द्विकर्मक क्रिया किसे कहते हैं

  1. क्रिया किसे कहते है इसके प्रकार और उदाहरण
  2. क्रिया किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण, भेद, शब्द, वाक्य प्रयोग, अर्थ हिंदी व्याकरण kriya in hindi, examples, types
  3. क्रिया किसे कहते हैं, सकर्मक और अकर्मक क्रिया
  4. क्रिया किसे कहते हैं?
  5. क्रिया किसे कहते हैं
  6. क्रिया
  7. क्रिया किसे कहते हैं, कर्म एवं बनावट के आधार पर क्रिया के भेद
  8. सकर्मक क्रिया की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण
  9. क्रिया के भेद, परिभाषा, उदहारण
  10. क्रिया किसे कहते हैं


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क्रिया किसे कहते है इसके प्रकार और उदाहरण

जैसे: खाना, पीना, गाना, रहना, जाना आदि। क्रिया के मूल रूप को मुख्य धातु कहाँ जाता हैं। धातु से ही क्रिया शब्द का निर्माण होता हैं। उदाहरण: राम खाना खाता है। घोड़ा दौड़ता है। तुम स्कूल जाते हो। क्रिया के प्रकार क्रिया को 2 भागों में बाँटा गया है। • कर्म के आधार पर • रचना के आधार पर 1. कर्म के आधार पर क्रिया कर्म के आधार पर क्रिया प्रकार सकर्मक क्रिया सरल शब्दों में जिस क्रिया का फल कर्म पर पड़े उसे सकर्मक क्रिया कहते है। सकर्मक क्रिया की पहचान क्या और किसको जैसों प्रश्नों के जबाव मिलने से होती हैं। उदाहरण: राम फल खाता हैं। सीता गाना गाती हैं। सोहन पढ़ता हैं। राम के द्वारा लिखा गया। अध्यापिका पुस्तक पढ़ा रही हैं। माली ने पानी से पौधों को सींचा। श्याम फ़िल्म देख रहा है। नौकरानी झाड़ू लगा रही है। अकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया में क्रिया के साथ कर्म अनुपस्थित होता हैं और क्रिया का फल या प्रभाव कर्ता पर पड़ता हैं जबकि सकर्मक क्रिया में क्रिया का प्रभाव कर्म पर पड़ता हैं। वाक्य में जब क्रिया के साथ कर्म नही होता तो उस क्रिया को अकर्मक क्रिया कहते है। दूसरे शब्दों में, जिन क्रियाओं का व्यापार और फल कर्ता पर हो, वे ‘अकर्मक क्रिया’ कहलाती हैं। अ + कर्मक अर्थात कर्म रहित/कर्म के बिना, जिन क्रियाओं के साथ कर्म न लगा हो तथा क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़े, उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं। अकर्मक क्रियाओं का ‘कर्म’ नहीं होता, क्रिया का व्यापार और फल दूसरे पर न पड़कर कर्ता पर पड़ता है। उदाहरण: श्याम सोता है। इसमें ‘सोना’ क्रिया अकर्मक है, ‘श्याम’ कर्ता है, ‘सोने’ की क्रिया उसी के द्वारा पूरी होती है। अतः सोने का फल भी उसी पर पड़ता है। इसलिए ‘सोना’ क्रिया अकर्मक है। उदाहरण: पक्षी उड़ रहे हैं। उ...

क्रिया किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण, भेद, शब्द, वाक्य प्रयोग, अर्थ हिंदी व्याकरण kriya in hindi, examples, types

