दरूदे अकबर

  1. Buland Darwaza History In Hindi
  2. Azan Ke Baad Ki Dua अजान के बाद की दुआ हिंदी में Tarjuma 2023
  3. Taraweeh ki Namaz ka Tarika in Hindi
  4. जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर जीवनी Muhammad Akbar biography in hindi
  5. दरूदे इब्राहिम हिंदी में अरबी में Durood Ibrahim Hindi Me
  6. Buland Darwaza History In Hindi
  7. Taraweeh ki Namaz ka Tarika in Hindi
  8. Azan Ke Baad Ki Dua अजान के बाद की दुआ हिंदी में Tarjuma 2023
  9. जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर जीवनी Muhammad Akbar biography in hindi
  10. दरूदे इब्राहिम हिंदी में अरबी में Durood Ibrahim Hindi Me


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Buland Darwaza History In Hindi

बुलन्द दरवाजा का इतिहास और जानकारी– Buland Darwaza History in Hindi – बुलंद दरवाजा (Buland Darwaza ) जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है, बुलंद का मतलव ऊँचा या महान से है और दरवाजा का मतलव द्वार, अर्थात बुलंद दरवाजा का मतलब है सबसे ऊँचा द्वारा या दरवाजा। अपने नाम के अर्थ को सार्थक करता यह भारत का सबसे ऊंचा दरवाजा है। भारत का यह प्रसिद्ध स्मारक, विश्व का सबसे बडा़ प्रवेश द्वार (दरवाजा) कहलाता है। बुलन्द दरवाजा का इतिहास महान बादशाह अकबर के वैभवशाली साम्राज्य का जीता जागता प्रमाण को व्यक्त करता है। भारत का सबसे ऊंचा दरवाजा इस इतिहासिक बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में स्थित है जिसकी दूरी आगरा से महज 43 किमी है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की दुनियाँ के सबसे ऊंचे दरवाजा बुलंद दरवाजा के निर्माण के पीछे अकबर की क्या मनसा थी। मुगल बादशाह अकबर ने इसका निर्माण क्यों और कब कराया था। यह विशाल और भव्य स्मारक वास्तुकला की दृष्टि से पारसी तथा मुगल शैली का अद्भुत सम्मिश्रण है। यूनेस्को ने भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित इस स्मारक को विश्व धरोहर के सूची में सम्मिलित किया है। दोस्तों आइये जानते हैं बुलंद दरवाजा का इतिहास ( Buland Darwaza History in Hindi ) के वारें में विस्तार से :- Buland Darwaza: दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा है ‘बुलंद दरवाजा’, जानें इतिहास और रोचक तथ्‍य निर्माण वर्ष – सन 1602 ईस्वी स्थान – आगरा से 43 किमी दूर फतेहपुर सीकरी निर्माता – बादशाह अकबर शैली – मुगल एवं फारसी बुलंद दरवाज़ा की ऊंचाई – लगभग 54 मीटर बुलंद दरवाजा की ऊंचाई – 35 मीटर बुलन्द दरवाज़ा का इतिहास : Buland Darwaza History in Hindi बुलंद दरवाजा उत्तर प्रदेश राज्य में आगरा शहर के पास फतेहपुर सीकरी में स्थित ह...

Azan Ke Baad Ki Dua अजान के बाद की दुआ हिंदी में Tarjuma 2023

Rate this post इस पोस्ट में हम आप लोगों को अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में (Azan Ke Baad Ki Dua in Hindi) बताएंगे । अज़ान (Azaan) हर नामाज़ से पहले पुकारी जाती है दिन में पांच वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ है और हर नमाज़ से पहले अज़ान होती है। इस तरह 24 घंटे में 5 मर्तबा अज़ान होती है। अज़ान का अहतराम, अज़ान से मुहब्बत हर मोमिन का इमानि तक़ाज़ा है अज़ान (azan) सुनकर अज़ान का जवाब देना ज़रूरी है। जवाब देने का मतलब ये है की जो अज़ान के अल्फ़ाज़ है वही हम भी पढ़े सिर्फ दो अल्फ़ाज़ की जगा ये पढ़ना है हय-य अलस सलाह और हय-य अलल फ़लाह की जगा ला हव-ल वला क़ुव्व-त इल्ला बिल्लाह पढ़ना है। • • • • • • • • Azan के बाद पहले दुरूदे इब्राहिम पढ़े फिर अज़ान के बाद की दुआ (Azaan Ke Baad Ki Dua) पढ़े। दुरूदे इब्राहिम अरबी में | Durood e Ibrahim in Arabic اللَّٰهُمَّ صَلِّ عَلىٰ مُحَمَّدٍ وَعَلىٰ آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا صَلَّيْتَ عَلىٰ إِبْرَاهِيمَ وَعَلىٰ آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ اللَّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَىٰ مُحَمَّدٍ وَعَلىٰ آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا بَارَكْتَ عَلىٰ إِبْرَاهِيمَ وَعَلىٰ آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ Durood e Ibrahim in Hindi | दरूदे इब्राहिम हिंदी में अल्लाहुम-म सल्ली अला मुहम्मदिव व अला आली मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम-म बारिक अला मुहम्मदिव व अला आली मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद। ये भी पढ़े: अज़ान के बाद की दुआ अरबी में Azan Ke Baad Ki Dua Arabic Mein اللّٰهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ، وَالصَّلاَةِ القَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الوَسِيلَةَ وَالفَضِيلَةَ، وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا ال...

