Emotional hindi story

  1. Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi
  2. Sad story in hindi
  3. Emotional love story in hindi
  4. ये है मेरी Family
  5. बुढ़ापा..एक इमोशनल कहानी
  6. Sad story in hindi
  7. Emotional love story in hindi
  8. बुढ़ापा..एक इमोशनल कहानी
  9. Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi
  10. ये है मेरी Family


Download: Emotional hindi story
Size: 51.26 MB

Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi

फ्रेंड्स, अंधी का बेटा दिल छूने वाली कहानी (Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi) इस पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। Andhi Maa Aur Bete Ki Kahani माता पिता का सम्मान करना सिखाती है। इस वेबसाइट के समस्त आर्टिकल्स/सामग्रियों का कॉपीटाइट website admin के पास है। कृपया बिना अनुमति Youtube या अन्य डिजिटल या प्रिंट मीडिया में इस्तेमाल न करें। अन्यथा कार्यवाही की जावेगी। Table of Contents • • Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi एक कस्बे में एक विधवा अंधी औरत रहती थी। उसका एक बेटा था, जिसके पालन पोषण की सारी जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी। वह अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर एक बहुत बड़ा आदमी बनाना चाहती थी। इसलिए उसने उसका दाखिला कस्बे के सबसे अच्छे स्कूल में किया। वह दिन रात मेहनत करती, ताकि बेटे की स्कूल की फीस दे सके। लड़के के स्कूल के बच्चे उसकी मां के बारे में जानते थे। वे सब उसे अंधी का बेटा कहकर चिढ़ाते थे। लड़का इससे बहुत परेशान था। उसे अपनी मां पर शर्म आने लगी थी। वह उसके साथ कहीं भी आने जाने से कतराने लगा था। जब लड़का बड़ा हुआ, तो उसकी शहर में अच्छी नौकरी लग गई। उसने अपनी मां से वादा किया कि शहर में मकान लेकर वह उसे लेने आएगा। लेकिन वह शहर गया, तो फिर लौटकर वापस नहीं आया। उसकी अंधी मां उसका इंतज़ार करती रह गई। ये भी पढ़ें : कई महीने बीत गए। लड़के की कोई खबर नहीं आई। कई महीने बीत गए। लड़के की कोई खबर नहीं आई। अंधी एक दिन उससे नहीं रहा गया और वह बेटे से मिलने शहर पहुंच गई। पूछते-पूछते वह बेटे के ऑफिस पहुंची। वहां सिक्योरिटी गार्ड ने उसे रोक दिया। अंधी औरत ने गार्ड को अपने बेटे का नाम बताया और बोली कि उससे जाकर कह दो कि गांव से कोई मिलने आया है। गार्ड ने जाकर उसके बेटे को बताया। बेट...

Sad story in hindi

sad story in hindi, उसके पति को डॉक्टर से यह पता चला है कि उसकी पत्नी मां नहीं बन पाएगी तो उसे बड़ा अफसोस हुआ और सोचने लगा कि चलो लड़का तो हो ही गया है अब हमें और कुछ भी करने की कोई जरुरत नहीं है लड़का जब 3 साल का हुआ तो वह खेल रहा था तभी उसके पति ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे जब उसके पति ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे अधूरी कल्पना की कहानी तभी उनकी नजर एक डिब्बे पर पड़ी जो कि खुला हुआ रखा हुआ था तब अपनी पत्नी से कहा कि इस डिब्बे का ढक्कन बंद करके रख दो उसकी पत्नी ने नहीं सुना because वह रसोई में खाना बना रही थी पति यह कहकर वो फिर चले गए और उसकी पत्नी भी काम में लग गई तभी उसका लड़का खेलता हुआ उस डिब्बे के पास गया और उस डिब्बे में रखी हुई चीज को खाने लगा जब वह चीज को खा रहा था तभी वह बेहोश हो गया और उसकी पत्नी को पता चला कि लड़का बेहोश हो गया है तो वह उसे लेकर अस्पताल गई और डॉक्टर ने जांच करने के बाद कहा कि अब आपका लड़का नहीं रहा, उसकी पत्नी ने कैसा लगा और सोच में पड़ गई कि ऐसा क्या हुआ कि हमारा बच्चा हमारे पास नहीं है जब उसके पति को यह बात पता चली और ऑफिस से अस्पताल पहुंचे और अपनी पत्नी को देखने लगे पति ने पत्नी को देखा और सोचने लगे कि अब मैं क्या कहूं लड़के का सपना हिंदी कहानी पत्नी भी डर गई मेरे पति मुझे डांट लगाएंगे because मैंने अपने बच्चे का ध्यान सही तरीके से नहीं रखा है उसके पति ने अपनी पत्नी से कहा कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं यह कहकर पति-पत्नी दोनों अपने घर वापस लौट गए, हमारे जीवन में दुख ही दुख, सुख नाम की अब कोई चीज नहीं थी but था तो एक विश्वास because इन दोनों को एक दूसरे पर था जो आगे चलकर दोनों के साथ रहा है क्योंकि हम बहुत ही जल्दी में बड़े फैसले लेते...

