Essay on climate change in hindi

  1. Essay on Climate Change
  2. हिन्दी निबंध : जलवायु परिवर्तन
  3. जलवायु परिवर्तन पर निबंध


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Essay on Climate Change

Climate Changes And Climate Change The concept of climate change has been around for quite a while. The earliest mention of climate change dates back to the 19th century. Swedish scientist, Svante Archenius was the first scientist to study the effect of CO2 on climate. (Rodhe et al 1997) The Intergovernmental Panel on Climate Change (IPCC) defines climate change as “A change in the state of the climate that can be identified (e.g by using statistical tests) by changes in mean and/or the variability of its properties and that persists Climate Changes And Climate Change hear the words “climate change” what comes to mind? Probably weather and the changes. Many of us watch the news or use an app on our cellphones/electronic devices to keep an eye on the weather for the day, week, or even the month. But, there is actually a difference between weather and climate. Weather is actually “the changes we see and feel outside from day to day. It might rain one day and be sunny the next. Weather also changes from place to place” (Dunbar, 2014). Whereas “climate is the usual weather Climate Change And Climate Change population growth. Factors like, globalization and urbanization can be contributed to such changes. However, climate change is one of the unpleasant surprise that can be credited to the degraded acts towards the environment due to deforestation, burning of fossils and fuels, industrialization and many more. Vector borne diseases, are one of the most known diseases that can b...

हिन्दी निबंध : जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन औसत मौसमी दशाओं के पैटर्न में ऐतिहासिक रूप से बदलाव आने को कहते हैं। सामान्यतः इन बदलावों का अध्ययन पृथ्वी के इतिहास को दीर्घ अवधियों में बांट कर किया जाता है। जलवायु की दशाओं में यह बदलाव प्राकृतिक भी हो सकता है और मानव के क्रियाकलापों का परिणाम भी। हरितगृह प्रभाव और वैश्विक तापन को मनुष्य की क्रियाओं का परिणाम माना जा रहा है जो औद्योगिक क्रांति के बाद मनुष्य द्वारा उद्योगों से निःसृत कार्बन डाई आक्साइड आदि गैसों के वायुमण्डल में अधिक मात्रा में बढ़ जाने का परिणाम है। जलवायु परिवर्तन का मतलब मौसम में आने वाले व्यापक बदलाव से है। यह बदलाव ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में बेतहाशा वृद्धि के कारण हो रहा है। इसे ग्रीन हाउस इफेक्ट भी कहते हैं। ग्रीन हाउस इफेक्ट वह प्रक्रिया है जिसके तहत धरती का पर्यावरण सूर्य से हासिल होने वाली उर्जा के एक हिस्से को ग्रहण कर लेता है और इससे तापमान में इजाफा होता है। ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए मुख्य तौर पर कोयला, पेट्रोल और प्राकृतिक गैसों को जिम्मेदार माना जाता है। यह सभी वातावरण कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ा देते हैं। * 'कीप द क्लाइमेट, चेंज द इकोनोमी' के अनुसार 18वीं सदी के मध्य से औद्योगिक क्रांति के शुरू होने के बाद से, पारंपरिक जीवाश्म ईंधन भंडार के 1,700 GtCO2e का 35 फीसदी उपयोग करते हुए एवं वैश्विक जंगलों के 60 मिलियन वर्ग किमी का एक-तिहाई काटते हुए विश्व पहले से ही वातावरण से 2,000 GtCO2e बाहर निकाल चुका है। 'बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है' दंगल फिल्म का आपने यह गाना तो ज़रूर सुना होगा। साथ ही आपने कई बार 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' गाना भी गाया होगा। आपके पापा कहे न कहे पर फिल्म देखना सबको बहुत पसंद होत...

जलवायु परिवर्तन पर निबंध

जलवायु परिवर्तन वास्तव में पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में बदलाव को कहा जाता है। यह विभिन्न बाह्य एवं आंतरिक कारणों से होता है जिनमें सौर विकिरण, पृथ्वी की कक्षा में परिवर्तन, ज्वालामुखी विस्फोट, प्लेट टेक्टोनिक्स आदि सहित अन्य आंतरिक एवं बाह्य कारण सम्मिलित हैं। वास्तव में, जलवायु परिवर्तन, पिछले कुछ दशकों में विशेष रूप से चिंता का कारण बन गया है। पृथ्वी पर जलवायु के स्वरूप में परिवर्तन वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। जलवायु परिवर्तन के कई कारण होते हैं और यह परिवर्तन विभिन्न तरीकों से पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करता है। जलवायु परिवर्तन पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Climate Change in Hindi, Jalvayu Parivartan par Nibandh Hindi mein) जलवायु परिवर्तन पर निबंध – 1 (300 शब्द) प्रस्तावना जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में होने वाला बदलाव है। इसके लिए कई कारक सदियों से इस परिवर्तन को लाने में अपना योगदान देते रहे हैं। हालांकि अभी हाल ही के वर्षों मे वातावरण में हुआ प्रदूषण मुख्यतः मानव गतिविधियों का परिणाम है और इन गतिविधियों ने वातावरण पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाले हैं और इसे बुरी तरह प्रदूषित कर दिया है। जलवायु परिवर्तन के कारण सूर्य से उत्सर्जित जो ऊर्जा पृथ्वी तक पहुंचती है और फिर हवाओं और महासागरों द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में आगे बढ़ती है, वह जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है। नए युग की तकनीकों का प्रयोग पृथ्वी पर कार्बन उत्सर्जन के दर को बढ़ा रहा है और इस प्रकार वतावरण को विपरीत रूप से प्रभावित कर रहा है। इसके अलावा, कक्षीय रूपांतरों, प्लेट टेक्टोनिक्स और ज्वालामुखी विस्फोटों से भी जलवायु में बदलाव हो सकते हैं। जलवायु पर...