विषय-सूचि • • • • • • • • • • क्रियाकीपरिभाषा ऐसेशब्दजोहमेंकिसीकामकेकरनेयाहोनेकाबोधकरातेहैं, वेशब्दक्रियाकहलातेहैं। जैसे:पढ़ना, लिखना, खाना, पीना, खेलना, सोनाआदि। क्रियाकेउदाहरण: • राकेशगानागाताहै। • मोहनपुस्तकपढताहै। • मनोरमानाचतीहै। • मानवधीरे-धीरेचलताहै। • घोडाबहुततेज़दौड़ताहै। ऊपरदिएगएवाक्योंमेंगाताहै, पढताहै, नाचतीहै, दौड़ताहै, चलताहैआदिशब्दकिसीकामकेहोनेकाबोधकरारहेहैं।अतःयह क्रियाकहलायेंगे। • क्रियाहमेंसमयसीमाकेबारेमेंसंकेतदेतीहै।क्रियाकेरूपकीवजहसेहमेंयहपताचलताहैकीकार्यवर्तमानमेंहुआहै, भूतकालमेंहोचूकाहैयाभविष्यकालमेंहोगा। • क्रियाकानिर्माणधातूसेहोताहै।जबधातूमेंनालगादियाजाताहैतबक्रियाबनजाती।क्रियाको क्रियाकेभेद: कर्मजातीतथारचनाकेआधारपरक्रियाकेभेद कर्मजातीतथारचनाकेआधारपरक्रियाकेमुख्यतःदोभेदहोतेहै : • अकर्मकक्रिया • सकर्मकक्रिया। 1. अकर्मकक्रिया जिसक्रियाकाफलकर्तापरहीपड़ताहैवहक्रियाअकर्मकक्रियाकहलातीहैं।इसक्रियामेंकर्मकाअभावहोताहै।जैसे : श्यामपढताहै। इसवाक्यमेंपढनेकाफलश्यामपरहीपड़रहाहै।इसलिएपढताहैअकर्मकक्रियाहै।जिनक्रियाओंकोकर्मकीजरूरतनहींपडतीयाजोक्रियाप्रश्नपूछनेपरकोईउत्तरनहींदेतीउन्हेंअकर्मकक्रियाकहतेहैं। अथार्तजिनक्रियाओंकाफलऔरव्यापरकर्ताकोमिलताहैउसेअकर्मकक्रियाकहतेहैं। अकर्मकक्रियाकेउदाहरण : • राजेशदौड़ताहै। • सांपरेंगताहै। • पूजाहंसतीहै। • मेघनाथचिल्लाताहै। • रावणलजाताहै। • रामबचाताहै। जैसाकिआपऊपरदिएगएउदाहरणोंमेंदेखसकतेहैंकिदौड़ताहैं, रेंगताहै, हंसतीहै, चिल्लाताहै, बचाताहै, आदिवाक्योंमेंकर्मकाअभावहैएवंक्रियाकाफलकरतापरहीपड़रहाहै।अतःयहउदाहरणअकर्मकक्रियाकेअंतर्गतआयेंगे। 2. सकर्मकक्रिया जिसक्रियामेंकर्मकाहोनाज़रूरीहोताहैवहक्रियासकर्मकक्रियाकहलातीहै।इनक्रियाओंकाअसरकर्तापरनपड़करकर्म...

क्रिया किसे कहते हैं, सकर्मक और अकर्मक क्रिया

आज हमने क्रिया के बारे में बताया है की क्रिया किसे कहते हैं क्रिया के कितने प्रकार होते हैं. अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं, सकर्मक क्रिया क्या है इन सभी के बारे में इस आर्टिकल में बताया गया है. क्रिया किसे कहते हैं क्रिया – जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना समझ में आता है, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे- उठना, बैठना, पढ़ना, जाना, रोना, गाना आदि। क्रिया एक विकारी शब्द है जिसके रूप, लिंग, वचन और पुरुष कर्ता के अनुसार बदलते हैं। क्रिया शब्द के उदाहरण खरगोश भागा। रमा ने खाना खाया। मंत्री नगर में आए। पहले वाक्य में खरगोश के विषय में भागा का विधान किया गया है, अतः भागा‘ क्रिया है। दूसरे वाक्य में रमा ने खाना खाने का कार्य किया। अत: खाया क्रिया है। इसी प्रकार दूसरे वाक्य में आए’ शब्द के द्वारा मंत्री के विषय में विधान किया गया है, अत: ‘ आए‘ क्रिया है। रचना की दृष्टि से क्रिया के भेद रचना की दृष्टि से क्रिया के सामान्यत: दो भेद हैं- • सकर्मक क्रिया (Transitive) • अकर्मक क्रिया (Intransitive) सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं सकर्मक क्रिया वह क्रिया जिसका फल या प्रभाव किसी दूसरी वस्तु या व्यक्ति अर्थात कर्म पर पड़े, सकर्मक क्रिया कहलाती है। उदाहरण-राघव खाना खाता है। यहाँ ‘ राघव‘ कर्ता है। खाने के साथ उसका ‘ कर्तृ‘ रूप से सम्बन्ध है। प्रश्न है क्या खाता है ?’ उत्तर है-खाना। अतः खाना का खाने से सीधा सम्बन्ध है। अत: ‘ खाना‘ कर्मकारक है। राघव के खाने का फल खाने’ पर, अर्थात् ‘ कर्म‘ पर पड़ता है। अतः ‘खाना’ क्रिया सकर्मक है। कभी-कभी सकर्मक क्रिया में कर्म छिपा रहता है। जैसे-(i) वह गाता है, (ii) वह पढ़ता है। (ii) वह सुनता है। यहाँ क्रमश: गीत तथा पुस्तक छिपे हैं। तीसरे वाक्य में भी ‘गाना’ शब्द छ...

