द्वितीयक वृद्धि से क्या आशय है

  1. द्वितीयक वृद्धि किसे कहते हैं
  2. द्वितीयक वृद्धि (SECONDARY GROWTH) : परिचय, वर्णन
  3. द्वितीयक वृद्धि क्या है? यह किन पौधों में पाई जाती है?
  4. द्वितीयक वृद्धि से बनने वाली रचना जो वातावरण से गैसों का आदान
  5. बोगेनविलिया पौधों में असंगत द्वितीयक वृद्धि bougainvillea anomalous secondary growth in hindi – 11th , 12th notes In hindi
  6. B.Sc. Botany Question paper
  7. द्वितीयक उपापचय क्या है , secondary metabolites in hindi in plants द्वितीयक उपापचयज की परिकल्पना (Concept of Secondary Metabolites) – 11th , 12th notes In hindi
  8. तृतीयक क्षेत्र से क्या आशय है? – ElegantAnswer.com


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द्वितीयक वृद्धि किसे कहते हैं

शिशु पौधे में सभी ऊतक प्राथमिक विभज्योतक (Primary meristems) द्वारा बनाये जाते हैं इस कारण इनके द्वारा निर्मित ऊतकों को प्राथमिक ऊतक (Primary tissue) कहते हैं। एकबीजपत्री तथा टेरिडोफाइट्स पादपों में चाहे वह कितना भी प्रौढ़ हो जाए सभी ऊतक प्राथमिक स्वभाव के ही रहते हैं। इन पौधों की जड़ों एवं तनों में जो भी मोटाई में वृद्धि होती है, वह प्राथमिक ऊतकों की कोशिकाओं के आकार में वृद्धि के फलस्वरूप ही होती है। कोशिकाएँ जुड़ती जाती द्विवीजपत्री पादपों में जैसे-जैसे इनकी उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे उनमें नयी हैं। इस प्रकार नयी कोशिकाओं का बनना नए विभज्योतक के बनने के कारण सम्भव हो पाता है जो द्वितीयक रूप से स्थायी पैरेनकाइमा ऊतकों द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं, ऐसे सभी ऊतक जो प्राथमिक रचना से बाद में उत्पन्न होते हैं। द्वितीयक ऊतक कहलाते हैं तथा ऐसे विभज्योतक जो प्राथमिक स्थायी ऊतकों में विभाजन क्षमता आ जाने के कारण बनते हैं, द्वितीयक विभज्योतक कहलाते हैं। द्वितीयक विभज्योतकों की क्रियाशीलता से उत्पन्न ऊतक ही द्वितीयक ऊतक हैं जबकि द्वितीयक ऊतकों के कारण पौधों के अंगों की मोटाई में हुई वृद्धि द्वितीयक वृद्धि (Secondary growth) कहलाती है। इसे निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है - कैम्बियम तथा कार्क कैम्बियम की क्रियाशीलता के फलस्वरूप क्रमश: स्टील के अन्दर तथा स्टील के बाहर द्वितीयक ऊतकों के बनने के कारण जड़ तथा तने में मोटाई में हुई वृद्धि द्वितीयक वृद्धि कहलाती है। आवृत्तबीजी और द्विवीजपत्री पौधे वृक्ष जैसी रचना बना पाते हैं। द्वितीयक अपवादों को द्वितीयक वृद्धि वृद्धि के अभाव के कारण ही एकबीजपत्री पादपों में सामान्यत: वृक्ष का अभाव रहता है। अत: कुछ छोड़कर एकबीजपत्री पादपों में द्वित...

