गन्ने की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है

  1. भारत में गन्ने की खेती
  2. गन्ने की खेती : अधिक पैदावार के लिए अपनाएं वैज्ञानिक विधि, होगी लाखों की कमाई
  3. कैसे उगाएं एक एकड़ में 1000 क्विन्टल गन्ना : गन्ने की व्यवसायिक खेती कैसे करें?
  4. Information about Farming of Sugarcane Crop
  5. Ganne ki Kheti
  6. गन्ने की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Ganne Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
  7. गन्ने की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Ganne Ki Kheti Kaise Kare In Hindi
  8. Ganne ki Kheti
  9. भारत में गन्ने की खेती
  10. कैसे उगाएं एक एकड़ में 1000 क्विन्टल गन्ना : गन्ने की व्यवसायिक खेती कैसे करें?


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भारत में गन्ने की खेती

अनुक्रम • 1 गन्ने की प्रमुख किस्में • 2 गन्ने की बुवाई • 3 गन्ने की देखभाल • 4 गन्ने की पेंड़ी अधिक लाभकारी • 5 बाहरी कड़ियाँ गन्ने की प्रमुख किस्में [ ] गन्ने की प्रमुख किस्में निम्नानुसार हैं- अनुमोदित किस्में शीघ्र (9 से 10 माह) में पकने वाली वाली – को. 7314 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.), को. 64 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.) को.सी. 671 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.) मध्य से देर से (12-14 माह) में पकने वाली – को. 6304 (उपज प्रति एकड़ – 380-400 क्विं.), को.7318 (उपज प्रति एकड़ – 400-440 क्विं.), को. 6217 (उपज प्रति एकड़ – 360-400 क्विं.) नई उन्नत किस्में शीघ्र (9 -10 माह ) में पकने वाली – को. 8209 (उपज प्रति एकड़ -360-400 क्विं.), को. 7704 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. 87008 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. 87010 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. जवाहर 86-141 (उपज प्रति एकड़ -360-400 क्विं.), को. जवाहर 86-572 (उपज प्रति एकड़ -360-400 क्विं.) मध्यम से देर (12-14 माह ) में पकने वाली – को. जवाहर 94-141 (उपज प्रति एकड़ -400-600 क्विं.), को. जवाहर 86-600 (उपज प्रति एकड़ -400-600 क्विं.), को.जवाहर 86-2087 (उपज प्रति एकड़ -400-600 क्विं.) गन्ने की बुवाई [ ] गन्ना बोने का समय – गन्ने की अधिक पैदावार लेने के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर – नवम्बर है । बसंत कालीन गन्ना फरवरी-मार्च में लगाना चाहिए । भूमि का चुनाव एवं तैयारी: गन्ने के लिए काली भारी मिट्टी, पीली मिट्टी, तथा रेतेली मिट्टी जिसमें पानी का अच्छा निकास हो गन्ने हेतु सर्वोत्तम होती है। खेत की तैयारी- गन्ना बहुवर्षीय फसल है, इसके लिए खेत की गहरी जुताई के पश्चात् 2 बार कल्टीवेटर व आवश्यकता अनुसार रोटाव...