क्रिया किसे कहते हैं?

संध्या खेल रही है। मूल क्रिया अथवा धातु क्रिया किसे कहते हैं? क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं। जैसे — लिख,जा,रो,पढ़ आदि। क्रिया के भेदों का वर्णन करें। क्रिया के दो भेद होती हैं— • सकर्मक क्रिया • अकर्मक क्रिया। सकर्मक क्रिया — जब क्रिया के साथ कर्म हो, तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे — सोहन दूध पीता है। (कर्म+क्रिया)। सकर्मक क्रिया के भेद — सकर्मक क्रिया तीन प्रकार के होते हैं। (1) एककर्मक सकर्मक क्रिया — ऐसी सकर्मक क्रियाएं जिनका एक ही कर्म होता है, उन्हें एककर्मक किसे कहते हैं। जैसे — हरिका ने पुस्तक खरीदी। स्नेहा ने डबल रोटी खाई। इन वाक्यों की क्रियाएं— खरीदी और खाई का एक ही कर्म है —पुस्तकें और डबल रोटी। (2) द्विकर्मक सकर्मक ‌क्रिया — ऐसी सकर्मक क्रियाएं जिनके दो कर्म होते हैं, उन्हें द्विकर्मक सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे — अखिलेश ने अंकित को गणित पढ़ाया। (अंकित और गणित—दो कर्म है)। शिमला ने दुकानदार से चावल खरीदे। (दुकानदार और चावल—दो कर्म हैं। इन वाक्यों की क्रियाएं — पढ़ाया, खरीदे के दो कर्म है यह हैं। अंकित और गणित। (3) अपूर्ण सकर्मक क्रिया — ऐसी सकर्मक क्रियाएं जिनमें कर्म रहने पर भी अर्थ अपूर्ण लगते हैं, उन्हें अपूर्ण सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे — दिखाना, लगना, बनाना, समझना, रंगना, चुनना और मानना आदि क्रियाओं को पूरक की आवश्यकता होती है। (क) पूरक रहित सुकन्या दीपिका को नहीं समझती। सर्वेश अशोक को मानता है। (ख) पूरक सहित सुकन्या दीपिका को बहन नहीं समझती। सर्वेश अशोक को भाई मानता है। इन उदाहरणों में (क) पूरक रहित क्रियाएं हैं‌। ये सकर्मक क्रियाएं हैं।इनमें पूरक का अभाव रहता है। (ख) पूरक सहित के उदाहरणों से स्पष्ट हो जाता है कि अपूर्ण सकर्मक क्रियाओं में पू...

क्रिया किसे कहते हैं

नमस्कार दोस्तों, क्रिया शब्द भेद का एक महत्व पूर्ण भाग है जिसे बहुत सारे विद्यार्थी या तो समझ नहीं पाते हैं या फिर नजरंदाज कर देते हैं जिससे वह एक विशेष चैप्टर को छोड़ देते हैं जिससे उन्हें आगे चल कर काफी दिक्कत होती है। लेकिन इस लेख को यदि आप ध्यान से पढ़ते है तो मुझे पूरा विश्वास हैं की आपको क्रिया की पूरी जानकारी इस लेख से मिल जाएगी। Contents • 1 क्रिया किसे कहते हैं • 2 क्रिया के भेद : • 3 अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 4 सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 5 एककर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 6 द्विकर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 7 अपूर्ण क्रिया किसे कहते हैं • 8 सकर्मक व अकर्मक क्रिया में अंतर • 9 संयुक्त क्रिया किसे कहते हैं? • 10 नामधातु क्रिया किसे कहते हैं • 11 प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं • 12 प्रेरणार्थक क्रिया के प्रकार • 13 तात्कालिक क्रिया किसे कहते हैं • 14 पूर्वकालिक क्रिया किसे कहते हैं • 15 सहायक क्रिया किसे कहते हैं • 16 इस लेख के बारे में क्रिया किसे कहते हैं क्रिया की परिभाषा: जब किसी शब्द से किसी काम के करने यह होने का बोध होता है तो वे शब्द क्रिया कहलाते हैं। या इन्हें हम इस तरह से भी परिभाषित कर सकते हैं कि जिन शब्दों से किसी काम के करने या होने का पता चलता हो उसे हम क्रिया कहते हैं। जैसे लड़ना, झगड़ना, नहाना, सुनना, पढ़ना लिखना इत्यादि यह सभी शब्द क्रिया है जो किसी काम को करने या होने को दर्शाते हैं। उदाहरण: राम घर जा रहा है। वे लोग आपसे मिल रहे है। आप लोग घर जा रहे है। मैं घर का काम कर रहा हूँ। घोड़ा चना खा रहा हैं। आप घर पर जा रहे हैं। इन सभी वाक्यो में मुख्य क्रिया (जाना,मिलना,जाना, करना, खाना, जाना) है। इन सभी वाक्यो सहायक क्रिया (है,हूँ,हो) इत्यादि है। क...

