दुर्गा जी की आरती हिंदी अंबे गौरी

  1. Mata Aarti, Jai Ambe Gauri Aarti, Durga Aarti: जय अंबे गौरी जय श्यामा गौरी… मां जगदम्बे की पूरी आरती पढ़ें यहां
  2. जय अम्बे गौरी : श्री दुर्गाजी की आरती
  3. navratri durga aarti jai ambe gauri durga ji ki aarti lyrics video audio and text
  4. Ambe Ji Ki Aarti
  5. मां दुर्गा जी की आरती : जय अम्बे गौरी...
  6. दुर्गा जी की आरती


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Mata Aarti, Jai Ambe Gauri Aarti, Durga Aarti: जय अंबे गौरी जय श्यामा गौरी… मां जगदम्बे की पूरी आरती पढ़ें यहां

Navratri 2019, Durga ji ki Aarti, Jai Ambe Gauri, skandamata Puja and Aarti: नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है। इन दिनों घर-घर मां की उपासना की जा रही है। कई लोग इस दौरान पूरे नौ दिनों तक व्रत रखकर मां अम्बे की अराधना करते हैं। सुबह शाम मां की विधिवत पूजा की जाती है। लेकिन कोई भी पूजा बिना आरती और मंत्रों के अधूरी मानी जाती है। जानिए नवरात्रि में किस आरती और मंत्रों को गाकर माता को किया जाता है प्रसन्न… मां दुर्गा जी की आरती (Jai Ambe Gauri Aarti) : जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥ कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥ केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी। सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥ कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥ शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥ चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू। बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥ भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी। मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥ कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती। श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥ श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै। कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥ मां दुर्गा के मंत्र (Maa Durga Mantra) : ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॥ नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनी । नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनी ॥1॥ नमस्ते शुम्भहन्त्रयै च निशुम्भासुरघातिनी । जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥2॥ ऐंकारी सृष्टिरुपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका । क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥3॥ चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी । विच्चे ...

जय अम्बे गौरी : श्री दुर्गाजी की आरती

Jagannatha rathayatra 2023: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ओडिशा के पुरी में प्रतिवर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 20 जून 2023 को यह रथ यात्रा निकलेगी। यह रथ यात्रा कहां से कहां तक निकलती है, आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी। यदि आपके जीवन में समस्याएं बनी हुई है, आप घोर संकट से घिर गए हैं तो आपको भगवान भोलेनाथ की शरण में जाकर उनको प्रसन्न करने के जतन करना चाहिए तथा इसके लिए आपको शिव जी का प्रिय प्रदोष व्रत रखकर प्रदोष काल में उनका पूजन करना चाहिए। इस दिन कोई भी जातक पूर्ण श्रद्धापूर्वक यदि शिव जी का पूजन-अर्चन करते हैं... Pitro ki shanti ke upay : आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह अमावस्या 18 जुन 2023 रविवार को रहेगी। इस अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की शांति के लिए किए जाने वाले तर्पण के लिए बहुत ही उत्तम एवं विशेष फलदायी माना गया है। अषाढ़ी अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए 5 में से मात्र 1 उपाय कर लेंगे तो पितृदोष दूर हो जाएगा। Mithun sankranti 2023 : 15 जून 2023 की शाम को 06:07 बजे सूर्यदेव मिथुन राशि में गोचर करने लगेंगे। यदि आपकी कुंडली में सूर्य तुला में होकर नीच का है, सूर्य अपने शत्रु ग्रहों के साथ बैठा है या जन्मपत्री में सूर्य ग्रहण है तो इस मिथुन संक्रांति पर करें सूर्य को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपाय। नौकरी, व्यापार में उन्नति के साथ ही समाज में मान सम्मान बढ़ेगा।

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Navratri 2021, Durga Ji Ki Aarti : जय अम्बे गौरी, मैया जय अम्बे गौरी... यहां से पढ़ें या सुनें मां दुर्गा की आरती चैत्र नवरात्रि पर जहां अभिजीत और मंगल मुहूर्त में कलश स्थापना से लेकर विधिविधान से पूजा का महत्व है वहीं पूजा के फौरन बाद मां दुर्गा की आरती को भी अनिवार्य कहा गया है. जय अम्बे गौरी मैया जय अम्बे गौरी के अलावा दुर्गा जी की आरती हर दिन के हिसाब से भी गाया और सुना जा सकता है. आइए आपके लिए वीडियो, टेक्स्ट के माध्यम से मां दुर्गा की आरती करें.... Navratri Durga Ji Ki Aarti: चैत्र नवरात्रि पर जहां अभिजीत और मंगल मुहूर्त में कलश स्थापना से लेकर विधिविधान से पूजा का महत्व है वहीं पूजा के फौरन बाद मां दुर्गा की आरती को भी अनिवार्य कहा गया है. जय अम्बे गौरी मैया जय अम्बे गौरी के अलावा दुर्गा जी की आरती हर दिन के हिसाब से भी गाया और सुना जा सकता है. आइए आपके लिए वीडियो, टेक्स्ट के माध्यम से मां दुर्गा की आरती करें.... जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै । रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी । सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती । कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती । धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे । मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी..॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला र...

