एमपी एमएलए कोर्ट क्या है

  1. azam khan got relief in hate speech case but there is a big hurdle in restoring the membership smk
  2. मुख्तार अंसारी पर दर्ज गैंगस्टर के मामलों में एमपी एमएलए कोर्ट आज सुना सकती है फैसला
  3. Mukhtar and afzal Ansari Ghazipur MP
  4. क्या है MP/MLA कोर्ट? (What is MP/MLA Court?) : डेली करेंट अफेयर्स
  5. यौन उत्पीड़न केस: सांसद बृजभूषण सिंह गिरफ्तार हो सकते हैं या नहीं? जानिए क्या कहता है कानून
  6. will azam khan be eligible as vidhansabha member after mp mla special court Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar
  7. Mukhtar Ansari Convicted In Awadhesh Rai Murder Case
  8. Podaiyahat MLA Got Relief From Court: एमपी एमएलए कोर्ट से विधायक प्रदीप यादव को मिली राहत, अदालत ने साक्ष्य के अभाव में किया बरी, mla pradeep yadav got relief in two cases from mp mla court godda
  9. Court declares BJP MP Arun Sagar absconding, know what is the matter
  10. क्या है MP/MLA कोर्ट? (What is MP/MLA Court?) : डेली करेंट अफेयर्स


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azam khan got relief in hate speech case but there is a big hurdle in restoring the membership smk

आजम खां को हेट स्पीच मामले में मिली राहत, मगर सदस्यता बहाल होने में है बड़ी अड़चन, जानें क्या है मामला आजम खां की जिस हेट स्पीच केस में विधायकी चली गई अब उस केस में जब MP-MLA कोर्ट से फैसला आया तो आजम खां को बरी कर दिया गया. अब उनको मिली तीन साल की सजा में राहत तो मिल गई. लेकिन उस फैसले के बाद उनकी विधायकी चली गई. ऐसे में अब विधायकी पर क्लेश शुरू हो गया है. Lucknow : समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां की जिस हेट स्पीच केस में विधायकी चली गई अब उस केस में जब MP-MLA कोर्ट से फैसला आया तो आजम खां को बरी बाइज्जत कर दिया गया. यानी आजम खां को मिली तीन साल की सजा में राहत तो मिली लेकिन उससे पहले उनकी विधायकी चली गई. ऐसे में अब विधायकी पर क्लेश शुरू हो गया है. निचली अदालत ने सपा नेता के खिलाफ बीते साल 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाया था. चूंकि कानून में लिखा है कि अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो तत्काल उसकी सदस्यता चली जाती है और ऐसा ही आजम खां के साथ भी हुआ लेकिन जब उन्हें जब कोर्ट से राहत मिली तो कई सवाल भी उठने लगे हैं. बहरहाल आपको यह बता दें कि आजम को 15 साल पुराने छजलैट प्रकरण में भी मुरादाबाद की कोर्ट से दो वर्ष की सजा होने के कारण फिलहाल उनकी सदस्यता बहाल होने पर संदेह है. छजलैट पुलिस ने 29 जनवरी, 2008 को सपा के रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां की कार को चेकिंग के लिए रोका था. इस दौरान गुस्सा होकर आजम खान सड़क पर बैठ गए थे. जिसके बाद आजम और उनके साथियों पर सड़क जाम करने और सरकारी काम में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने आरोप लगे थे. पुलिस ने पिता-पुत्र समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस मुकदमे की सुनवाई मुरादाबाद के स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ...