Taraweeh ki Namaz ka Tarika in Hindi

इस्लाम धर्म में रमजान का महीना को बेहद खास महीना माना जाता है, इस महीने को इबादत का महीना भी कहा जाता है| रमजान के महीने में इंसान रोजे रखता है और अपने गुनाहो की माफ़ी मांगता है, रमजान के महीने में एक खास नमाज और पढ़ी जाती है जिसका नाम है तरावीह की नमाज| रमजान में पढ़ी जाने वाली तरावीह नमाज (taraweeh ki namaz ka tarika in hindi) को सभी को अदा करना चाहिए इस नमाज का सवाब बहुत ज्यादा मिलता है| आमतौर पर अधिकतर मुस्लिम औरत और मर्द तरावीह की नमाज एक बारे में जानते है लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जिन्हे तरावीह की नमाज के बारे जानकारी नहीं होती है अगर आप भी उनमे से एक है तो हमारा यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है आज हम अपने इस लेख में तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका और तरावीह की नियत के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| चलाइए सबसे हम आपको तरावीह के बारे में बताते है Contents • 1 तरावीह क्या होती है ? (Taraweeh ki Namaz Kya Hai) • 1.1 तरावीह की नमाज़ कितनी तरह की होती है ? • 1.1.1 1 – बड़ी तरावीह की नमाज़ • 1.1.2 2 – छोटी तरावीह की नमाज़ • 1.2 तरावीह की नमाज का सही वक़्त (Taraweeh ki namaz ka time ) • 1.3 तरावीह की 4 रकात पढ़ने का तरीका – Taraweeh ki 4 Raqat Ka Tarika • 1.3.1 तरावीह की दुआ हिंदी में (Taraweeh ki Dua in hindi) • 1.4 औरतो के लिए तरावीह नमाज की नियत (Taraweeh ki namaz ki niyat for ladies in hindi) • 1.5 Taraweeh ki namaz ka tarika for ladies • 1.6 तरावीह की नमाज़ में कौन सी सूरह पढ़नी चाहिए • 1.7 तरावीह नमाज पढ़ने के फायदे – taraweeh ki fazilat तरावीह क्या होती है ? (Taraweeh ki Namaz Kya Hai) रमजान में के महीने में खुदा अपने बंदो पर बहुत ज्यादा मेहरबान रहता है, इस महीने ...

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर जीवनी Muhammad Akbar biography in hindi

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर जीवनी Jalal-ud-din Muhammad Akbar biography in hindi – जलालुद्दीन अकबर को मुगलों के इतिहास में सबसे महान राजा माना जाता है। भारत देश में मुगल सल्तनत की बुनियाद भले ही अकबर के दादा “जहीरउद्दीन बाबर” ने रखी थी लेकिन मुगल सल्तनत की नीव को मजबूत करने वाले इंसान का नाम “जलालुद्दीन अकबर” था। अकबर ने अपनी जिंदगी में मुगल सल्तनत को, आधे से ज्यादा हिंदुस्तान पर फैला दिया था और अपने मरने से पहले इस काबिल बना दिया था कि उसके आने वाली कई नस्लों ने उस पर राज किया था। लोग उस के दरबार में आकर मन्नते मांगा करते थे और उसके सामने आकर अपने सरों को झुकाया करते थे। यहां तक कि वह अपने सल्तनत में रहने वाले लोगों की नजरों में इतना इज्जत दार और कीमती हो चुका था कि उसने अपना ही अलग धर्म बना लिया था। इन तमाम बातों की वजह से उसका नाम हमेशा हमेशा के लिए “अकबर द ग्रेट” पड़ गया था। अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को उमरकोट के इलाके में उस वक्त हुआ था, जब अकबर के वालिद नसीरुद्दीन हिमायू, शेरशाह सूरी के हाथों अपने दिल्ली सल्तनत हारने के बाद जंगलों में भटक रहे थे। क्योंकि हुमायूं के वालिद उस दौर में जंगलों में भटका करते थे, इसी वजह से अकबर की परवरिश अकबर के चाचा “कामरान मिर्जा” ने की थी, जो काबुल इलाके के गवर्नर हुआ करते थे। इतिहासकार मानते हैं बचपन से ही अकबर बहुत जहीन और तेज था लेकिन अकबर को पढ़ने लिखने का बिल्कुल भी शौक नहीं था। अकबर में हुनर इतना था कि 10 साल की छोटी सी उम्र से पहले ही अकबर ने तलवारबाजी, नेजा बाजी, घुड़सवारी जैसी चीजें बहुत अच्छी तरह से सीख ली थी। छोटी सी उम्र में ही अपने से बड़े बड़े उम्र के लोगों को कुश्ती में चैलेंज किया करता था और हैरानी की बात तो यह है कि उन ...

