Dos kya hai

  1. DOS क्या है और इसकी विशेषताएं (Updated)
  2. दृष्टि दोष क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं » BasicStudy
  3. MS DOS Kya Hai और कैसे सीखे Hindi Me
  4. What are Denial of Service (DoS) attacks? DoS attacks explained
  5. MS DOS Kya Hai पूरी जानकारी हिन्दी में
  6. दृष्टि दोष क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं » BasicStudy
  7. What are Denial of Service (DoS) attacks? DoS attacks explained
  8. MS DOS Kya Hai पूरी जानकारी हिन्दी में
  9. MS DOS Kya Hai और कैसे सीखे Hindi Me
  10. DOS क्या है और इसकी विशेषताएं (Updated)


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DOS क्या है और इसकी विशेषताएं (Updated)

आज हम जानेंगे DOS operating system के बारे में। Microsoft के द्वारा बनाई गई सबसे पुरानि operating system है DOS operating system। आज के समय में तो इस DOS operating system को कहीं पर भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। किन्तु फिर भी इस DOS operating system को आप इस्तेमाल कर सकते हो। कैसे इस्तेमाल करना है बह हम नीच में देखेंगे। चलिए उससे पहले देख लेते है इस पूरे article की विषयसूची क्या क्या है। इस article की विषयसूची है – DOS क्या है (What is DOS in Hindi), DOS या MS-DOS की इतिहास क्या है, DOS OS की विशेषताएं, DOS OS की Advantages, DOS OS की Disadvantages, DOS के कुछ Internal Command, DOS के कुछ External Command, DOS क्या है – What is DOS in Hindi DOS का full form है Disk Operating System। Microsoft के द्वारा बनाई गई सबसे पुराना operating system है DOS operating system। इस OS को Microsoft lunched किया सन 1981 में। और यह एक single task based command line operating system है। मतलब इस Operating system एक time में सिर्फ एक काम को execute करता है और बह काम भी command के माध्यम से ही देना परता है। इस Operating System disk storage device का इस्तेमाल करते है। (EX- Disk Operating System रखा गेआ। और इस OS से organizing, reading, and writing files जैसे छोटे-छोटे simple कामों को किया जाता था। 1980 में इस Operating system के कई सारे version market में launched हुए । (ex- MS-DOS, PC-DOS, DR-DOS, PTS-DOS, ROM-DOS, Free-DOS, JM-OS, etc.) उन्मेसे MS-DOS MS-DOS ( Microsoft-Disk Operating System) के बारे में चर्चा करेंगे। Related Notes – • • • • लिनक्स क्या है – WHAT IS LINUX IN HINDI DOS या MS-DO...

दृष्टि दोष क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं » BasicStudy

दृष्टि दोष क्या है दृष्टि दोष क्या है – किसी सामान्य व्यक्ति के आँख की फोकस दूरी लगभग 17 से 22 मिलीमीटर के बीच होती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में नेत्र धीरे-धीरे अपनी समंजन क्षमता खो देते हैं, नेत्र में अपवर्तन संबंधी विकार होने से दृष्टिदोष उत्पन्न होते हैं। मुख्य रूप से तीन दृष्टिदोष होते हैं- (1) निकट दृष्टिदोष, (2) दूर दृष्टिदोष, (3) जरा-दृष्टिदोष. निकट दृष्टि दोष क्या है जब कोई व्यक्ति पास में रखी वस्तु को तो स्पष्टता से देख लेता है, किंतु दूर रखी वस्तु को आसानी से नहीं देख पाता है तब उसे निकट दृष्टि दोष है कहते हैं. यहाँ क्लिक करे निकट दृष्ट दोष का कारण तथा उपाय अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है या नेत्र का गोलक लंबा हो जाता है। ऐसे दोष से प्रभावित व्यक्ति के नेत्र में दूर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर न बनकर रेटिना के पहले बनता है। उचित क्षमता वाले अवतल लेंस को प्रयुक्त कर इस दोष का निवारण किया जा सकता है। • दूर दृष्टिदोष क्या है इस दोष से प्रभावित व्यक्ति, दूर रखी वस्तुओं को तो आसानी से देख सकता है, परंतु पास रखी वस्तु को स्पष्टता से नहीं देख पाता है। दूर दृष्टिदोष का कारण तथा उपाय अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का बहुत अधिक बढ़ जाना या नेत्र के गोलक के छोटे हो जाने के वजह से यह दोष होता है. इस दोष से प्रभावित व्यक्ति के नेत्र के पास में रखी वस्तु का प्रतिबिंब नेत्र की रेटिना पर न बनकर रेटिना के पीछे बनता है। उपयुक्त क्षमता वाले उत्तल लेंस को उपयोग में लाकर इस दोष का निवारण किया जा सकता है। • जरा दृष्टि दोष क्या है वृद्धावस्था में आँख की समंजन क्षमता में कमी अथवा समाप्त होने से व्यक्ति न तो दूर की वस्तु स्पष्टता से देख पाता है और न ही पास की तब इस बिमारी क...