क्रिया

Kriya in Hindi Grammar (क्रिया) – Kriya ki Paribhasha, Kriya ke bhed, Karm ke aadhar par kriya ke bhed – Sakarmak Kriya or Akarmak Kriya, Rachna ke aadhar par kriya ke bhed Kriya in Hindi Grammar • • • • • • • • • • परिभषा – जिस शब्द से किसी कार्य के करने या होने का बोध हो, उन्हें क्रिया कहते हैं | जैसे – बच्चे खेल रहे हैं। हवा चल रही है। स्त्रियां बातें कर रही है। दादाजी अखबार पढ़ रहे है। धातु- क्रिया का मूल रूप धातु कहलाता है। धातु के साथ “ना” प्रत्यय जोड़कर क्रिया का सामान्य रूप बनता है। जैसे – लिख + ना = लिखना चल = चल+ ना = चलना पढ़ = पढ़+ ना = पढ़ना क्रिया के भेद (Kriya ke bhed in Hindi Grammar) / क्रिया के कितने प्रकार होते हैं • कर्म के आधार पर (Karm ke aadhar par kriya ke bhed) • रचना के आधार पर (Rachna ke aadhar par kriya ke bhed) कर्म के आधार पर क्रिया के भेद (Karm ke aadhar par kriya ke bhed) 1. सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) 2. अकर्मक क्रिया (Akarmak Kriya) सकर्मक क्रिया क्या है / सकर्मक क्रिया की परिभाषा जिस क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- भावना कहानी पड़ती है। मोहन फुटबॉल खेलता है। सकर्मक क्रिया की पहचान क्रिया के साथ क्या, किसे, किसको शब्द लगाकर प्रश्न करने पर यदि उत्तर की प्राप्ति होती है तो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- पुलिस ने चोर को पीटा। प्रश्न – किसे/ किसको को पीटा उत्तर – चोर (कर्म) नेहा पुस्तक पढ़ रही है। प्रश्न – क्या, रही है? उत्तर – पुस्तक( कर्म) सकर्मक क्रिया के भेद (Sakarmak Kriya ke bhed) / सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं 1. एककर्मक क्रिया 2. द्विकर्मक क्रिया 1. एककर्मक क्रिया – जिस क्रिया का एक कर्म हो...

