एनीमिया रोग किन कारणों से होता है

  1. बच्चों में एनीमिया होना: कारण, लक्षण और ट्रीटमेंट
  2. एनीमिया क्या है, लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम
  3. एनीमिया रोग क्या है? यह कितने प्रकार का होता है?
  4. एनीमिया: प्रमुख जानकारी और निदान
  5. What Is Anemia In Hindi
  6. पर्निशियस एनीमिया: प्रमुख जानकारी और निदान


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बच्चों में एनीमिया होना: कारण, लक्षण और ट्रीटमेंट

बच्चों में एनीमिया क्या है? छोटे बच्चों में एनीमिया के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे थकान, त्वचा में पीलापन, भूख की कमी, चिड़चिड़ापन, नाखून टूटना, जीभ में दर्द व सूजन और दिल की धड़कन तेज होना। यह रेड ब्लड सेल्स की कमी से होता है जिसकी वजह से शरीर के भीतर सभी टिश्यू तक ऑक्सीजन नहीं पहुँचती है। बच्चों में एनीमिया होने का सबसे आम कारण आयरन की कमी होना है जो रेड ब्लड सेल्स के लिए बहुत जरूरी है और इससे ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। बच्चों में एनीमिया होने से उनका विकास रुक जाता है। • जेनेटिक रोग: सिकल सेल रोग एक जेनेटिक डिसऑर्डर है जो खून में रेड ब्लड सेल्स को नष्ट कर देता है। आरबीसी शरीर के अंदर ऑक्सीजन को टिश्यू तक पहुँचाता है और इस डिसऑर्डर के कारण शारीरिक इम्यून सिस्टम हेल्दी आरबीसी को डैमेज करता है। जब शरीर में नए सेल बनने के बजाय आरबीसी की कमी होती है तो इसके परिणामस्वरूप एनीमिया हो जाता है जिसे हेमोलिटिक एनीमिया कहते हैं। • खून की कमी: आंतरिक रूप सी ब्लीडिंग होने पर या चोट लगने पर खून की कमी होती है जिसके परिणामस्वरूप रेड ब्लड सेल्स कम हो जाते हैं। इसमें नाक से खून आ सकता है, डायरिया के दौरान खून आ सकता है या बॉवल सिस्टम में सूजन आ सकती है। • आरबीसी का कम उत्पादन: यदि बोन मैरो में पर्याप्त आरबीसी उत्पन्न नहीं होते हैं तो इसे अप्लास्टिक एनीमिया कहा जाता है। यह बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन, दवा के साइड इफेक्ट्स और खून या हड्डियों में कुछ प्रकार के कैंसर की वजह से होता है। हालांकि बच्चों में आयरन की कमी से एनीमिया के कारण अप्लास्टिक एनीमिया होना बहुत आम है। बच्चों में आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया क्या है? एनीमिया शरीर में किसी चीज की कमी से होता है और यह नियमित डायट में आयरन की कम...

एनीमिया क्या है, लक्षण, कारण, उपचार और रोकथाम

'बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है' दंगल फिल्म का आपने यह गाना तो ज़रूर सुना होगा। साथ ही आपने कई बार 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गाना भी गाया होगा। आपके पापा कहे न कहे पर फिल्म देखना सबको बहुत पसंद होता है। फिल्म हमारे जीवन और दुनिया की सच्चाई को दर्शाती है।आप अपने पिता के साथ ये फादर स्पेशल फिल्म देख सकते हैं। These fruits remove dirt of body : शरीर में जमी गंदगी यदि बाहर निकल जाती है तो व्यक्ति हर तरह से निरोगी हो जाता है। इससे आयु भी बढ़ती है। योग और आयुर्वेद में शरीर में जमा गंदगी को बाहर निकालने के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके लिए आपको पहले चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड्रिंक, मैदा, बेसन, बैंगन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि का त्याग करना पड़ता है। पुरषों में डायबिटीज, हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर का खतरा ज्यादा रहता है। अगर आपने अभी तक फादर्स डे का गिफ्ट नहीं खरीदा है तो आप फिटनेस गैजेट गिफ्ट कर सकते हैं। इन गैजेट की मदद से आप अपने पिता के स्वास्थ को मॉनिटर कर सकते हैं। ये गैजेट आपके पिता के स्वास्थ को बेहतर रखने में मदद भी करेंगे। चलिए जानते हैं इन गैजेट के बारे में.. कई लोगों को सुबह उठते ही चाय या कॉफ़ी का सेवन, नाश्ता स्किप करना, नाश्ता करते समय न्यूज़ देखने जैसी कई अदातें होती है। ऐसी कई आदतें हैं जो डेली रूटीन के अनुसार बहुत नॉर्मल है पर ये आदतें आपके शरीर का वज़न बढ़ा सकती हैं। डाइटिंग करने के बाद भी अगर आपका वज़न कम नहीं हो रहा है तो आपको इन आदतों को सुधारना चाहिए..

