द्वि राष्ट्र सिद्धांत क्या है

  1. द्विराष्ट्र सिद्धांत का परिणाम क्या हुआ? – ElegantAnswer.com
  2. [Mission 2022] INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 19 October 2021
  3. Class 12 Political Science राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Notes In Hindi
  4. द्विराष्ट्र सिद्धांत
  5. 12th Political Science L


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द्विराष्ट्र सिद्धांत का परिणाम क्या हुआ? – ElegantAnswer.com

द्विराष्ट्र सिद्धांत का परिणाम क्या हुआ? इसे सुनेंरोकेंमुस्लिम नेतृत्व और द्विराष्ट्र सिद्धांत 1930 में इलाहाबाद में ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के इक्कीसवीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने न केवल द्विराष्ट्र सिद्धांत खुलकर समझाया बल्कि इसी सिद्धांत के आधार पर उन्होंने हिन्दुस्तान में एक मुस्लिम राज्य की स्थापना की भविष्यवाणी भी की थी। द्विराष्ट्र सिद्धांत का क्या अर्थ है? इसे सुनेंरोकेंदोनों राष्ट्र सिद्धांत का अर्थ है कि हिंदू और मुसलमान दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। दो राष्ट्र सिद्धांत के आधार पर क्वैद-ए-आज़म ने भारत के विभाजन को दो राज्यों में मांगे, एक मुस्लिम राज्य जिसे पाकिस्तान कहा जाता है और दूसरा हिंदू भारत भारत है। द्वि राष्ट्र सिद्धांत से जुड़ी हुई पार्टी कौन सी थी? इसे सुनेंरोकेंअखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा समर्थित द्वि-राष्ट्र सिद्धांत1947 में भारत के विभाजन के माध्यम से पाकिस्तान आंदोलन (यानी भारत के उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों में एक मुस्लिम राष्ट्र-राज्य के रूप में पाकिस्तान की विचारधारा) का संस्थापक सिद्धांत है। द्वि राष्ट्र सिद्धांत का क्या अर्थ है यह किस प्रकार से भारतीय इतिहास की एक मिथ्या धारणा थी? इसे सुनेंरोकेंद्विराष्ट्र का सिद्धांत का मतलब यह है कि दो राष्ट्रों में किसी भी एक राष्ट्र का बट जाना यह परिस्थिति अंग्रेजों द्वारा स्वतंत्रता से पहले उत्पन्न की गई थी उन्होंने अपने भारत देश को दो हिस्सों में बांट दिया था भारत और पाकिस्तान जबकि दोनों और अलग-अलग धर्मों के लोग रहते थे उनके बंटवारे के पीछे का कारण यही था कि “फुट डालो … द्विराष्ट्र सिद्धांत का अर्थ क्या है? राष्ट्र सिद्धांत के जनक कौन थे? इसे सुनेंरोकेंभारतीय इतिहास में मोहम्मद अली जिन्...

[Mission 2022] INSIGHTS करेंट अफेयर्स+ पीआईबी नोट्स [ DAILY CURRENT AFFAIRS + PIB Summary in HINDI ] 19 October 2021

विषय सूची: सामान्य अध्ययन- I 1. सर सैयद अहमद खान सामान्य अध्ययन- II 1. अग्रिम जमानत 2. अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति सामान्य अध्ययन- III 1. तमिलनाडु शहरी रोजगार योजना 2. विश्व खाद्य दिवस 3. अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस 4. जैव विविधता संरक्षण पर कुनमिंग घोषणा प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य 1. DLX1 प्रोटीन 2. कैम्ब्रियन पेट्रोल युद्धाभ्यास 3. ढोल (एशियाई जंगली कुत्ता) सामान्य अध्ययन- I विषय: 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय। सर सैयद अहमद खान संदर्भ: हाल ही में, सर सैयद अहमद खान की 204वीं जयंती मनाई गई। उनका जन्म 17 अक्टूबर, 1817 को हुआ था। ‘ सर सैयद अहमद खान ’ के बारे में: • सर सैयद अहमद खान एक प्रसिद्द शिक्षक, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और कई प्रतिभाओं के धनी थे। • वह ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ के संस्थापक भी थे। इनसे जुड़े हुए विवाद: • सर सैयद अहमद खान को अक्सर ‘द्विराष्ट्र सिद्धांत’ (Two nation theory) का जनक बताते हुए इनकी आलोचना की जाती है। इसी सिद्धांत के आधार पर आगे चलकर दो अलग राष्ट्रों यानी भारत और पाकिस्तान का गठन हुआ। • कुछ इतिहासकारों द्वारा गलत तरीके से यह समझा जाता है कि, भारत में हिंदू और मुस्लिम के विभाजन ‘द्विराष्ट्र सिद्धांत’ का उपोत्पाद था, और इस ‘सिद्धांत’ की उत्पत्ति सर सैयद की विचारधारा से हुई थी। क्या उनके समय में “द्वि-राष्ट्र” सिद्धांत का कोई अस्तित्व था? “राष्ट्रवाद” (Nationalism), एक सचेतन विचार के रूप में यूरोप में भी 20वीं सदी की एक घटना थी, और यही से इसे भारत में आयात किया गया था। प्रख्यात इतिहासकार ‘अनिल सील’ ने ठीक ही कहा है कि सर सैयद के समय में, “कोई दो राष्ट्र...