मुख्तार अंसारी पर दर्ज गैंगस्टर के मामलों में एमपी एमएलए कोर्ट आज सुना सकती है फैसला

लोअर कोर्ट से मूल मुकदमे में बरी हुए मुख्तार अंसारी पर इन्हीं दोनों मुकदमों के आधार पर गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज हुआ और अब गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट इसी गैंगस्टर एक्ट के केस में मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी. गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर के रहने वाले कपिल देव सिंह की हत्या कर दी गई थी. कपिल देव सिंह की हत्या के वक्त मुख्तार अंसारी गाजीपुर जेल में ही बंद था. माफिया डॉन मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है. साल 2010 में गाजीपुर के करंडा थाने में क्राइम नंबर 482/ 2010 पर तत्कालीन इंस्पेक्टर की तरफ से मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था. गैंगस्टर के इस केस में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में साल 2009 में हुई कपिल सिंह हत्याकांड और साल 2009 में ही मीर हसन पर जानलेवा हमले के केस को शामिल किया गया था. कोर्ट अब इन्हीं 2 मुकदमों के आधार पर मुख्तार अंसारी पर दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट के केस में मंगलवार को अपना फैसला सुना सकती है. बता दें कि गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर के रहने वाले कपिल देव सिंह की हत्या कर दी गई थी. कपिल देव सिंह की हत्या के वक्त मुख्तार अंसारी गाजीपुर जेल में ही बंद था. पुलिस ने विवेचना में मुख्तार अंसारी को साजिश रचने का आरोपी बनाया, लेकिन लोअर कोर्ट ने ट्रायल में मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया. इसी तरह गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में जाने वाले मीर हसन ने crime no 1182/ 2009 पर जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज करवाई. इस एफआईआर में सोनू यादव नाम व्यक्ति को नामजद किया गया और मुख्तार अंसारी को साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. मीर हसन पर जानलेवा हमले के इस मामले में भी लोअर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बीते 17 मई को बरी कर ...

Mukhtar and afzal Ansari Ghazipur MP

Mukhtar and afzal Ansari Ghazipur MP-MLA Court to pronounce judgement gangster Act Krishnanand Rai murder case | Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी को 10 साल की सज़ा और 5 लाख जुर्माना, अफजाल पर फैसला बाकी | Hindi News, Uttar Pradesh Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी को 10 साल की सज़ा और 5 लाख जुर्माना, अफजाल पर फैसला बाकी गाजीपुर /बांदा: गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट (Ghazipur MP-MLA Court) में 29 अप्रैल यानी शनिवार को सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी (MP Afzal Ansari and Mukhtar Ansari) के खिलाफ 15 साल पुराने गैंगस्टर के मामले में फैसला आ गया है. मुख्तार अंसारी को 10 साल की सज़ा दी गई है और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. अफजाल पर फैसला 2 बजे आना है. मुकदमे में जिरह और गवाही पूरी हो चुकी है. अफजाल और मुख्तार पर प्रथम दृष्टया आरोप भी तय हो चुके हैं. तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड (BJP MLA Krishnanand Rai murder case) के मुकदमे के आधार पर अफजाल अंसारी व मुख्तार अंसारी के खिलाफ 2007 में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ था. गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट आज गैंगेस्टर एक्ट में फैसला सुनाया है. गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट सुनाएगी फैसला वहीं, मुख्तार अंसारी पर एक और गैंगेस्टर का मामला एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है. गौरतलब हो कि चंदौली में 1996 कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण व हत्या कांड और कृष्णानंद राय हत्या कांड को जोड़कर गैंग चार्ट बनाया गया था. गैंगस्टर के मामले में अंसारी बंधुओं पर 29 अप्रैल को फैसला गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट फैसला सुनाएगी. माफिया या तो जेल में होंगे या ऊपर उठ जाएंगे-कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय अंसारी बंधुओं के खिलाफ आने वाले फैसले को लेकर पूर्व विधायक...