क्रिया किसे कहते हैं, कर्म एवं बनावट के आधार पर क्रिया के भेद

क्रिया किसे कहते है? यदि किसी वाक्य में काम का करना या होना पाया जाए तो उसे क्रिया कहते है। क्रिया संस्कृत के धातु से आई है संस्कृत के धातु से ही क्रिया बनती है। चलिए क्रिया को हम ट्रिक और सारणी के माध्यम से समझने की कोशिश करते है– ट्रिक –पढ़ लिख कर सो जा चल आ बैठ संस्कृत धातु प्रत्यय क्रिया पढ़ ना पढ़ना लिख ना लिखना कर ना करना सो ना सोना जा ना जाना चल ना चलना आ ना आना बैठ ना बैठना कर्म केआधार परक्रिया के भेद कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते है जो निम्न प्रकार है- • सकर्मक क्रिया • अकर्मक क्रिया सकर्मक क्रिया –जिन वाक्यों में कर्म पाया जाता है उन्हें सकर्मक क्रिया कहते है। जैसे – संदीप पुस्तक पढ़ता है। संदीप – कर्ता, पुस्तक – कर्म, पढ़ता – क्रिया सकर्मक क्रिया के दो भेदहोते है – • एककर्मक • द्विकर्मक एककर्मक क्रिया :-जिन वाक्यों में केवल एक कर्मपाया जाता है उन्हें एककर्मक क्रिया कहते है। जैसे – राम पत्र लिखता है। भिखारी को भिक्षा दो। द्विकर्मक क्रिया :-जिन वाक्यों में दो कर्म पाया जाता है उन्हें द्विकर्मक क्रिया कहते है। सजीव कर्म को गौण तथा निर्जीव कर्म को प्रधान कहते है। जैसे –माँ बच्चे को दूध पिलाती है। माँ(कर्ता), बच्चे (पहला कर्म-गौण), को (कारक चिन्ह), दूध (दूसरा कर्म-प्रधान), पिलाती (क्रिया) मोहन राधा को पत्र लिखता है। राधा-गौण (सजीव ),पत्र-प्रधान (निर्जीव ) अकर्मक क्रिया – जिन वाक्यों में कर्म नहीं पाया जाता है उन्हें अकर्मक क्रिया कहते है। जैसे – संदीप पढ़ता है। अकर्मक क्रिया के तीनभेद होते है – • अवस्था बोधक अकर्मक क्रिया • गत्यार्थ अकर्मक क्रिया • अपूर्ण अकर्मक क्रिया अवस्था बोधक अकर्मक क्रिया :-जिन वाक्यों में अवस्था का बोध हो,उन्हें अवस्था बोधक अकर्मक क्रि...

सकर्मक क्रिया की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण

इस पेज पर हम सकर्मक क्रिया की समस्त जानकारी पढ़ने वाले हैं तो पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िए। पिछले पेज पर हमने संज्ञा की जानकारी शेयर की हैं तो उस पोस्ट को भी पढ़े। चलिए आज हम सकर्मक क्रिया की परिभाषा, प्रकार और उदाहरण की समस्त जानकारी पढ़ते और समझते हैं। सकर्मक क्रिया क्या हैं सकर्मक का मतलब कर्म के साथ होता है। अर्थात जिस जैसे :- • वह एक पत्र लिखता है। उपर्युक्त इसी प्रकार • मैं खुशी से हँसता हूँ। • नीता खाना खा रही है। • बच्चे जोरों से रो रहे हैं। • श्याम फिल्म देख रहा है। • राम आम खाता है। • तुम एक किताब पढ़ते हो। सकर्मक क्रिया के प्रकार सकर्मक क्रिया के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं। • एककर्मक क्रिया • • अपूर्ण क्रिया 1. एककर्मक क्रिया जिस क्रिया के केवल एक कर्म के संपूर्ण होने अर्थात पूरा होने का पता चलता है उसे पूर्ण एककर्मक क्रिया अथवा एककर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे :- • वह घर जाता है। • वह नाच रहा है। • बंदर केला खा रहे हैं। • कुत्ते भौंक रहे हैं। 2. द्विकर्मक क्रिया द्विकर्मक का मतलब दो कर्म वाला होता है। अर्थात जिस क्रिया के साथ दो कर्मों के पूरे होने का पता चलता है उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। इसमें पहला कर्म प्राणीवाचक होता है और दूसरा कर्म निर्जीव होता है। जैसे :- • राधा ने गरीबों को खाना खिलाया। • संतो ने सोहन को आशीर्वाद दिया। • श्याम अपने पिता के साथ बाजार जा रहा है। • पीयूष अपनी बहन के साथ सेब खा रहा है। 3. अपूर्ण क्रिया जब क्रिया के होते हुए अकर्मक और सकर्मक क्रिया स्पष्ट अर्थ न दें वहाँ पर अपूर्ण क्रिया होती है। इनके अर्थों को पूरा करने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे पूरक कहते है। जैसे :- • महात्मा गाँधी थे। महात्मा गाँधी राष्ट्रपिता थे। इसमें ...

