दीवाने आम दीवाने खास

  1. जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का इतिहास
  2. Mango Stuffed Kulfi Recipe Ghar Per Kaise Banaye Mango Stuffed Kulfi
  3. मुगल शासक अकबर कालीन स्थापत्य कला
  4. 7th Standard Delhi Lesson Notes
  5. Taj Mahal Facts Hindi ताजमहल के बारे में यह बातें शायद आप नहीं जानते होंगे !
  6. लाहौर का किला
  7. मुगल साम्राज्य के शासक और उनके कार्याकाल, मुगल काल और उनके शासक
  8. लाल किला पर निबंध
  9. ताजमहल का इतिहास


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जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का इतिहास

अकबर का परिचय • अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 ई. में हुमायुँ के प्रवास के दौरान अमर कोट में राणा वीरसाल के महल में हुआ था • अकबर की माँ का नाम हमीदा बानो बेगम था अकबर के बचपन का नाम बदरूद्दीन था अकबर का राज्यभिषेक • अकबर का राज्यभिषेक 1556 ई. में बैरम खां के संरक्षण में कलानोर में हुआ था 1560 ई. तक अकबर ने बैरम खां के संरक्षण में कार्य किया और बैरम खां को वकील नियुक्त किया गया पानीपत का द्वतीय युध्द • सिहासन पर बैठते ही अकबर ने बैरम खां की सहायता से 1556 ई. मे पानीपत के द्वतीय युध्द में हेमू विक्रमादित्य को हराया • 1561 में अकबर ने बैरम खां के संरक्षण से मुक्त होकर अपने पहले सैन्य अभियान में मालवा के शासक बाज बहादुर को पराजित किया पेटीकोट शासन क्यों कहा जाता है • 1560 से 1564 तक का जो शासन काल है उसे पेटीकोट शासन के नाम से जाना जाता है क्योंकि उस समय अकबर की धाय माँ महामअनगा उनका शासन में विशेष दखल था • उजबेग मिर्जाओं तथा यूसफजाईयों का विद्रोह • 1564 में अकबर ने जजिया कर को समाप्त कर दिया और अकबर के समय मे एक उजबेग मिर्जाओं तथा यूसफजाईयों का विद्रोह हुआ था • गुजरात विजय के दौरान अकबर सर्वप्रथम पुर्तगालीयों से मिला और यहीं सर्वप्रथम उसने समुद्र को देखा था हल्दीघाटी का युध्द • 1576 ई. के हल्दीधाटी के प्रसिध्द युध्द में अकबर के सेनापति राजामान सिंह ने मेवाड के शासक महाराजा प्रताप को पराजित किया फतेहपुर सीकरी की स्थापना • 1571में अकबर ने आगरा से 36 किलो मी. दूर फतेहपुर सीकरी नामक नगर की स्थापना की और उसमें प्रवेश के लिए बुलंद दरवाजा बनवाया बुलंद दरवाजा अकबर द्वारा गुजरात जीतने के पर बनवाया • फतेहपुर सीकरी में इबादत खाने की स्थापना • अकबर ने फतेहपुर सीकरी में धार्मिक परिचर्चा हे...

