दशहरा क्यों मनाया जाता है

  1. Dussehra 2020
  2. दशहरा क्यों मनाया जाता है Dussehra Story In Hindi
  3. दशहरा क्यों मनाया जाता है?
  4. दशहरा 2023 कब है
  5. बकरीद क्यों मनाया जाता है?
  6. दशहरा क्यों मनाया जाता है? (कारण, महत्व, पूजा विधि, इतिहास) 2023
  7. Dussehra 2023: दशहरा क्या है और क्यों मनाया जाता है? तारीख, मुहूर्त, कहानी निबंध!
  8. dussehra 2020 vijyadashmi history and significance know all you need to know about dussehra


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Dussehra 2020

Dussehra 2020 - दशहरा बेहद हर्ष - उलाह से मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है, जिसका आयोजन अश्वनी मास के सुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को होता है। इस दिन लोग सस्त्र पूजा तथा कोई भी नया कार्य प्रारंभ करते हैं, ( जैसे अक्सर लेखन, नया उधोग आरंभ, बीज बोन आदि ) । दशहरा क्यों मनाया जाता है ऐसा विश्वास किया जाता है की इस शुभ दिन को जो भी कार्य आंरभ किया जाता है उसमें जीत अवश्य मिलती है। कहा जाता है की प्राचीन कल में दशहरे के शुभअवसर पर ही राजा लोग ईस्वर का नाम लेकर रण यात्रा को प्रस्थान करते थे। शक्ति पूजा के रूप में मनाया जाने वाला यह पर्व 10 प्रकार के पापों - काम, क्रोध, लोभ, मोहमद, मत्सर, अंहकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों का परित्याग की सदप्रेरण प्रदान करता है। दशहरा क्यों मनाया जाता है यह कहानी है त्रेतायुग की जब सृस्टि पालक भगवान विष्णु ने असत्य पर सत्य की जीत ले लिये अयोध्या नरेश दशरथ के यहाँ आदर्शमूर्ति भगवान राम के रूप में जन्म लिया था। पिता की आज्ञा से भगवान राम भाई लक्ष्मण तथा पत्नी देवी सीता सहित चौदह वर्ष तक वन को प्रस्थान हो गए, कहा जाता है कि जब श्री राम सहित माँ सीता तथा लक्ष्मण को तेरह वर्ष वनवास को पूर्ण हो गए तथा अन्तिम वर्ष प्रारंभ हो गया और उस समय वह चित्रकूट में निवास किया करते थे। एक दिन वहाँ लंकापति रावण की बहन सूर्पणखा आ पहुंची और उसने वचन पालन राम को विवाह का प्रस्ताव दिया। परन्तु सचितानन्दस्वरूप राम तो मर्यादापुरुषोत्तम थे उन्होंने यह कहकर की में तो विवाहित हूँ उनका विवाह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद वह राम के छोटे भाई लक्ष्मण के पास गई और यही प्रस्ताव सुमित्रानंदन के पास रखा परन्तु शेषावतार लक्ष्मन तो स्वंय को राम सेवक मानते थे तथा उन...

दशहरा क्यों मनाया जाता है Dussehra Story In Hindi

Contents • • • • • • • दशहरा क्यों मनाया जाता है Dussehra Kyu Manaya Jata Hai इस पोस्ट Dussehra Story In Hindi में दशहरा क्यों मनाया जाता है (Dussehra Kyu Manaya Jata Hai)? के बारे में जानकारी है। इसके पीछे हिन्दू धार्मिक ग्रंथ रामायण की कथा है। भगवान राम के लंका राज्य पर विजय की यह कथा है। देवी दुर्गा से जुड़ी एक पौराणिक कथा भी है जो असत्य पर सत्य की जीत मानी जाती है। दशहरा पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरा क्यों मनाते हैं (Dussehra Kyu Manate Hai) ? तो आइए दोस्तों जानने का प्रयत्न करते है। दशहरा पर्व की कहानी और महत्व Dussehra Story In Hindi हिन्दू धर्म में दशहरा पर्व का खास स्थान है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को “विजयादशमी” का पर्व मनाया जाता है। दशहरा शब्द की उत्पत्ति “दश – हर” से हुई है जिसका अर्थ “दस बुराई से छुटकारा पाना” है। इस पर्व से जुड़ी दो मुख्य पौराणिक मान्यता और कथा है। एक कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने 9 दिनों तक महिषासुर नामक राक्षस से युद्ध करके उसे हराया था। इसी उपलक्ष्य पर हिन्दू धर्म को मानने वाले प्रत्येक वर्ष विजयादशमी का त्योहार मनाते है। दूसरी मुख्य कथा जिसे खासकर उत्तर भारत में अधिक मान्यता प्राप्त है। हिन्दू धार्मिक ग्रँथ रामायण के मुताबिक भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम ने राक्षस और लंका के राजा रावण को युद्ध में हराकर पाप का अंत करके विजय प्राप्त की थी। कहानी के अनुसार रावण ने सीताहरण किया था और यही उसके अंत का कारण बना। बुराई पर अच्छाई की जीत की इस खुशी में हर वर्ष दशहरा मनाया जाता है। रामायण कथा के अनुसार दशहरा Dussehra Kyu Manate Hai – Dussehra Story In Hindi– रामायण की कथा के अनुसार अयो...