क्रिया के भेद, परिभाषा, उदहारण

क्रिया – क्रिया के भेद (Kriya – Kriya ke bhed in Hindi) के अंतर्गत हम – क्रिया की परिभाषा, क्रिया के उदहारण, क्रिया के भेद – कर्म के आधार पर क्रिया के भेद – सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया, रचना के आधार पर क्रिया के भेद – सामान्य क्रिया, संयुक्त क्रिया, नामधातु क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया, पूर्वकालिक क्रिया के बारे में पड़ेगे | क्रिया की परिभाषा –जिन शब्दों से किसी कार्य के करने या होने का पता चलता है उन्हें क्रिया कहते हैं | कबूतर दाना चुग रहे हैं | बच्चे पटाखे चला रहे हैं | बादलों में बिजली चमक रही है | वर्षा हो रही है | धातु ( Dhatu ) → क्रिया के मूल रूप को धातु कहते हैं | क्रिया के भेद (Kriya ke bhed in Hindi) कर्म के आधार पर क्रिया के भेद (Karm ke aadhar par Kriya ke bhed in Hindi) (1) अकर्मक क्रिया ( Akarmak Kriya ) (2) सकर्मक क्रिया ( Sakarmak Kriya ) अकर्मक क्रिया ( Akarmak Kriya ) “अकर्मक” शब्द का अर्थ है→ “बिना कर्म के” → जिस क्रिया के कार्य का फल कर्ता पर पड़ता है, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं | जैसे → राधा सो रही है | मोहन हँसने लगा | बच्चे जा रहे हैं | पक्षी उड़ते हैं | सकर्मक क्रिया ( Sakarmak Kriya ) जिस क्रिया के कार्य का फल कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं | जैसे → प्रताप गाड़ी चला रहा है | पिताजी समाचार पत्र पढ़ रहे हैं | अकर्मक क्रिया तथा सकर्मक क्रिया की पहचान क्रिया के साथ “क्या”, किसे तथा “किसको” प्रश्न करें पर यदि उत्तर नहीं मिलता है, तो वह अकर्मक क्रिया होती है | नोट – यदि क्रिया के साथ क्या, किसे, किसको प्रश्न करने पर यदि उत्तर में “कर्ता” की प्राप्ति होती है तो भी क्रिया अकर्मक होती है | जैसे → → दादाजी हँसते हैं | प्रश्न -‘क्या’ हँसते हैं...

क्रिया किसे कहते हैं

नमस्कार दोस्तों, क्रिया शब्द भेद का एक महत्व पूर्ण भाग है जिसे बहुत सारे विद्यार्थी या तो समझ नहीं पाते हैं या फिर नजरंदाज कर देते हैं जिससे वह एक विशेष चैप्टर को छोड़ देते हैं जिससे उन्हें आगे चल कर काफी दिक्कत होती है। लेकिन इस लेख को यदि आप ध्यान से पढ़ते है तो मुझे पूरा विश्वास हैं की आपको क्रिया की पूरी जानकारी इस लेख से मिल जाएगी। Contents • 1 क्रिया किसे कहते हैं • 2 क्रिया के भेद : • 3 अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 4 सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 5 एककर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 6 द्विकर्मक क्रिया किसे कहते हैं • 7 अपूर्ण क्रिया किसे कहते हैं • 8 सकर्मक व अकर्मक क्रिया में अंतर • 9 संयुक्त क्रिया किसे कहते हैं? • 10 नामधातु क्रिया किसे कहते हैं • 11 प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं • 12 प्रेरणार्थक क्रिया के प्रकार • 13 तात्कालिक क्रिया किसे कहते हैं • 14 पूर्वकालिक क्रिया किसे कहते हैं • 15 सहायक क्रिया किसे कहते हैं • 16 इस लेख के बारे में क्रिया किसे कहते हैं क्रिया की परिभाषा: जब किसी शब्द से किसी काम के करने यह होने का बोध होता है तो वे शब्द क्रिया कहलाते हैं। या इन्हें हम इस तरह से भी परिभाषित कर सकते हैं कि जिन शब्दों से किसी काम के करने या होने का पता चलता हो उसे हम क्रिया कहते हैं। जैसे लड़ना, झगड़ना, नहाना, सुनना, पढ़ना लिखना इत्यादि यह सभी शब्द क्रिया है जो किसी काम को करने या होने को दर्शाते हैं। उदाहरण: राम घर जा रहा है। वे लोग आपसे मिल रहे है। आप लोग घर जा रहे है। मैं घर का काम कर रहा हूँ। घोड़ा चना खा रहा हैं। आप घर पर जा रहे हैं। इन सभी वाक्यो में मुख्य क्रिया (जाना,मिलना,जाना, करना, खाना, जाना) है। इन सभी वाक्यो सहायक क्रिया (है,हूँ,हो) इत्यादि है। क...