गन्ने की खेती : अधिक पैदावार के लिए अपनाएं वैज्ञानिक विधि, होगी लाखों की कमाई

जानें गन्ने की खेती कैसे करें और गन्ने की उन्नत किस्में गन्ना, भारत की महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है। भारत वर्ष में केवल गन्ने के द्वारा ही चीनी निर्मित होती हैं। गन्ने के क्षेत्रफल में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है, परन्तु चीनी उत्पादन में ब्राजील के बाद दूसरा स्थान है। इसके अलावा उपभोग के मामले में भी भारत दूसरे नंबर पर है। गन्ने को खाने के अलावा जूस बनाकर भी पिया जाता है। इसके जूस से गुड़, शक्कर और शराब आदि चीजों को बनाया जाता है। यह एक ऐसी फसल है, जिस पर जलवायु परिवर्तन का कोई खास असर नहीं देखने को मिलता है। जिस वजह से यह एक सुरक्षित खेती भी कहलाती है। हमारे देश में गन्ना एक नकदी फसल है जिसकी खेती प्रति वर्ष लगभग 30 लाख हेक्टेयर भू-क्षेत्र में की जाती है। आज के समय में भी किसान भाई गन्ने को परंपरागत तरीके से उगाते है। किसानों को कम लागत में अधिक उपज व आमदनी के लिये उन्नतशील किस्मों एवं वैज्ञानिक तरीकों से गन्ने की खेती करना आवश्यक है। आज वर्तमान समय में बाजारो में गन्ने की कई उन्नत किस्मे देखने को मिल जाती है, जिन्हे उगाकर किसान भाई अधिक पैदावार और लाभ भी प्राप्त कर रहे है। यदि आप भी गन्ने की खेती कर अच्छी कमाई करना चाहते है, तो ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट को अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़े। आज हम आपको इस पोस्ट के जरिये गन्ने की खेती कैसे करे के बारे में जानकारी देने जा रहे है। विश्व और भारत में गन्ना उत्पादन संंबंधी जानकारी गन्ना को नकदी फसल के रूप में एक प्रमुख स्थान प्राप्त है। और यह चीनी का मुख्य स्रोत है। ब्राजील, भारत, चीन, थाईलैंड, पाकिस्तान और मेक्सिको विश्व के बड़े गन्ना उत्पादक देश हैं। दुनियाभर में प्रति वर्ष 1,889,268,880 टन गन्ने का उत्पादन होता है। ...

कैसे उगाएं एक एकड़ में 1000 क्विन्टल गन्ना : गन्ने की व्यवसायिक खेती कैसे करें?

• • • • • • • • • • • • • गन्ने की खेती करने के लिए कैसी भूमि का उपयोग करें?- गन्ने के पौधे में सबसे ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है और इसे इस प्रकार बोना चाहिए कि इसमें लगातार पानी की निकासी होते रहे यानी कि पानी गन्ने की जड़ों के पास इकट्ठा नहीं होना चाहिए क्योंकि यदि पानी इकट्ठा होता है तो उसमें कीड़े पड़ने का डर रहता है। गन्ने की खेती के लिए दोमट मिट्टी का उपयोग करें और इसे सितंबर माह के मध्य में दो बार एरो की सहायता से इसे पलट दिया जाना चाहिए जिससे कि जिस जमीन में हम गन्ना बोल रहे हैं वह जमीन थोड़ी लचीली हो जाए। गन्ने की बुवाई करने से पहले भूमि को अच्छी तरह जोताई और बुआई से निपटा लेना चाहिए क्योंकि यदि गन्ने की फसल जिस खेत में लगा रहे हैं वह खेत बिगड़ा हुआ नहीं होना चाहिए और किसान को ध्यान देना चाहिए कि खेत समतल होना चाहिए ना कि ऊपर नीचे इसीलिए तो पहाड़ी क्षेत्रों में गन्ने की खेती नहीं की जा सकती है क्योंकि वहां पर जमीन ढलाई वाली होती है। यह भी पढ़े :- गन्ने की बुवाई का समय- गन्ने की बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और नवंबर माह होता है क्योंकि इसमें में ना तो ज्यादा अधिक सर्दी होती है और ना ही ज्यादा अधिक गर्मी होती है यह मध्य वाला समय होता है जो की फसल को लगने में बहुत ही अधिक सहायता करता है। यदि आप गन्ने की बुवाई गर्मियों के दिनों में करना चाहते हैं तो आपके लिए मार्च-अप्रैल का समय ठीक रहेगा क्योंकि मार्च-अप्रैल के समय में ज्यादा अधिक गर्मी नहीं होती है तथा फसल लगने का भी अधिक चांस रहता है। गन्ने की बुवाई के समय क्या करना चाहिए?- सामान्यतः हम गन्ने को पंक्तियों में बोते हैं तो इन पंक्तियों के मध्य कम से कम 6 इंच की दूरी होनी चाहिए तथा जिस स्थान पर गना बो रहे हैं वह ज...