क्या है MP/MLA कोर्ट? (What is MP/MLA Court?) : डेली करेंट अफेयर्स

अभिनेता, पूर्वसांसदऔरवरिष्ठकांग्रेसीनेताराजबब्बरको 26 सालपुरानेमामलेमेंएमपी/एमएलएकोर्टद्वारादोसालकीसजासुनाईगईहै।दरअसलसाल 1996 मेंहुएउत्तरप्रदेशविधानसभाचुनावकेदौरानमतदानअधिकारीऔरअन्यलोगोंसेमारपीटकरनेकेमामलेमेंराजबब्बरकोयहसजासुनाईगईहै।उससमयराजबब्बरसमाजवादीपार्टीमेंशामिलथे। साल 2017 में, सुप्रीमकोर्टनेअपनेएकनिर्णयमेंआदेशदियाथाकिसांसदोंऔरविधायकोंकेलंबितमुकदमोंकोतेजीसेनिपटानेकेलिएदेशभरमेंविशेषअदालतेंस्थापितकीजाए।इसकेबाद 11 राज्योंमेंविशेषरूपसेमौजूदासांसदोंऔरविधायकोंकेमुकदमोंकीसुनवाईकेलिए 12 विशेषअदालतेंस्थापितकीगईं।इसमेंसेसाल 2018 मेंसुप्रीमकोर्टकेआदेशोंकेमुताबिककेरलऔरबिहारमेंमौजूदविशेषअदालतोंकोबंदकरदियागया।जिसकेबादअभीमौजूदावक्तमेंदिल्लीकेराष्ट्रीयराजधानीक्षेत्रमें 02 औरउत्तरप्रदेश, पश्चिमबंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगानाऔरतमिलनाडु 01-01 विशेषन्यायालयकार्यरतहैंयानीकुलमिलाकर 10 विशेषन्यायालयकार्यकररहेहैं।इसमेंहालमेंहीसर्वोच्चन्यायालयकेनिर्देशपरअपराधकोदोश्रेणियोंमेंबांटदियागयाहै।पहलेवेमुकदमेजोसत्रन्यायालयद्वारापरीक्षणमेंहैऔरसुनवाईसत्रअदालतमेंहोनीहै।दूसरा, छोटेअपराधसेसंबंधितमामलेमजिस्ट्रेटन्यायालयमेंसुनेजानेहैं।सितंबर 2020 में, SC द्वारानियुक्तएमिकसक्यूरी (अदालतकेमित्र) नेअपनीरिपोर्टोंमेंइसबातपरप्रकाशडालाकि MP/MLA केखिलाफमामलोंकीसुनवाईकेलिएविशेषअदालतोंकेगठनकेबावजूद, 4,442 आपराधिकमामलोंमें 2,556 मौजूदासांसदऔरविधायकशामिलहैं। यहांएकसवालहैकि MP/MLA कोर्टकीआवश्यकताक्योंहै? दरअसलहमारेदेशमेंकानूनबनानेकाकामविधायकऔरसांसदहीकरतेहैं।अगरवहखुदहीइननियमकानूनोंकाउल्लंघनकरेंगेतोलोकतंत्रकाइससेबड़ामजाकक्याहोसकताहै।इसीलिएसुशासन, राजनीतिमेंअपराधीकरणकोरोकने, न्यायपालिका/लोकतं...

यौन उत्पीड़न केस: सांसद बृजभूषण सिंह गिरफ्तार हो सकते हैं या नहीं? जानिए क्या कहता है कानून

डीएनए हिंदी: पहलवानों का धरना, यौन उत्पीड़न का आरोप, बृजभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर और लंबा इंतजार. यह घटनाक्रम इस साल जनवरी महीने से अब तक का है. भारतीय कुश्ती महासंघ के चेयरमैन रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सीधे-सीधे यौन उत्पीड़न और नाबालिग से दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया गया है. आमतौर पर नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को तुरंत गिरफ्तारी की जाती है. ऐसे में बृजभूषण सिंह के खिलाफ अभी तक ऐसी कोई कार्यवाही न होने की वजह से पहलवान आक्रोशित हैं. एक महीने तक जंतर-मंतर पर धरना देने के बाद पहलवान संसद की ओर महिला सम्मान महापंचायत का आयोजन करने चले तो उन्हें रोककर हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने का ऐलान कर दिया. भारतीय किसान यूनियन के मुखिया नरेश टिकैत ने पहलवानों को रोका और उनसे पांच दिन का वक्त मांगा है. इस सबके बीच बृजभूषण सिंह तरह-तरह से चुनौती दे रहे हैं लेकिन पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इसी बारे में हमने सुप्रीम कोर्ट के वकील और कानून के जानकार विराग गुप्ता से बातचीत की. यह भी पढ़ें- क्या सांसद होने की वजह से नहीं हो रही गिरफ्तारी? सांसदों को मिलने वाले संरक्षण के बारे में विराग गुप्ता का कहना है कि संविधान के हिसाब से आपराधिक मामलों में अंतिम सुरक्षा सिर्फ राष्ट्रपति और राज्यपाल को ही होती है, सांसदों और विधायकों को नहीं. यही वजह है कि विधायकों और सांसदों खिलाफ कार्यवाही के लिए विशेष अदालतों का गठन किया गया है. बृजभूषण सिंह के मामले में भी एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होगी या फिर पटियाला हाउस कोर्ट में होगी, जिसके न्यायिक क्षेत्र में केस दर्ज किया गया है. यह भी पढ़ें- विराग गुप्ता कहते हैं कि सांसद होने ...