द्वितीयक वृद्धि (SECONDARY GROWTH) : परिचय, वर्णन

बहुवर्षीय पौधों में प्राथमिक ऊतियों (primary tissues) के पूर्णरूप से बन जाने के बाद एधा (cambium) सक्रिय हो जाता है। यह रम्भ (stele) के अन्दर द्वितीयक कोशिकाएं बनाना प्रारम्भ कर देता है जो द्वितीयक जाइलम (secondary xylem) तथा द्वितीयक फ्लोएम (secondary phloem) में भिन्नित हो जाती है। इसके साथ शीघ्र ही रम्भ (stele) के बाहर विभज्योतक (meristem) आ जाते है जिसको कॉर्क कैम्बियम (cork cambium) कहते हैं। यह कॉर्क (cork) तथा द्वितीयक वल्कुट (secondary cortex) का निर्माण करता है। इस प्रकार रम्भ (stele) के अन्दर तथा रम्भ के बाहर क्रमशः कैम्बियम तथा कॉर्क कैम्बियम द्वारा द्वितीयक ऊतकों (secondary tissues) के निर्माण के कारण तने तथा जड़ की मोटाई बढ़ जाती है। इसे द्वितीयक वृद्धि (secondary growth) कहते हैं। द्विबीजपत्री तनों में द्वितीयक वृद्धि (SECONDARY GROWTH IN DICOT STEMS) एक साधारण द्विबीजपत्री तने में द्वितीयक वृद्धि निम्नलिखित विधि से होती है— 1. एधा या कैम्बियम वलय का निर्माण (Formation of cambium ring) द्विबीजपत्री तनों में संवहन बण्डल बहि: फ्लोएमी (collateral), खुले (open) और एक घेरे में व्यवस्थित होते हैं। संवहन बण्डल में जाइलम तथा फ्लोएम के बीच कैम्बियम पाया जाता है। इस कैम्बियम को पूलीय (fascicular) अथवा अन्तःपूलीय (intrafascicular) कैम्बियम कहते हैं। कैम्बियम के साथ-साथ मध्यक किरणों (medullary rays) की कुछ कोशाएँ भी सक्रिय होकर अन्तरापूलीय (interfascicular) कैम्बियम बनाती हैं। ये दोनों प्रकार के कैम्बियम एक-दूसरे से संयुक्त होकर एक घेरे का निर्माण करते हैं जिसे कैम्बियम वलय (cambium ring) कहते हैं। 2. रम्भ के अन्दर स्थित कैम्बियम वलय से द्वितीयक ऊतकों का निर्माण (Formati...

द्वितीयक वृद्धि क्या है? यह किन पौधों में पाई जाती है?

हाय फ्रेंड्स और सुनो कुछ नहीं कि द्वितीयक वृद्धि क्या है यह किन पौधों में पाए जाते थे कि स्टार्ट करते हैं क्या स्टार्ट करेंगे हम लोग स्टार्ट करते हैं द्वितीयक वृद्धि ठीक है डीजे 3D लंबाई में शतक विद्युत तक ठीक है वो क्या बोलते हैं हम लोग बोलते हैं अपिकल मेरिस्टम के कारण होने वाली वृद्धि के कारण होली बाली पाली वृद्धि को बेबी कॉर्न क्या कहते हैं हम कहते हैं उसे क्या प्राथमिक वृद्धि के गए थे वृद्धि और पासवर्ड क्या होता है ठीक है जिओ तक ठीक है पार्षद विद्युत तक के कारण जिसके कारण क्या होगा इसके कारण आपका ठीक है जो पाठक की मोटाई में छुपा देवयानी पौधा होगा हमारा पादप यानी पौधा मोटाई में पादप की मोटाई में होने वाली विधि वाली वृद्धि क्या कहलाती हमारी वह कहलाती हमारी क्या कहलाती है ठीक है - यदि कल आएगी ठीक है जी प्रतीत होती बाकी टाइफाइड इसमें टेडी डे फाइट और किस में और एक बीज पत्री पौधों में क्या होता है बादलों में नहीं होती कि नहीं होती है ठीक है तो हमारा क्या तमाशा द्वितीयक वृद्धि क्या हमने बताया देते प्रीति क्या करेगी किन पौधों में पाई जाती है यह की पाई जाती किन पौधों में यह पाई जाती आपकी बाहुबली पौधों में ठीक है कहां पर है कि वर्षों में पाई जाती है हमारा क्वेश्चन हमारा क्या है

