहीं साधना क...

Why do we light a lamp?

दी पक या दिया सनातन वैदिक हिंदू धर्म में अपनी विशेष स्थान पाया है. दिया जलाना मतलब मन से, अश्रद्धा को निकालना और ज्ञान रुपी परमेश्वर को जगाना या भगवान को आव्हानीत करना. यह एक सूर्य की भांति तेज का प्रतीक ( निरपेक्ष आग का सिद्धांत) है. दीपक जिसका अर्थ है " प्रकाश" अंधकार की ओर से प्रकाश का मार्ग दिखलानेका एक जरिया ' तमसो मा ज्योतिर्गमय" अज्ञान के अधंकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर लेके जाने की प्रार्थना में यह मंत्र पढ़ा जाता है. एक दीपक काफी है जो एक अंधकार को दूर करनेके लिए. तो चलो जान लेते है सनातन धर्म में क्या कहा गया है दीपक के बारे में ! प्राचीन कहानियों के अनुसार ऋषि दुर्वास के शाप से देवराज इन्द्रने अपना राज्यपद खो चुका था, श्राप विमुक्ति के लिए भगवान विष्णु की सलाह से लक्ष्मी स्वरूप दीपक की पूजा करके श्राप से विमुक्ति पाई थी तथा अपना शासन फिर से प्राप्त किया था. और कुछ अनुभवी पुराणवेत्ताओंका कहना है की समुद्र मंथन के वक्त रस्सी के रूप में आदिशेष नाग की तथा अँधेरे को दूर करनेके लिए विशाल अग्निस्वरूपी उज्वल दीपक की सहायता ली गयी थी. कार्तिक का महीना जिस में दीवाली का त्यौहार आता है , इस महीने में विशेष रूप से भगवान विष्णु और शिव की पूजा की जाती है जिसे कार्तिक दीपम के नाम से जाना जाता है. हरदिन दिए जलाए जाते है हजारो लाखो की तादात में. और दीवाली का त्यौहार विशेष रूप से दीपक जलाने के लिए अलक्ष्मी को दूर करके लक्ष्मी की कृपा बनाए रखनेके लिए मनाया जाता है. इससे यह स्पष्ट होता है की जहां अंधकार होता है वह लक्ष्मी नहीं रहती. लक्ष्मी का निवास उस घर में या उस स्थान में होता है जहां हरदिन दीपक जलाए जाते हो. लगभग हर भारतीय घर में सुबह- शाम भगवान या तुलसी के सामने दिया जलाया जाता...