एनीमिया रोग क्या है? यह कितने प्रकार का होता है?

एनीमिया रोग और उससे बचने के उपाय जब मनुष्य के रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी या हीमोग्लोबिन की कमी या कोशिकाओं की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता में कमी हो जाती है तो इस रोग को एनीमिया कहते हैं. यह रोग होने पर व्यक्ति बहुत थका थका महसूस करता है कमजोरी महसूस करता है उसे सांस लेने में तकलीफ होती है तथा वह व्यायाम और कुछ भी मेहनत का कार्य नहीं कर पाता है. एनीमिया मुख्य तीन कारणों से होता है अत्यधिक रक्त बहने के कारण, लाल रक्त कणों का निर्माण कम हो जाने की वजह से, तथा लाल रक्त कोशिकाओं के तेजी से मरने की वजह से, परंतु इसका मुख्य कारण व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी होना है आयरन की कमी होने से लाल रक्त कोशिकाएं पर्याप्त संख्या में नहीं बन पाती हैं और व्यक्ति को एनीमिया हो जाता है, विटामिन B12 की कमी से भी लेकिन हो सकता है. वर्तमान समय में एनीमिया रोग काफी बड़ी समस्या बन कर उभरा है पूरी दुनिया में जनसंख्या के लगभग एक तिहाई लोगों को एनीमिया रोग है. मनुष्य के रक्त कोशिकाओं में हिमोग्लोबिन नाम का तत्व पाया जाता है आयरन हिमोग्लोबिन का मुख्य हिस्सा है आयरन की कमी होने से व्यक्ति में पर्याप्त मात्रा में ही में हिमोग्लोबिन को कि नहीं बन पाता और कोशिकाएं ऑक्सीजन का परिवहन का काम नहीं कर पाती यही एनीमिया रोग का कारण बनता है एनीमिया का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है एनीमिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट करवाते हैं इस ब्लड टेस्ट में लाल रक्त कणों की कोशिकाओं की संख्या, हीमोग्लोबिन लेवल नापा जाता है, तथा इस टेस्ट में लाल रक्त कोशिकाओं का आकार भी नापा जाता है. आधुनिक ऑटोमेटिक मशीन द्वारा रोगी के खून में RBC Count, Hemoglobin concentration, MCV Mean cell valume, Red blood ce...

एनीमिया: प्रमुख जानकारी और निदान

एनीमिया क्या है? एनीमिया (रक्ताल्पता) एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त में लाल रक्त कणिकाओं या हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है. आमतौर पर हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर महिलाओं और पुरुषों में अलग अलग होता है। • पुरुषों में एनीमिया तब होता है, जब हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.5 ग्राम/100 मिली से कम हो। • महिलाओं में एनीमिया के लिए स्तर 12.0 ग्राम/100 मिली होता है। हीमोग्लोबिन आयरन की अधिकता वाला प्रोटीन होता है, जो रक्त को उसका लाल रंग देता है। यह प्रोटीन लाल रक्त कणिकाओं को फेफड़ों से शेष शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में सहायता करता है। यदि आपको एनीमिया है, आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन-युक्त खून नहीं मिलेगा। परिणामस्वरूप, आप थका हुआ या कमजोर अनुभव करेंगे। रोग अवधि एक बार एनीमिया का इलाज होने के बाद, लगभग 120 दिनों में शरीर नई स्वस्थ रक्त कोशिकाएं बना पाता है। यदि आपका हीमोग्लोबिन 7 से आरम्भ हो तो इसकी मात्रा को 12 से 14 तक लाने में लगभग 1 वर्ष का समय लग जाता है। रक्त की अन्य कोई हानि या रक्त उत्पादन के तंत्र में गतिरोध इस अवधि को और बढ़ा सकता है। हीमोग्लोबिन बढ़ना आरम्भ होने के बाद, परेशानी देने वाले लक्षण तुरंत कम होने लगते हैं, जो इस बात का सूचक है कि सब कुछ ठीक है। जाँच और परीक्षण एनीमिया के निर्धारण के लिए डॉक्टर आपके ह्रदय और श्वास का परीक्षण कर सकते हैं अथवा अपने हाथों से आपके पेट के निचले हिस्से को छूकर आपके लीवर और तिल्ली के आकार को महसूस कर सकते हैं। कुछ साधारण प्रकार के एनीमिया के निर्धारण के लिए किये जाने वाले रक्त परीक्षणों में : • रक्त में आयरन, विटामिन B12, फोलिक एसिड और अन्य विटामिन्स और मिनरल्स (खनिजों) की मात्रा • लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा और हीमोग...

