दशहरा ड्राइंग

  1. दशहरा पर निबंध
  2. Dussehra क्यों मनाया जाता है
  3. दशहरा 2023, विजयादशमी ,कब है दशहरा,रावण पुतला
  4. दशहरा 2022
  5. दशहरा 2023, विजयादशमी ,कब है दशहरा,रावण पुतला
  6. Dussehra क्यों मनाया जाता है
  7. दशहरा पर निबंध
  8. दशहरा 2022
  9. Dussehra क्यों मनाया जाता है
  10. दशहरा पर निबंध


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दशहरा पर निबंध

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिये।ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी।लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है। दशहरा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Dussehra Essay in Hindi, Dussehra par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (300 शब्द) प्रस्तावना दशहरा हिन्दुओं का बहुत महत्वपूर्ण और मायने रखने वाला त्यौहार है। इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रुप से बहुत ज्यादा है। भारतीय लोग इसे बहुत उत्साह और भरोसे से मनाते है। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है अर्थात् पाप पर पुण्य की जीत। लोग इसे कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाते है। धार्मिक लोग और भक्तगढ़ पूरे दिन व्रत रखते है। कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते है तो कुछ देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये इसमें पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते है। दशहरा का पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के अंत में दीवाली के दो सप्ताह पहले आता है। रामलीला का आयोजन देश के कई बरसों में दशहरा को मनाने का रीति-रिवाज और प...

Dussehra क्यों मनाया जाता है

दशहरा के बारे में कौन नहीं जानता। ये सभी हिन्दुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। लेकिन क्या आप जानते है की Dussehra Kyu Manaya Jata Hai? दशहरा के पर्व को विजया दशमी भी कहा जाता है। क्यूंकि इस दिन अच्छाई बुराई पर विजय प्राप्त करती है। दशहरा का पर्व रितिमत तरीके से मनाया जाता है। ये काफी प्रभावित है रामायण से जिसमें की भगवान राम और असुर रावण की व्याख्या की गयी है। यदि आपने इसे पढ़ा होगा तो आपको ये बात जरुर से पता होगा की इसमें भगवान राम ने रावण का वध किया था और साथ में माता सीता को उसके चंगुल से बचाया भी था। ये एक दिन का पर्व नहीं है बल्कि इसे पुरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। वहीँ आखिर के दिन (दसवां दिन) को Dussehra कहा जाता है। यही वो दिन है जिस दिन सत कर्मों का असत कर्मों पर जीत हुआ था। वहीँ ये हमें सीखलाता है की सही रास्ते पर चलने वालों की हमेशा से जीत होटी है। इन दस दिनों में काफी सारे देवियों की पूजा अर्चना की जती है। वहीँ इन नो रातों में घरबा खेला जाता है और इसे ही नवरात्रि कहा जाता है। प्रत्येक दिन इन नो दिनों की एक देवी की पूजा की जाती है। ऐसे बहुत से चीज़ों के बारे में यहाँ आपको इस article में पढने को मिलेगा। इसलिए पूरी जानकारी के लिए इस article दशहरा क्यों मनाई जाती हैको पूरी तरह से पढ़ें। तो फिर चलिए शुरू करते हैं दशहरा का त्यौहार विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है और पूरे भारत में हिंदू लोगों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। ऐतिहासिक मान्यताओं और सबसे प्रसिद्ध हिंदू ग्रंथ, रामायण के अनुसार, यह उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने शक्तिशाली राक्षस, रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा माता...