Mango Stuffed Kulfi Recipe Ghar Per Kaise Banaye Mango Stuffed Kulfi

Mango kulfi: गर्मियां अपने पूरे शबाब पर हैं और यही सही समय है कि सभी ठंडी और ताजगी भरी चीजों का सेवन करें. ऐसे कई ट्रीट हैं जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं, लेकिन जो हमारे दिलों में एक खास जगह रखता है वह है क्लासिक कुल्फी. मैंगो कुल्फी कुल्फी का एक ऐसा पसंदीदा वर्जन है जो एक परम पसंदीदा है, लेकिन क्या आपने कभी स्टफ्ड मैंगो कुल्फी खाई है. भरवां मैंगो कुल्फी क्या है? जैसा कि नाम से पता चलता है, आम कुल्फी का यह वेरिएंट स्टफ्ड है. सबसे अच्छी बात यह है कि इस स्वादिष्ट कुल्फी को बनाने के लिए आपको केवल तीन सामग्रियों की जरूरत है. यह आपके मेहमानों को इंप्रेस करने और गर्म गर्मी के दिन आनंद लेने के लिए एकदम सही मिठाई है. तो, इंतजार क्यों? आगे बढ़ो और इसे अपने लिए आजमाओ. इस कुल्फी को बनाते समय आपको किस प्रकार के आमों का उपयोग करना चाहिए, इसके बारे में कोई सख्त नियम नहीं हैं. बस एक बात का ध्यान रखना है कि आम पूरी तरह से पका हुआ और मीठा होना चाहिए, नहीं तो आप इस कुल्फी का असली स्वाद नहीं चख पाएंगे. आप अल्फांसो आम, केसर, दशहरी या चौंसा भी इस्तेमाल कर सकते हैं; यह सब आपकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है. कैसे बनाएं 3 सामग्री वाली भरवां मैंगो कुल्फी | मैंगो कुल्फी रेसिपी इस कुल्फी को बनाने के लिए सबसे पहले हमें दूध को तब तक उबालना है जब तक दूध आधा न रह जाए. अब इसमें चीनी और पिस्ता डालकर पूरी तरह ठंडा होने दें. (दूध को उबालने में लगभग 30-40 मिनट का समय लग सकता है, इसलिए इसे बीच-बीच में चलाते रहें.) इस बीच, आम का आकार बरकरार रखते हुए इसके बीज निकाल दें. आम के ऊपर का भाग निकाल कर बाद में इस्तेमाल के लिए अलग रख दें. धीरे से आम को निचोड़ें और बीज के चारों ओर के गूदे को चाकू से ढीला करें. इसे निका...

मुगल शासक अकबर कालीन स्थापत्य कला

अन्य संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य- • • • • • • • अकबर कालीन इमारतें- हुमायूँका मकबरा है।यद्यपि इसके निर्माण में उसका कोई हाथ नहीं था। का मकबरा- यह मकबरा ज्यामितीय चतुर्भुज आकार के बने उद्यान के मध्य एक ऊँचे चबूतरे पर स्थित है।यह चार-बाग पद्धति में बना प्रथम स्थापत्य स्मारक था। हुमायूँ के मकबरे का निर्माण 1565ई. में हुमायूँ की विधवा बेगा बेगम(हाजी बेगम) ने शुरू करवाया। दोहरी गुंबद वाला यह भारत का पहला मकबरा है। इस मकबरे को ताजमहल का पूर्वगामी माना जाता है। हुमायूँ के मकबरे में दफनाये गये मुगल घरानों के लोग इस प्रकार हैं- बेगाबेगम,हमीदाबानू बेगम,हुमायूँ की छोटी बेगम, दारा शिकोह, जहांदारशाह, फर्रुखशियर, रफीउरद्दरजात,रफीउद्दौला और आलमगीर द्वितीय। दिल्ली के अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर और उसके तीन शहजादों को अंग्रेज लेफ्टीनेंट हड्सन ने 1857ई. में हुमायूँ के मकबरे से गिरफ्तार किया था। इस मकबरे का निर्माण अकबरकी सौतेली माँ हाजी बेगम ने मीरक मिर्जा गयास की देख-रेख में करवाया था। इस मकबरे की विशेषता-संगमरमर से निर्मित इसका विशाल गुंबद एवं द्विगुंबदीय प्रणाली थी। यह मुगलकालीन एकमात्र मकबरा है जिसमें मुगलवंश के सर्वाधिक लोग दफनाये गये हैं। इस मकबरे को ताजमहल का पूर्वगामी कहा गया है। मेहराबी और शहतीरी शैली का समान अनुपात में प्रयोग मिलता है। अकबर के काल में लाल बलुआ पत्थर का प्रयोग मिलता है। अकबर कालीन इमारतों को सुविधानुसार दो भागों में बाँटा जा सकता है। आगरा में निर्मित इमारतें- कबर कालीन आगरे में बनी इमारतों में बहुत थोङी बची हुई हैं, जिनमें अकबरी महल और जहांगीरी महल प्रमुख हैं। अकबर ने (1565-73ई.) अपनी राजधानी आगरा में एक किला बनवाया। आगरे के दुर्ग में निर्मित जहाँगीरी महल की नकल...