What Is Anemia In Hindi

एनीमिया एक रक्त संबंधित बीमारी है, जिसका शिकार ज्यादातर महिलाएं होती है। एनीमिया होने परशरीर में भारी मात्रा में आयरन की कमी हो जाती है जिसकी वजह से खून में हीमोग्लोबिन बनना भी कम हो जाता है। जब शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है, तो नसों में ऑक्सीजन भी कम होने लगता है। इन सभी समस्याओं के कारण शरीर को सही ऊर्जा नहीं मिल पाती। इस रोग में शरीर से रेड ब्‍लड सेल्‍स का लेवेल सामान्‍य से कम हो जाता है। एनीमियाका सबसे बड़ा कारण है, शरीर में खून की कमी होना। एनीमिया के कारण रोगी हमेशा थका हुआ महसूस करता है जिससे कार्यक्षमता प्रभावित होती है। एनीमिया में रोगी को ज्यादा से ज्यादा आयरन युक्त आहार लेने की सलाह दी जाती है। एनीमिया को एक गंभीर स्तर तक पहुंचने से पहले रोका जा सकता है। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि आपको एनीमिया से जुड़ी सभी जानकारी हो। आइए हम आपको इस लेख में एनीमिया से जुड़ी सभी जानकारी बताते हैं। कारण एनीमिया का अगर मुख्य कारण देखा जाए तो वो है शरीर में आयरन की कमी होना। आप अपनी डाइट में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा लेते हैं तो ये भी एनीमिया का एक बड़ा कारण बन सकता है। ये समस्या आमतौर पर तब आती है जब कोई भी शख्स हरी सब्जियों को न खाता हो। कई बार एनीमिया की शिकायत तब भी आती है जब किसी को गंभीर चोट लगने के बाद काफी ज्यादा मात्रा में खून बह जाता है, उस परिस्थिति में भी एनीमिया अपना शिकार बना सकता है। इसे भी पढ़ें: एनीमिया के लक्षण क्या है? शुरुआत में शरीर में खून की कमी होने पर कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन जैसे जैसे यह कमी बढ़ती जाती है इसके लक्षण भी बढ़ने लगते हैं। • कमजोरी और थकावट महसूस होना। • चक्कर आना। • लेट के उठने पर आँखों के सामने अंधेरा छा जाना। • सिर दर्द रहना।...

पर्निशियस एनीमिया: प्रमुख जानकारी और निदान

• कम्पलीट ब्लड काउंट • रेटिक्यूलोसाईट काउंट • सीरम फोलेट, आयरन, और आयरन-बंधन क्षमता की जाँचें। • अस्थि-मज्जा जाँच। • विटामिन बी12 का स्तर। डॉक्टर द्वारा आम सवालों के जवाब Q1. समस्याएं क्या हैं? पर्निशियस एनीमिया के रोगियों में पेट के भीतर पोलिप हो सकते हैं, साथ ही उन लोग में पेट के कैंसर और कैंसर की गठानों का खतरा अधिक होता है। चिकित्सा में विलम्ब होने की स्थिति में मस्तिष्क और तंत्रिका सम्बन्धी समस्याएँ जारी रह सकती हैं। Q2. इंट्रिन्सिक फैक्टर क्या है? • जब भी आप विटामिन बी12 युक्त भोजन लेते हैं, आपका पाचन तंत्र एक रसायन, जिसे इंट्रिन्सिक फैक्टर कहते हैं, उत्पन्न करता है जो आपके पेट से विटामिन बी12 को लेता है और छोटी आंत से होते हुए उसे इलियम तक ले जाता है, जहाँ पर विटामिन बी12 अवशोषित होकर रक्तप्रवाह में मिल जाता है। अधिकतर लोगों में विटामिन बी12 का पाचन इसी प्रकार होता है। • वे लोग जो पर्निशियस एनीमिया (विटामिन बी12 की कमी) से ग्रस्त होते हैं, उनमें आमतौर पर इंट्रिन्सिक फैक्टर उत्पत्ति की क्षमता नहीं होती है। चाहे वे कितना ही उच्च प्रोटीन युक्त आहार, जो कि विटामिन बी12 से परिपूर्ण होता है, ले लें, लेकिन बी12 रक्तप्रवाह में पहुंचे बिना ही आँतों में होकर गुजर जाता है, इसके कारण विटामिन बी12 की कमी के लक्षण उत्पन्न होते हैं। Q3. क्या पर्निशियस एनीमिया अनुवांशिक होता है? जी हाँ। पर्निशियस एनीमिया के कई कारणों में अनुवांशिकता भी एक है। यदि आपके परिवार में पर्निशियस एनीमिया से ग्रस्त होने का इतिहास रहा है तो आपको अपने विटामिन बी12 के स्तर की जाँच हेतु नियमित रक्त परीक्षण आजीवन कराते रहना चाहिए। बर्मर्स एनीमिया, पर्निशियस एनीमिया, एनीमिया, एडिसन्स एनीमिया, एडिसन बरमर एनीमिया, ...