Gadya kise kahate hain

  1. गद्य किसे कहते हैं ?
  2. हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है?


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गद्य किसे कहते हैं ?

गद्य किसे कहते हैं, गद्य की परिभाषा, गद्य कितने प्रकार के होते हैं, गद्य के उदाहरण,Gadya Kise Kahate Hain, gadya kya hai,Gadya ki paribhasha, gadya ke udaharan विद्यार्थियों आज हम हिंदी विषय के एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न पर बात करेंगे। जिसमें हम आपको पद्य के बारे में बताएंगे। इस पोस्ट को पूरा पढ़ कर आप जान पाएंगे कि गद्य किसे कहते हैं? तो ध्यान से पढ़िए इन परिभाषा को आप अपने परीक्षा में भी लिखकर आ सकते हैं। आपको इन परिभाषा को याद करने में काफी ज्यादा सुविधा होगी क्योंकि इसकी भाषा बिल्कुल साधारण है। हिंदी साहित्य रचना की दो विधा गद्य और पद्य। गद्य विधा के अंतर्गत कहानी ,उपन्यास नाटक, निबंध, संस्मरण, व्यंग, आत्मकथा और पत्र वगैरह लिखे जाते हैं। वहीं पद्य के अंतर्गत कविता, गीत, गाना आदि आता है। मूलतः गद्य में अलंकारों का प्रयोग नहीं होता है लेकिन पद्य में अलंकारों का खूब प्रयोग होता है। सामान्य भाषा में कहा जाए तो अलंकार पद्य का गहना मान जाता है। गद्य विधा की रचनाओं को हम सीधा सपाट पढ़ सकते हैं, क्योंकि उनमें लयात्मकता नहीं होती है। इसके ठीक विपरीत पद्य विधा की रचनाओं में लयात्मकता होती है। ऐसी रचनाएं गेय होते हैं। जिनको हम सूर्य के साथ गा सकते हैं। गद्य की परिभाषा (Gadya ki Paribhasha) एक ऐसी रचना जो छंद, ताल एवं तुकबंदी से मुक्त तथा विचार पूर्ण हो उसे गद्य कहते हैं। गधे शब्द गद् धातु के यत प्रत्यय जोड़ने से बना है। समानता दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली बोलचाल की भाषा में गद्य का ही प्रयोग किया जाता है। गद्य का लक्ष्य विचारों या भाव को सहज सरल एवं सामान्य भाषा में विशेष प्रयोजन सहित संप्रेषित करना है। ज्ञान विज्ञान से लेकर कथा साहित्य आदि के अभिव्यक्ति का माध्यम तथा साधारण ...

हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है?

मित्रों हिंदी साहित्य में प्रबंध काव्य की महत्वता एक अलग शिखर पर ही रहती है। इसीलिए जो भी कवि या रचयिता किसी प्रबंध काव्य की रचना करता है, उसे महान रचनाकार के तौर पर माना जाता है। इसीलिए काफी लोग यह जानना चाहते हैं कि हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसने लिखा था, और हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है? | Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai. यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि हिंदी के प्रथम प्रबंध काव्य के बारे में तो आज हम आपको विस्तार से जानकारी देते हुए बताएंगे कि Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai । इसी के साथ हम आपको आज इस लेख में प्रबंध काव्य के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। चलिए शुरू करते हैं:- प्रबंध काव्य क्या होता है ? | prabandh kavya kise kahate hain इसके अंतर्गत जो स्वरूप के आधार पर काव्य का निर्धारण किया जाता है उसे भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है – • श्रव्य काव्य • दृष्य काव्य श्रव्य काव्य वे काव्य होते है जिनका रसास्वादन किसी भी दूसरे व्यक्ति के द्वारा सुनकर या स्वयं से पढ़कर किया जाता है, जैसे कि रामायण, महाभारत इत्यादि। श्रव्य काव्य भी दो प्रकार होते हैं:- • प्रबंध काव्य • मुक्तक काव्य अब हम आपको बताते हैं कि प्रबंध काव्य किसे कहते हैं। मित्रों, प्रबंध काव्य एक प्रकार से एक ऐसा काव्य होता है जिसमें कोई कथा या कहानी क्रमबद्ध रूप से शुरू से लेकर अंत तक चलती रहती है, और बीच में कहीं भी नहीं टूटती है। हालांकि इसमें कोई दूसरी गौण कथाएं या कहानियां बीच-बीच में सहायक बन कर उभरा सकती है जैसे की रामचरितमानस। जब किसी काव्य में मूल रूप से कथा का सूत्र अलग-अलग प्रकार के छंदों के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है, तो उसे प्रबंध का...