7th Standard Delhi Lesson Notes

5. भारत सरकार का सचिवालय कहाँ पर है ? भारत सरकार का सचिवालय नयी दिल्ली में है। ॥. इन प्रश्नों के उत्तर दो या तीन वाक्यों में लिखो : 1. लाल किले के बारे में लिखो । • दिल्ली का लाल किला बहुत प्रसिद्ध है। • इसके दीवाने आम और दीवाने खास देखने लायक हैं। • दीवाने आम में साठ सुंदर खंभे हैं, जो लाल पत्थर से बने हैं। • “दीवान खास संगमरमर से बना है। इसकी भीतरी दीवारों की नक्काशी बहुत बढ़िया है। 2. कुतुब मीनार के बारे में तुम क्या जानते हो ? दिल्ली से थोड़ी दूर पर कुतुब मीनार है। आसमान से बातें करनेवाली यह मीनार बहुत सुंदर है। यह दो सौ अड़तीस फुट ऊँची है। 3. संसद के बारे में लिखो । संसद भवन बड़ा रमणीय है। यह गोलाकार सदन संसार में निराला है। लोकसभा और राज्यसभा के अधिवेशन इसी सदन में होते हैं। 4. राष्ट्रपति भवन क्यों निराला है? • राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का निवास स्थान । • राष्ट्रपति देश विदेशों के अपने अतिथियों का आदर सत्कार यहीं पर करते हैं। • राष्ट्रपति का कार्यालय भी इसी भवन में है। इस भवन के एक और भाग में वस्तु संग्रहालय भी है। • उसमें कई अमूल्य प्राचीन वस्तुओं का संग्रह है। 5. दिल्ली में देखने लायक स्थान कौन-कौन से हैं? दिल्ली में देखने लायक स्थान राजघाट, शांतिवन, जंतर मंतर, कनॉटप्लेस, बिर्ला भवन, लक्ष्मीनारायण का मंदिर आदि हैं। III. अन्य वचन रूप लिखो : • किला – किले • याद – यादें • बात – बातें • महीना – महीनें IV. विलोम शब्द लिखो : • नया x पुराना • भीतर x बाहर • पास x दूर • चढ़ना x उतरना V. पर्यायवाची शब्द जानो : • नगर – शहर • मशहूर – प्रसिद्ध • आसमान – आकाश • मनोहर- सुंदर VI. कन्नड़ या अंग्रेजी में अनुवाद करो : 1. लाल किले के पास जामा मसजिद है। ಕೆಂಪು ಕೋಟೆಯ ಹತ್ತಿರ ಜಾಮಾ ...

Taj Mahal Facts Hindi ताजमहल के बारे में यह बातें शायद आप नहीं जानते होंगे !

आगरा के ताजमहल से जुडी ऐसी रोचक बातें Taj Mahal Facts In Hindi जो आपको जरूर जानना चाहियें। सफ़ेद संगमरमर से बना अद्भुत ताजमहल, प्यार की मिसाल माना जाने वाला दुनियां भर में अपनी सौदर्यता के लिए जाना जाता है। दूर दूर से लोग ताजमहल के दीदार के लिए आते हैं। ताजमहल का इतिहास वास्तव में बहुत अधिक आकर्षक है जो हम सभी वर्षों से सुनते और पढ़ते आ रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अभी भी ताजमहल के बारे में कुछ तथ्य हैं जो अनसुने हैं। तो आइये जानते हैं ताजमहल से जुड़े रोचक तथ्यों को जो आपको जरूर जानना चाहियें – Taj Mahal Facts In Hindi | फैक्ट्स अबाउट ताज महल इन हिंदी आप जानते होंगे कि ताजमहल प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस मोहब्बत की निशानी को शाहजहां ने अपनी तीसरी बेगम मुमताज की याद में बनाया था। कहा जाता है कि मुमताज़ महल ने मरते वक्त मकबरा बनाए जाने की ख्वाहिश जताई थी जसके बाद शाहजहां ने ताजमहन बनावाया। ताजमहल के तयखाने में मुमताज महल की मज़ार है। पर क्या आप जानते हैं ताजमहल के निर्माण में लगभग 3.2 करोड़ रुपये खर्च किए। अगर आज इसका अनुमान लगाएं तो कम से कम 6500 करोड़ तो माना जा सकता है। आप जानते होंगे की ताजमहल संगमरमर से बना हुआ है पर क्या आप जानते है इसे बनवाने में 28 प्रकार के पत्थर लगे हैं जो विशेषकर तिब्बत, चीन, श्रीलंका और भारत के कुछ हिस्सों से इकठे किये गए थे। इसके आलावा ताजमहल के निर्माण में लगभग पूरे भारत और एशिया से सामग्री मंगवाई गई थी। ताजमहल को बनवाने में लगभग 22 वर्ष लगे थे जिसमे तकरीबन 22,000 मज़दूरों ने काम किया था। कहा जाता है कि निर्माण सामग्री के परिवहन (लाने ले जाने ) के लिए 1,000 से अधिक हाथियों का उपयोग किया गया था। शाहजहां ने इस ताजमहल को बनवाने के लिए बगदाद ...