दशहरा क्यों मनाया जाता है?

दशहरा हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण और धार्मिक त्योहारों में से एक है और पूरे देश में मनाया जाता है। दशहरा पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल दशहरा 5 अक्टूबर 2022 को मनाया जा रहा है। हर साल नवरात्रि के समापन पर, विजयदशमी का हिंदू त्योहार, जिसे अक्सर दशहरा, दशहरा या दशईं कहा जाता है, सबसे महत्वपूर्ण अवसरों में से एक है। हिंदू दशहरा को दस सिर वाले राक्षस राजा रावण पर विष्णु अवतार राम की जीत के रूप में मनाते हैं। जिन्होंने राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था। संस्कृत में दशा ("दस") और हारा ("हार") शब्द त्योहार के नाम का स्रोत हैं। दशहरा, जो बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है, हिंदू कैलेंडर के सातवें महीने अश्विन (सितंबर-अक्टूबर) के दसवें दिन पूर्णिमा के समय मनाया जाता है। जिसे अक्सर "उज्ज्वल पखवाड़े" के रूप में जाना जाता है। नौ दिवसीय नवरात्रि उत्सव दशहरा पर समाप्त होता है, जो दुर्गा पूजा की छुट्टी के दसवें दिन भी पड़ता है। दशहरे के 20 दिन बाद पड़ने वाली दिवाली के लिए बहुत से लोग तैयार होने लगते हैं। दशहरा उत्सव की जड़ें क्लासिक हिंदू महाकाव्य रामायण में हैं, जिसमें दावा किया गया है कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान राम ने सत-युग में दस सिर वाले राक्षस रावण को मार डाला था क्योंकि रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था। दशहरा महत्व रावण से युद्ध करने और सीता को वापस पाने के लिए, भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण और अपने भक्त हनुमान की मदद से लंका (रावण के राज्य) की यात्रा की। राम ने दुर्गा से प्रार्थना की क्योंकि वे बहादुरी और शक्ति की देवी की सुरक्षा प्राप्त करने के लिए यात्रा कर रहे थे। अंत में, भगवान राम ने रावण को मार डाला और ब...

दशहरा 2023 कब है

लेख सारणी • • • • • • दशहरा 2023 | जानिए दशहरा कब है, दशहरा 2023 मुहूर्त, दशहरा क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है? दशहरा 2023 –हिंदू धर्म में दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय के त्योहार स्वरूप मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष शारदीय दशहरा 2023 – विजयदशमी के नाम से यह त्योहार तब विख्यात हुआ था जब मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। इस दिन आश्र्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी थी तभी यह त्योहार विजयदशमी ने नाम से सुप्रसिद्ध हुआ। विजयादशमी को भैंस दानव महिषासुर के ऊपर देवी दुर्गा की विजय के रूप में भी चिह्नित किया जाता है। नेपाल में, दशहरा को दशिन के रूप में मनाया जाता है। दशहरा क्यों मनाया जाता है – Dashhara Kyo Manaya Jata Hai दशहरा 2023 – कहा जाता है मर्दाया पुरुषोत्तम राम ने शारदीय नवरात्रि की दशमी को लंकापति रावण का वध किया था। इसी दशमी के दिन को भक्त रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतलों का दहन करके इस विजयदशमी के त्योहार को मनाते हैं। लंकापति रावण के अतिरिक्त जिन दो पुतलों को जलाया जाता है उनमें मेघनाथ नाम का पुतला रावण का बेटा है और कुंभकरण जो हैं वह रावण के भाई हैं। नवग्रहों से पीड़ित जातक इस दिन विशेष पूजा पाठ का आयोजन करते हैं, जिससे ग्रहों के पड़ने वाले सारे बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं। इसलिए भी इस दिन को मनाया जाता है। मां दुर्गा और श्री दशहरा 2023 – भारत के उत्तरी हिस्से में इस त्योहार की एक माह पूर्व ही तैयारी आरंभ हो जाती है, जिसमें शहरों में मेले, नाटक और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन है। रामलीला नाटक के लिए दशहरा अंतिम दिन होता है। पश्चिमी भारत में श्री राम और मां दुर्गा दोनों को यह त्योहार समर्पित होता है। इन इलाकों में दुर्गा माता की प्रतिमा को घरों में स्थापित किया जाता ...

