गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ को राज्य का प्रतीक वाक्य कब बनाया गया

  1. कांग्रेस सरकार ने बदला 10 साल पुराना राज्य स्लोगन, अब 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' पर राजनीति शुरू
  2. 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ ' तथा 'सेवा जतन
  3. छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह की सम्पूर्ण जानकारी » Cgbigul
  4. राज्य के युवा अब कह रहे
  5. रायपुर : गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ तथा सेवा


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कांग्रेस सरकार ने बदला 10 साल पुराना राज्य स्लोगन, अब 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' पर राजनीति शुरू

छत्तीसगढ़ की सत्ता हासिल करने के बाद सूबे की मालूम हो कि 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में लगभग दो तिहाई बहुमत के साथ छत्तीसगढ़ की सत्ता पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया था. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने पूर्व की भाजपा सरकार की कई योजनाओं का नाम बदल का फैसला लिया था. हालांकि सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने जमकर विरोध भी किया था. इसी कड़ी में अब कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ के राज्य स्लोगन को ही बदल दिया है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस इसी नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी. पार्टी के घोषणा पत्र में भी इस नारे का जिक्र किया गया था. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने इस नारे को स्लोगन का शक्ल दे दिया है. इन योजनाओं का बदला गया नाम • पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी स्वावलंबन योजना किया गया. • पं. दीनदयाल उपाध्याय एलईडी पथ प्रकाश योजना का नाम बदलकर इंदिरा प्रियदर्शिनी एलईडी पथ • प्रकाश योजना किया गया. • पं. दीनदयाल उपाध्याय सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना का नाम बदलकर डॉ. बीआर आंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन योजना किया गया. • पं दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना का नाम बदलकर राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना किया गया. • पं. दीनदयाल उपाध्याय शुद्ध पेयजल योजना का नाम बदलकर इंदिरा प्रियदर्शिनी शुद्ध पेयजल योजना किया गया. स्लोगन बदलने पर हो रही राजनीति छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने राज्य का स्लोगन बदल दिया है. राज्य सरकार ने विश्वसनीय छत्तीसगढ़ के स्थान पर गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ को स्लोगन बनाया है. अब छत्तीसगढ़ में स्लोगन पर सियासत शुरू हो गई है. स्लोगन बदलने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र तिवारी का कहना है कि बीजेपी ने बीते 15 सालों में र...

'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ ' तथा 'सेवा जतन

बजट सत्रः छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्यपाल हरिचंदन का अभिभाषण रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र बुधवार को शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के अभिभाषण से हुआ। अपने अभिभाषण में राज्यपाल श्री हरिचंदन ने प्रदेश की सरकार की योजनाओं की तारीफ की। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में प्राप्त जनादेश से वर्तमान राज्य सरकार का गठन हुआ था। मेरी सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल का यह पांचवां बजट सत्र है। वर्ष 2023-24 के बजट सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श और निर्णय की कार्यवाही आप लोगों द्वारा की जाएगी। ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ तथा सेवा जतन-सरोकार के ध्येय वाक्य के साथ जो ‘छत्तीसगढ़ मॉडल की शुरुआत हुई थी, उसे मुकाम तक पहुंचाने में मेरी सरकार के प्रयासों में भागीदार बनने के लिए, मैं आप सबको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि किसान, खेती, ग्रामीण विकास और इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों का समन्वित और सर्वांगीण विकास मेरी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। इस दिशा में प्रचलित परिपाटियों में सुधार के साथ अनेक नए उपाय भी किए गए, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के किसान व ग्रामीण परिवार तेजी से समृद्ध और खुशहाल हुए हैं। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि अपने प्रदेश की माटी को जहरीले रसायनों से मुक्त करने की बड़ी चुनौती मेरी सरकार ने स्वीकार की है ताकि जमीन का उपजाऊपन, फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता में वृद्धि हो। इसके लिए विभिन्न तकनीकी उपायों के साथ ही जनभावनाओं के स्तर पर भी पहल की गई और प्रतिवर्ष अक्ति त्यौहार को माटी पूजन दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी’ का संरक्षण राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि मे...

छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह की सम्पूर्ण जानकारी » Cgbigul