Information about Farming of Sugarcane Crop

विश्व की एक प्रमुख नकदी फसल है, जिससे चीनी, गुड़, शराब आदि का निर्माण होता हैं। गन्ने का उत्पादन सबसे ज्यादा ब्राज़ील में होता है और भारत का गन्ने की उत्पादकता में संपूर्ण विश्व में दूसरा स्थान है भारत में गन्ने की खेती लगभग 32 लाख हैक्टर भूमि पर की जाती है जिससे 1800 लाख टन गन्ने की उपज प्राप्त होती है। इस प्रकार गन्ने की औसत उपज लगभग 57 टन प्रति हैक्टर है जो उत्पादन-क्षमता से काफी कम है। शक्कर बनाने के लिए भारत में सबसे ज्यादा हिस्सा महाराष्ट्र का जो कि 34 प्रतिशत है और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है। Seed Specification गन्ना गर्म एवं नम जलवायु और यह एक लंबी अवधि की फसल है। गन्ने के सर्वोत्तम जमाव के लिये 26-30 डिग्री से तापक्रम उपयुक्त है। बढ़वार के लिए 32 से 37 डिग्री से. तापमान उत्तम होता है। तापमान 15 डिग्री से. से कम और 45 डिग्री से. से अधिक होने पर फसल की बढ़वार नहीं होती। गन्ना गर्म एवं नम जलवायु और यह एक लंबी अवधि की फसल है। गन्ने के सर्वोत्तम जमाव के लिये 26-30 डिग्री से. तापक्रम उपयुक्त है। बढ़वार के लिए 32 से 37 डिग्री से. तापमान उत्तम होता है। तापमान 15 डिग्री से. से कम और 45 डिग्री से. से अधिक होने पर फसल की बढ़वार नहीं होती। जुताई से पूर्व 20 टन सड़ी गोबर या कम्पोस्ट खाद खेत में समान रूप से मिलाना चाहिए। इसके अतिरिक्त 300 किलोग्राम नत्रजन (650 किलोग्राम यूरिया ), 85 किलोग्राम स्फुर, ( 500 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट) और 60 किलोग्राम पोटाश (100 किलोग्राम म्यूरेट आपपोटाश) प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। ध्यान रहे रासायनिक उर्वरक मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही प्रयोग में लाये। बोनी के लगभग 4 माह तक खरपतवारों की रोकथाम आवश्यक होती है। इसके लिए 3-4 बार ...