द्वितीयक वृद्धि से बनने वाली रचना जो वातावरण से गैसों का आदान

हेलो फ्रेंड रोशनी है द्वितीयक वृद्धि से बनने वाली रचना जो वातावरण से गैसों का आदान प्रदान करती है उस रचना का हमें नाम बताना है ठीक है ऐसी रचना क्योंकि पौधे में द्वितीयक वृद्धि के फल स्वरुप बनती है द्वितीयक वृद्धि के फल स्वरुप बनने वाली रचना यह कहलाती है और यह रचना क्या करती है वातावरण से गैसों का क्या करती है दोस्तों आदान-प्रदान यानी कि एक्सचेंज ठीक है यानी कि हम यह कह सकते हैं ऑक्सीजन का कार्बन डाइऑक्साइड में और कार्बन डाइऑक्साइड का ऑक्सीजन में ठीक है अच्छा तो दोस्तों यहां पर ऐसी जो रचना है द्वितीयक वृद्धि आने की पौधे की मोटाई में होने वाली वृद्धि पौधे की मोटाई में होने वाली वृद्धि द्वितीयक वृद्धि कहलाती और उस वृद्धि के फल स्वरुप बनने वाली रचना जो है उसका नाम है क्या वात रंध्र वात रंध्र पौधे के वाई विवाह भागों पर पाए जाते हैं कहां पर पौधे के हवाई विभाग पर उपस्थित होते हैं वह तुरंत और यह सहायक होते हैं गैसों के आदान-प्रदान यानी कि ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के एक्सचेंज में ठीक है पौधे और वातावरण के बीच में तो हमें यहां तो सरचना का नाम बताना था तुम्हारी जो रचना जो कि वातावरण से गैसों का आदान प्रदान करती है वह क्या कहलाती है वात रंध्र उसे कहते हैं आशा करते हैं आप कुछ प्रश्न का उत्तर समझ आया होगा वीडियो को देखने के लिए धन्यवाद

बोगेनविलिया पौधों में असंगत द्वितीयक वृद्धि bougainvillea anomalous secondary growth in hindi – 11th , 12th notes In hindi

bougainvillea anomalous secondary growth in hindi बोगेनविलिया पौधों में असंगत द्वितीयक वृद्धि क्या है ? बोगनविलिया अर्थ फ्लावर इन हिंदी | उत्तरोतर कैम्बियम का निर्माण (formation of successive cambium) : अनेक द्विबीजपत्री पौधों के तनों में (लगभग द्विबीजपत्री के 28 कुलों में) उत्तरोतर द्वितीयक कैम्बियम वलयों के द्वारा भी तने में असंगत द्वितीयक वृद्धि होती है। अधिकांश उदाहरणों में द्वितीयक वृद्धि के समय अन्त:पूलीय और अंतर पूलीय एधा के द्वारा पहले संवहन कैम्बियम की एक वलय बन जाती है। यह कैम्बियम वलय कुछ समय तक सामान्य द्वितीयक वृद्धि का कार्य करती है अर्थात बाहर की तरफ द्वितीयक फ्लोयम और अन्दर की तरफ द्वितीयक जाइलम का निर्माण करती है। यह संवहन ऊतक भी कैम्बियम वलय के द्वारा सभी तरफ निर्मित नहीं होते अपितु कुछ स्थानों पर संवहन बंडल बनते है और संवहन बंडलों के मध्य में सामान्य संयोजी ऊतकों का निर्माण होता है। कुछ समय बाद यह कैम्बियम वलय अपना कार्य करना बंद कर देती है अर्थात निष्क्रिय हो जाती है। तत्पश्चात जैसे ही द्वितीयक वृद्धि और आगे बढती है तो परिरंभ में उपस्थित मृदुतकी कोशिकाएं विभाज्योतकी हो जाती है और दूसरी केम्बियम वलय बनाती है। कभी कभी नयी अतिरिक्त कैम्बियम वलय का निर्माण वल्कुट कोशिकाओं के द्वारा भी होता है। इस प्रकार यहाँ एक के बाद एक अनेक उत्तरोतर कैम्बियम वलयों का निर्माण होता है जिनकी गतिविधि से द्वितीयक संवहन ऊतक बनते है। अनेक द्विबीजपत्री पौधों जैसे – ऐमेरेन्थस , बोरहाविया , बोगेनविलिया , चीनोपोडियम और मिराबिलिस आदि के तनों में प्राथमिक असंगत संरचना के रूप में मज्जा संवहन बंडल तो पाए जाते है इसके अतिरिक्त उत्तरोतर कैम्बियम वलयों के निर्माण द्वारा “असंगत द्वितीयक वृद...

