गबन किस विधा की रचना है

  1. हिन्दी साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएँ : विधा
  2. ग़बन (उपन्यास)
  3. रागदरबारी
  4. UP Board Model Paper 2023 Class 10th All Subject Pdf
  5. गबन उपन्यास का सारांश L Gaban Novel Summary In Hindi
  6. गबन के लेखक कौन हैं?
  7. [Solved] आधे
  8. गबन के लेखक कौन हैं?
  9. UP Board Model Paper 2023 Class 10th All Subject Pdf
  10. हिन्दी साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएँ : विधा


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हिन्दी साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएँ : विधा

विधा (Vidha) विधा क्या है? विधा का अर्थ है, किस्म, वर्ग या श्रेणी, अर्थात विविध प्रकार की रचनाओं को उनके गुण, धर्मों के आधार पर अलग करना। हिन्दी साहित्य में विधा शब्द का प्रयोग, एक वर्गकारक के रूप में किया जाता है। विधाएँ अस्पष्ट श्रेणियाँ हैं, इनकी कोई निश्चित सीमा रेखा नहीं होती; इनकी पहचान समय के साथ कुछ मान्यताओं के आधार पर निर्मित की जाती है। विधाएँ कई तरह की होती हैं ; उदाहरण के लिए- साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएं, विधाओं की उपविधाएँ भी होती हैं। उदाहरण के लिये हम कहते हैं कि हिन्दी साहित्य की विधाएँ (Hindi Sahitya ki vidhaye) विधाओं में सृजनात्मक तथा विचारात्मक साहित्य दीर्घकाल से निरंतर विद्वानों द्वारा लिखा जा रहा है। प्रमुख हिन्दी की साहित्यिक विधाएँ इस प्रकार हैं- • • • • • • • • • • • • • • कुछ अन्य हिन्दी साहित्यिक विधाएँ: • लघुकथा, • प्रहसन (कामेडी), • विज्ञान कथा, • व्यंग्य, • पुस्तक-समीक्षा या पर्यालोचन, • साक्षात्कार। ललित कला की विधाएँ: • चित्रकला (पेंटिंग), • फोटोग्राफी। कम्प्यूटर, चलचित्र एवं खेल की विधाएँ: • क्रिया (ऐक्शन), • सिमुलेशन, • वॅस्टर्न। • रणनीति (स्ट्रेटेजी), • साहसिक यात्रा (ऐडवेंचर), • क्रत्रिम बुद्धिमता। Hindi Gadya Sahitya Ki Vidhaye हिन्दी साहित्य की प्रमुख गद्य विधाएं निम्नलिखित हैं: • नाटक, • उपन्यास, • निबंध, • कहानी, • संस्मरण, • आत्मकथा, • जीवनी, • समीक्षा, • इंटरव्यूव साहित्य (साक्षात्कार), • यात्रा-साहित्य, • डायरी-साहित्य, • रेखाचित्र, • एकांकी, • पत्र-साहित्य और • काव्य आदि। 1. नाटक गोपाल चन्द्र गिरधरदास” हैं। हिन्दी साहित्य की इस गद्य विधा की कुछ रचनाएं इस प्रकार हैं- • उपेन्द्रनाथ अश्क (अंजो दीदी), • विष्णु प्रभाकर (डॉक्टर...

ग़बन (उपन्यास)

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (मई 2016) स्रोत खोजें: · · · · ग़बन के अन्य अर्थों के लिए गबन ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इन्होंने समझौतापरस्त और महत्वाकांक्षा से पूर्ण मनोवृत्ति तथा पुलिस के चरित्र को बेबाकी से प्रस्तुत करते हुए कहानी को जीवंत बना दिया गया है। इस उपन्यास में प्रेमचंद ने पहली नारी समस्या को व्यापक भारतीय परिप्रेक्ष्य में रखकर देखा है और उसे तत्कालीन भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से जोड़कर देखा है। सामाजिक जीवन और कथा-साहित्य के लिए यह एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। यह उपन्यास जीवन की असलियत की छानबीन अधिक गहराई से करता है, भ्रम को तोड़ता है। नए रास्ते तलाशने के लिए पाठक को नई प्रेरणा देता है। अनुक्रम • 1 कथानक • 1.1 प्रयाग से सम्बद्ध • 1.2 कलकत्ते से सम्बद्ध • 1.3 उपसंहार • 2 बाहरी कड़ियाँ कथानक [ ] ‘ग़बन’ की नायिका, जालपा, एक चन्द्रहार पाने के लिए लालायित है। उसका पति कम वेतन वाला क्लर्क है यद्यपि वह अपनी पत्नी के सामने बहुत अमीर होने का अभिनय करता है। अपनी पत्नी को संतुष्ट करने के लिए वह अपने दफ्तर से ग़बन करता है और भागकर कलकत्ता चला जाता है जहां एक कुंजड़ा और उसकी पत्नी उसे शरण देते हैं। डकैती के एक जाली मामले में पुलिस उसे फंसाकर मुखबिर की भूमिका में प्रस्तुत करती है। उसकी पत्नी परिताप से भरी कलकत्ता आती है और उसे जेल से निकालने में सहायक होती है। इसी बीच पुलिस की तानाशाही के विरूद्ध एक बड़ी जन-जागृति शुरू होती है। इस उप...