Emotional love story in hindi

दोस्तों आज में आपको बहुत प्यारी सी एक इमोशनल लव लव स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ यह स्टोरी दो अलग अलग गांव में रहने वाले प्रेमियों की हैं। जो की एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं पर उनके इस प्रेम के बारे में इनके घर वालों को जरा भी खबर नहीं होती हैं। तो क्या इनके प्यार की खबर इनके घर वालों को पता चलरी हैं ? और पता चलती भी हैं तो क्या उनके घर वाले राज़ी होते हैं या नहीं या फिर वह हमेशा के लिए बिछड़ जातें हैं ये तो आपको स्टोरी पढ़कर ही पता चलेगा। तो बिना समय जाया करते हुए आप हमारी इस Emotional Love Story in Hindi को पढ़िए उम्मीद करूँगा की आपको यह स्टोरी पसंद आएगी। यह प्रेम कहानी एक छोटे से गांव में रहने वाले एक लड़के की हैं जो की अपने नजतिक के गांव में रहने वाली एक लड़की से महोब्बत करता था। वह दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे पर उन्हें पता था की उनके इस रिश्ते को उनके घर वाले कभी भी नहीं स्वीकारेंगे। लड़के का नाम अभिषेक था और लड़की नाम माधुरी। अभिषेक एक छोटे से किसान का बेटा था और माधुरी एक बड़े जमींदार कि बेटी थी दोनों कि हैसियत में काफी समानताएँ थी पर वो कहते हैना कि प्यार कभी हैसियत देख के नहीं किया जाता। अभिषेक हर रोज शाम 6 बजे माधुरी से मिलने चोरी छुपे उसके गांव जाया करता था वहा वह तलाब के किनारे बैठकर अपनी शादी के सपने को सच करने की बातें करते रहते थे। best emotional love story in hindi चोरी छुपे मिलना उनकी मजबूरी हुआ करती थी क्योंकि गांव में अक्सर ऐसे रिश्तों पर हमेशा सवाल खड़े उठते हैं और गांव के लोगो की हमेशा से यही चाहते हैं की उनके बच्चों का विवाह उनकी जात बिरादरी के अंदर ही हो ना की उससे बाहर। और अभिषेक और माधुरी की बिरादरी भी अलग-अलग थी इसलिए उन्हें इस बात का भी डर भी सताता र...