will azam khan be eligible as vidhansabha member after mp mla special court Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar

• देसी गर्ल बनीं सुरभि ज्योति, खूबसूरती देख हो जाएगा प्यार • सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती एकदम बदल गईं • ये भोजपुरिया गर्ल ऐश्वर्या राय से भी खूबसूरत, काजल राघवानी की तस्वीरें वायरल • भोजपुरी गर्ल मोनालिसा ने पहनी ऐसी ड्रेस कि तस्वीरों पर टूट पड़े फैंस • बेहद खूबसूरत रणवीर की ये बहन, इनके आगे तो दीपिका भी फेल • क्या सिद्धार्थ को भूल गई शहनाज गिल, ये तस्वीरें देख कर आपको लगेगा ऐसा • अरे आलिया भट्ट का क्यूट बार्बी लुक देखा आपने, तस्वीरें हो रहीं वायरल • लीची खाने वाले सावधान, पहले ही इसे चेक कर लें, नहीं तो होंगे बीमार • बॉलीवुड की हॉट गर्ल निक्की तंबोली, डीपनेक ब्लाउज में लगाया हुस्न का तड़का • आदिपुरिष के राम इस खूबसूरत हीरोइन के बनेगे दूल्हा और देखें फोटो स्टोरी Azam Khan: रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में आजम खान को दोषमुक्त करार दिया है। भड़काऊ भाषण मामले में उन्हें तीन साल कैद की सजा हुई थी। इसी के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता छिन गई थी। अब चर्चा शुरू हो गई है कि क्या हेट स्पीच मामले में राहत मिलने के बाद आजम खान की विधायकी वापस मिलेगी? क्या वह फिर से चुनाव लड़ पाएंगे? ऐसी अटकलें इसलिए भी लगाई जा रही हैं क्योंकि हाईकोर्ट से बरी होने के बाद लक्षद्वीप से लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई थी। हत्या के मामले में निचली अदालत ने उन्हें 10 साल के कैद की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई थी। आजम खान की विधानसभा सदस्यता बहाल होगी, इसकी संभावना नहीं के बराबर है। इसकी एक नहीं दो बड़ी वजह हैं। एक तो आजम खान जहां से विधायक (रामपुर शहर) थे, उस सीट पर उपचुनाव हो चुका है। बीजेपी के आकाश सक्सेना अब वहां से व...

Mukhtar Ansari Convicted In Awadhesh Rai Murder Case

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी कोअवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा, एक लाख रुपये जुर्माना Gangster Mukhtar Ansari Sentenced To Life In Jail: वाराणसी के लहुराबीर क्षेत्र में 3 अगस्त, 1991 को अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हथियारबंद हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर अवधेश राय को मौत के घाट उतार दिया था. माफिया मुख्तार अंसारी(Mukhtar Ansari) को अवधेश राय हत्याकांड (Avdhesh Rai Murder Case) मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनवाई है. साथ ही कोर्ट ने उन पर एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था, उस दौरान वह विधायक नहीं था. चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मामले ने देश भर में खूब सुर्खियां बटोरी थी. इस मामले में आज वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. इस हत्याकांड में बाहुबली मुख्तारी अंसारी अब दोषी करार दे दिये गए हैं. वाराणसी के लहुराबीर क्षेत्र में 3 अगस्त, 1991 को अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हथियारबंद हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर अवधेश राय को मौत के घाट उतार दिया था. अवधेश राय को को कबीर चौरा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मृतक के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, राकेश समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में इसकी जांच CBCID को सौंप दी गई थी. मुख्तार अंसारी ने जब वारदात को अंजाम दिया था, उस दौरान वह विधायक नहीं था. आज जब...