MS DOS Kya Hai और कैसे सीखे Hindi Me

MS DOS के Versions नीचे MS DOS के Versions का संक्षिप्त विवरण दिया गया है। आइए जानते हैं उनके बारे में। i) Microsoft PC-DOS 1.0 यह संस्करण 1981 में IBM PC पर चलने के लिए जारी किया गया था। यह ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला आधिकारिक संस्करण है। ii) MS-DOS1.25 इसे 1982 में Operating System के पहले संस्करण के रूप में जारी किया गया था, जिसका नाम MS-DOS था। iii) MS-DOS 3.0 MS-DOS 3.0 को 1984 में विशेष रूप से IBM PC AT के लिए विकसित किया गया था। iv) MS-DOS 3.1 यह माइक्रोसॉफ्ट का पहला लोकल एरिया नेटवर्क सपोर्टिंग वर्जन था जिसे 1985 में लॉन्च किया गया था। v) MS-DOS 3.2 यह संस्करण 1986 में जारी किया गया था। vi) MS-DOS 3.31 MS-DOS 3.31 को विशेष रूप से 1987 में कॉम्पैक कंप्यूटरों के लिए डिज़ाइन किया गया था। vii) MS-DOS 4.01 यह Volume Serial numbers का समर्थन करने वाला पहला संस्करण था, जिसे 1988 में तैनात किया गया था। viii) MS-DOS 5.0 यह पहला संस्करण था जो पूर्ण स्क्रीन संपादन कर सकता था और 3.5 इंच और 2.85 एमबी फ्लॉपी डिस्क का समर्थन करता था। यह संस्करण 1991 में तैयार किया गया था। ix) MS-DOS 6.0 इसे एक पैकेज कहा जा सकता है क्योंकि इसमें QBASIC, Disk Comprssion, Antivirus software की विशेषताएं शामिल थीं और इसे 1993 में जारी किया गया था। x) MS-DOS 6.22 यह संस्करण 1994 में कुछ कटौती के साथ जारी किया गया था जैसे कि DBLSPACE के बजाय Compression utility और DRVSPACE को जोड़ना। xi) MS-DOS 7.0 इसे Windows 95 command line पर अनुक्रमित किया गया था। इसकी स्थापना 1995 में हुई थी। यह कमांड कंप्यूटर डिस्क पर मौजूद सभी फाइलों, निर्देशिकाओं और उप-निर्देशिकाओं के नाम सूचीबद्ध करता है। फाइलों और निर्देशिकाओं की...

What are Denial of Service (DoS) attacks? DoS attacks explained

Flooding is the more common form of DoS attack. It occurs when the attacked system is overwhelmed by large amounts of traffic that the server cannot handle. The system eventually stops because of such overloaded data requests as the capacity of the servers are oversaturated, causing the denial of service. A SYN flood is a variation that exploits a vulnerability in the TCP connection sequence. It occurs when TCP/SYN-ACK packets, often with altered addresses, are sent by a host to make the servers respond to the request, interrupting the actual requests by legitimate users. This is often referred to as the three-way handshake connection with the host and the server. Here’s how it works: In a DoS attack, instead of sending just one “introduction” to a server, the computer transmits hundreds or thousands of similar requests. The server, unable to recognize the fake introduction, sends back its usual response, waiting up to a minute in each case to hear a reply. When it gets no answer, the server shuts down the connection, and the computer executing the attack repeats, sending a new batch of fake requests. Once you identify the DDoS attack has been made, you should immediately notify your Internet Service Provider so that they can determine if your traffic can be rerouted. Having a backup ISP is a good idea, too. Also, consider services that can separate the massive DDoS traffic among a network of servers. That can help diffuse the attack or make it ineffective. Internet servic...