दरूदे इब्राहिम हिंदी में अरबी में Durood Ibrahim Hindi Me

• • • • दरूदे इब्राहिम हिंदी में • दरुदे इब्राहिम पहला हिंदी में • अल्लाहुम्मा सल्लि ‘अला मुहम्मदीन व’ अला’ आलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता ‘अला’ इब्राहीमा व ‘अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नका हमीदुन मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक ‘अला मुहम्मदीन व’ अला ‘आली मुहम्मदीन, कमा बारकता’ अला ‘इब्राहीमा व’ अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नाका हमीदुन मजीद। • दरुदे इब्राहम दूसरा हिंदी में • अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व अला अज़वाज़िही व ज़ुर्रिय्यातिहि, कमा सल्लयता अला आली इब्राहीमा। व बारिक अला मुहम्मदिन व अला अज़वाज़िही व ज़ुर्रिय्यातिहि, कमा बारकता अला आली इब्राहीमा। इन्नका हमीदुन मजीद। Durood Ibrahim in Arabic | दरूदे इब्राहिम अरबी में दरुदे इब्राहिम अरबी में 1 اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ، وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ، اللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ दरुदे इब्राहिम अरबी में 2 اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى أَزْوَاجِهِ وَذُرِّيَّتِهِ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، وَبَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى أَزْوَاجِهِ وَذُرِّيَّتِهِ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ दरूदे इब्राहिम का तर्जुमा हिंदी में Durood Ibrahim in Arabic 1 اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ، وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ، اللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْر...

Buland Darwaza History In Hindi

बुलन्द दरवाजा का इतिहास और जानकारी– Buland Darwaza History in Hindi – बुलंद दरवाजा (Buland Darwaza ) जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है, बुलंद का मतलव ऊँचा या महान से है और दरवाजा का मतलव द्वार, अर्थात बुलंद दरवाजा का मतलब है सबसे ऊँचा द्वारा या दरवाजा। अपने नाम के अर्थ को सार्थक करता यह भारत का सबसे ऊंचा दरवाजा है। भारत का यह प्रसिद्ध स्मारक, विश्व का सबसे बडा़ प्रवेश द्वार (दरवाजा) कहलाता है। बुलन्द दरवाजा का इतिहास महान बादशाह अकबर के वैभवशाली साम्राज्य का जीता जागता प्रमाण को व्यक्त करता है। भारत का सबसे ऊंचा दरवाजा इस इतिहासिक बुलंद दरवाजा फतेहपुर सीकरी में स्थित है जिसकी दूरी आगरा से महज 43 किमी है। इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की दुनियाँ के सबसे ऊंचे दरवाजा बुलंद दरवाजा के निर्माण के पीछे अकबर की क्या मनसा थी। मुगल बादशाह अकबर ने इसका निर्माण क्यों और कब कराया था। यह विशाल और भव्य स्मारक वास्तुकला की दृष्टि से पारसी तथा मुगल शैली का अद्भुत सम्मिश्रण है। यूनेस्को ने भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित इस स्मारक को विश्व धरोहर के सूची में सम्मिलित किया है। दोस्तों आइये जानते हैं बुलंद दरवाजा का इतिहास ( Buland Darwaza History in Hindi ) के वारें में विस्तार से :- Buland Darwaza: दुनिया का सबसे बड़ा दरवाजा है ‘बुलंद दरवाजा’, जानें इतिहास और रोचक तथ्‍य निर्माण वर्ष – सन 1602 ईस्वी स्थान – आगरा से 43 किमी दूर फतेहपुर सीकरी निर्माता – बादशाह अकबर शैली – मुगल एवं फारसी बुलंद दरवाज़ा की ऊंचाई – लगभग 54 मीटर बुलंद दरवाजा की ऊंचाई – 35 मीटर बुलन्द दरवाज़ा का इतिहास : Buland Darwaza History in Hindi बुलंद दरवाजा उत्तर प्रदेश राज्य में आगरा शहर के पास फतेहपुर सीकरी में स्थित ह...