Podaiyahat MLA Got Relief From Court: एमपी एमएलए कोर्ट से विधायक प्रदीप यादव को मिली राहत, अदालत ने साक्ष्य के अभाव में किया बरी, mla pradeep yadav got relief in two cases from mp mla court godda

ये भी पढे़ं-MLA Pradeep Yadav acquitted: विधायक प्रदीप यादव हुए बरी, सरकारी कामकाज में बाधा डालने और भड़काऊ भाषण देने का था आरोप क्या है पूरा मामलाः विधायक पर आरोप था कि अडानी के सर्वे के दौरान उन्होंने कार्य में बाधा उत्पन्न किया था. साथ ही सर्वे टीम की गाड़ी में तोड़फोड़ की थी. इस मामले में उन्हें पांच महीने जेल में भी रहना पड़ा था. जिसमें सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन्हें साक्ष्य के आभव में बाईज्जत बरी कर दिया है. वहीं दूसरा केस लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा प्रत्याशी सांसद निशिकांत दुबे को अडानी और कॉरपोरेट का दलाल कहने का आरोप था. जिसमें आचार संहिता उल्लंघन का मामला देवघर भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा दर्ज कराया गया था. दोनों ही मामले में साक्ष्य के आभव में माननीय न्यायालय ने विधायक प्रदीप यादव को बाईज्जत बरी कर दिया है. अडानी पावर प्लांट का विरोध करने पर विधायक की हुई थी गिरफ्तारीः गौरतलब हो कि अडानी पावर प्लांट का विरोध करने के मामले में प्रदीप यादव की गिरफ्तारी भी हुई थी. यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बना था. इस पूरे मामले में स्थानीय रैयतों की मांग को लेकर प्रदीप यादव लगातार सुर्खियों में थे. मामले में उन्हें जेल भी हुआ था. गोड्डा के मोतिया में लगा है अडानी पावर प्लांटः गौरतलब हो कि अडानी पावर प्लांट के 1600 मेगावाट का प्रोजेक्ट मोतिया में आरंभ हो चुका है और 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है. जिसे बंगलादेश को आपूर्ति की जा रही है. विधायक प्रदीप यादव ने कहा-न्याय की हुई जीतःअदालत के फैसले के बाद पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि उन्हें न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा था और अंततः न्याय की जीत हुई है. वहीं वादी पक्ष के वकील पारस सिन्ह...

Court declares BJP MP Arun Sagar absconding, know what is the matter

शिव कुमार/ शाहजहांपुर: शाहजहांपुर में सांसद अरुण सागर को कोर्ट ने फरार घोषित किया है. 2019 में चुनाव आचार संहिता के खिलाफ दर्ज मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने उनके आवास पर फरार होने का नोटिस चस्पा करने का आदेश दिया है. सांसद खिलाफ कोर्ट ने इससे पहले एनबीडब्ल्यू भी जारी किया था. दरअसल सांसद अरुण सागर के खिलाफ 2019 में चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता का मुकदमा दर्ज किया गया था. यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा था. 2019 में 12 मार्च को तत्कालीन उपजिलाधिकारी सदर/असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर 136 विधानसभा क्षेत्र ददरौल वेद सिंह चौहान क्षेत्र के दौरे पर थे. इस दौरान उन्हें कांट थाना अंतर्गत रसूलापुर गांव में बरेली-जलालाबाद मार्ग पर कुछ दुकानों पर अरुण सागर की चुनाव संबंधी वाल पेंटिंग दिखाई दी, आरोप है कि बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के ये वाल पेंटिंग की गईं थीं. कोर्ट की तारीखों पर ना पहुंचने पर इससे पहले एमपी एमएलए कोर्ट ने सांसद के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट जारी किया था. लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुए. अब कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत नोटिस जारी करके उन्हें फरार घोषित किया है. नोटिस उनके घर पर चस्पा किया जाएगा. अपने अगली तारीख 21 दिसंबर की है और उस तारीख पर सांसद को पेश होने का आदेश दिया गया है.हालांकि शासकीय अधिवक्ता इसे कोर्ट की सामान्य प्रक्रिया बता रही है. यह भी पढ़ें: पकौड़ी खिलाकर बच्चे का मर्डर, हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस विशेष लोक अभियोजन अधिकारी नीलिमा सक्सेना के मुताबिक इसी मामले में बीजेपी सांसद अरुण सागर कई बार समन के बाद भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. उन्होंने कहा कि जब यह वारंट जारी हो...

