दशहरा कब है 2024

  1. Dussehra 2023: कब है दशहरा 2023, जानें विजयदशमी पर्व तिथि व मुहूर्त
  2. Will Lok Sabha elections be held before 2024 Nitish kumar expressed apprehension when elections will be held No one knows
  3. 2023 में गंगा दशहरा कब है? गंगा दशहरा महत्व, गंगा मंत्र और Ganga Dussehra के 10 दान
  4. 2024 में दशहरा कब है New Delhi, India में
  5. Vijayadashami 2022
  6. Dussehra Date 2022 When Is Dussehra On October 4 Or 5 Note Down The Exact Date Auspicious Time And Method Of Worship


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Dussehra 2023: कब है दशहरा 2023, जानें विजयदशमी पर्व तिथि व मुहूर्त

सनातन धर्म का प्रमुख एवं प्रसिद्ध त्यौहार है दशहरा जो बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में जाना जाता है।शारदीय नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अंतिम दिन को दशहरा के रूप में मनाने का रिवाज़ है। इस पर्व को अत्यंत उत्साह, आस्था एवं धूमधाम से देशभर में मनाया जाता है। दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, दशहरा को प्रतिवर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। यह प्रमुखता से सितंबर या अक्टूबर के महीने में आता है जिसकी रौनक उत्तरी और पश्चिमी भारत में देखने को मिलती है। दशहरा 2023 की तिथि एवं मुहूर्त दशहरा की पूजा विधि • दशहरा की पूजा सदैव अभिजीत, विजयी या अपराह्न काल में की जाती है। • अपने घर के ईशान कोण में शुभ स्थान पर दशहरा पूजन करें। • पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करके चंदन का लेप करें और आठ कमल की पंखुडियों से अष्टदल चक्र निर्मित करें। • इसके पश्चात संकल्प मंत्र का जप करें तथा देवी अपराजिता से परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। • अब अष्टदल चक्र के मध्य में 'अपराजिताय नमः' मंत्र द्वारा देवी की प्रतिमा स्थापित करके आह्वान करें। • इसके बाद मां जया को दाईं एवं विजया को बाईं तरफ स्थापित करें और उनके मंत्र “क्रियाशक्त्यै नमः” व “उमायै नमः” से देवी का आह्वान करें। • अब तीनों देवियों की शोडषोपचार पूजा विधिपूर्वक करें। • शोडषोपचार पूजन के उपरांत भगवान श्रीराम और हनुमान जी का भी पूजन करें। • सबसे अंत में माता की आरती करें और भोग का प्रसाद सब में वितरित करें। दशहरा पर संपन्न होने वाली पूजा शस्त्र पूजा: दशहरा के दिन दुर्गा पूजा, श्रीराम पूजा के साथ और शस्त्र प...

Will Lok Sabha elections be held before 2024 Nitish kumar expressed apprehension when elections will be held No one knows

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में इसी वर्ष आम चुनाव हो सकता है। चुनाव कब होगा, कोई नहीं जानता, लेकिन जो हालात हैं उससे लगता है कि यह कभी भी हो सकता है। मुख्यमंत्री बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग की योजनाओँ के शिलान्यास, कार्यारंभ और उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये 6680.67 करोड़ रुपए की लागत वाली 5061 योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ और उद्घाटन किया। सीएम नीतीश ने कहा कि समीक्षा के दौरान हमें बताया गया कि वर्ष 2024 के जनवरी तक अधूरे काम पूरे हो जाएंगे। लेकिन, इसे और तेजी से करने की जरूरत है। चुनाव की संभावना को देखते हुए इसमें तेजी लाएं। कोई नहीं जानता की चुनाव कब हो जाए। लिहाजा, सारे कार्यों में तेजी लाते हुए उसे जल्द पूरा करवाएं। समय से पहले काम करवाने के लिए यदि अतिरिक्त लोगों की जरूरत हो तो इसके लिए नियुक्ति भी करें। नीतीश की समय से पहले लोकसभा चुनाव की आशंका पर बोली बीजेपी- हेडलाइंस बना रहे हैं सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ की और कहा कि उन्होंने ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना शुरू की थी। तब इसके तहत 100 फीसदी राशि केन्द्र सरकार देती थी। अभी 60:40 कर दिया गया है। खर्च को देखा जाए तो यह 50:50 हो गया है। पहले 1000 की आबादी पर सड़क निर्माण की योजना थी, आज हम 100 की आबादी वाले टोलों को भी सड़क से जोड़ रहे हैं। उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि आजकल वे लोग अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भी नहीं लेते।