बकरीद क्यों मनाया जाता है?

पूरे हर्षोल्लास के साथ मुस्लिमों द्वारा इस त्यौहार को मनाया जाता है। मुस्लिम समुदाय द्वारा हजारों वर्षों से मनाये जाने वाले इस पारंपरिक त्योहार में सभी मुस्लिम मस्जिदों में नमाज अदा करते हैं, तथा नमाज पढ़ने के पश्चात खुदा की इबादत के रुप में किसी भी चौपाई जानवर जैसे बकरे की बलि दी जाती है। मुस्लिम समुदाय द्वारा इस पर्व को ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन असल में बकरीद क्यों मनाई जाती है? इस त्यौहार का मुस्लिम समुदाय के लिए क्या महत्व है? बकरीद कैसे मनाई जाती है? तथा बकरीद पर बकरों की कुर्बानी की क्या वजह है!अक्सर इसके बारे में मुस्लिम समुदाय के अलावा अन्य धर्मों के लोगों को काफी कम जानकारी होती है। अतः इस लेख में आपको तो फिर जानते हैं बकरीद मनाने के पीछे का मुख्य कारण क्या है? बकरीद का दिन कैसा दिन होता है ? बकरीद क्या है? बकरीद जिसे बड़ी ईद के नाम से भी जाना जाता है। मुस्लिम समुदाय द्वारा विश्व भर में कुर्बानी के इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ईद-उल-अज़हा (बकरीद) (अरबी में عید الاضحیٰ जिसका मतलब क़ुरबानी की ईद) इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक बहुत ही प्रमुख त्यौहार है। इस दिन मस्जिदों में भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित होते हैं। लाखों की संख्या में मुस्लिमों द्वारा सफेद कुर्ते में ईद की नमाज अदा करने का यह दृश्य शानदार होता है। नमाज अदा करने के उपरांत (के बाद) चौपाया जानवरों जैसे: ऊंट, बकरे, भैंस, भेड़ इत्यादि की कुर्बानी दी जाती है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार वे इन जानवरों की कुर्बानी अल्लाह की रजा के लिए करते हैं, अर्थात कुर्बानी के इस त्यौहार को मनाने के पीछे विशेष वजह है, आइये जानते हैं की बकरीद क्यों मनाते हैं? इस्...

दशहरा क्यों मनाया जाता है? (कारण, महत्व, पूजा विधि, इतिहास) 2023

Dashara Kyon Manaya Jata Hai: भारत एक सांस्कृतिक देश है, जहां पर प्राचीन काल से ही कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं और इन त्यौहारों का यहां निवास कर रहे हर एक व्यक्ति के लिए बहुत ही महत्व रखता है। क्योंकि त्यौहार न केवल सांस्कृतिक महत्व के रूप में बल्कि लोगों में एकता बनाए रखने और परिवार में आनंद लाने का भी काम करता है। इसीलिए तो किसी भी त्यौहार का बहुत ही जोर-शोर से इंतजार किया जाता है और उसकी तैयारी की जाती है। भारत में मनाए जाने वाले विभिन्न तरह के त्यौहारों में दशहरा एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। दशहरा जिसे विजयदशमी या दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। राम के विजय के रूप में इस दिन को विजयदशमी एवं मां दुर्गा के द्वारा महिषासुर का वध करके बुराई पर जीत के कारण इसे दुर्गा पूजा के रूप में भी मनाया जाता है। Image: Dashara Kyon Manaya Jata Hai भारत में मनाए जाने वाले हर त्यौहारों के पीछे कुछ ना कुछ कारण होता है, दशहरा मनाने के पीछे भी एक महत्वपूर्ण कारण है। दशहरा क्यों मनाया जाता है, किस दिन मनाया जाता है, दशहरा क्या महत्व रखता है और विभिन्न राज्यों में दशहरा किस तरह मनाया जाता है, इसी से संबंधित आज का यह लेख हम लेकर आए हैं, जिसमें आपको दशहरा के बारे में सब कुछ जानकारी मिलेगी तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। विषय सूची • • • • • • • • दशहरा क्यों मनाया जाता है? (कारण, महत्व, पूजा विधि, इतिहास) | Dashara Kyon Manaya Jata Hai दशहरा कब और क्यों मनाया जाता है? दशहरा का त्यौहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर बुराई पर विजय प्राप्त की थी। इसी तरह मां दुर्गा ने भी नवरात...