MS DOS Kya Hai पूरी जानकारी हिन्दी में

ये operating system है x86-based personal computers के लिए जिनको की Microsoft के द्वारा develop किया गया है 1980`s में मुख्य तौर पर इसी operating system को personal computer में main operating system की तरह इस्तेमाल किया जाता था ये वो operating system था जिसकी वजह से Microsoft software industry में इतना बड़ा नाम बना MS-DOS को Timothy Paterson जो की Seattle computer products के लिए काम करते थे ने intel corporation के लिए ये operating system को बनाया था. इसको 1980`s में लिखा गया और शुरुवात में इसे QDOS ( quick and dirty operating system) कहते थे. इसके बाद इसका नाम बदल कर 86-DOS कर दिया गया इस system को बाद में Microsoft ने खरीद लिया और इसका नाम बदल कर MS-DOS कर दिया और इस software को IBM उनके IBM PC के लिए बेच दिया Microsoft disk operating system या MS-DOS एक non-graphical command line operating system है इस operating system को Last बार 1994 में update किया गया था. MS-DOS की मदद से user किसी भी file को navigate, open, manipulate कर सकता है. command lines की मदद से इस operating system में ऐसा किया जा सकता है . आज के समय में MS-DOS का इस्तेमाल नहीं के बराबर होता है ज़्यादातर computer users ये नहीं जानते की वो MS-DOS की मदद से भी Microsoft windows को navigate कर सकते है. जैसे की आप windows पर mouse की मदद से navigate करते है वैसे ही MS dos की मदद से भी कर सकते है. जैसे अगर आप किसी folder की files को देखना चाहते है तो उसके लिए आप MS-DOS में CD command का इस्तेमाल कर सकते है ये पोस्ट भी जरुर पढ़े: • • • • MS DOS full form in English MS-DOS की full form होती है – “ Microsoft disk ope...

दृष्टि दोष क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं » BasicStudy

दृष्टि दोष क्या है दृष्टि दोष क्या है – किसी सामान्य व्यक्ति के आँख की फोकस दूरी लगभग 17 से 22 मिलीमीटर के बीच होती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में नेत्र धीरे-धीरे अपनी समंजन क्षमता खो देते हैं, नेत्र में अपवर्तन संबंधी विकार होने से दृष्टिदोष उत्पन्न होते हैं। मुख्य रूप से तीन दृष्टिदोष होते हैं- (1) निकट दृष्टिदोष, (2) दूर दृष्टिदोष, (3) जरा-दृष्टिदोष. निकट दृष्टि दोष क्या है जब कोई व्यक्ति पास में रखी वस्तु को तो स्पष्टता से देख लेता है, किंतु दूर रखी वस्तु को आसानी से नहीं देख पाता है तब उसे निकट दृष्टि दोष है कहते हैं. यहाँ क्लिक करे निकट दृष्ट दोष का कारण तथा उपाय अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है या नेत्र का गोलक लंबा हो जाता है। ऐसे दोष से प्रभावित व्यक्ति के नेत्र में दूर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर न बनकर रेटिना के पहले बनता है। उचित क्षमता वाले अवतल लेंस को प्रयुक्त कर इस दोष का निवारण किया जा सकता है। • दूर दृष्टिदोष क्या है इस दोष से प्रभावित व्यक्ति, दूर रखी वस्तुओं को तो आसानी से देख सकता है, परंतु पास रखी वस्तु को स्पष्टता से नहीं देख पाता है। दूर दृष्टिदोष का कारण तथा उपाय अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का बहुत अधिक बढ़ जाना या नेत्र के गोलक के छोटे हो जाने के वजह से यह दोष होता है. इस दोष से प्रभावित व्यक्ति के नेत्र के पास में रखी वस्तु का प्रतिबिंब नेत्र की रेटिना पर न बनकर रेटिना के पीछे बनता है। उपयुक्त क्षमता वाले उत्तल लेंस को उपयोग में लाकर इस दोष का निवारण किया जा सकता है। • जरा दृष्टि दोष क्या है वृद्धावस्था में आँख की समंजन क्षमता में कमी अथवा समाप्त होने से व्यक्ति न तो दूर की वस्तु स्पष्टता से देख पाता है और न ही पास की तब इस बिमारी क...