क्या है MP/MLA कोर्ट? (What is MP/MLA Court?) : डेली करेंट अफेयर्स

अभिनेता, पूर्वसांसदऔरवरिष्ठकांग्रेसीनेताराजबब्बरको 26 सालपुरानेमामलेमेंएमपी/एमएलएकोर्टद्वारादोसालकीसजासुनाईगईहै।दरअसलसाल 1996 मेंहुएउत्तरप्रदेशविधानसभाचुनावकेदौरानमतदानअधिकारीऔरअन्यलोगोंसेमारपीटकरनेकेमामलेमेंराजबब्बरकोयहसजासुनाईगईहै।उससमयराजबब्बरसमाजवादीपार्टीमेंशामिलथे। साल 2017 में, सुप्रीमकोर्टनेअपनेएकनिर्णयमेंआदेशदियाथाकिसांसदोंऔरविधायकोंकेलंबितमुकदमोंकोतेजीसेनिपटानेकेलिएदेशभरमेंविशेषअदालतेंस्थापितकीजाए।इसकेबाद 11 राज्योंमेंविशेषरूपसेमौजूदासांसदोंऔरविधायकोंकेमुकदमोंकीसुनवाईकेलिए 12 विशेषअदालतेंस्थापितकीगईं।इसमेंसेसाल 2018 मेंसुप्रीमकोर्टकेआदेशोंकेमुताबिककेरलऔरबिहारमेंमौजूदविशेषअदालतोंकोबंदकरदियागया।जिसकेबादअभीमौजूदावक्तमेंदिल्लीकेराष्ट्रीयराजधानीक्षेत्रमें 02 औरउत्तरप्रदेश, पश्चिमबंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगानाऔरतमिलनाडु 01-01 विशेषन्यायालयकार्यरतहैंयानीकुलमिलाकर 10 विशेषन्यायालयकार्यकररहेहैं।इसमेंहालमेंहीसर्वोच्चन्यायालयकेनिर्देशपरअपराधकोदोश्रेणियोंमेंबांटदियागयाहै।पहलेवेमुकदमेजोसत्रन्यायालयद्वारापरीक्षणमेंहैऔरसुनवाईसत्रअदालतमेंहोनीहै।दूसरा, छोटेअपराधसेसंबंधितमामलेमजिस्ट्रेटन्यायालयमेंसुनेजानेहैं।सितंबर 2020 में, SC द्वारानियुक्तएमिकसक्यूरी (अदालतकेमित्र) नेअपनीरिपोर्टोंमेंइसबातपरप्रकाशडालाकि MP/MLA केखिलाफमामलोंकीसुनवाईकेलिएविशेषअदालतोंकेगठनकेबावजूद, 4,442 आपराधिकमामलोंमें 2,556 मौजूदासांसदऔरविधायकशामिलहैं। यहांएकसवालहैकि MP/MLA कोर्टकीआवश्यकताक्योंहै? दरअसलहमारेदेशमेंकानूनबनानेकाकामविधायकऔरसांसदहीकरतेहैं।अगरवहखुदहीइननियमकानूनोंकाउल्लंघनकरेंगेतोलोकतंत्रकाइससेबड़ामजाकक्याहोसकताहै।इसीलिएसुशासन, राजनीतिमेंअपराधीकरणकोरोकने, न्यायपालिका/लोकतं...