ये है मेरी Family

Emotional Family Story में पढ़ें एक अच्छे से परिवार की प्यार भरी कहानी । पापा ने बेटे की तरफ देखा और बोले लगता है टीचर बहुत गुस्से में है । आज अजय लेट हो गया था, जिस आईटी कंपनी में वो काम करता था वहां पहुँचने के लिए उसे आधा घंटा लग जाता था। जल्दी जल्दी घर से निकला और ऑफिस पहुंचा ही था कि जैसे ही फाइल उठाई स्कूल से फ़ोन आ गया कि आज बेटे की PTM है और उसे लेकर स्कूल पहुंचना है वहीँ उसके marks दिखाए जायेंगे । क्या करूँ? एक तो ऑफिस लेट पहुंचा, ऊपर से अभी काम शुरू किया था तो ये फ़ोन, बॉस क्या कहेंगे ? हिम्मत जुटा कर केबिन में गया तो पता चला बॉस के बेटे की भी PTM है आज लेट आयेंगे तो बस एक मेसेज डाला बॉस को और तुरंत घर चल पड़ा और वहां से आराध्य को पिक किया और स्कूल की ओर रवाना हो गए । जैसे ही क्लास में पहुंचे, टीचर ने आँखों से चश्मा नीचे किया और पीछे वाली बेंच की तरफ इशारा करते हुए बोली – आप वहां वेट कीजिये आपसे अभी बात करती हूँ। पापा ने बेटे की तरफ देखा और बोले लगता है टीचर बहुत गुस्से में है , सहमी हुई नज़रों से अराध्य ने टीचर की और देखा और बोला हाँ पापा शायद marks कम होंगे । दोनों ने एक दुसरे की तरफ साहानुभूति भरी नज़रों से देखा और बोले चलो वहां बैठते हैं, लास्ट में उनका नंबर आया तो टीचर ने उन्हें बुलाते हुए कहा- आइये आप लोग इधर तो दोनों की दिल की धड़कने तेज़ हो गयी और दोनों टीचर के पास जाकर बैठ गए । ये देखिये आपके बेटे की इंग्लिश की कॉपी , fail हो गए हैं जनाब !! पापा ने जैसे ही बेटे की तरफ देखा वो सहम कर पीछे छुप गया और Emotional Family Story पापा ने जैसे ही नज़रें टेढ़ी करके कॉपी की तरफ देखा तो उसमे भी नंबर कम थे, पर अराध्य के लिए वो भी कुछ भी करने को तैयार थे , बोले – अरे मैम...

बुढ़ापा..एक इमोशनल कहानी

बुढ़ापा..एक इमोशनल कहानी | Very Emotional Hindi Story हर रोज की तरह दिनेश लाल जी अपने शाम के शेर सपाटे से लौट आए थे। वह अपने जूते उतार ही रहे थे की बहू ने पूछा," बाबू जी आज हम पार्टी में जा रहे हैं। हम वही से खा कर आएंगे, आज रात के खाने में क्या खाएंगे? बताइए।" दिनेश लाल जी सोचने लगे आज रविवार तो नहीं है, और ना ही किसी की शादी है जरूर किसी पार्टी में जा रहे होंगे.. छोड़ो मुझे क्या? मुझे क्या करना है इस उम्र में! अपने विचारों पर काबू करते हुए दिनेश लाल जी बोले..," ऐसा करो बेटा मेरे लिए दो रोटियां बना दो दूध के साथ रोटिया ही खाऊंगा।" बहुत तुरंत बोल उठी ,"बाबूजी सुबह ही जो बनाई थी उनमें से 2 रोटियां अभी भी बची हुई है, अगर आप..."बहु ने अपना वाक्य अधूरा ही रहने दिया लेकिन दिनेश लाल जी अच्छी तरह समझ गए कि वह क्या कहना चाहती थी। सुबह की रोटीया खाई तो गैस हो जाएगा। सुबह भी बहुने मसाले वाली सब्जी ही बनाई थी जिसके चलते अभी तक खट्टी डकारें आ रहे हैं और इस उम्र में पेट को संभालना मतलब किसी बिगड़े हुए बच्चे को संभालने से भी ज्यादा कठिन काम! बाबूजी बहू से बोले," नहीं बेटा इस उम्र में सुबह की रोटी या नहीं खा सकता। तुम्हे थोड़ी तकलीफ होगी लेकिन मेरे लिए दो ताजी रोटी बना दो।" बहू को बहुत गुस्सा आया। वो गुस्से में ही बड़ बड़ाते हुए उठी ,"अब दो रोटियां बनाओ या 10 काम तो उतना ही बढ़ेगा! आटा गुडों, रोटियां बनाओ, किचन और बर्तन साफ करो। इन्हे क्या है इन्हें सिर्फ ऑर्डर देना है काम तो मुझे करना पड़ता है ना। बस दिन रात इनकी ही सेवा करते रहो।" बहू के बोल दिनेश लाल के गानों पर पढ़ रहे थे। हे भगवान ... सिर्फ दो रोटियां बनाने में इतनी तकलीफ? मैंने कोई पांच पकवान तो मांगे नहीं थे! उन्हें बहुत गुस्सा आ ...

