दिवाली कब है 2023

  1. Diwali 2023 Date Shubh Muhurt For Puja Of Maa Laxmi And Deepawali Importance Pooja Vidhi
  2. दिवाली
  3. Diwali 2023: इस वर्ष कब आएगी दिवाली और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
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Diwali 2023 Date Shubh Muhurt For Puja Of Maa Laxmi And Deepawali Importance Pooja Vidhi

Diwali 2023 Date, Puja Muhurt: हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व होता है. दिवाली के दिन पूरे देश में दीपों का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि दिवाली के दिन यानी कार्तिक अमावस्या की रात में मां लक्ष्मी स्वंय भूलोक पर पधारती हैं और घर-घर में विचरण करती हैं. यही वजह है कि दिवाली के दिन घरों में चारों और दीपक प्रज्वलित कर उजाला किया जाता है. ताकि देवी मां लक्ष्मी वहीं वास करें. कहा जाता है कि जिस घर में स्वच्छता और प्रकाश होता है, उस घर में मां लक्ष्मी वास करती हैं. दिवाली 2023 कब है ? हिंदू पंचांग के मुताबिक, दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है. साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर दिन रविवार को मनाई जायेगी. पंचांग के मुताबिक कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 को दोपहर बाद 02 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 13 नवंबर सोमवार को दोपहर बाद 02 बजकर 56 मिनट तक रहेगी. हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है. ऐसे में साल 2023 में दिवाली 12 नवंबर को मनाना उचित होगा. हालांकि 13 को भी अमावस्या तिथि है. ऐसे में कुछ लोग दिवाली का पर्व 13 नवंबर को भी मना सकते हैं. दिवाली 2023 पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त : 17:40:57 से 19:36:50 तक • अवधि : 1 घंटे 55 मिनट • प्रदोष काल : 17:29:11 से 20:07:41 तक • वृषभ काल : 17:40:57 से 19:36:50 तक महानिशीथ काल मुहूर्त • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त्त : 23:39:02 से 24:31:52 तक • अवधि : 0 घंटे 52 मिनट • महानिशीथ काल : 23:39:02 से 24:31:52 तक • सिंह काल :...

दिवाली

महत्वपूर्ण जानकारी • दिवाली पूजा 2023 • रविवार, 12 नवंबर 2023। • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 05:39 अपराह्न से 07:35 अपराह्न • अमावस्या तिथि शुरू: 12 नवंबर 2023 दोपहर 02:45 बजे • अमावस्या तिथि समाप्त: 13 नवंबर 2023 अपराह्न 04:55 बजे • क्या आप जानते हैं दिवाली सभी जातियों में मनाई जाती है। जैसे, जैन, हिंदू और सिख। दिवाली हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण और प्रतिभाशाली त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली और ‘रोशनी का त्योहार’ के रूप में भी जाना जाता है और दिवाली शब्द ‘दीपावली’ शब्द का गलत रूप है, जिसका अर्थ है कि प्रकाश की पंक्तियां। यह त्यौहार कार्तिक के महीने में 15 वें दिन होता है (आमावस्य) जब सर्दी के मौसम की शुरुआत होती है। इसके बारे में विभिन्न राय हैं जैन का मानना है कि इस दिन महावीर स्वामी स्वर्ग में गए और देवताओं ने उन्हें प्राप्त किया और इस प्रकार उन्हें मोक्ष मिला। हिंदुओं ने इसलिए मनाते है क्योंकि इस दिन श्री राम चंद्र लंका के राजा रावण की हत्या के बाद अयोध्या लौट आए थे, और लोगों ने अपने सम्मान में अपने घरों को रोशन कर दिया था। सिखों के लिए दिवाली, बंदी छोर दिन का प्रतीक है, जब गुरु हर गोविंद जी ने अपने और हिंदू राजाओं को फोर्ट ग्वालियर से, इस्लामी शासक जहांगीर की जेल से मुक्त कर दिया था, और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में पहुंचे थे। तब से, सिखों ने बंदी मुक्त दिवस मनाया, स्वर्ण मंदिर, आतिशबाजी और अन्य उत्सवों की वार्षिक प्रकाश व्यवस्था के साथ। यह त्योहार बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है घरों, दुकानों के मंदिरों और अन्य इमारतों को साफ कर दिया जाता है और कई रंगो से रंग दिया जाता है और चित्र, खिलौने और पेपर के फूलों से सजाया जाता है। सभी लकड़ी की चीजें पॉलिश किया जाता हैं रात ...