रागदरबारी

रागदरबारी राग दरबारी लेखक देश भाषा विषय प्रकाशन तिथि पृष्ठ 330 रागदरबारी विख्यात ‘राग दरबारी’ का लेखन 1964 के अन्त में शुरू हुआ और अपने अन्तिम रूप में 1967 में समाप्त हुआ। 1968 में इसका प्रकाशन हुआ और 1969 में इस पर श्रीलाल शुक्ल को साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला। 1986 में एक दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में इसे लाखों दर्शकों की सराहना प्राप्त हुई। अनुक्रम • 1 कथावस्तु • 2 पात्र • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कडियाँ कथावस्तु [ ] राग दरबारी व्यंग्य-कथा नहीं है। इसमें पात्र [ ] • वैद्यजी: वह सभी गांवों की राजनीति के पीछे का मास्टरमाइंड है अपने वाक्य तैयार करने और उसके शब्दों को चुनने में बहुत स्पष्ट, वैद्यजी भी आधिकारिक तौर पर स्थानीय कॉलेज के प्रबंधक हैं। • रुप्पन बाबू: वैद्यजी के छोटे बेटे और कॉलेज के छात्रों के नेता, रुप्पन बाबू पिछले कई सालों से 10 वीं कक्षा में रहे हैं, उसी कॉलेज में, जहां उनके पिता प्रबंधक हैं रुप्पन सक्रिय रूप से सभी गांवों की राजनीति में शामिल है और गांव समुदाय द्वारा उनके शानदार गणिता के कारण उनका सम्मान किया जाता है। उपन्यास के अंत में, उसके व्यवहार में एक क्रमिक परिवर्तन देखा जा सकता है। • बद्री पहलवान: रुप्पन बाबू के बड़े भाई बद्री अपने पिता की सहभागिता से दूर रहते हैं और खुद को शरीर-निर्माण के अभ्यास में व्यस्त रखते हैं तथा अपने आश्रय की देखभाल करते हैं। • रंगनाथ: इतिहास में एम.ए., रंगनाथ वैद्य जी के भतीजे हैं। वह लगभग 5-6 महीने के लिए छुट्टी पर शिवलगंज आ गया है। • छोटे पहलवान: गांव की राजनीति में एक सक्रिय पार्टनर बद्री अग्रवाल के एक, गांव की राजनीति में एक सक्रिय सहभागिता है और वैद्यजी द्वारा बुलाए गए बैठकों में लगातार सहभागिता है। • ...

UP Board Model Paper 2023 Class 10th All Subject Pdf

UP Board Model Paper 2023 Class 10th Subject Hindi, Social Science, Science, English, Sanskrit, Mathematics and all subject Pdf available. UPMSP Class 10th Model Paper 2023 all subject pdf download. UP Board Hindi Model Paper 2023 Class 10th बहुविकल्‍पीय प्रश्‍नों के उत्‍तर लिखो प्रत्‍येक प्रश्‍न पर 1 अंक निर्धारित है- • बाबू गुलाब राय किस युग के लेखक है? (भारतेन्‍दु युग, द्विवेदी युग, शुक्‍लान्‍तर युग या शुक्‍ल युग) • चिंतामणि किस विधा की रचना है? (निबंध, नाटक, कविता, कहानी) • गबन किस कवि की रचना है? ( मुंशी प्रेमचंद, निराला, जयशंकर प्रसाद, हरिकृष्‍ण प्रेमी) • शुक्‍ल युग की समयावधि है? (1936-1943, 1919-1938, 1900-1918, कोई नही) • ‘ नीड़ का निमार्ण फिर ’ किस विधा की रचना है? (जीवनी, साक्षात्‍कार, आत्‍मकथा, रेखाचित्र) • प्रिय प्रवास किस युग की रचना है? (भारतेन्‍दु युग, द्विवेदी युग, प्रगतिवादी युग, छायावादी युग) • मधुशाला किसकी रचना है? ( रामधारीसिंह दिनकर, हरिवंशराय बच्‍चन, हरिऔध, सुमित्रा नन्‍दन पंत) • भारत भारती किसकी रचना है? ( सियाराम शरद गुप्‍त, मैथिलीशरण गुप्‍त, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा) • आधुनिक काल कब से कब तक? (1843 से अब तक, 1643 ई0 से 1843 तक, 1918-1936 तक, 1936 से 1943 तक • मतिराम किस युग के कवि है? ( आधुनिक काल, भक्तिकाल, आदिकाल या रीतिकाल) • हास्‍य रस का स्‍थायी भाव है? (रति, शोक, हास, निर्वेद) • उपरोक्‍त पंक्तियों में अलंकार की पहचान करे? – सोहत ओढ़े पीत पट श्‍याम सलोने गात। मनो नील मणि शैल पर आतप पर्यो प्रकाश।। • रोला छंद में कुल कितने चरण होते हैं? – तीन, चार, पांच या दो) • आकर्षण शब्‍द में उपसर्ग की पहचान करे? (वि, मान, अक, आ) • प्रत्‍यय के कितने भेद ...