Dussehra 2023: दशहरा क्या है और क्यों मनाया जाता है? तारीख, मुहूर्त, कहानी निबंध!

दशहरा एक हिंदू त्योहार है जिसे विजयदशमी, दशहरा या दशईं के नाम से भी जाना जाता है। यह बुराई (राक्षस ) पर अच्छाई (देवताओं) की जीत का प्रतीक है। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवें दिन, राम (विष्णु का एक अवतार) और उनकी पत्नी सीता (लक्ष्मी -विष्णु की पत्नी और भाग्य की देवी का अवतार ), लंका के राजा रावण का वध करते हैं। दशहरा बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को अनुष्ठानों और जुलूसों द्वारा मनाया जाता है जिसमें कपास और आटे के पेस्ट जैसे पदार्थों से बने पुतलों को जलाया जाता है (उत्तर भारत में “दीपोत्सव” कहा जाता है)। ये पुतले रावण का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे लालच और आसक्ति का प्रतीक माना जाता था। 18.1 अन्य संबंधित पोस्ट: दशहरा 2023 तिथि | 2023 में दशहरा कब है? भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर के अनुसार दशहरा मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023 को है। दशहरे की शुभ शुरुआत, मुहूर्त विजय मुहूर्त दोपहर 1:58 बजे शुरू होगा और दोपहर 2:43 बजे तक चलेगा। दशमी तिथि 23 अक्टूबर 2023 को शाम 05:44 बजे शुरू होगी और 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 03:14 बजे समाप्त होगी। क्या है दशहरा मनाने के पीछे की कहानी? दशहरा मनाने के पीछे की कहानी यह है कि राक्षस-राजा रावण को राम ने सैन्य कौशल से पराजित किया था, जो विष्णु के अवतार थे। रामायण के कुछ संस्करणों के अनुसार राम विष्णु के सातवें अवतार थे। रावण, जो एक राक्षस था, के दस सिर थे और वह लंका का राजा था। वे शिव के बहुत बड़े भक्त थे। कई राक्षसों को विश्वास था कि रावण की शिव भक्ति से उसे अपने सभी शत्रुओं से अजेयता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। रावण सृष्टिकर्ता-देवता ब्रह्मा से अमरता प्राप्त करना चाहता था। ब्रह्मा ने कहा कि रावण अमरता प्राप्त कर सकता है यदि वह राम की पत्...

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पूरे देश में आज दशहरे की धूम है। हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा के दसवें दिन दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक दशहरे के त्योहार से जुड़ी अनेक कथाएँ भी हैं। रामायण की कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने आज ही के दिन रावण का वध किया था। इसी वजह से दशहरे को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। दशहरे को अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। सत्य पर असत्य की जीत का प्रमाण दशहरे का त्योहार हमें हमारे भीतर की नकारात्मकता को भी खत्म करने का संदेश देता है। पूरे देश में दशहरे को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे पूर्व और उत्तर पूर्व में दुर्गा पूजा और विजयदशमी के नाम से मनाते हैं, उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में इसे दशहरा नाम से जाना जाता है। पूरे देश में अलग-अलग नामों और स्वरूपों में मनाए जाने वाले दशहरे के पर्व की आत्मा एक समान रहती है, यानी अधर्म पर धर्म की जीत। दुर्गा पूजा या विजयदशमी में मां दुर्गा द्वारा महिषासुर के वध का जश्न मनाया जाता है। जबकि दशहरे में भगवान राम द्वारा रावण के वध का उत्सव मनाया जाता है। रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का छल से हरण किया। अपनी पत्नी को बचाने और संसार से बुराई का नाश करने के लिए आज ही के दिन राम जी ने रावण का वध किया था। देश के बहुत से भागों में रामलीला का आयोजन होता है और अंतिम दिन यानी जिस दिन दशहरा होता है रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाया जाता है। यह सभी बुराई और नकारात्मकता के प्रतीक हैं। और इनका जलाया जाना यही संदेश देता है कि सत्य सदैव विजयी होता हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे मनाया जाता है दशहरा महाराष्ट्र के कुछ भागों में इस द...