B.Sc. Botany Question paper

Plant Ecology and Economic Botany – पादप पारिस्थितिकी एवं आर्थिक वनस्पति विज्ञान Max Marks: 30 Note: The Internal Assignment has been divided into three sections A, B, and C. Write Answer as per the given instruction. आतंरिक मूल्यांकन हेतु प्रश्न पत्र ‘A’,’B’ और ‘C’ तीन खण्डों में विभाजित है| प्रत्येक खण्ड के निर्देशानुसार प्रश्नों का उत्तर दीजिए| Section-A (Very Short Answer Type Questions) – अति लघु ऊत्तर वाले प्रश्न (अनिवार्य) Note: Answer all questions. As per the nature of the question delimit answer in one word, one sentence or maximum up to 30 words. Each question carries 1 mark. नोट: सभी प्रश्नों का उत्तर दीजिए| आप अपने उत्तर को प्रश्नानुसार एक शब्द , एक वाक्य या अधिकतम 30 शब्दों में परिसीमित कीजिये| प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है| 6×1=06 1. Name 2 main stages of soil formation. मृदा निर्माण की दो मुख्य अवस्थाओ के नाम बताओ | 2. Which zone of water bodies is rich in planktons? जलीय आवासों का कौनसा क्षेत्र प्लवक बहुल होता है ? 3. What is Pomology? पोमोलोजी क्या होती है ? 4. Mention any one example of epiphyte. अधिपादप का कोई एक उदाहरण लिखिए | 5. Write the botanical name of coffee. काँफी का वानस्पतिक नाम लिखिए | 6. What is Singrin? सिनिग्रिन क्या है ? Section-B (Short Answer Questions) – लघु उत्तर वाले प्रश्न Note: Answer any 4 questions. Each answer should not exceed 100 words. Each question carries 3 marks. नोट: निम्नलिखित में से किन्हीं 4 प्रश्नों के उत्तर दीजिए| आप अपने उत्तर को अधिकतम 100 शब्दों में परिसीमित कीजिये| प्रत्येक प्रश्न 3 अंकों का है| 4×3=12 1. Write a n...

द्वितीयक उपापचय क्या है , secondary metabolites in hindi in plants द्वितीयक उपापचयज की परिकल्पना (Concept of Secondary Metabolites) – 11th , 12th notes In hindi