Ganne ki Kheti

Ganne ki Kheti | भारत में गन्ना यह महत्वपूर्ण फसल है और नकदी फसल के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। भारत यह चीनी उत्पादकता में दुनिया में नंबर 2 है। गन्ना यह चीनी (sugar) का मुख्य श्रोत माना जाता है। हमारे देश से चीनी भारी मात्रा में एक्सपोर्ट की जाती है। भारत में करीब करीब 700-800 चिनी फैक्ट्रिया (Sugar factories) है। इससे तकरीबन 80 हजार करोड़ के आसपास एक साल में उत्पादन निकलता है। गन्ने (sugarcane) का वानस्पतिक नाम saccharum officinarum है। विश्व में सबसे अधिक ब्राजील चीनी का उत्पादक देश है। गन्ने के उत्पाद जैसे की चीनी, गुड़ और इथेनॉल भी बायप्रोडक्ट के रूप में निकलता जिसका उपयोग शराब में किया जाता है। गन्ने का जूस के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसके फायदे अधिक है। (गन्ने की खेती) ऐसी खेती जिसका जलवायु से कोई असर नहीं पड़ता। इसी लिए इसे एक सुरक्षित फसल भी कहा जाता है। हमारे यहाँ किसान भाई इसकी खेती परम्परागत तरीके से करते है। किसान भाइयो को अनुरोध है की इसके खेती के लिए एक आधुनिक तरीका अपना चाहिए। क्योंकि बाजार में इसकी बहुत ही उन्नत किस्मे उपलब्ध है। इससे किसान भाइयो का खर्चा कम हो के उत्पादन बढ़ता है और आर्थिक स्तिति मजबूत होती है। यदि आप भी Ganne ki Kheti (गन्ने की खेती) से जबरदस्त कमाई चाहते है तो इस लेख अंत तक पढ़े। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Ganne ki Kheti | गन्ने की खेती की नई तकनीक से रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन गन्ने यह रब्बी की फसल है। भारत में चीनी केवल गन्ने से ही बनाई जाती है। भारत में गन्ने का खेत्रफल पुरे विश्वमें प्रथम स्थान पे है। हमारे देश में गन्ना एक नकदी फसल फसल है जिसकी खेती प्रतिवर्ष 30 लाख हेक्टर से भी ज्यादा भू- क्षेत्...

गन्ने की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Ganne Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

Ganne Ki Kheti Kaise Kare In Hindi - नमस्कार प्यारे किसान भाई आज की पोस्ट में हम बात करेंगे Ganne Ki Kheti के बारे इसके साथ ही आप को Ganne Ki Kheti Jankari मिलने वाली है। कई किसान को पता नहीं होता है की Ganne Ki Kheti Kab Hoti Hai और गन्ने की खेती करने की विधि की जानकारी शेयर करेंगे तो बने रहे हमारे साथ उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रो के लिए गन्ने की विभिन्न प्रजातियाँ स्वीकृत हैं, शीघ्र पकने वाली कोयम्बटूर शाहजहांपुर 8436, 88230, 95255, 96268, 98231, 95436 एवं कोयम्बटूर सेलेक्शन-00235 तथा 01235 आदि हैं इसी तरह से मध्य एवं देर से पकने वाली प्रजातियाँ कोयम्बटूर शाहजहांपुर 8432, 94257, 84212, 97264, 95422, 96275, 97261, 96269, 99259 एवं यू. पी. 0097 जिसे ह्रदय भी कहते हैं, यू. पी.-22 कोयम्बटूर पन्त 84212 तथा कोयम्बटूर सेलेक्शन 95422, व 96436 आदि हैं, इसी तरह से देर से बोई जाने वाली प्रजातियाँ कोयम्बटूर शाहजहांपुर 88230, 95255, यू पी-39 तथा कोयम्बटूर सेलेक्शन 92423 आदि हैंI सीमित सिंचाई क्षेत्र हेतु कोयम्बटूर शाहजहांपुर 28216, 96275, कोयम्बटूर सेलेक्शन 92423,एवं यू. पी.-39 आदि हैं क्षारीय भूमि में पैदा करने हेतु कोयम्बटूर सेलेक्शन 92263 है जल प्लावन क्षेत्र के लिए यू. पी. 9530 एवं कोयम्बटूर सेलेक्शन 96236 आदि हैं, इसी प्रकार से सीमित कृषि साधन क्षेत्र हेतु कोयम्बटूर सेलेक्शन 88216, 94275, 95255 आदि है, लेकिन एक बहुत ही ध्यान देने योग्य बात है, कोयम्बटूर सेलेक्शन-767 एक ऐसी प्रजाति है, जो की लगभग सभी परिस्थितियों में उगाई जा सकती है। Ganne Ki Kheti के लिएउपयुक्त जलवायु • सबसे पहले तो रोग रोधी प्रजातियों कीबुवाई करनी चाहिए। • बीज गन्ने का चुनाव स्वस्थ एवं रोग रहित प्लांटो के ...