Taraweeh ki Namaz ka Tarika in Hindi

इस्लाम धर्म में रमजान का महीना को बेहद खास महीना माना जाता है, इस महीने को इबादत का महीना भी कहा जाता है| रमजान के महीने में इंसान रोजे रखता है और अपने गुनाहो की माफ़ी मांगता है, रमजान के महीने में एक खास नमाज और पढ़ी जाती है जिसका नाम है तरावीह की नमाज| रमजान में पढ़ी जाने वाली तरावीह नमाज (taraweeh ki namaz ka tarika in hindi) को सभी को अदा करना चाहिए इस नमाज का सवाब बहुत ज्यादा मिलता है| आमतौर पर अधिकतर मुस्लिम औरत और मर्द तरावीह की नमाज एक बारे में जानते है लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जिन्हे तरावीह की नमाज के बारे जानकारी नहीं होती है अगर आप भी उनमे से एक है तो हमारा यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है आज हम अपने इस लेख में तरावीह की नमाज पढ़ने का तरीका और तरावीह की नियत के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे है| चलाइए सबसे हम आपको तरावीह के बारे में बताते है Contents • 1 तरावीह क्या होती है ? (Taraweeh ki Namaz Kya Hai) • 1.1 तरावीह की नमाज़ कितनी तरह की होती है ? • 1.1.1 1 – बड़ी तरावीह की नमाज़ • 1.1.2 2 – छोटी तरावीह की नमाज़ • 1.2 तरावीह की नमाज का सही वक़्त (Taraweeh ki namaz ka time ) • 1.3 तरावीह की 4 रकात पढ़ने का तरीका – Taraweeh ki 4 Raqat Ka Tarika • 1.3.1 तरावीह की दुआ हिंदी में (Taraweeh ki Dua in hindi) • 1.4 औरतो के लिए तरावीह नमाज की नियत (Taraweeh ki namaz ki niyat for ladies in hindi) • 1.5 Taraweeh ki namaz ka tarika for ladies • 1.6 तरावीह की नमाज़ में कौन सी सूरह पढ़नी चाहिए • 1.7 तरावीह नमाज पढ़ने के फायदे – taraweeh ki fazilat तरावीह क्या होती है ? (Taraweeh ki Namaz Kya Hai) रमजान में के महीने में खुदा अपने बंदो पर बहुत ज्यादा मेहरबान रहता है, इस महीने ...

Azan Ke Baad Ki Dua अजान के बाद की दुआ हिंदी में Tarjuma 2023

Rate this post इस पोस्ट में हम आप लोगों को अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में (Azan Ke Baad Ki Dua in Hindi) बताएंगे । अज़ान (Azaan) हर नामाज़ से पहले पुकारी जाती है दिन में पांच वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ है और हर नमाज़ से पहले अज़ान होती है। इस तरह 24 घंटे में 5 मर्तबा अज़ान होती है। अज़ान का अहतराम, अज़ान से मुहब्बत हर मोमिन का इमानि तक़ाज़ा है अज़ान (azan) सुनकर अज़ान का जवाब देना ज़रूरी है। जवाब देने का मतलब ये है की जो अज़ान के अल्फ़ाज़ है वही हम भी पढ़े सिर्फ दो अल्फ़ाज़ की जगा ये पढ़ना है हय-य अलस सलाह और हय-य अलल फ़लाह की जगा ला हव-ल वला क़ुव्व-त इल्ला बिल्लाह पढ़ना है। • • • • • • • • Azan के बाद पहले दुरूदे इब्राहिम पढ़े फिर अज़ान के बाद की दुआ (Azaan Ke Baad Ki Dua) पढ़े। दुरूदे इब्राहिम अरबी में | Durood e Ibrahim in Arabic اللَّٰهُمَّ صَلِّ عَلىٰ مُحَمَّدٍ وَعَلىٰ آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا صَلَّيْتَ عَلىٰ إِبْرَاهِيمَ وَعَلىٰ آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ اللَّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَىٰ مُحَمَّدٍ وَعَلىٰ آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا بَارَكْتَ عَلىٰ إِبْرَاهِيمَ وَعَلىٰ آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدٌ Durood e Ibrahim in Hindi | दरूदे इब्राहिम हिंदी में अल्लाहुम-म सल्ली अला मुहम्मदिव व अला आली मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद। अल्लाहुम-म बारिक अला मुहम्मदिव व अला आली मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहीमा व अला आली इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद। ये भी पढ़े: अज़ान के बाद की दुआ अरबी में Azan Ke Baad Ki Dua Arabic Mein اللّٰهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ، وَالصَّلاَةِ القَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الوَسِيلَةَ وَالفَضِيلَةَ، وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا ال...