2023 में गंगा दशहरा कब है? गंगा दशहरा महत्व, गंगा मंत्र और Ganga Dussehra के 10 दान

Ganga Dussehra 2023 Date: गंगा...श्री गंगा, गंगा मैया, गंगा माता... सिर्फ नदी नहीं है भारतीय जनमानस उसे अपनी जीवनदायिनी, मां और पवित्र प्राणप्रिया मानता है। गंगा नदी के तट पर अगर आप हैं तो वह दिन अपने आपमें किसी पर्व से कम नहीं लेकिन गंगा माता के लिए एक बड़ा पर्व गंगा दशहरा मनाया जाता है। यूं तो गंगा सप्तमी भी मां गंगा को समर्पित है। गंगा नदी में स्नान करने से 10 तरह के पापों (3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक) से मुक्ति मिलती है। गंगा ध्यान, नाम स्मरण, मंत्र उच्चारण, आचमन एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर, ईर्ष्या, ब्रह्महत्या, छल, कपट, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। गंगा दशहरा के दिन भक्तों को मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ दान-पुण्य भी करना चाहिए। गंगा दशहरा के दिन सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दोगुना फल की प्राप्ति होती है। इस दिन निवेश, संपत्ति, वाहन आदि खरीदने का मुहूर्त माना जाता है। नए घर में प्रवेश करने के लिए यह अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी...

2024 में दशहरा कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2024 में दशहरा कब है व दशहरा 2024 की तारीख व मुहूर्त। दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। इसी दिन पुरूषोत्तम भगवान राम ने रावण का वध किया था। कुछ स्थानों पर यह त्यौहार विजयादशमी,के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यतानुसार यह उत्सव माता विजया के जीवन से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा कुछ लोग इस त्योहार को आयुध पूजा(शस्त्र पूजा) के रूप में मनाते हैं। दशहरा मुहूर्त 1. दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक की होती। 2.यदि दशमी दो दिन हो और केवल दूसरे ही दिन अपराह्नकाल को व्याप्त करे तो विजयादशमी दूसरे दिन मनाई जाएगी। 3.यदि दशमी दो दिन के अपराह्न काल में हो तो दशहरा त्यौहार पहले दिन मनाया जाएगा। 4.यदि दशमी दोनों दिन पड़ रही है, परंतु अपराह्न काल में नहीं, उस समय में भी यह पर्व पहले दिन ही मनाया जाएगा। श्रवण नक्षत्र भी दशहरा के मुहूर्त को प्रभावित करता है जिसके तथ्य नीचे दिए जा रहे हैं: 1.यदि दशमी तिथि दो दिन पड़ती है (चाहे अपराह्ण काल में हो या ना) लेकिन श्रवण नक्षत्र पहले दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयदशमी का त्यौहार प्रथम दिन में मनाया जाएगा। 2.यदि दशमी तिथि दो दिन पड़ती है (चाहे अपराह्न काल में हो या ना) लेकिन श्रवण नक्षत्र दूसरे दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयादशमी का त्यौहार दूसरे दिन मनाया जाएगा। 3.यदि दशमी तिथि दोनों दिन पड़े, लेकिन अपराह्ण काल केवल पहले दिन हो तो उस स्थिति में दूसरे दिन दशमी तिथि पहले तीन मुहूर्त तक विद्यमान रहेगी और श्रवण नक्ष...