What are Denial of Service (DoS) attacks? DoS attacks explained

Flooding is the more common form of DoS attack. It occurs when the attacked system is overwhelmed by large amounts of traffic that the server cannot handle. The system eventually stops because of such overloaded data requests as the capacity of the servers are oversaturated, causing the denial of service. A SYN flood is a variation that exploits a vulnerability in the TCP connection sequence. It occurs when TCP/SYN-ACK packets, often with altered addresses, are sent by a host to make the servers respond to the request, interrupting the actual requests by legitimate users. This is often referred to as the three-way handshake connection with the host and the server. Here’s how it works: In a DoS attack, instead of sending just one “introduction” to a server, the computer transmits hundreds or thousands of similar requests. The server, unable to recognize the fake introduction, sends back its usual response, waiting up to a minute in each case to hear a reply. When it gets no answer, the server shuts down the connection, and the computer executing the attack repeats, sending a new batch of fake requests. Once you identify the DDoS attack has been made, you should immediately notify your Internet Service Provider so that they can determine if your traffic can be rerouted. Having a backup ISP is a good idea, too. Also, consider services that can separate the massive DDoS traffic among a network of servers. That can help diffuse the attack or make it ineffective. Internet servic...

MS DOS Kya Hai पूरी जानकारी हिन्दी में

ये operating system है x86-based personal computers के लिए जिनको की Microsoft के द्वारा develop किया गया है 1980`s में मुख्य तौर पर इसी operating system को personal computer में main operating system की तरह इस्तेमाल किया जाता था ये वो operating system था जिसकी वजह से Microsoft software industry में इतना बड़ा नाम बना MS-DOS को Timothy Paterson जो की Seattle computer products के लिए काम करते थे ने intel corporation के लिए ये operating system को बनाया था. इसको 1980`s में लिखा गया और शुरुवात में इसे QDOS ( quick and dirty operating system) कहते थे. इसके बाद इसका नाम बदल कर 86-DOS कर दिया गया इस system को बाद में Microsoft ने खरीद लिया और इसका नाम बदल कर MS-DOS कर दिया और इस software को IBM उनके IBM PC के लिए बेच दिया Microsoft disk operating system या MS-DOS एक non-graphical command line operating system है इस operating system को Last बार 1994 में update किया गया था. MS-DOS की मदद से user किसी भी file को navigate, open, manipulate कर सकता है. command lines की मदद से इस operating system में ऐसा किया जा सकता है . आज के समय में MS-DOS का इस्तेमाल नहीं के बराबर होता है ज़्यादातर computer users ये नहीं जानते की वो MS-DOS की मदद से भी Microsoft windows को navigate कर सकते है. जैसे की आप windows पर mouse की मदद से navigate करते है वैसे ही MS dos की मदद से भी कर सकते है. जैसे अगर आप किसी folder की files को देखना चाहते है तो उसके लिए आप MS-DOS में CD command का इस्तेमाल कर सकते है ये पोस्ट भी जरुर पढ़े: • • • • MS DOS full form in English MS-DOS की full form होती है – “ Microsoft disk ope...