Sad story in hindi

sad story in hindi, उसके पति को डॉक्टर से यह पता चला है कि उसकी पत्नी मां नहीं बन पाएगी तो उसे बड़ा अफसोस हुआ और सोचने लगा कि चलो लड़का तो हो ही गया है अब हमें और कुछ भी करने की कोई जरुरत नहीं है लड़का जब 3 साल का हुआ तो वह खेल रहा था तभी उसके पति ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे जब उसके पति ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहे थे अधूरी कल्पना की कहानी तभी उनकी नजर एक डिब्बे पर पड़ी जो कि खुला हुआ रखा हुआ था तब अपनी पत्नी से कहा कि इस डिब्बे का ढक्कन बंद करके रख दो उसकी पत्नी ने नहीं सुना because वह रसोई में खाना बना रही थी पति यह कहकर वो फिर चले गए और उसकी पत्नी भी काम में लग गई तभी उसका लड़का खेलता हुआ उस डिब्बे के पास गया और उस डिब्बे में रखी हुई चीज को खाने लगा जब वह चीज को खा रहा था तभी वह बेहोश हो गया और उसकी पत्नी को पता चला कि लड़का बेहोश हो गया है तो वह उसे लेकर अस्पताल गई और डॉक्टर ने जांच करने के बाद कहा कि अब आपका लड़का नहीं रहा, उसकी पत्नी ने कैसा लगा और सोच में पड़ गई कि ऐसा क्या हुआ कि हमारा बच्चा हमारे पास नहीं है जब उसके पति को यह बात पता चली और ऑफिस से अस्पताल पहुंचे और अपनी पत्नी को देखने लगे पति ने पत्नी को देखा और सोचने लगे कि अब मैं क्या कहूं लड़के का सपना हिंदी कहानी पत्नी भी डर गई मेरे पति मुझे डांट लगाएंगे because मैंने अपने बच्चे का ध्यान सही तरीके से नहीं रखा है उसके पति ने अपनी पत्नी से कहा कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं यह कहकर पति-पत्नी दोनों अपने घर वापस लौट गए, हमारे जीवन में दुख ही दुख, सुख नाम की अब कोई चीज नहीं थी but था तो एक विश्वास because इन दोनों को एक दूसरे पर था जो आगे चलकर दोनों के साथ रहा है क्योंकि हम बहुत ही जल्दी में बड़े फैसले लेते...

Emotional love story in hindi

दोस्तों आज में आपको बहुत प्यारी सी एक इमोशनल लव लव स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ यह स्टोरी दो अलग अलग गांव में रहने वाले प्रेमियों की हैं। जो की एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं पर उनके इस प्रेम के बारे में इनके घर वालों को जरा भी खबर नहीं होती हैं। तो क्या इनके प्यार की खबर इनके घर वालों को पता चलरी हैं ? और पता चलती भी हैं तो क्या उनके घर वाले राज़ी होते हैं या नहीं या फिर वह हमेशा के लिए बिछड़ जातें हैं ये तो आपको स्टोरी पढ़कर ही पता चलेगा। तो बिना समय जाया करते हुए आप हमारी इस Emotional Love Story in Hindi को पढ़िए उम्मीद करूँगा की आपको यह स्टोरी पसंद आएगी। यह प्रेम कहानी एक छोटे से गांव में रहने वाले एक लड़के की हैं जो की अपने नजतिक के गांव में रहने वाली एक लड़की से महोब्बत करता था। वह दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे पर उन्हें पता था की उनके इस रिश्ते को उनके घर वाले कभी भी नहीं स्वीकारेंगे। लड़के का नाम अभिषेक था और लड़की नाम माधुरी। अभिषेक एक छोटे से किसान का बेटा था और माधुरी एक बड़े जमींदार कि बेटी थी दोनों कि हैसियत में काफी समानताएँ थी पर वो कहते हैना कि प्यार कभी हैसियत देख के नहीं किया जाता। अभिषेक हर रोज शाम 6 बजे माधुरी से मिलने चोरी छुपे उसके गांव जाया करता था वहा वह तलाब के किनारे बैठकर अपनी शादी के सपने को सच करने की बातें करते रहते थे। best emotional love story in hindi चोरी छुपे मिलना उनकी मजबूरी हुआ करती थी क्योंकि गांव में अक्सर ऐसे रिश्तों पर हमेशा सवाल खड़े उठते हैं और गांव के लोगो की हमेशा से यही चाहते हैं की उनके बच्चों का विवाह उनकी जात बिरादरी के अंदर ही हो ना की उससे बाहर। और अभिषेक और माधुरी की बिरादरी भी अलग-अलग थी इसलिए उन्हें इस बात का भी डर भी सताता र...