दशहरा 2023, विजयादशमी ,कब है दशहरा,रावण पुतला

दशहरा यानि विजयादशमी, जिसका मतलब विजय का दिन होता है। इस दिन ही भगवान राम ने रावण को मार कर विजय हासिल की थी। राम अच्छाई और रावण बुराई का प्रतीक माने जाते हैं। राम की रावण पर विजय को अच्छाई की बुराई पर जीत के तौर पर देखा जाता है। इसी दिन माता दुर्गा ने महिषासुर पर भी विजय पाई थी। दशहरे से 14 दिन पहले तक रामलीला दिखाई जाती है, जिसमें भगवान राम की जीवन लीला स्टेज पर दर्शाई जाती है। आखिरी दिन रावण का वध होता है और इसी के साथ रामलीला भी खत्म हो जाती है। दशहरे का दिन काफी अच्छा माना जाता है। कहते हैं अगर किसी कि शादी का कोई मुहूर्त ना हो तो इस दिन वो शादी कर सकते हैं। दशहरा का मतलब होता है दसवीं तिथी दशहरा का मतलब होता है दसवीं तिथी। पूरे साल में तीन सबसे शुभ घड़ियां होती हैं, एक है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, दूसरी है कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा और तीसरा है दशहरा। इस दिन कोई भी नया काम शुरू किया जाता है और उसमें अवश्य ही विजय मिलती है। दशहरे के दिन नकारात्मक शक्तियां खत्म होकर आसामान में नई ऊर्जा भर जाती है। जीवन में सकरात्मकता का संचार होता है। दशहरा पूजा विधि - सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें -आंगन में गोबर के गोल बर्तन जैसे बनाएं। -इनको श्रीराम समेत अनुजों की छवि मानें। -इन चार बर्तनों में गीला धान और चांदी रखें। - बर्तनों को कपड़े से ढंक दें। - धूप, दीप, ज्योत, फूलों से उनकी पूजा करें - सच्चे मन से भगवान का ध्यान करें - पूजा के बाद ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं - सबसे बाद खुद भोजन करें रावण का पुतला दशहरे का धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसको लेकर बच्चों और युवाओं में खासी उत्सुकता रहती है। सबसे पहले तो दशहरे के साथ दीवाली की आहट भी शुरू हो जाती है और बच्चों को पटाखे, रोशनी चलाने...

दशहरा 2022

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मानया जाने वाला दशहरा हिंदु धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। इस पर्व को पूरे देश भर में काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है, खासतौर से उत्तर भारत के राज्यों में इसकी भव्यता देखते ही बनती है। दशहरा के इस पर्व को लोगो द्वारा विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का संदेश देता है। ऐसी मान्यता है कि दशहरा का यह पर्व रामायाण काल से ही मनाया जा रहा है, पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध करते हुए विश्व में सत्य की स्थापना की थी। यही कारण है कि इस दिन पूरे भारत भर के विभिन्न स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। दशहरा 2023 (Dussehra 2023) वर्ष 2023 में दशहरा का पर्व 24 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जायेगा। दशहरा क्यों मनाते है? (Why Do We Celebrate Dussehra) दशहरा का यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योंहारों में से एक है इस दिन को हर्षोल्लास तथा विजय का प्रतीक माना गया है। शारदीय नवरात्र के बाद यानी आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी के नाम से जाने जाना वाला यह पर्व मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी कार्य आरंभ किया जाये उसमें सफलता अवश्य मिलती है। इसलिए इसे हिंदू धर्म की तीन सबसे प्रमुख तिथियों में से एक माना गया है, दशहरा के अलावा यह अन्य दो तिथियां कार्तिक तथा चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। यहीं कारण है कि इस दिन पूरे भारत भर के विभिन्न स्थानों पर रावण के पुतलों का दहन किया जाता है। प्राचीन काल से ही इस दिन को शौर्य और वीरता का प्रतीक माना गया है। इसी कारण से इस दिन क्षत्रि...

दशहरा 2023, विजयादशमी ,कब है दशहरा,रावण पुतला

दशहरा यानि विजयादशमी, जिसका मतलब विजय का दिन होता है। इस दिन ही भगवान राम ने रावण को मार कर विजय हासिल की थी। राम अच्छाई और रावण बुराई का प्रतीक माने जाते हैं। राम की रावण पर विजय को अच्छाई की बुराई पर जीत के तौर पर देखा जाता है। इसी दिन माता दुर्गा ने महिषासुर पर भी विजय पाई थी। दशहरे से 14 दिन पहले तक रामलीला दिखाई जाती है, जिसमें भगवान राम की जीवन लीला स्टेज पर दर्शाई जाती है। आखिरी दिन रावण का वध होता है और इसी के साथ रामलीला भी खत्म हो जाती है। दशहरे का दिन काफी अच्छा माना जाता है। कहते हैं अगर किसी कि शादी का कोई मुहूर्त ना हो तो इस दिन वो शादी कर सकते हैं। दशहरा का मतलब होता है दसवीं तिथी दशहरा का मतलब होता है दसवीं तिथी। पूरे साल में तीन सबसे शुभ घड़ियां होती हैं, एक है चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, दूसरी है कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा और तीसरा है दशहरा। इस दिन कोई भी नया काम शुरू किया जाता है और उसमें अवश्य ही विजय मिलती है। दशहरे के दिन नकारात्मक शक्तियां खत्म होकर आसामान में नई ऊर्जा भर जाती है। जीवन में सकरात्मकता का संचार होता है। दशहरा पूजा विधि - सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें -आंगन में गोबर के गोल बर्तन जैसे बनाएं। -इनको श्रीराम समेत अनुजों की छवि मानें। -इन चार बर्तनों में गीला धान और चांदी रखें। - बर्तनों को कपड़े से ढंक दें। - धूप, दीप, ज्योत, फूलों से उनकी पूजा करें - सच्चे मन से भगवान का ध्यान करें - पूजा के बाद ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएं - सबसे बाद खुद भोजन करें रावण का पुतला दशहरे का धार्मिक महत्व तो है ही, लेकिन इसको लेकर बच्चों और युवाओं में खासी उत्सुकता रहती है। सबसे पहले तो दशहरे के साथ दीवाली की आहट भी शुरू हो जाती है और बच्चों को पटाखे, रोशनी चलाने...