MS DOS Kya Hai और कैसे सीखे Hindi Me

MS DOS के Versions नीचे MS DOS के Versions का संक्षिप्त विवरण दिया गया है। आइए जानते हैं उनके बारे में। i) Microsoft PC-DOS 1.0 यह संस्करण 1981 में IBM PC पर चलने के लिए जारी किया गया था। यह ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला आधिकारिक संस्करण है। ii) MS-DOS1.25 इसे 1982 में Operating System के पहले संस्करण के रूप में जारी किया गया था, जिसका नाम MS-DOS था। iii) MS-DOS 3.0 MS-DOS 3.0 को 1984 में विशेष रूप से IBM PC AT के लिए विकसित किया गया था। iv) MS-DOS 3.1 यह माइक्रोसॉफ्ट का पहला लोकल एरिया नेटवर्क सपोर्टिंग वर्जन था जिसे 1985 में लॉन्च किया गया था। v) MS-DOS 3.2 यह संस्करण 1986 में जारी किया गया था। vi) MS-DOS 3.31 MS-DOS 3.31 को विशेष रूप से 1987 में कॉम्पैक कंप्यूटरों के लिए डिज़ाइन किया गया था। vii) MS-DOS 4.01 यह Volume Serial numbers का समर्थन करने वाला पहला संस्करण था, जिसे 1988 में तैनात किया गया था। viii) MS-DOS 5.0 यह पहला संस्करण था जो पूर्ण स्क्रीन संपादन कर सकता था और 3.5 इंच और 2.85 एमबी फ्लॉपी डिस्क का समर्थन करता था। यह संस्करण 1991 में तैयार किया गया था। ix) MS-DOS 6.0 इसे एक पैकेज कहा जा सकता है क्योंकि इसमें QBASIC, Disk Comprssion, Antivirus software की विशेषताएं शामिल थीं और इसे 1993 में जारी किया गया था। x) MS-DOS 6.22 यह संस्करण 1994 में कुछ कटौती के साथ जारी किया गया था जैसे कि DBLSPACE के बजाय Compression utility और DRVSPACE को जोड़ना। xi) MS-DOS 7.0 इसे Windows 95 command line पर अनुक्रमित किया गया था। इसकी स्थापना 1995 में हुई थी। यह कमांड कंप्यूटर डिस्क पर मौजूद सभी फाइलों, निर्देशिकाओं और उप-निर्देशिकाओं के नाम सूचीबद्ध करता है। फाइलों और निर्देशिकाओं की...

DOS क्या है और इसकी विशेषताएं (Updated)

आज हम जानेंगे DOS operating system के बारे में। Microsoft के द्वारा बनाई गई सबसे पुरानि operating system है DOS operating system। आज के समय में तो इस DOS operating system को कहीं पर भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। किन्तु फिर भी इस DOS operating system को आप इस्तेमाल कर सकते हो। कैसे इस्तेमाल करना है बह हम नीच में देखेंगे। चलिए उससे पहले देख लेते है इस पूरे article की विषयसूची क्या क्या है। इस article की विषयसूची है – DOS क्या है (What is DOS in Hindi), DOS या MS-DOS की इतिहास क्या है, DOS OS की विशेषताएं, DOS OS की Advantages, DOS OS की Disadvantages, DOS के कुछ Internal Command, DOS के कुछ External Command, DOS क्या है – What is DOS in Hindi DOS का full form है Disk Operating System। Microsoft के द्वारा बनाई गई सबसे पुराना operating system है DOS operating system। इस OS को Microsoft lunched किया सन 1981 में। और यह एक single task based command line operating system है। मतलब इस Operating system एक time में सिर्फ एक काम को execute करता है और बह काम भी command के माध्यम से ही देना परता है। इस Operating System disk storage device का इस्तेमाल करते है। (EX- Disk Operating System रखा गेआ। और इस OS से organizing, reading, and writing files जैसे छोटे-छोटे simple कामों को किया जाता था। 1980 में इस Operating system के कई सारे version market में launched हुए । (ex- MS-DOS, PC-DOS, DR-DOS, PTS-DOS, ROM-DOS, Free-DOS, JM-OS, etc.) उन्मेसे MS-DOS MS-DOS ( Microsoft-Disk Operating System) के बारे में चर्चा करेंगे। Related Notes – • • • • लिनक्स क्या है – WHAT IS LINUX IN HINDI DOS या MS-DO...

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