जान पाएंगे द्वितीयक उपापचय क्या है , secondary metabolites in hindi in plants द्वितीयक उपापचयज की परिकल्पना (Concept of Secondary Metabolites) ? द्वितीयक उपापचय (Secondary Metabolities) परिचय (Introduction) पादपों की कार्यिकी एवं जैव अणुओं के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि पादपों में उपस्थित विभिन्न प्रकार के जैव अणुओं, अनेक प्रकार की उपापचयी क्रियाओं के फलस्वरूप निर्मित होते हैं। इसमें से कुछ जैव अणु पदार्थ सभी पादपों में समान रूप से पाये जाते हैं तथा आधारभूत जैविक क्रियाओं के लिये आवश्यक होते हैं अथवा उन्हीं क्रियाओं से बनते हैं। ये पदार्थ प्राथमिक उपापचयज (primary metabolites) कहलाते हैं, DNA, RNA, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट वसा अमीनो अम्ल इत्यादि इनके उदाहरण हैं।इनके अतिरिक्त अनेक पदार्थ पादपों में बनते हैं जो सभी में समान रूप से नहीं पाये जाते तथा द्वितीयक उपापचयज कहलाते हैं । द्वितीयक उपापचयज की परिकल्पना (Concept of Secondary Metabolites) पादप उपापचयी क्रियाओं के दौरान अनेक प्रकार के पदार्थों का निर्माण होता है जो प्रत्यक्ष रूप से पादप वृद्धि एवं विकास में कोई योगदान नहीं देते, इन्हें द्वितीयक उपापचयज कहा जाता है ये अनेक प्राथमिक उत्पादों के निर्माण के दौरान अनेक मध्यवर्ती पदार्थों से निर्मित होते हैं। एल्कलॉइड, फेल्वोनॉइड, फीनोलिक पदार्थ, टैनिन, रबर, ग्लाइकोसाइड इत्यादि इनके कुछ उदाहरण हैं। अनेक द्वितीयक उपापचयज लिपिड, कार्बोहाइड्रेट अमीनो अम्ल अथवा प्रोटीन आदि के व्युत्पन्न (derivatives) होते हैं। ये पदार्थ सभी पादपों में समान रूप से नहीं पाये जाते, इनका वितरण विशिष्ट पादप समूहों एवं ऊतकों में सीमित रहता है। सीमित एवं विशिष्ट समूहों में वितरण के कारण द्वितीयक उपापचयज वर...

तृतीयक क्षेत्र से क्या आशय है? – ElegantAnswer.com

तृतीयक क्षेत्र से क्या आशय है? इसे सुनेंरोकेंतृतीयक क्षेत्र – तृतीयक क्षेत्र प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को सहायता प्रदान करता है और यह उत्पादन प्रक्रिया के लिए भी सहायता प्रदान करता है। तृतीयक क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहा जाता है। तृतीयक गतिविधियों में वित्तीय सेवाएं, परिवहन, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवाएं, परामर्श, खुदरा आदि शामिल हैं। द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र क्या है? इसे सुनेंरोकेंद्वितीयक क्षेत्र में विनिर्माण उद्योग शामिल हैं। तृतीयक क्षेत्र में सेवा क्षेत्र शामिल है। प्राथमिक क्षेत्र वस्तुओं और सेवाओं के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करता है। द्वितीयक क्षेत्रक अपनी उपयोगिता बढ़ाकर एक वस्तु को दूसरी वस्तु में परिवर्तित करता है। द्वितीयक क्षेत्र क्या है in Hindi? इसे सुनेंरोकेंद्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector) अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जो प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अपनी गतिविधियों में कच्चे माल (raw material) की तरह उपयोग करता है द्वितीयक क्षेत्र कहलाता है। उदाहरण के लिए लौह एवं इस्पात उद्योग, वस्त्र उद्योग, वाहन, बिस्किट, केक इत्यादि उद्योग। तृतीय क्षेत्र में क्या क्या आता है? इसे सुनेंरोकेंतृतीयक क्षेत्र का विकास २०वीं शताब्दी के आरम्भ में शुरू हुआ। इसके अन्तर्गत व्यापार, यातायात, संप्रेषण (कमुनिकेशन्स), वित्त, पर्यटन, सत्कार (हॉस्पितैलिटी), संस्कृति, मनोरंजन, लोक प्रशासन एवं लोक सेवा, सूचना, न्याय, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि आते हैं। . द्वितीयक एमीन प्राथमिक एमीन से प्रबल क्षारीय है क्यों? इसे सुनेंरोकेंद्वितीयक ऐमीन प्राथमिक ऐमीन की अपेक्षा अधिक क्षारकीय होती हैं क्योंकि ऐल्किल समूह अधिक विद्युत ऋणात्मक नाइट्रोजन के लिए इलेक्ट्रॉन दान करते हैं। आगमनात्मक प्रभाव अमो...