Dussehra क्यों मनाया जाता है

दशहरा के बारे में कौन नहीं जानता। ये सभी हिन्दुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। लेकिन क्या आप जानते है की Dussehra Kyu Manaya Jata Hai? दशहरा के पर्व को विजया दशमी भी कहा जाता है। क्यूंकि इस दिन अच्छाई बुराई पर विजय प्राप्त करती है। दशहरा का पर्व रितिमत तरीके से मनाया जाता है। ये काफी प्रभावित है रामायण से जिसमें की भगवान राम और असुर रावण की व्याख्या की गयी है। यदि आपने इसे पढ़ा होगा तो आपको ये बात जरुर से पता होगा की इसमें भगवान राम ने रावण का वध किया था और साथ में माता सीता को उसके चंगुल से बचाया भी था। ये एक दिन का पर्व नहीं है बल्कि इसे पुरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। वहीँ आखिर के दिन (दसवां दिन) को Dussehra कहा जाता है। यही वो दिन है जिस दिन सत कर्मों का असत कर्मों पर जीत हुआ था। वहीँ ये हमें सीखलाता है की सही रास्ते पर चलने वालों की हमेशा से जीत होटी है। इन दस दिनों में काफी सारे देवियों की पूजा अर्चना की जती है। वहीँ इन नो रातों में घरबा खेला जाता है और इसे ही नवरात्रि कहा जाता है। प्रत्येक दिन इन नो दिनों की एक देवी की पूजा की जाती है। ऐसे बहुत से चीज़ों के बारे में यहाँ आपको इस article में पढने को मिलेगा। इसलिए पूरी जानकारी के लिए इस article दशहरा क्यों मनाई जाती हैको पूरी तरह से पढ़ें। तो फिर चलिए शुरू करते हैं दशहरा का त्यौहार विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है और पूरे भारत में हिंदू लोगों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। ऐतिहासिक मान्यताओं और सबसे प्रसिद्ध हिंदू ग्रंथ, रामायण के अनुसार, यह उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने शक्तिशाली राक्षस, रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा माता...

दशहरा पर निबंध

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिये।ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी।लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है। दशहरा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Dussehra Essay in Hindi, Dussehra par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (300 शब्द) प्रस्तावना दशहरा हिन्दुओं का बहुत महत्वपूर्ण और मायने रखने वाला त्यौहार है। इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रुप से बहुत ज्यादा है। भारतीय लोग इसे बहुत उत्साह और भरोसे से मनाते है। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है अर्थात् पाप पर पुण्य की जीत। लोग इसे कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाते है। धार्मिक लोग और भक्तगढ़ पूरे दिन व्रत रखते है। कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते है तो कुछ देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये इसमें पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते है। दशहरा का पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के अंत में दीवाली के दो सप्ताह पहले आता है। रामलीला का आयोजन देश के कई बरसों में दशहरा को मनाने का रीति-रिवाज और प...

दशहरा 2022

आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मानया जाने वाला दशहरा हिंदु धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। इस पर्व को पूरे देश भर में काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है, खासतौर से उत्तर भारत के राज्यों में इसकी भव्यता देखते ही बनती है। दशहरा के इस पर्व को लोगो द्वारा विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार असत्य पर सत्य की जीत का संदेश देता है। ऐसी मान्यता है कि दशहरा का यह पर्व रामायाण काल से ही मनाया जा रहा है, पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध करते हुए विश्व में सत्य की स्थापना की थी। यही कारण है कि इस दिन पूरे भारत भर के विभिन्न स्थानों पर रावण दहन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। दशहरा 2023 (Dussehra 2023) वर्ष 2023 में दशहरा का पर्व 24 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जायेगा। दशहरा क्यों मनाते है? (Why Do We Celebrate Dussehra) दशहरा का यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्योंहारों में से एक है इस दिन को हर्षोल्लास तथा विजय का प्रतीक माना गया है। शारदीय नवरात्र के बाद यानी आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा या विजयदशमी के नाम से जाने जाना वाला यह पर्व मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी कार्य आरंभ किया जाये उसमें सफलता अवश्य मिलती है। इसलिए इसे हिंदू धर्म की तीन सबसे प्रमुख तिथियों में से एक माना गया है, दशहरा के अलावा यह अन्य दो तिथियां कार्तिक तथा चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। यहीं कारण है कि इस दिन पूरे भारत भर के विभिन्न स्थानों पर रावण के पुतलों का दहन किया जाता है। प्राचीन काल से ही इस दिन को शौर्य और वीरता का प्रतीक माना गया है। इसी कारण से इस दिन क्षत्रि...