गन्ने की खेती कैसे करे पूरी जानकारी जाने। Ganne Ki Kheti Kaise Kare In Hindi

Ganne Ki Kheti Kaise Kare In Hindi - नमस्कार प्यारे किसान भाई आज की पोस्ट में हम बात करेंगे Ganne Ki Kheti के बारे इसके साथ ही आप को Ganne Ki Kheti Jankari मिलने वाली है। कई किसान को पता नहीं होता है की Ganne Ki Kheti Kab Hoti Hai और गन्ने की खेती करने की विधि की जानकारी शेयर करेंगे तो बने रहे हमारे साथ उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रो के लिए गन्ने की विभिन्न प्रजातियाँ स्वीकृत हैं, शीघ्र पकने वाली कोयम्बटूर शाहजहांपुर 8436, 88230, 95255, 96268, 98231, 95436 एवं कोयम्बटूर सेलेक्शन-00235 तथा 01235 आदि हैं इसी तरह से मध्य एवं देर से पकने वाली प्रजातियाँ कोयम्बटूर शाहजहांपुर 8432, 94257, 84212, 97264, 95422, 96275, 97261, 96269, 99259 एवं यू. पी. 0097 जिसे ह्रदय भी कहते हैं, यू. पी.-22 कोयम्बटूर पन्त 84212 तथा कोयम्बटूर सेलेक्शन 95422, व 96436 आदि हैं, इसी तरह से देर से बोई जाने वाली प्रजातियाँ कोयम्बटूर शाहजहांपुर 88230, 95255, यू पी-39 तथा कोयम्बटूर सेलेक्शन 92423 आदि हैंI सीमित सिंचाई क्षेत्र हेतु कोयम्बटूर शाहजहांपुर 28216, 96275, कोयम्बटूर सेलेक्शन 92423,एवं यू. पी.-39 आदि हैं क्षारीय भूमि में पैदा करने हेतु कोयम्बटूर सेलेक्शन 92263 है जल प्लावन क्षेत्र के लिए यू. पी. 9530 एवं कोयम्बटूर सेलेक्शन 96236 आदि हैं, इसी प्रकार से सीमित कृषि साधन क्षेत्र हेतु कोयम्बटूर सेलेक्शन 88216, 94275, 95255 आदि है, लेकिन एक बहुत ही ध्यान देने योग्य बात है, कोयम्बटूर सेलेक्शन-767 एक ऐसी प्रजाति है, जो की लगभग सभी परिस्थितियों में उगाई जा सकती है। Ganne Ki Kheti के लिएउपयुक्त जलवायु • सबसे पहले तो रोग रोधी प्रजातियों कीबुवाई करनी चाहिए। • बीज गन्ने का चुनाव स्वस्थ एवं रोग रहित प्लांटो के ...