बुढ़ापा..एक इमोशनल कहानी

बुढ़ापा..एक इमोशनल कहानी | Very Emotional Hindi Story हर रोज की तरह दिनेश लाल जी अपने शाम के शेर सपाटे से लौट आए थे। वह अपने जूते उतार ही रहे थे की बहू ने पूछा," बाबू जी आज हम पार्टी में जा रहे हैं। हम वही से खा कर आएंगे, आज रात के खाने में क्या खाएंगे? बताइए।" दिनेश लाल जी सोचने लगे आज रविवार तो नहीं है, और ना ही किसी की शादी है जरूर किसी पार्टी में जा रहे होंगे.. छोड़ो मुझे क्या? मुझे क्या करना है इस उम्र में! अपने विचारों पर काबू करते हुए दिनेश लाल जी बोले..," ऐसा करो बेटा मेरे लिए दो रोटियां बना दो दूध के साथ रोटिया ही खाऊंगा।" बहुत तुरंत बोल उठी ,"बाबूजी सुबह ही जो बनाई थी उनमें से 2 रोटियां अभी भी बची हुई है, अगर आप..."बहु ने अपना वाक्य अधूरा ही रहने दिया लेकिन दिनेश लाल जी अच्छी तरह समझ गए कि वह क्या कहना चाहती थी। सुबह की रोटीया खाई तो गैस हो जाएगा। सुबह भी बहुने मसाले वाली सब्जी ही बनाई थी जिसके चलते अभी तक खट्टी डकारें आ रहे हैं और इस उम्र में पेट को संभालना मतलब किसी बिगड़े हुए बच्चे को संभालने से भी ज्यादा कठिन काम! बाबूजी बहू से बोले," नहीं बेटा इस उम्र में सुबह की रोटी या नहीं खा सकता। तुम्हे थोड़ी तकलीफ होगी लेकिन मेरे लिए दो ताजी रोटी बना दो।" बहू को बहुत गुस्सा आया। वो गुस्से में ही बड़ बड़ाते हुए उठी ,"अब दो रोटियां बनाओ या 10 काम तो उतना ही बढ़ेगा! आटा गुडों, रोटियां बनाओ, किचन और बर्तन साफ करो। इन्हे क्या है इन्हें सिर्फ ऑर्डर देना है काम तो मुझे करना पड़ता है ना। बस दिन रात इनकी ही सेवा करते रहो।" बहू के बोल दिनेश लाल के गानों पर पढ़ रहे थे। हे भगवान ... सिर्फ दो रोटियां बनाने में इतनी तकलीफ? मैंने कोई पांच पकवान तो मांगे नहीं थे! उन्हें बहुत गुस्सा आ ...

Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi

फ्रेंड्स, अंधी का बेटा दिल छूने वाली कहानी (Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi) इस पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। Andhi Maa Aur Bete Ki Kahani माता पिता का सम्मान करना सिखाती है। इस वेबसाइट के समस्त आर्टिकल्स/सामग्रियों का कॉपीटाइट website admin के पास है। कृपया बिना अनुमति Youtube या अन्य डिजिटल या प्रिंट मीडिया में इस्तेमाल न करें। अन्यथा कार्यवाही की जावेगी। Table of Contents • • Andhi Ka Beta Emotional Story In Hindi एक कस्बे में एक विधवा अंधी औरत रहती थी। उसका एक बेटा था, जिसके पालन पोषण की सारी जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी। वह अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर एक बहुत बड़ा आदमी बनाना चाहती थी। इसलिए उसने उसका दाखिला कस्बे के सबसे अच्छे स्कूल में किया। वह दिन रात मेहनत करती, ताकि बेटे की स्कूल की फीस दे सके। लड़के के स्कूल के बच्चे उसकी मां के बारे में जानते थे। वे सब उसे अंधी का बेटा कहकर चिढ़ाते थे। लड़का इससे बहुत परेशान था। उसे अपनी मां पर शर्म आने लगी थी। वह उसके साथ कहीं भी आने जाने से कतराने लगा था। जब लड़का बड़ा हुआ, तो उसकी शहर में अच्छी नौकरी लग गई। उसने अपनी मां से वादा किया कि शहर में मकान लेकर वह उसे लेने आएगा। लेकिन वह शहर गया, तो फिर लौटकर वापस नहीं आया। उसकी अंधी मां उसका इंतज़ार करती रह गई। ये भी पढ़ें : कई महीने बीत गए। लड़के की कोई खबर नहीं आई। कई महीने बीत गए। लड़के की कोई खबर नहीं आई। अंधी एक दिन उससे नहीं रहा गया और वह बेटे से मिलने शहर पहुंच गई। पूछते-पूछते वह बेटे के ऑफिस पहुंची। वहां सिक्योरिटी गार्ड ने उसे रोक दिया। अंधी औरत ने गार्ड को अपने बेटे का नाम बताया और बोली कि उससे जाकर कह दो कि गांव से कोई मिलने आया है। गार्ड ने जाकर उसके बेटे को बताया। बेट...

ये है मेरी Family

Emotional Family Story में पढ़ें एक अच्छे से परिवार की प्यार भरी कहानी । पापा ने बेटे की तरफ देखा और बोले लगता है टीचर बहुत गुस्से में है । आज अजय लेट हो गया था, जिस आईटी कंपनी में वो काम करता था वहां पहुँचने के लिए उसे आधा घंटा लग जाता था। जल्दी जल्दी घर से निकला और ऑफिस पहुंचा ही था कि जैसे ही फाइल उठाई स्कूल से फ़ोन आ गया कि आज बेटे की PTM है और उसे लेकर स्कूल पहुंचना है वहीँ उसके marks दिखाए जायेंगे । क्या करूँ? एक तो ऑफिस लेट पहुंचा, ऊपर से अभी काम शुरू किया था तो ये फ़ोन, बॉस क्या कहेंगे ? हिम्मत जुटा कर केबिन में गया तो पता चला बॉस के बेटे की भी PTM है आज लेट आयेंगे तो बस एक मेसेज डाला बॉस को और तुरंत घर चल पड़ा और वहां से आराध्य को पिक किया और स्कूल की ओर रवाना हो गए । जैसे ही क्लास में पहुंचे, टीचर ने आँखों से चश्मा नीचे किया और पीछे वाली बेंच की तरफ इशारा करते हुए बोली – आप वहां वेट कीजिये आपसे अभी बात करती हूँ। पापा ने बेटे की तरफ देखा और बोले लगता है टीचर बहुत गुस्से में है , सहमी हुई नज़रों से अराध्य ने टीचर की और देखा और बोला हाँ पापा शायद marks कम होंगे । दोनों ने एक दुसरे की तरफ साहानुभूति भरी नज़रों से देखा और बोले चलो वहां बैठते हैं, लास्ट में उनका नंबर आया तो टीचर ने उन्हें बुलाते हुए कहा- आइये आप लोग इधर तो दोनों की दिल की धड़कने तेज़ हो गयी और दोनों टीचर के पास जाकर बैठ गए । ये देखिये आपके बेटे की इंग्लिश की कॉपी , fail हो गए हैं जनाब !! पापा ने जैसे ही बेटे की तरफ देखा वो सहम कर पीछे छुप गया और Emotional Family Story पापा ने जैसे ही नज़रें टेढ़ी करके कॉपी की तरफ देखा तो उसमे भी नंबर कम थे, पर अराध्य के लिए वो भी कुछ भी करने को तैयार थे , बोले – अरे मैम...