Diwali 2023: इस वर्ष कब आएगी दिवाली और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

Diwali 2023: दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम अपना वनवास पूरा करके वापिस अयोध्या लौटे थे। बहुत सी पारंपरिक और धार्मिक श्रुतियों के अनुसार दिवाली के साथ कई पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं। इन कथाओं के अनुसार दिवाली का पांच दिवसीय पर्व भगवान गणपति, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, भगवान कृष्ण और बलराम के साथ-साथ यमदेव की भी पूजा का पर्व है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष दिवाली कब आएगी। दिवाली 2023 तिथि एवं मुहूर्त (Diwali 2023 Date, Muhurat) यह भी पढ़ें: धनतेरस– 10 नवंबर 2023, शुक्रवार छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी– 11 नवंबर 2023, शनिवार दिवाली एवं लक्ष्मी पूजा– 12 नवंबर 2023, रविवार गोवर्धन पूजा एवं भाई दूज– 14 नवंबर 2023, मंगलवार इस वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या 12 नवंबर को दोपहर 2.45 बजे आरंभ होकर अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 2.57 बजे समाप्त होगी। ऐसे में लक्ष्मी पूजा तथा दिवाली का पर्व भी 12 नवंबर को ही मनाया जाएगा परन्तु गोवर्धन पूजा 13 नवंबर के बजाय एक दिन बाद अर्थात् 14 नवंबर को की जाएगी। दिवाली को लक्ष्मी पूजा का समय सायं 5.39 बजे से रात्रि 8.16 बजे तक है। यह भी पढ़ें: कैसे करें दिवाली पर गणेश पूजा और लक्ष्मी पूजा? इस दिन सायं स्नान कर साफ-सुथरे, नए कपड़े पहन कर घर के मंदिर में गणेशजी की पूजा करें। इसके बाद अपने इष्टदेव, गुरुदेव तथा अन्य देवताओं की पूजा करें। सबसे अंत में मां लक्ष्मी की पूजा करें और अपने गुरु मंत्र का जप करें। पूजा में डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्...

Diwali Festival

दिवाली (Diwali), एक धार्मिक, विविध रंगों के प्रयोग से रंगोली सजाने, प्रकाश औऱ खुशी का, अंधकार हटाने का, मिठाईयों का,पूजा आदि का त्यौहार है, जो पूरे भारत के साथ साथ देश के बाहर भी कई स्थानों पर मनाया जाता है। यह रोशनी की कतार या प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है। यह सम्पूर्ण विश्व में मुख्यतः हिन्दूओं और जैनियों द्वारा मनाया जाता है।उस दिन बहुत से देशों जैसे तोबागो, सिंगापुर, सुरीनम, नेपाल, मारीशस, गुयाना, त्रिनद और श्री लंका, म्यांमार, मलेशिया और फिजी में राष्ट्रीय अवकाश होता है। यह पाँच दिन (धनतेरस, नरक चतुर्दशी, अमावश्या, कार्तिक सुधा पधमी, यम द्वितीया या भाई दूज) का हिन्दू त्यौहार है जो धनतेरस (अश्वनी माह के पहले दिन का त्यौहार है) से शुरु होता है और भाई दूज (कार्तिक माह के अन्तिम दिन का त्यौहार है) पर खत्म होता है। दिवाली (Diwali) के त्यौहार की तारीख हिन्दू चन्द्र सौर कलैण्डर के अनुसार र्निधारित होती है। यह बहुत खुशी से घरों को सजाकर बहुत सारी लाइटों, दिये, मोमबत्तियॉ, आरती पढकर, उपहार बॉटकर, मिठाईयॉ, ग्रीटिंग कार्ड, एस एम एस भेजकर, रंगोली बनाकर, खेल खेलकर, मिठाईयॉ खाकर, एक दूसरे के गले लगकर औऱ भी बहुत सारी गतिविधियों के साथ मनाते है। दिवाली (Diwali) 2023 रविवार, 12 नवंबर 2023 धनतेरस: शुक्रवार, 10 नवंबर 2023 नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली): शनिवार, 11 नवंबर 2023 बाली प्रतिप्रदा या गोवर्धन पूजा: सोमवार, 13 नवंबर 2023 यम द्वितीया या भाईदूज: बुधवार, 15 नवंबर 2023 भगवान की पूजा और त्यौहारोत्सव हमें अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाता है, हमें अच्छे कार्यों को करने के प्रयासों के लिये शक्ति देता है, देवत्व के और ज्यादा करीब लाता है। घर के चारों ओर दिये और मोमबत्ती जलाकर प्रत्येक कोने को...