Dussehra क्यों मनाया जाता है

दशहरा के बारे में कौन नहीं जानता। ये सभी हिन्दुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। लेकिन क्या आप जानते है की Dussehra Kyu Manaya Jata Hai? दशहरा के पर्व को विजया दशमी भी कहा जाता है। क्यूंकि इस दिन अच्छाई बुराई पर विजय प्राप्त करती है। दशहरा का पर्व रितिमत तरीके से मनाया जाता है। ये काफी प्रभावित है रामायण से जिसमें की भगवान राम और असुर रावण की व्याख्या की गयी है। यदि आपने इसे पढ़ा होगा तो आपको ये बात जरुर से पता होगा की इसमें भगवान राम ने रावण का वध किया था और साथ में माता सीता को उसके चंगुल से बचाया भी था। ये एक दिन का पर्व नहीं है बल्कि इसे पुरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। वहीँ आखिर के दिन (दसवां दिन) को Dussehra कहा जाता है। यही वो दिन है जिस दिन सत कर्मों का असत कर्मों पर जीत हुआ था। वहीँ ये हमें सीखलाता है की सही रास्ते पर चलने वालों की हमेशा से जीत होटी है। इन दस दिनों में काफी सारे देवियों की पूजा अर्चना की जती है। वहीँ इन नो रातों में घरबा खेला जाता है और इसे ही नवरात्रि कहा जाता है। प्रत्येक दिन इन नो दिनों की एक देवी की पूजा की जाती है। ऐसे बहुत से चीज़ों के बारे में यहाँ आपको इस article में पढने को मिलेगा। इसलिए पूरी जानकारी के लिए इस article दशहरा क्यों मनाई जाती हैको पूरी तरह से पढ़ें। तो फिर चलिए शुरू करते हैं दशहरा का त्यौहार विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है और पूरे भारत में हिंदू लोगों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। ऐतिहासिक मान्यताओं और सबसे प्रसिद्ध हिंदू ग्रंथ, रामायण के अनुसार, यह उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने शक्तिशाली राक्षस, रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा माता...

दशहरा पर निबंध

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिन्दू त्यौहार है जो पूरे भारत के लोगों के द्वारा हर साल बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ये एक धार्मिक और पारंपरिक उत्सव है जिसे हर बच्चों को जानना चाहिये।ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा उल्लिखित है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिये देवी चंडी की पूजा की थी।लंका के दस सिर वाले राक्षस राजा रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा की बेइज्जती का बदला लेने के लिये राम की पत्नी माता सीता का हरण कर लिया था। तब से जिस दिन से भगवान राम ने रावण को मारा उसी दिन से दशहरा का उत्सव मनाया जा रहा है। दशहरा पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Dussehra Essay in Hindi, Dussehra par Nibandh Hindi mein) निबंध 1 (300 शब्द) प्रस्तावना दशहरा हिन्दुओं का बहुत महत्वपूर्ण और मायने रखने वाला त्यौहार है। इस पर्व का महत्व पारंपरिक और धार्मिक रुप से बहुत ज्यादा है। भारतीय लोग इसे बहुत उत्साह और भरोसे से मनाते है। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत को भी प्रदर्शित करता है अर्थात् पाप पर पुण्य की जीत। लोग इसे कई सारे रीति-रिवाज और पूजा-पाठ के द्वारा मनाते है। धार्मिक लोग और भक्तगढ़ पूरे दिन व्रत रखते है। कुछ लोग इसमें पहले और आखिरी दिन व्रत रखते है तो कुछ देवी दुर्गा का आशीर्वाद और शक्ति पाने के लिये इसमें पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है। दसवें दिन लोग असुर राजा रावण पर राम की जीत के उपलक्ष्य में दशहरा मनाते है। दशहरा का पर्व हर साल सितंबर और अक्तूबर के अंत में दीवाली के दो सप्ताह पहले आता है। रामलीला का आयोजन देश के कई बरसों में दशहरा को मनाने का रीति-रिवाज और प...