Class 12 Political Science राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Notes In Hindi

12 Class Political Science – II Chapter 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Notes In Hindi Textbook NCERT Class Class 12 Subject Political Science 2nd book Chapter Chapter 1 Chapter Name राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Category Class 12 Political Science Medium Hindi Class 12 Political Science – II Chapter 1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ Notes in Hindi इस अध्याय मे हम राष्ट्र और राष्ट्र निर्माण , सरदार वल्लभभाई पटेल और राज्यों का एकीकरण , विभाजन की विरासत :- शरणार्थियों की चुनौती , पुनर्स्थापना , कश्मीर मुद्धा , राष्ट्र निर्माण में नेहरू का दृष्टिकोण , भाषा पर राजनीतिक संघर्ष और राज्यों का भाषायी आधार पर निर्माण के बारे में विस्तार से जानेंगे । 🍁 अध्याय = 1 🍁 🌺 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ 🌺 💠 राष्ट्र निर्माण से अभिप्राय : – 🔹 राष्ट्र निर्माण से अभिप्राय है जिनके द्वारा कुछ समूहों में राष्ट्रीय चेतना उभरती है तथा यह समूह कुछ न कुछ संगठित सामाजिक संरचनाओं के माध्यम से समाज के लिए राजनैतिक स्वायतता प्राप्त करते हैं । ( डेविड ए . विलयम ) 💠 भारत की आजादी : – 🔹 लगभग 200 वर्ष की अंग्रेजों की गुलामी के बाद 14 – 15 अगस्त सन 1947 की मध्यरात्रि को हिन्दुस्तान आजाद हुआ । लेकिन इस आजादी के साथ देश की जनता को देश के विभाजन का सामना पड़ा । संविधान सभा के विशेष सत्र में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ‘ भाग्यवधु से चिर – प्रतीक्षित भेंट या ‘ ट्रिस्ट विद् डेस्टिनी ‘ के नाम से भाषण दिया । 🔶 आजादी की लड़ाई के समय दो बातों पर सबकी सहमति थी । • आजादी के बाद देश का शासन लोकतांत्रिक पद्धति से चलाया जायेगा । • सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य करेगी । 💠 आजाद भारत की नए राष्ट्र की चुनौतियाँ : – ...

द्वि

द्वि-राष्ट्र सिद्धांत क्या है ? Ans. शीत युद्ध के समय (1945-91) में दो अलग-अलग गुटों में विश्व विभक्त था। एक का नेतृत्व सोवियत संघ तो दूसरे का अमेरिका कर रहा था। इसे ही द्विध्रुवता कहा जाता है। वैसे राष्ट्र जो दोनों ध्रुवों से जुड़े थे द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त के पोषक थे। द्वि-राष्ट्र सिद्धांत दो मतों, दो प्रभावों एवं दो ध्रुवों के मत को मानते थे।

द्विराष्ट्र सिद्धांत

अनुक्रम • 1 परिचय • 2 मुस्लिम नेतृत्व और द्विराष्ट्र सिद्धांत • 2.1 अलीगढ़ • 2.2 मुहम्मद इक़बाल • 2.3 मुहम्मद अली जिन्नाह • 3 सन्दर्भ • 4 बाहरीकड़ियाँ परिचय [ ] मुस्लिम नेतृत्व और द्विराष्ट्र सिद्धांत [ ] अलीगढ़ [ ] मुहम्मद इक़बाल [ ] मुहम्मद अली जिन्नाह [ ] इन्होंने द्विराष्ट्र सिद्धांत के बारे में कहा था -हिन्दू मुस्लिम एक राष्ट्र नहीं बल्कि दो राष्ट्र हैं। सन्दर्भ [ ]

12th Political Science L

अध्याय-2.1 : राष्ट्र निर्माण की चुनौतियां द्वि-राष्ट्र का सिद्धांत क्या है तथा यह किस प्रकार भारत विभाजन का कारण बना? ब्रिटिश भारत मे क्रांतिकारी आंदोलन के दबाव में जब अंग्रेजों को लगने लगा कि भारतीयों पर अब शासन करना कठिन हो रहा है, तो उन्होंने अपनी बाँटो और राज करो की नीति के तहत मुस्लिम जनसंख्या को यह समझाने का प्रयास करने लगे कि तुम्हारे हित हिन्दुओ से अलग हैं। अतः तुम्हें संगठित होकर अलग से प्रयास करना चाहिए। इन्ही कारणों से 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना होती है और फिर मुस्लिम लीग के प्रयासों से भारत शासन अधिनियम-1909 में पृथक निर्वाचन की व्यवस्था सामने आती है।अर्थात मुस्लिम मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव अलग से करेंगे। पहले तो कांग्रेस ने पृथक निर्वाचन की व्यवस्था को अस्वीकार कर दिया लेकिन 1916 में लखनऊ पैक्ट के तहत कांग्रेस ने मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचन की व्यवस्था इस शर्त पर स्वीकार कर ली कि स्वतंत्रता आंदोलन में मुस्लिम लीग कांग्रेस का साथ देगी।लेकिन यह गलती मुस्लिम जनसंख्या को शेष भारतीय जनता से हमेशा हमेशा के लिए अलग करने का रास्ता बनाना प्रारंभ कर दिया और द्वि-राष्ट्र का सिद्धांत पर चर्चा होने लगी। सर्वप्रथम उर्दू शायर मोहम्मद इकबाल जिन्होंने मशहूर देशभक्ति गीत 'सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा' लिखा है, ने मुस्लिम लीग के इलाहाबाद सम्मेलन-1930 में इस सिद्धांत को प्रस्तुत किये थे।इस सिद्धांत के अनुसार भारत देश में दो राष्ट्र (कौम) बसते हैं।एक हिन्दू राष्ट्र और दूसरा मुश्लिम राष्ट्र।अतः बहुसंख्यक मुस्लिम जनसंख्या वाले क्षेत्र को शेष भारत से अलग करके एक नए राष्ट्र का गठन किया जाना चाहिए।आगे चल कर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधरत छात्र रहमत अली ने इस ...