दशानन का समास विग्रह

  1. दशानन में कौन सा समास होता है Doubt Answers
  2. CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास
  3. RBSE Class 7 Hindi व्याकरण समास
  4. [Solved] निम्‍नलिखित प्रश्‍न
  5. दशानन में कौन सा समास है?
  6. समास
  7. [Solved] द्विगु समास का पूर्वपद
  8. हिन्दी व्याकरण


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दशानन में कौन सा समास होता है Doubt Answers

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CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास

CBSE Class 9 Hindi A व्याकरण समास परिचय : समास के माध्यम से भी नए शब्दों की रचना की जाती है। समास का अर्थ है-संक्षेपीकरण। इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक पदों को मिलाकर विभिन्न तरीकों से एक नए शब्द की रचना की जाती है। इस क्रम में शब्दों की विभक्तियों, योजक शब्दों आदि को हटाकर बचे शब्दों को पास-पास लाया जाता है। इसी प्रक्रिया को परिभाषा : दो या दो से अधिक शब्दों को निकट लाने से नए शब्दों की रचना को समास कहते हैं। उदाहरण – तुलसी के द्वारा लिखा गया = तुलसीकृत पानी में डूबा हुआ = जलमग्न राह के लिए खर्च = राहखर्च चार आनन का समूह = चतुरानन लंबा उदर है जिसका अर्थात गणेश जी = लंबोदर पूर्व एवं उत्तर पद – समास रचना में दो पद होते हैं। इनमें से पहले पद को पूर्वपद एवं बाद वाले पद को उत्तर पद कहते हैं। समस्त पन्द्र – समास प्रक्रिया में बने नए शब्द को समस्त पद कहते हैं। यह पूर्वपद एवं उत्तर पद का मेल होता है। इन्हें निम्नलिखित द्वारा समझा जा सकता है – समास विग्रह – समस्त पद के पदों को पहले जैसी दशा में लाना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे – समास के भद – समास के छह भेद माने जाते हैं। इनके नाम हैं – • अव्ययीभाव समास • तत्पुरुष समास • द्वंद्व समास • कर्मधारय समास • द्विगु समास • बहुव्रीहि समास 1. अव्ययीभाव समास जिस समास में पहला पद प्रधान और दूसरा गौण होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इस समास में पूर्वपद अव्यय तथा उत्तर पद संज्ञा या विशेषण होता है। इससे समस्तपद अव्यय का काम करता है। जैसे – आ (अव्यय) + जीवन (संज्ञा) = आजीवन प्रति (अव्यय) + एक (विशेषण) = प्रत्येक अन्य उदाहरण – 2. तत्पुरुष समास : जिस समास का उत्तर पद प्रधान तथा पूर्वपद गौण होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे – मोक्षप्राप्...

RBSE Class 7 Hindi व्याकरण समास

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[Solved] निम्‍नलिखित प्रश्‍न

'दशानन' का समास विग्रह होगा - दस हैं आनन जिसके। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही उत्तर विकल्प 1'दस है आनन जिसके ' है। Key Points • 'दशानन' का समास विग्रह होगा - दस हैं आनन जिसके। • 'दशानन' में 'दस' संख्यावाचक विशेषण का प्रयोग होने के कारण ' द्विगु समास 'है। द्विगु समास जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। Additional Information समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है।समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - समास परिभाषा उदाहरण तत्पुरुष समास जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। बहुव्रीहि समास जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। कर्मधारय समास जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान :विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। कमल के समान नयन=कमलनयन, महान है जो देव=महादेव। द्विगु समास जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। अव्यययीभाव समास जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। प्रति + दि...

दशानन में कौन सा समास है?

Correct Answer - Option 1 : बहुब्रीहि समास 'दशानन' शब्‍द में बहुव्रीहि समास है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही उत्तर विकल्प 1 'बहुव्रीहि समास ​ 'है। • 'दशानन' शब्‍द में बहुव्रीहि समास है। • 'दशानन' का समास विग्रह होगा 'दस हैं आनन जिसके – रावन'। • इसमें 'रावण' के सांकेतिक अर्थ को इंगित किया गया है। • अतः इसमें 'बहुव्रीहि समास ' है। बहुव्रीहि समास जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - समास का नाम परिभाषा उदाहरण तत्पुरुष समास जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। बहुव्रीहि समास जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। कर्मधारय समास जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान : विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। द्विगु समास जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। दो...