गबन उपन्यास का सारांश L Gaban Novel Summary In Hindi

गबन उपन्यास का सारांश l Gaban Novel Summary In Hindi मुंशी प्रेमचंद एक जाने – माने लेखक और उपन्यासकार है , जिन्होंने अपनी रचनाओ में भारतीय समाज का बहुत ही मार्मिक तरीके से चित्रण किया है ! गबन उनके प्रमुख उपन्यासों में से एक है जिसमे उन्होंने भारतीय नारी की गहनों के प्रति लालसा तथा महिलाओ का अपने पति के जीवन पर प्रभाव को बहुत ही जीवंत तरीके से समझाने का प्रयास क्या है ! दोस्तों आज किस इस पोस्ट में हम मुंशी प्रेमचंद जी का प्रसिद्द उपन्यास गबन की समरी को शेयर कर रहे है ! तो आइये शुरू करते है Gaban Novel Summary In Hindi 1.4 Conclusion गबन उपन्यास का सारांश l Gaban Novel Summary In Hindi Introduction नाम – गबन ( उपन्यास ) लेखक – मुंशी प्रेमचंद विषय – साहित्य पृष्ठ संख्या – 272 Gaban Novel Summary In Hindi मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास गबन में जालपा एक बहुत ही सुन्दर स्त्री है जिसे मुख्य पात्र बनाया गया है ! उनका बचपन से ही आभूषण के प्रति गहरा लगाव था ! उनके पिता दीनदयाल प्रयाग के एक छोटे से गाँव में रहते थे ! दीनदयाल की अपने गाँव में खूब चलती थी ! वह जब भी किसी काम से प्रयाग जाते थे तो जालपा के लिए आभूषण जरुर लेकर आते थे ! क्योंकि जालपा खिलोने और गुडिया से नहीं खेलती थी बल्कि वह आभूषण से खेलती थी ! जालपा जब धीरे – धीरे बड़ी हुई तो उसकी इच्छा चन्द्रहार पाने की थी ! उन्होंने अपने माता – पिता से चन्द्रहार दिलवाने की इच्छा जताई , परन्तु उनके पिता इतने सक्षम नहीं थे की उनके लिए सोने का चन्द्रहार बनवा दे ! उनके माता –पिता ने उन्हें यह कहकर मनाया की चन्द्रहार उन्हें उनकी शादी में ससुराल वालो की तरफ से मिल जायेगा ! जालपा चन्द्रहार पाने के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित थी की उन्हें ससुराल से जर...

गबन के लेखक कौन हैं?

गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता गबन (Gaban) के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता (Lekhak/Upanyaskar/Rachayitha) " मुंशी प्रेमचंद" ( Munshi Premchand) हैं। Gaban (Lekhak/Upanyaskar/Rachayitha) नीचे दी गई तालिका में गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता को लेखक/उपन्यासकार तथा उपन्यास के रूप में अलग-अलग लिखा गया है। गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता की सूची निम्न है:- रचना/उपन्यास लेखक/उपन्यासकार/रचयिता गबन मुंशी प्रेमचंद Gaban Munshi Premchand गबन किस विधा की रचना है? गबन (Gaban) की विधा का प्रकार " उपन्यास" ( Upanyas) है। आशा है कि आप " गबन नामक उपन्यास के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता कौन?" के उत्तर से संतुष्ट हैं। यदि आपको गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता के बारे में में कोई गलती मिली हो त उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं।