Ganne ki Kheti

Ganne ki Kheti | भारत में गन्ना यह महत्वपूर्ण फसल है और नकदी फसल के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। भारत यह चीनी उत्पादकता में दुनिया में नंबर 2 है। गन्ना यह चीनी (sugar) का मुख्य श्रोत माना जाता है। हमारे देश से चीनी भारी मात्रा में एक्सपोर्ट की जाती है। भारत में करीब करीब 700-800 चिनी फैक्ट्रिया (Sugar factories) है। इससे तकरीबन 80 हजार करोड़ के आसपास एक साल में उत्पादन निकलता है। गन्ने (sugarcane) का वानस्पतिक नाम saccharum officinarum है। विश्व में सबसे अधिक ब्राजील चीनी का उत्पादक देश है। गन्ने के उत्पाद जैसे की चीनी, गुड़ और इथेनॉल भी बायप्रोडक्ट के रूप में निकलता जिसका उपयोग शराब में किया जाता है। गन्ने का जूस के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसके फायदे अधिक है। (गन्ने की खेती) ऐसी खेती जिसका जलवायु से कोई असर नहीं पड़ता। इसी लिए इसे एक सुरक्षित फसल भी कहा जाता है। हमारे यहाँ किसान भाई इसकी खेती परम्परागत तरीके से करते है। किसान भाइयो को अनुरोध है की इसके खेती के लिए एक आधुनिक तरीका अपना चाहिए। क्योंकि बाजार में इसकी बहुत ही उन्नत किस्मे उपलब्ध है। इससे किसान भाइयो का खर्चा कम हो के उत्पादन बढ़ता है और आर्थिक स्तिति मजबूत होती है। यदि आप भी Ganne ki Kheti (गन्ने की खेती) से जबरदस्त कमाई चाहते है तो इस लेख अंत तक पढ़े। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Ganne ki Kheti | गन्ने की खेती की नई तकनीक से रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन गन्ने यह रब्बी की फसल है। भारत में चीनी केवल गन्ने से ही बनाई जाती है। भारत में गन्ने का खेत्रफल पुरे विश्वमें प्रथम स्थान पे है। हमारे देश में गन्ना एक नकदी फसल फसल है जिसकी खेती प्रतिवर्ष 30 लाख हेक्टर से भी ज्यादा भू- क्षेत्...

भारत में गन्ने की खेती

अनुक्रम • 1 गन्ने की प्रमुख किस्में • 2 गन्ने की बुवाई • 3 गन्ने की देखभाल • 4 गन्ने की पेंड़ी अधिक लाभकारी • 5 बाहरी कड़ियाँ गन्ने की प्रमुख किस्में [ ] गन्ने की प्रमुख किस्में निम्नानुसार हैं- अनुमोदित किस्में शीघ्र (9 से 10 माह) में पकने वाली वाली – को. 7314 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.), को. 64 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.) को.सी. 671 (उपज प्रति एकड़ – 320-360 क्विं.) मध्य से देर से (12-14 माह) में पकने वाली – को. 6304 (उपज प्रति एकड़ – 380-400 क्विं.), को.7318 (उपज प्रति एकड़ – 400-440 क्विं.), को. 6217 (उपज प्रति एकड़ – 360-400 क्विं.) नई उन्नत किस्में शीघ्र (9 -10 माह ) में पकने वाली – को. 8209 (उपज प्रति एकड़ -360-400 क्विं.), को. 7704 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. 87008 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. 87010 (उपज प्रति एकड़ -320-360 क्विं.), को. जवाहर 86-141 (उपज प्रति एकड़ -360-400 क्विं.), को. जवाहर 86-572 (उपज प्रति एकड़ -360-400 क्विं.) मध्यम से देर (12-14 माह ) में पकने वाली – को. जवाहर 94-141 (उपज प्रति एकड़ -400-600 क्विं.), को. जवाहर 86-600 (उपज प्रति एकड़ -400-600 क्विं.), को.जवाहर 86-2087 (उपज प्रति एकड़ -400-600 क्विं.) गन्ने की बुवाई [ ] गन्ना बोने का समय – गन्ने की अधिक पैदावार लेने के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर – नवम्बर है । बसंत कालीन गन्ना फरवरी-मार्च में लगाना चाहिए । भूमि का चुनाव एवं तैयारी: गन्ने के लिए काली भारी मिट्टी, पीली मिट्टी, तथा रेतेली मिट्टी जिसमें पानी का अच्छा निकास हो गन्ने हेतु सर्वोत्तम होती है। खेत की तैयारी- गन्ना बहुवर्षीय फसल है, इसके लिए खेत की गहरी जुताई के पश्चात् 2 बार कल्टीवेटर व आवश्यकता अनुसार रोटाव...

कैसे उगाएं एक एकड़ में 1000 क्विन्टल गन्ना : गन्ने की व्यवसायिक खेती कैसे करें?

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