Ambe Ji Ki Aarti

WhatsApp Telegram Facebook Twitter LinkedIn Ambe Ji Ki Aarti is more popular as Jai Ambe Gauri Aarti, which is performed for Goddess Durga or Kali during Durga Pooja, especially during the Navratri days. Get Ambe Ji Ki Aarti Lyrics or Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics in Hindi here and recite it for the grace of Maa Durga. अंबे जी की आरती, जय अम्बे गौरी आरती के रूप में अधिक लोकप्रिय है, जो विशेष रूप से नवरात्रि के दिनों में दुर्गा पूजा के दौरान देवी दुर्गा या काली के लिए की जाती है। Ambe Ji Ki Aarti – Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics in Hindi – ॐ जय अम्बे गौरी जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी | तुमको निशिदिन ध्यावत तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी || ॐ जय अम्बे गौरी जय अंबे गौरी मैया जय श्यामा गौरी | तुमको निशिदिन ध्यावत तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी || ॐ जय अंबे गौरी मांग सिंदूर विराजित टीको जगमग तो | मैया टीको जगमग तो उज्ज्वल से दोउ नैना उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रवदन नीको || ॐ जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै | मैया रक्ताम्बर राजै रक्तपुष्प गल माला रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै || ॐ जय अंबे गौरी केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी | मैया खड्ग खप्पर धारी सुर नर मुनिजन सेवत सुर नर मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी || ॐ जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती मैया नासाग्रे मोती | कोटिक चंद्र दिवाकर कोटिक चंद्र दिवाकर सम राजत ज्योती || ॐ जय अंबे गौरी शुंभ निशुंभ बिदारे महिषासुर घाती मैया महिषासुर घाती | धूम्र विलोचन नैना धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती || ॐ जय अम्बे गौरी चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे मैया शोणित बीज हरे | मधु कैटभ दोउ मारे मधु कैटभ दोउ मारे सुर भय...

मां दुर्गा जी की आरती : जय अम्बे गौरी...

Mangal puja Amalner : भूमि पुत्र मंगल देव का अमलनेर में बहुत ही जागृत मंदिर है। यहां पर मंगल देव के साथ ही पंचमुखी हनुमान और भू माता विराजमान हैं। यहां पर हजारों की संख्‍या में लोग मंगल दोष की शांति के लिए आते हैं। इसी के साथ ही जिन लोगों को भूमि से संबंधित कोई समस्या है वे लोग भी यहां पर मंगल देव की पूजा और अभिषेक करने के लिए आते हैं। Lal kitab for money : लाला किताब के उपाय अचूक होते हैं। यह विद्या ज्योतिष से अलग मानी जाती है। हालांकि दोनों ही विद्या में कोई खास अंतर नहीं है। यदि आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं या कर्ज चढ़ गया है तो आपको लाल किताब के अचूक उपाय करना चाहिए। हालांकि यदि ये उपाय आप किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर करेंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। Naukri 2023 : आजकल अच्‍छी नौकरी मिलना मुश्‍किल है। देश में लाखों बेरोजगार लोग होंगे जो नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं। हालांकि उन शहरों में नौकरी ज्यादा होती है जहां पर आबादी ज्यादा है और जहां पर कारोबारी कार्य ज्यादा होता है। इसीलिए कई लोगों को नौकरी की तलाश में अपना शहर छोड़कर जाना पड़ता है। ऐसे शहरों में जाकर भी उन्हें ढंग की नौकरी नहीं मिल रही हैं तो उन्हें करना चाहिए कौनसा वार। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में? Pandharpur mela 2023 : प्रत्येक वर्ष देवशयनी एकादशी के मौके पर पंढरपुर में लाखों लोग भगवान विट्ठल और रुक्म...

दुर्गा जी की आरती

माँ दुर्गा जी की आरती जय अंबे गौरी, हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण पूजा है जो हमें माँ दुर्गा के गुणों को याद दिलाती है। इस आरती को हम अलग-अलग अवसरों पर पढ़ते हैं जैसे नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा और दीवाली। इस आरती को पढ़ने से हमें आशीर्वाद प्राप्त होता हैं और हमारी इच्छाएं पूरी होती हैं। आरती में बताए गए मंत्र और श्लोक हमें माँ दुर्गा के बारे में बताते हैं जो हमें उनकी शक्ति, साहस और आशीर्वाद से परिचित कराते हैं। आरती के अंत में हम सभी मिलकर माँ दुर्गा, भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा को नमस्कार करते हैं और इससे हमारा आध्यात्मिक संबंध मजबूत होता है। दुर्गा जी की आरती जय अंबे गौरी इस आरती को पढ़ने से हम अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करते हैं। यह पूजा हमें माँ दुर्गा के प्रति आदर और सम्मान के साथ अपने धर्म के बारे में जागरूक बनाती है। इसलिए, माँ दुर्गा की आरती एक महत्वपूर्ण पूजा है जो हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करती है। आरती हिंदी अंबे गौरी जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को, उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥ ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी,तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै, रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी, सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवजी॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती, कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती, धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ ॐ जय...