12.8 प्रश्न :- छत्तीसगढ़ के राजकीय गीत के रचयिता कौन है? छत्तीसगढ़ का राजकीय चिन्ह छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह 04 सितम्बर 2001 को छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने प्रतिक चिन्ह को स्वीकृत कर तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया। यह चिन्ह राज्य की विरासत, अपार संपदा और और इसके उपयोग की अनंत संभावनाओं का प्रतीकात्मक स्वरुप है। • प्रतिक चिन्ह की वृत्ताकार परिधि राज्य के विकास की निरंतरता को दर्शाती है। • इस चिन्ह के बाहरी वृत्त में छत्तीसगढ़ के 36 किले वृत्त पर बाहर की ओर दर्शाती है, इन किलों को हरे रंग दिया गया है मतलब हरा रंग राज्य की समृद्धि, वन सम्पदा और नैसर्गिक सुंदरता को प्रतिबिम्ब करता है। • इस वृत्त के भीतर धान की बालियां है जो स्वर्णिम आभा लिये हुए है, जो यहां की कृषि पध्दति को दर्शाती है। • विद्युत संकेत ऊर्जा क्षेत्र में सक्षमता व संभावनाओं को दर्शाती है। • निचे से ऊपर की ओर तीन लहराती रेखायें राज्य के समृद्ध जल संसाधन एवं नदियों को दर्शाती है। • तिरंगे के तीन रंग छत्तीसगढ़ की राष्ट्र के प्रति एकजुटता तथा मध्य में राष्ट्रीय सारनाथ के चार सिंह और उसके निचे सत्यमेव जयते राष्ट्र के प्रति सत्यनिष्ठा के प्रतिक को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष छत्तीसगढ़ के राजकीय प्रतीक चिन्ह • साल /सरई छत्तीसगढ़ राज्य का राजकीय वृक्ष है। • इसका वैज्ञानिक नाम Shorea Robusta है। • साल का वृक्ष बस्तर जिला में सर्वाधिक संख्या में पाया जाता है। इस कारण से बस्तर को साल वनों का द्वीप भी कहा जाता है। • साल का वृक्ष लगभग पाँचसौ साल तक जीवित रह सकता है। • साल के वृक्ष को बस्तर में देवता का दर्जा दिया गया है। • साल वृक्षों की ऊंचाई 12 से 30 मीटर एवं चौड़ाई 15 से 20 फिट तक होती है। • साल एक वृंदवृत्ति एवं अर...

राज्य के युवा अब कह रहे

रायपुर, 28 अगस्त 2022 : छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन साल पहले मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गठित सरकार ने “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” का नारा दिया था और इसे राज्य का ध्येय वाक्य भी बनाया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने और खेलों को प्रोत्साहित के लिए “खेलबो, जीतबो, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” का नारा भी दिया गया। राजीव युवा मितान क्लब का गठन : छत्तीसगढ़ राज्य की युवा शक्ति को मुख्य धारा से जोड़कर, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से राजीव युवा मितान क्लब योजना प्रारंभ की गई। इसमें प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों के वार्डों में कुल 13269 राजीव युवा मितान क्लब गठित किए जाने का लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण : प्रदेश के सभी खेल अकादमियों के संचालन, खेल अधोसंरचनाओं का विकास एवं समुचित उपयोग तथा खेलों के समग्र विकास हेतु छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। खेलों को बढ़ावा देने समेत संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए प्राधिकरण के गवर्निंग बॉडी और एक्जिक्यूटिव बॉडी की बैठकें भी हो चुकी हैं। इसके साथ ही खेल प्रशिक्षकों के 08 पदों पर संविदा भर्ती की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। वर्तमान में 15 खेल संघ विभाग से मान्यता प्राप्त हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.43 करोड़ रुपये अनुदान राशि भी जारी किया गया है। वहीं व्यायाम शाला निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में 40.17 लाख रुपये की राशि जारी की गई है। जिसे भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा खेलो इंडिया स्टेट सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की मान्यता दी गई है। एक्सीलेंस सेन्टर के लिए मैनपॉवर के हाई परफॉर्मेंस मैनेजर, हेड कोच हॉकी, स्ट्रैंथ एण्ड कंडिशनिंग ए...

रायपुर : गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ तथा सेवा

रायपुर, 1 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ की पंचम विधानसभा का सोलहवां सत्र बुधवार से राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुभारंभ हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम व लखेश्वर बधेल ने दिया। सदन में राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने अपने अभिभाषण के माध्यम ने भूपेश सरकार की 71 बिंदुओं में उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ तथा सेवा-जतन-सरोकार के ध्येय वाक्य के साथ जो छत्तीसगढ़ मॉडल की शुरुआत हुई थी, उसे मुकाम तक पहुंचाने में मेरी सरकार के प्रयासों में भागीदार बनने के लिए सभी को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि किसान, खेती ग्रामीण विकास और इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों का समन्वित और सर्वांगीण विकास मेरी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। इससे किसान व ग्रामीण परिवार तेजी से समृद्ध और खुशहाल हुए हैं। तकनीकी उपायों के साथ जमीन का उपजाऊपन, फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता मं वृद्धि हो, इसके लिए अक्ति त्योहार को माटी पूजन दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई है। मेरी सरकार ने सुराजी गांव योजना के माध्यम से नरवा, गरुआ, घुरुवा व बाड़ी के संरक्षण, गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीद, पांच हजार 874 गौठानों में चारागाह विकसित किए चुके हैं। समर्थन मूल्य पर धान की खरीद में निरंतर वृद्धि हो रही है। इस वर्ष 23 लाख 50 हजार किसानों ने 30 लाख 14 हजार हेक्टेयर रकबा में धान उपजाया और एक करोड़ सात लाख 53 हजार मीट्रिक टन धान बेचा। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने छत्तीसगढ़ को नई आशा और विश्वास का गढ़ बनाया है। उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग के विकास के लिए सभी जरूरी काम किए हैं। उन्हो...