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर जीवनी Muhammad Akbar biography in hindi

जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर जीवनी Jalal-ud-din Muhammad Akbar biography in hindi – जलालुद्दीन अकबर को मुगलों के इतिहास में सबसे महान राजा माना जाता है। भारत देश में मुगल सल्तनत की बुनियाद भले ही अकबर के दादा “जहीरउद्दीन बाबर” ने रखी थी लेकिन मुगल सल्तनत की नीव को मजबूत करने वाले इंसान का नाम “जलालुद्दीन अकबर” था। अकबर ने अपनी जिंदगी में मुगल सल्तनत को, आधे से ज्यादा हिंदुस्तान पर फैला दिया था और अपने मरने से पहले इस काबिल बना दिया था कि उसके आने वाली कई नस्लों ने उस पर राज किया था। लोग उस के दरबार में आकर मन्नते मांगा करते थे और उसके सामने आकर अपने सरों को झुकाया करते थे। यहां तक कि वह अपने सल्तनत में रहने वाले लोगों की नजरों में इतना इज्जत दार और कीमती हो चुका था कि उसने अपना ही अलग धर्म बना लिया था। इन तमाम बातों की वजह से उसका नाम हमेशा हमेशा के लिए “अकबर द ग्रेट” पड़ गया था। अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को उमरकोट के इलाके में उस वक्त हुआ था, जब अकबर के वालिद नसीरुद्दीन हिमायू, शेरशाह सूरी के हाथों अपने दिल्ली सल्तनत हारने के बाद जंगलों में भटक रहे थे। क्योंकि हुमायूं के वालिद उस दौर में जंगलों में भटका करते थे, इसी वजह से अकबर की परवरिश अकबर के चाचा “कामरान मिर्जा” ने की थी, जो काबुल इलाके के गवर्नर हुआ करते थे। इतिहासकार मानते हैं बचपन से ही अकबर बहुत जहीन और तेज था लेकिन अकबर को पढ़ने लिखने का बिल्कुल भी शौक नहीं था। अकबर में हुनर इतना था कि 10 साल की छोटी सी उम्र से पहले ही अकबर ने तलवारबाजी, नेजा बाजी, घुड़सवारी जैसी चीजें बहुत अच्छी तरह से सीख ली थी। छोटी सी उम्र में ही अपने से बड़े बड़े उम्र के लोगों को कुश्ती में चैलेंज किया करता था और हैरानी की बात तो यह है कि उन ...

दरूदे इब्राहिम हिंदी में अरबी में Durood Ibrahim Hindi Me

• • • • दरूदे इब्राहिम हिंदी में • दरुदे इब्राहिम पहला हिंदी में • अल्लाहुम्मा सल्लि ‘अला मुहम्मदीन व’ अला’ आलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता ‘अला’ इब्राहीमा व ‘अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नका हमीदुन मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक ‘अला मुहम्मदीन व’ अला ‘आली मुहम्मदीन, कमा बारकता’ अला ‘इब्राहीमा व’ अला’ आली ‘इब्राहीमा,’ इन्नाका हमीदुन मजीद। • दरुदे इब्राहम दूसरा हिंदी में • अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व अला अज़वाज़िही व ज़ुर्रिय्यातिहि, कमा सल्लयता अला आली इब्राहीमा। व बारिक अला मुहम्मदिन व अला अज़वाज़िही व ज़ुर्रिय्यातिहि, कमा बारकता अला आली इब्राहीमा। इन्नका हमीदुन मजीद। Durood Ibrahim in Arabic | दरूदे इब्राहिम अरबी में दरुदे इब्राहिम अरबी में 1 اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ، وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ، اللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ दरुदे इब्राहिम अरबी में 2 اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى أَزْوَاجِهِ وَذُرِّيَّتِهِ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، وَبَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى أَزْوَاجِهِ وَذُرِّيَّتِهِ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ दरूदे इब्राहिम का तर्जुमा हिंदी में Durood Ibrahim in Arabic 1 اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ، وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ، اللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْر...