दूसरी शक्ति

  1. गायत्री साधना और कुण्डलिनी जागरण
  2. NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 2
  3. Good and bad: The Hindu Editorial on India and artificial intelligence in hindi
  4. माँ ब्रह्मचारिणी :माँ दुर्गा की दूसरी शक्ति की पावन कथा,शुभ मुहूर्त, महत्व ,पूजा विधि, मंत्र,आरती और फल प्राप्ति "स्वाधिष्ठान चक्र"
  5. इच्छा
  6. ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे: 9 अक्षरों वाले 'नवार्ण मंत्र' में है 9 ग्रहों को नियंत्रित करने की शक्ति...
  7. राष्ट्रीय शक्ति क्या है इसके तत्वों का वर्णन कीजिए?
  8. 'फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है' − पाठके संदर्भ में इस पंक्ति का आश्य स्पष्ट कीजिए।


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गायत्री साधना और कुण्डलिनी जागरण

पौराणिक कथा के अनुसार ब्रह्माजी के दो पत्नियां थीं। प्रथम गायत्री दूसरी सावित्री। इसे अलंकारिक प्रतिपादन में ज्ञान चेतना और पदार्थ सम्पदा कहा जा सकता है। इनमें एक परा प्रकृति है, दूसरी अपरा। परा प्रकृति के अन्तर्गत मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार—अहंकार चतुष्टय, ऋतम्भरा प्रज्ञा आदि का ज्ञान क्षेत्र आता है। दूसरी पत्नी सावित्री। इसे अपरा प्रकृति, पदार्थ चेतना, जड़ प्रकृति कहा जाता है। पदार्थों की समस्त हलचलें—गतिविधियां—उसी पर निर्भर हैं। परमाणुओं की भ्रमणशीलता, रसायनों की प्रभावशीलता, विद्युत ताप, प्रकाश, चुम्बकत्व, ईथर आदि उसी के भाग हैं। पदार्थ विज्ञान इन्हीं साधनों को काम में लाकर अगणित आविष्कार करने और सुविधा साधन उत्पन्न करने में लगा हुआ है। इसी अपरा प्रकृति को सावित्री कहते हैं। कुण्डलिनी इसी दूसरी शक्ति का नाम है। दूसरी शक्ति सावित्री—पदार्थ शक्ति, क्रियाशीलता इस अपरा प्रकृति से ही प्राणियों का शरीर संचालन होता है और संसार का प्रगति चक्र चलता है। शरीर में श्वास-प्रश्वास, रक्त-संचार, निद्रा-जागृति, पाचन-विसर्जन, ऊष्मा-ऊर्जा, विद्युत प्रवाह अगणित क्रिया-कलाप काया के क्षेत्र में चलते हैं। संसार का हर आदि पदार्थ क्रियाशील है। उत्पादन, अभिवर्धन और परिवर्तन का गतिचक्र इस सृष्टि में अनवरत गति से चलता है। प्राणी और पदार्थ सभी अपने-अपने ढंग से प्रगति पथ पर द्रुतगति से दौड़ रहे हैं। विकास की दिशा में कण-कण को धकेला जा रहा है। निष्क्रियता को सक्रियता के रूप में बदलने का प्रेरणा केन्द्र जिस महत्तत्व में सन्निहित है, उसे अपरा प्रकृति कहते हैं। सत, रज, तम—पंचतत्व तन्मात्राएं आदि का सूत्र संचालन यही शक्ति करती है। सिद्धियां और वरदान इसी के अनुग्रह से मिलते हैं। ब्रह्माजी की द्वितीय पत्न...

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 2

• NCERT Solutions for Social Science • Class 10 Social Science in Hindi Medium • Class 9 Social Science in Hindi Medium • Class 8 Social Science in Hindi Medium • Class 7 Social Science in Hindi Medium • Class 6 Social Science in Hindi Medium • NCERT Solutions for Class 10 • NCERT Solutions for Class 9 • NCERT Solutions for Class 11 प्रश्न 1. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था? 2. मक्खनपुर पढ़ने जानेवाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़नेवाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी? 3.‘साँप ने फुफकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं’–यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है? 4. किन कारणों से लेखक ने चिट्ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय लिया? 5. साँप का ध्यान बाँटने के लिए लेखक ने क्या-क्या युक्तियाँ अपनाई? 6. कुएँ में उतरकर चिट्ठियों को निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए। 7. इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है? 8.‘मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं’–का आशय स्पष्ट कीजिए। 9. ‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’-पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। उत्तर 1. जब लेखक झरबेरी से बेर तोड़ रहा था तभी गाँव के एक आदमी ने कहा कि तुम्हारे भाई बुला रहे हैं, शीघ्र चले आओ। भाई के बुलाने पर लेखक घर की ओर चल दिया पर उसके मन में डर था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उससे कौन-सा कसूर हो गया। उसे आशंका थी कि कहीं बेर खाने के अपराध में उसकी पेशी न हो रही हो। उसे बड़े भाई की मार का डर था। 2. मक्खनपुर पढ़ने जानेवाले बच्चों की टोली पूरी वानर टोली थी। ...

Good and bad: The Hindu Editorial on India and artificial intelligence in hindi

जेनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एआई) एक ऐसी एआई है जो नया डाटा तैयार कर सकती है। आज दुनिया में जेनरेटिव एआई के बहुत से उदाहरण मौजूद हैं, जिनका सबसे आम इस्तेमाल उपभोक्ता के आग्रह पर विषय, छवि और कोड मुहैया करने के लिए किया जाता है। हालांकि, ये इससे भी आगे बहुत कुछ अधिक करने में सक्षम हैं। इनका व्यापक अनुकूलन इनकी क्षमता को वाकई शानदार ढंग से बढ़ाता है, जो पहले तो चौंकता है, फिर चिंता में डालता है। ओपनएआई का चैटजीपीटी नामक चैटबॉट इंसानी बुद्धिमत्ता की बखूबी नकल कर लेता है। आज यह जेनरेटिव एआई की क्षमताओं का पर्याय जैसा बन गया है। बीते कुछ सालों में, बहुत बड़े डाटासेट्स पर काम करने के लिए प्रशिक्षित और पर्याप्त संगणन क्षमता तक पहुंच वाले, न्यूरल नेटवर्क-समर्थित एआई मॉडलों को अच्छे कामों के लिए इस्तेमाल किया गया है, जैसे कि नये एंटीबायोटिक व मिश्र-धातुएं ढूंढ़ने के लिए, बुद्धिमत्तापूर्ण मनोरंजन व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए, और कई सामान्य से कामों के लिए। लेकिन, इसने सबसे ज्यादा ध्यान झूठा डाटा गढ़ने की अपनी क्षमता से खींचा है। ईमानदारी से सच्चाई दिखाने वाले डाटा और एआई का इस्तेमाल कर बेईमान लोगों द्वारा बनाए गए सच जैसे दिखने वाले डाटा में विश्वसनीय रूप से फर्क कर पाने में अब दुनिया सक्षम नहीं रह गयी है। इसने और सामने आई दूसरी चीजों ने एआई के अग्रदूतों के एक प्रमुख समूह को एक वाक्य का बयान (जो आगाह करता है) गढ़ने के लिए प्रेरित किया: ‘महामारियों और परमाणु युद्ध जैसे दूसरे समाज-स्तरीय जोखिमों के साथ-साथ एआई से अस्तित्व मिट जाने के जोखिम को कम करना वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए। ’बेईमान लोगों के हाथों में एआई का होना कई खतरों में से एक है, लेकिन मानव समाज की ...

माँ ब्रह्मचारिणी :माँ दुर्गा की दूसरी शक्ति की पावन कथा,शुभ मुहूर्त, महत्व ,पूजा विधि, मंत्र,आरती और फल प्राप्ति "स्वाधिष्ठान चक्र"

नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माँ ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक बेहद ही कठिन तपस्या की थी। इसी कारण माँ दुर्गा का एक नाम ब्रह्मचारिणी पड़ गया था। मां का ये रूप निराला है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वालीअर्थात तप का आचरण करने वाली माँ ब्रह्मचारिणी(maa brahmacharini)। जानिए मां के इस स्वरूप की कैसे करें अराधना, क्या है पूजा विधि, व्रत कथा, मंत्र औरआरती… मां ब्रह्मचारिणी मां पार्वती का दूसरा स्वरूप है। मां के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। साथ ही जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा प्राप्त होता है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर लें। देवी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर प्रार्थना करें। इसके बाद देवी को पंचामृत (दूध, दही, शर्करा, घृत, व मधु ) से स्नान करायें और सफेद और सुगंधितफूल और कमल का फूल, अक्षत यानी कि साबुत चावल, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें। इस दिन माता को शक्करका भोग अर्पित करें और भोग लगाए इस प्रसाद को घर के सभी सदस्य को दें। मान्यता है कि इस प्रसाद के खाने से उम्र में वृद्धि होती है।पूजा में लाल फूल का विशेष रूप से इस्तेमाल करें। पूजा में इस मंत्र का जाप करें- इधाना कदपद्माभ्याममक्षमालाक कमण्डलु देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्त्मा।प्रसाद के बाद पान सुपारी भेंट करें और प्रदक्षिणा करें यानी 3 बार अपनी ही जगह खड़े होकर घूमें।इसके बाद कथा सुनें और घी और कपूर से देवी की आरती उतारें और पूजा संपन्न करें। मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र (Maa Brahmacharini Ke Mantra) : मां ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर पुत्री र...

इच्छा

Definitions and Meaning of इच्छा in Hindi इच्छा NOUN • माल की माँग । विशेष—आधुनिक अर्थशास्त्र में माँग या 'डिमांड' शब्द का व्यव- हार जिस अर्थ में होता है, उसी अर्थ में कौटिल्य ने 'इच्छा' का प्रयोग किया है । उसने 'आयुधागाराध्यक्ष' अधिकरण में लिखा है कि आयुधेश्वर अस्त्रों की इच्छा और बनाने के व्यय को सदा समझता रहे । • गणित में त्रैराशिक की दूसरी शक्ति । • तितिक्षा या इच्छा शक्ति के प्रकट होने की पूर्वावस्था । Synonyms of इच्छा • Description इच्छा का मतलब किसी भी वस्तु, व्यक्ति या परिणाम की चाहत। लालसा, मनोकामना, अभिलाषा आदि इसके पर्यायवाची हैं। Desires are states of mind that are expressed by terms like "wanting", "wishing", "longing" or "craving". A great variety of features is commonly associated with desires. They are seen as propositional attitudes towards conceivable states of affairs. They aim to change the world by representing how the world should be, unlike beliefs, which aim to represent how the world actually is. Desires are closely related to agency: they motivate the agent to realize them. For this to be possible, a desire has to be combined with a belief about which action would realize it. Desires present their objects in a favorable light, as something that appears to be good. Their fulfillment is normally experienced as pleasurable in contrast to the negative experience of failing to do so. Conscious desires are usually accompanied by some form of emotional response. While many researchers roughly agree on these general features, there is significant disagre...

ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे: 9 अक्षरों वाले 'नवार्ण मंत्र' में है 9 ग्रहों को नियंत्रित करने की शक्ति...

दुर्गा की इन नौ शक्तियों को जागृत करने के लिए दुर्गा के 'नवार्ण मंत्र' का जाप किया जाता है। नव का अर्थ नौ तथा अर्ण का अर्थ अक्षर होता है। अतः नवार्ण 9 अक्षरों वाला वह मंत्र है, नवार्ण मंत्र ' ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे'है। नौ अक्षरों वाले इस नवार्ण मंत्र के एक-एक अक्षर का संबंध दुर्गा की एक-एक शक्ति से है और उस एक-एक शक्ति का संबंध एक-एक ग्रह से है। * दूसरा अक्षर ह्रीं है, जो चंद्रमा ग्रह को नियंत्रित करता है। इसका संबंध दुर्गा की दूसरी शक्ति ब्रह्मचारिणी से है, जिसकी पूजा दूसरे नवरात्रि को होती है। तीसरा अक्षर क्लीं है, चौथा अक्षर चा, पांचवां अक्षर मुं, छठा अक्षर डा, सातवां अक्षर यै, आठवां अक्षर वि तथा नौवा अक्षर चै है। जो क्रमशः मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु ग्रहों को नियंत्रित करता है। नवार्ण मंत्र का जाप 108 दाने की माला पर कम से कम तीन बार अवश्य करना चाहिए। यद्यपि नवार्ण मंत्र नौ अक्षरों का ही है, परंतु विजयादशमी की महत्ता को ध्यान में रखते हुए, इस मंत्र के पहले ॐ अक्षर जोड़कर इसे दशाक्षर मंत्र का रूप दुर्गा सप्तशती में दे दिया गया है, लेकिन इस एक अक्षर के जुड़ने से मंत्र के प्रभाव पर कोई असर नहीं पड़ता। वह नवार्ण मंत्र की तरह ही फलदायक होता है। अतः कोई चाहे, तो दशाक्षर मंत्र का जाप भी निष्ठा और श्रद्धा से कर सकता है। How many shravan somvar in 2023 : आषाढ़ माह से वर्षा ऋ‍तु प्रारंभ हो जाती है। इसके बाद श्रावण माह आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो पूरे माह की व्रत रखते हैं परंतु इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि श्रावण मास कब से हो रहा है प्रारंभ, कितने सोमवार रहेंगे इस माह में...

राष्ट्रीय शक्ति क्या है इसके तत्वों का वर्णन कीजिए?

साधारण शब्दों में व्यक्ति के संदर्भ में शक्ति से अभिप्राय है जब एक व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह दूसरे व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को नियन्त्रित करने और उनसे मनचाहा व्यवहार कराने और उन्हें अनचाहा व्यवहार करने से रोकने की सामर्थ्य या योग्यता से है। जब यही बात सभी व्यक्ति मिलकर राष्ट्र के बारे में अभिव्यक्त करके दूसरे राज्य/राज्यों के संदर्भ में करते हैं तो वह राष्ट्रीय शक्ति होती है। 2. पेडलफोर्ड एवं लिंकन- यह शब्द राष्ट्र की भौतिक व सैनिक शक्ति तथा सामथ्र्य का सूचक है। राष्ट्रीय शक्ति सामथ्र्य का वह योग है जो एक राज्य अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति हेतु उपयोग में लाता है। जार्ज रचवार्जन बर्जर - शक्ति अपनी इच्छा को दूसरों पर लादने की क्षमता है जिसका आधार न मानने पर प्रभावशाली विरोध सहना पड़ सकता है। 3. हेंसजे मारगेन्थाऊ - शक्ति, उसे कार्यान्वित करने वालों व उनके बीच जिन पर कार्यान्वित हो रही है एक मनोवैज्ञानिक संबंध है। यह प्रथम द्वारा द्वितीय के कुछ कार्यों को उसके मस्तिष्क पर प्रभाव डालकर नियन्त्रित करने की क्षमता है। इस प्रकार कह सकते हैं कि राष्ट्रीय शक्ति एक राज्य द्वारा दूसरे राज्य को प्रभावित करने की क्षमता है। परन्तु इस क्षमता के पीछे दण्डात्मक शक्ति भी होती है उसी के डर से शक्ति प्रभावी हो सकती। बिना दण्डात्मक या प्रतिबंध लगाने की क्षमता के एक राष्ट्र दूसरे पर इसे लागू नहीं कर सकता। राष्ट्रीय शक्ति के प्रमुख तत्व शक्ति के विभिन्न तत्व होते हैं। इन्हीं तत्वों को कई बार शक्ति के निर्धारक तत्व भी कहा जाता है, परन्तु ऐसा कहना अनुचित है। क्योंकि शक्ति के तत्व अपने आप में शक्ति नहीं है, अपितु उनका होना शक्ति प्राप्त करने में सहायक होता है। अत: इन तत्वों के संबंध में बा...

'फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है' − पाठके संदर्भ में इस पंक्ति का आश्य स्पष्ट कीजिए।

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