Vijayadashami 2022

• हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 5 अक्टूबर, बुधवार के दिन पड़ेगी, इसलिए इसी दिन दशहरा पर्व मनाया जाएगा। • अश्विन माह की दशमी तिथि आरंभ - 4 अक्टूबर, मंगलवार, दोपहर 02.21 बजे से • अश्विन माह की दशमी तिथि समापन- 5 अक्टूबर, बुधवार दोपहर 12 बजे तक • उदया तिथि के अनुसार दशहरा 5 अक्टूबर को मनाना ही शुभ होगा। इसे जरूर पढ़ें: विजयदशमी पर बन रहे हैं ये शुभ योग दशहरा के दिन अमृत काल और दुर्हुमूर्त दो शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिष की मानें तो ये दोनों ही शुभ मुहूर्त किसी भी शुभ कार्य के आरंभ के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं। क्यों मनाया जाता है दशहरा 9 दिन की शारदीय नवरात्रि के समापन के ठीक बाद यानी कि दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। इस पर्व को बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन करके और श्री राम की विजय पर खुशियां प्रकट करते हुए मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह पर्व महिषासुर राक्षस पर माता दुर्गा की विजय का भी प्रतीक माना जाता है। दशहरा के पर्व का महत्व दशहरा पर्व हिंदुओं के सबसे मुख्य त्योहारों में से एक है। मान्यतानुसार इसी दिन प्रभु श्री राम ने रावण के पापों का नाश करने के लिए उसका वध किया था। रावण के वध और भगवान राम की विजय के रूप में ही यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को सत्य की असत्य पर जीत के रूप में मनाया जाता है और यह पर्व हमेशा सत्य की विजय का ही संकेत देता है। दशहरा के दिन रावण के साथ उनके भाई कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का भी दहन किया जाता है। ये सभी पुतले दहन करना नकारात्मकता को दूर करने का प्रतीक माना जाता है। दशहरा के दिन कैसे करें पूजन • यदि आप नवरात्रि का 9 दिनों का उपवास करती हैं तो आप दशहरा के दिन व्रत का पारण कर सकती हैं। ...

Dussehra Date 2022 When Is Dussehra On October 4 Or 5 Note Down The Exact Date Auspicious Time And Method Of Worship

Dussehra Kab Hai 2022: नवरात्रि का बाद दशहरा मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा का त्योहार हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. दशहरा (Dussehra 2022) पर्व को आयुधपूजा और विजय दशमी (Vijayadashmi 2022) के अन्य नाम से जानते हैं. इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था. इस साल दशहरा की सही तिथि (Dussehra Exact Date) को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कुछ लोग इसकी तिथि 5 अक्टूबर को बता रहे हैं तो वहीं कुछ 4 अक्टूबर को दशहरा मनाने की बात कह रहे हैं. ऐसे में पंचांग के अनुसार जानते हैं कि आखिर दशहरा 4 या 5 अक्टूबर में से किस तिथि को मनना सबसे उचित और अच्छा रहेगा. हर साल दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. हिंदू पंचांग केअनुसार, इस बार दशमी तिथि 04 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट के बाद से शुरू हो रही है. वहीं दशमी तिथि 5 अक्टूबर, 2022 को दोपहर 12 बजे तक रहने वाली है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार दशहरा 05 अक्टूबर, को ही मनाया जाएगा. दशहरा 2022 शुभ योग | Dussehra 2022 Shubh Yog • विजय मुहूर्त- 5 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 2 बजकर 54 मिनट तक • दूर्मुहूर्त- 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक • अमृत काल- 05 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 1 बजकर 02 मिनट तक दशहरा 2022 पूजा विधि | Dussehra 2022 Puja Vidhi • दशहरा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्नान करें. • इसके बाद गेहूं या चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं. • गाय के गोबर से 9 गोले (कांडे) बनाएं. • गोबर स...