समास

अनुक्रम • 1 पूर्व पद और उत्तर पद • 2 समास के कुल भेद • 3 तत्पुरुष समास • 4 कर्मधारय समास • 4.1 द्विगु समास • 5 द्वन्द्व समास • 6 बहुव्रीहि समास • 7 अव्ययीभाव समास • 7.1 अव्ययीभाव समास की पहचान • 8 कर्मधारय और बहुव्रीहि समास में अंतर • 9 संधि और समास में अंतर • 10 समास-व्यास से विषय का प्रतिपादन • 11 इन्हें भी देखें • 12 बाहरी कड़ियाँ पूर्व पद और उत्तर पद [ ] समास रचना में दो शब्द अथवा दो पद होते हैं पहले पद को पूर्व पद तथा दूसरे पद का उत्तर प्रद कहा जाता है। इन दोनों पदों के समास से जो नया संक्षिप्त शब्द बनता है उसे समस्त पद या सामासिक पद कहते हैं। जैसे: राष्ट्र (पूर्व पद) + पति (उत्तर पद) = राष्ट्रपति (समस्त पद) समास की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं— • समास में दो या दो से अधिक पदों का मेल होता है। • समास में शब्द पास-पास आकर नया शब्द बनाते हैं। • पदों के बीच विभक्ति चिह्नों का लोप हो जाता है। • समास से बने शब्द में कभी उत्तर पद प्रधान होता है तो कभी पूर्व पद और कभी-कभी अन्य पद। इसके अलावा कभी कभी दोनों पद प्रधान होते हैं। समास के कुल भेद [ ] समास के निम्नलिखित छह भेद होते हैं— • तत्पुरुष समास • कर्मधारय समास • द्विगु समास • द्वन्द्व समास • बहुव्रीहि समास • अव्ययीभाव समास तत्पुरुष समास [ ] • इस समास में पूर्व पद गौण तथा उत्तर पद प्रधान होता है। • समस्त पद बनाते समय पदों के विभक्ति चिह्नों को लुप्त किया जाता है। • इस समास की दो प्रकार से रचना होती है: (क) संज्ञा + संज्ञा/विशेषण युद्ध का क्षेत्र = युद्धक्षेत्र दान में वीर = दानवीर (ख) संज्ञा + क्रिया शरण में आगत = शरणागत स्वर्ग को गमन = स्वर्गगमन 1. कर्म तत्पुरुष (विभक्ति चिह्न: 'को') सिद्धिप्राप्त = सिद्धि को प्राप्त नगरगत = नग...

[Solved] द्विगु समास का पूर्वपद

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "द्विगु समास" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है। Key Points • द्विगु समास की परिभाषा • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। Additional Information • द्विगु समास के उदाहरण • दोपहर:- दो पहरों का समाहार • शताब्दी:- सौ सालों का समूह • पंचतंत्र:- पांच तंत्रों का समाहार • सप्ताह:- सात दिनों का समूह Confusion Points • दशानन शब्द में बहुव्रीहि समास है। • दशानन' का समास विग्रह होगा 'दस हैं आनन जिसके - रावन'। • इसमें 'रावण' के सांकेतिक अर्थ को इंगित किया गया है। अतः इसमें 'बहुव्रीहि समास' है।

हिन्दी व्याकरण

विस्तार से- 1. अव्ययीभाव समास जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं । जैसे- यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु तक) इनमें यथा और आ अव्यय हैं । और भी उदाहरण- बेशक- शक के बिना यथाक्रम- क्रम के अनुसार हररोज़- रोज़-रोज़ आजीवन- जीवन-भर यथासामर्थ्य- सामर्थ्य के अनुसार यथाशक्ति- शक्ति के अनुसार यथाविधि- विधि के अनुसार रातोंरात - रात ही रात में हाथोंहाथ - हाथ ही हाथ में प्रतिदिन - प्रत्येक दिन निस्संदेह - संदेह के बिना हरसाल - हरेक साल याथास्थिति- स्थिति अनुसार 2. तत्पुरुष समास जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं । जैसे- नवग्रह= नौ ग्रहों का समूह विभक्तियों के नाम के अनुसार इसके छह भेद हैं- ( i) कर्म तत्पुरुष (ii) करण तत्पुरुष (iii) संप्रदान तत्पुरुष (iv) अपादान तत्पुरुष (v) संबंध तत्पुरुष (vi) अधिकरण तत्पुरुष ( क) नञ तत्पुरुष समास जिस समास में पहला पद निषेधात्मक हो उसे नञ तत्पुरुष समास कहते हैं । जैसे- असभ्य- न सभ्य, अनंत- न अंत अनादि- न आदि, असंभव- न संभव ( ख) कर्मधारय समास जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्ववद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहलाता है । जैसे- समस्त पद समास-विग्रह समस्त पद समात विग्रह चंद्रमुख चंद्र जैसा मुख कमलनयन कमल के समान नयन देहलता देह रूपी लता दहीबड़ा दही में डूबा बड़ा नीलकमल नीला कमल पीतांबर पीला अंबर (वस्त्र) सज्जन सत् (अच्छा) जन नरसिंह नरों में सिंह के समान ( ग) द्विगु समास जिस समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं। इससे समूह अथवा समाहार का बोध होता है। जैसे- समस्त पद समास-विग्रह समस्त पद समास विग्रह नवग्रह नौ ग्रहों का मसूह दो...