लाहौर का किला

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मुगल साम्राज्य के शासक और उनके कार्याकाल, मुगल काल और उनके शासक

इस आर्टिकल की प्रमुख बातें • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • मुगल साम्राज्य की बात करे तो 1526 ई. से 1857 ई. तक लगभग 331 सालों तक शासन रहा है। मुगल वंश का संस्थापक बाबर था। बाबर एवं उत्तरवर्ती मुगल शासक तुर्क एवं सुन्नी मुसलमान थे। बाबर ने मुगल वंश की स्थापना के साथ ही पद-पादशाही की स्थापना की, जिसके तहत शासक को बादशाह कहा जाता था। • देखे मुगल साम्राज्य के शासक और उनके कार्याकाल की विस्तृत जानकारी.. 1. बाबर (1526- 1530 ई.) बाबर का जन्म फरवरी, 1483 ई. में हुआ था। बाबर के पिता उमरशेख मिर्जा फरगाना नामक छोटे राज्य के शासक थे। बाबर ने 1507 ई. में बादशाह की उपाधि धारण की, जिसे अब तक किसी तैमूर शासक ने धारण नहीं की थी। बाबर के चार पुत्र थे – हुमायूँ, कामरान, असकरी तथा हिंदाल। बाबर का वास्तविक नाम जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर था। बाबर, महान विजेता तैमूर का वंशज था और उसकी माता कुतलुक निगारखानम पराक्रमी चंगेज खाँ की वंशज थी। बाबर, 1494 ई. में 11 वर्ष की आयु में फरगना का शासक बना। बादशाह बाबर का भारत पर आक्रमण बाबर ने भारत पर पाँच बार आक्रमण किया, जिसमे बाबर का भारत के विरुद्ध किया गया प्रथम अभियान 1519 ई. में युसूफ जाई जाति के विरुद्ध था। इस अभियान में बाबर ने बाजौर और भेरा को अपने अधिकार में कर लिया। बाबर ने द्वितीय आक्रमण 1519-20 ई . में पेशावर पर किया। बाबर ने तृतीय आक्रमण 1520 ई . में किया तथा सियालकोट और सैयदपुर को जीता। बाबर ने चौथा आक्रमण 1524 ई . में किया, इस आक्रमण में उसने लाहौर और दीपालपुर पर अधिकार किया। दिसम्बर 1925 ई. में बाबर ने पाँचवीं बार भारत पर आक्रमण किया। 21 अप्रैल, 1526 ई . बाबर और दिल्ली सल्तनत के सुल्तान इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत के मैदा...

लाल किला पर निबंध

दिल्ली का लाल किला एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत है। इस किले को मुगल बादशाह शाहजहां के द्वारा सन 1648 ई में बनाया गया था। लाल किला भारत में महान ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। यह दिल्ली के केन्द्र (नई दिल्ली) में स्थित है। इसका निर्माण मुगल सम्राट, शाहजहां ने कराया था। दिल्ली ब्रिटिश सरकार द्वारा मुगल सम्राट, बहादुर शाह जफर को 1857 में निष्कासित किए जाने तक मुगलों की राजधानी थी। यह यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। लाल किले पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Red Fort in Hindi, Lal Kila par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (300 शब्द) प्रस्तावना हमारे देश की राजधानी दिल्ली पुराने कलाओं का मिश्रण है। इसमें कई ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल भी है। लाल किला दिल्ली में शहर के बिल्कुल केन्द्र में स्थित है। यह हिन्दुस्तानी किला लाल किले के रुप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह लाल बलुआ पत्थरों के प्रयोग से बनाया गया है। यह मूल रुप से, प्राचीन काल से ही आशीर्वाद किला अर्थात् किला-ए-मुबारक के रुप में जाना जाता है। भारत के मुगल शासक लगभग 200 साल पहले 1857 तक यहाँ रहा करते थे। लाल किला कब और किसके शासन काल में बना ? इसमें एक बड़ा संग्रहालय है, एक दीवान-ए-आम (सार्वजनिक दर्शकों के लिए) और दीवान-ए-खास (बैठकों के उद्देश्य के लिए)। यह मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा 1648 में यमुना नदी के किनारे बनवाया था।। यह शाहजहानाबाद (शाहजहां की 5 वीं मुगल सम्राट राजधानी) के सुसज्जित महल के रूप में बनाया गया था। यह पुराने सलीमगढ़ किला (जो सन् 1546 में इस्लाम शाह सूरी के द्वारा बनवाया गया था) से सटा हुआ है। दोनों ही पानी की धार के साथ जुड़े हुए हैं, जिसे स्वर्ग (नहर-ए-बहिश्त) की धारा कहा जाता है। यह तिमुरिड, फारसी...

ताजमहल का इतिहास

इतिहास में आगरा का प्रथम उल्लेख महाभारत के समय से माना जाता है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में यहा एक बहुत बडा जंगल था। जिसे राजा उग्रसेन जो कंस के पिता थे, ने साफ करवाकर इस नगर की नींंव रखी थी। और अपने नाम पर इस नगर का नाम उग्रसेन रखा था। बाद में इसे अग्रबाण या अग्रवन के नाम से जाना जाता था। कुछ लोगो का यह भी मानना है की पहले इसे आर्यगृह के नाम से भी पुकारते थे। और बाद में यह आगरा के नाम से जाना जाने लगा। यह भी कहा जाता है की इस नगर को सबसे पहले आगरा नाम क्लॉडियस टॉलमी ने दिया था जो एक भूगोलविद थे और अपने विश्व भ्रमण के दौरान यहा आए थे यह तो आगरा का प्राचीन इतिहास था जो पूर्ण रूप से प्रमाणिक तो नही है कुछ तत्थ और अनुमानो के आधार पर है। आगरा के इतिहास के प्रामाणिक तत्थ मुगलकाल से मिलते है। प्रमाणिक तत्थो के आधार पर आगरा की नींव लोदी वंश के दुसरे शासक सिकंदर शाह लोदी ने 1504 ई. में रखी थी। Taj mahal history | Taj mahal ka itihas सिकंदर शाह लोदी दिल्ली के सुल्तान बहलुल खान लोदी का पुत्र था। 1489 में अपने पिता की मृत्यु के बाद वह लोदी वंश का दूसरा शासक बना,और 1489 से 1517 तक वह दिल्ली का सुल्तान बना रहा। लोदी ने ग्वालियर का किला हासिल करने की कोशिस की और उसने पांच बार ग्वालियर पर आक्रमण भी किए। ले किन हर बार उसे ग्वालियर के महाराज मानसिह से विफलता ही मिली। लेकिन ग्वालियर को हासिल करने की उसकी महत्वकाक्षां इतनी अधिक थी की उसने ग्वालियर से पहले छावनी बनाने का निर्णय लिया और वर्तमान में जिस जगह आज आगरा यहा छावनी बनाने का निर्णय लिया गया। उसने इस स्थान को दिल्ली के बाद भारत की दूसरी राजधानी के तौर पर विकसित करना शुरू कर दिया। क्योकि दिल्ली से ग्वालियर जाने में बहुत समय लगता था। स...