[Solved] आधे

'आधे-अधूरे' एक नाटकहै. अत: सही उत्तर विकल्प 1'नाटक'होगा. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं. • आधे अधूरे मोहन राकेश द्वारा लिखित हिंदी का प्रसिद्धनाटक है। यह मध्यवर्गीय जीवन पर आधारित नाटक है। इसमें तीन स्त्री पात्र हैं तथा पाँच पुरुष पात्र। इनमें से चार पुरुषों की भूमिका एक ही पुरुष पात्र निभाता है। हिंदी नाटक में यह अलग ढंग का प्रयोग है। इस नाटक का प्रकाशन १९६९ ई. में हुआ था। यह पूर्णता की तलाश का नाटक है। इस नाटक को मिल का पत्थर भी कहा जाता है। • ​ विधा क्या है? विधा का अर्थ है ,किस्म, वर्ग या श्रेणी, अर्थात विविध प्रकार की रचनाओं को उनके गुण, धर्मों के आधार पर अलग करना । साहित्य में विधा शब्द का प्रयोग, एक वर्गकारक के रूप में किया जाता है । विधाएँ अस्पष्ट श्रेणियाँ हैं, इनकी कोई निश्चित सीमा रेखा नहीं होती ; इनकी पहचान समय के साथ कुछ मान्यताओं के आधार पर निर्मित की जाती है । विधाएँ कई तरह के हैं - कहानी, कविता, संस्मरण, निबंध, उपन्यास आदि.

गबन के लेखक कौन हैं?

गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता गबन (Gaban) के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता (Lekhak/Upanyaskar/Rachayitha) " मुंशी प्रेमचंद" ( Munshi Premchand) हैं। Gaban (Lekhak/Upanyaskar/Rachayitha) नीचे दी गई तालिका में गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता को लेखक/उपन्यासकार तथा उपन्यास के रूप में अलग-अलग लिखा गया है। गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता की सूची निम्न है:- रचना/उपन्यास लेखक/उपन्यासकार/रचयिता गबन मुंशी प्रेमचंद Gaban Munshi Premchand गबन किस विधा की रचना है? गबन (Gaban) की विधा का प्रकार " उपन्यास" ( Upanyas) है। आशा है कि आप " गबन नामक उपन्यास के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता कौन?" के उत्तर से संतुष्ट हैं। यदि आपको गबन के लेखक/उपन्यासकार/रचयिता के बारे में में कोई गलती मिली हो त उसे कमेन्ट के माध्यम से हमें अवगत अवश्य कराएं।

UP Board Model Paper 2023 Class 10th All Subject Pdf

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हिन्दी साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएँ : विधा

विधा (Vidha) विधा क्या है? विधा का अर्थ है, किस्म, वर्ग या श्रेणी, अर्थात विविध प्रकार की रचनाओं को उनके गुण, धर्मों के आधार पर अलग करना। हिन्दी साहित्य में विधा शब्द का प्रयोग, एक वर्गकारक के रूप में किया जाता है। विधाएँ अस्पष्ट श्रेणियाँ हैं, इनकी कोई निश्चित सीमा रेखा नहीं होती; इनकी पहचान समय के साथ कुछ मान्यताओं के आधार पर निर्मित की जाती है। विधाएँ कई तरह की होती हैं ; उदाहरण के लिए- साहित्य की विधाएँ, गद्य की विधाएं, विधाओं की उपविधाएँ भी होती हैं। उदाहरण के लिये हम कहते हैं कि हिन्दी साहित्य की विधाएँ (Hindi Sahitya ki vidhaye) विधाओं में सृजनात्मक तथा विचारात्मक साहित्य दीर्घकाल से निरंतर विद्वानों द्वारा लिखा जा रहा है। प्रमुख हिन्दी की साहित्यिक विधाएँ इस प्रकार हैं- • • • • • • • • • • • • • • कुछ अन्य हिन्दी साहित्यिक विधाएँ: • लघुकथा, • प्रहसन (कामेडी), • विज्ञान कथा, • व्यंग्य, • पुस्तक-समीक्षा या पर्यालोचन, • साक्षात्कार। ललित कला की विधाएँ: • चित्रकला (पेंटिंग), • फोटोग्राफी। कम्प्यूटर, चलचित्र एवं खेल की विधाएँ: • क्रिया (ऐक्शन), • सिमुलेशन, • वॅस्टर्न। • रणनीति (स्ट्रेटेजी), • साहसिक यात्रा (ऐडवेंचर), • क्रत्रिम बुद्धिमता। Hindi Gadya Sahitya Ki Vidhaye हिन्दी साहित्य की प्रमुख गद्य विधाएं निम्नलिखित हैं: • नाटक, • उपन्यास, • निबंध, • कहानी, • संस्मरण, • आत्मकथा, • जीवनी, • समीक्षा, • इंटरव्यूव साहित्य (साक्षात्कार), • यात्रा-साहित्य, • डायरी-साहित्य, • रेखाचित्र, • एकांकी, • पत्र-साहित्य और • काव्य आदि। 1. नाटक गोपाल चन्द्र गिरधरदास” हैं। हिन्दी साहित्य की इस गद्य विधा की कुछ रचनाएं इस प्रकार हैं- • उपेन्द्रनाथ अश्क (अंजो दीदी), • विष्णु प्रभाकर (डॉक्टर...