गणेश जी की सूंड किस तरफ शुभ होती है

  1. Top 9 गणेश जी की सूंड किस तरफ शुभ होती है 2022
  2. Ganesh Chaturthi 2022 Date Shubh Sthapana Muhurat 4 Thing Keep In Mind While Bring Lord Ganesh Murti At Home
  3. मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर
  4. Lord Ganesh:गणेशजी की सूंड में छुपा है सुख
  5. भगवान गणेश की सूंड में छिपे हैं कई रहस्य, क्या जानते हैं आप ?
  6. भगवान गणेश के सूंड का महत्व, जानिए किस तरफ होता है ज्यादा शुभ
  7. गणेशजी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए?
  8. Diwali: गणेश
  9. घर में गणेश जी की मूर्ति का वास्तु महत्व
  10. Ganesh Chaturthi 2022 Date Shubh Sthapana Muhurat 4 Thing Keep In Mind While Bring Lord Ganesh Murti At Home


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Top 9 गणेश जी की सूंड किस तरफ शुभ होती है 2022

गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए?. . नमस्कार दोस्तों गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए यह बड़ा शोध का विषय है। आमजन के बीच यह चर्चा में रहता है की दाईं तरफ सूंड वाले गणेश जी कहां होने चाहिए और बाई सूंड वाले कहां होने चाहिए?गणेश जी की मूर्ति व फोटो कहाँ होनी चाहिए व क्यों। हम यहां पर इसी व Description: गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए? नमस्कार दोस्तों गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए यह बड़ा शोध का विषय है। आमजन के बीच यह चर्चा में रहता है की दाईं तरफ सूंड वाले गणेश जी कहां होने चाहिए और बाई सूंड वाले कहां होने चाहिए?गणेश जी की मूर्ति व फोटो कहाँ होनी चाहिए व क्यों। हम यहां पर इसी व Description: डीएनए हिंदी: Ganesh Chaturthi Sund-जिस तरह से गणेश की मूर्ति स्थापना करने से पहले कई बातों का ध्यान रखना होता है जैसे मूर्ति कैसी होनी चाहिए, ठीक उसी तरह से गणेश की सूंड़ (Ganesh Sund) किस तरफ होने से वह शुभ होती है यह भी जरूरी है.आपने कभी ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों मे Description: भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप के भी कई भेद हैं। कुछ मूर्तियों में गणेशजी की सूंड को बाई को घुमा हुआ दर्शाया जाता है तो कुछ में दाई ओर। गणेश की अधिकतर मूर्तियां सीधी या उत्तर की ओर सूंड वाली होती हैं। मान्यता है कि गणेश की मूर्ति जब भी दक्षिण की ओर मुड़ी हुई बनाई जाती है तो वह टूट जाती है। कहा जाता Description: Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी का पर्व 31 अगस्त को मनाया जाएगा है. इस दौरान गणपति की मूर्ति स्थापना की जाती है. क्‍या आपको पता है कि भगवान गणेश की सूंड को कौन सी दिशा में रखना ठीक होगा? Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी का पर्व 31 अगस्त को म...

Ganesh Chaturthi 2022 Date Shubh Sthapana Muhurat 4 Thing Keep In Mind While Bring Lord Ganesh Murti At Home

Ganesh Chaturthi 2022 Date: 31 अगस्त को इस मुहूर्त में विराजेंगे गजानन, गणेश जी की मूर्ति लेते समय जरूर रखें इन चीजों का ध्यान Ganesh Chaturthi 2022 Date: 31 अगस्त 2022 को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी पर गणपति की मूर्ति लेने से पहले कुछ बातों का जरुर ध्यान रखें तभी आपकी पूजा फलदायी साबित होगी Ganesh Chaturthi 2022 Date: 31 अगस्त 2022 को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा. मान्यता है कि भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति जी का जन्म हुआ था. हर साल गणेश उत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है जिसका समापना 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर होता है. इस बार गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी ) 9 सितंबर 2022 (Anant Chaturdarshi 2022 date) को होगा. हर घर में बप्पा के आगमन के लिए विशेष सजावट की जाती है, झांकियां बनाई जाती है दस दिन तक भक्तजन विधि विधान से विघ्नहर्ता की पूजा करते है. गणपति जी बुद्धि, विद्या के कारक माने गए हैं. इस साल गणेश स्थापना मुहूर्त सुबह 11.05 से दोपहर 1.38 तक है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की मूर्ति घर में स्थापित करने से सुख-शांति आती है, शुभ-लाभ का वास होता है, लेकिन गणेश जी की मूर्ति लेने से पहले कुछ बातों का जरुर ध्यान रखें तभी आपकी पूजा फलदायी साबित होगी और अनेक लाभ मिलेंगे. आइए जानते हैं कैसी होने चाहिए गणपति की प्रतिमा. गणेश चतुर्थी 2022 घर लाएं गणपति की ऐसी मूर्ति (Ganesh Chaturthi 2022 Ganesh Murti rules) सूंड गणेश जी की मूर्ति लेते वक्त उनकी सूंड पर विशेष ध्यान दें. मान्यता है कि गणेश जी की बाईं ओर वाली सूंड की प्रतिमा बहुत शुभ होती है. बाईं ओर सूंड वाली मूर्ति को वाममुखी गणपति कहा जाता है. इन्हें घर में विराजित करने से वो जल्द प्रसन्न होत...

मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर

गढ़ गणेश मंदिर, जयपुर - Garh Ganesh Temple, Jaipur आजतक आपने दुनियाभर के मंदिरों में गणेश जी की सूंड वाली प्रतिमा देखी होगी। हर जगह उनके इसी रूप की पूजा होती है। लेकिन राजस्थान के जयपुर में अरावली की ऊंची पहाड़ियों पर मौजूद बप्पा का एक अनोखा मंदिर है। यहां गणेश जी की इंसान के रूप में मूर्ती स्थापित है, मतलब यहां उनकी प्रतिमा सूंड वाली नहीं है। इस खूबसूरत मंदिर का नाम गढ़ गणेश मंदिर है। ये राजस्थान के प्राचीन मंदिरों में स्थित है। माना जाता है कि मंदिर की स्थापना जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने की थी। नैनीताल का नैना देवी मंदिर क्यों है देशभर में इतना खास, जहां यामी गौतम और आदित्य धर भी पहुंच गए दर्शन करने कनिपकम गणेश मंदिर, आंध्रप्रदेश - Kanipakam Temple, Andhra Pradesh कनिपकम गणेश मंदिर, आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में मौजूद है। इस धार्मिक और खूबसूरत जगह पर बप्पा की प्रतिमा पानी की होने की वजह से इन्हें पानी के देवता के रूप में भी जाना जाता है। ये मंदिर 11वीं शताब्दी में चोल राजा कुलोठुन्गा चोल प्रथम द्वारा बनवाया गया था। लेकिन इसका पुनर्निर्माण 1336 ईस्वी में विजयनगर के राजा ने किया था। माना जाता है कि इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ती का आकार कई वर्षों से हर साल बढ़ रहा है। वृंदावन में नहीं हिमाचल में है दुनिया का सबसे ऊंचा श्री कृष्ण मंदिर, यहां जाने से चमक जाती है लोगों की किस्मत त्रिनेत्र गणेशजी - Trinetra Ganesh ji देश में चार स्वयंभू गणेश मंदिर हैं, जिनमें से रणथम्भौर में मौजूद त्रिनेत्र गणेश जी पहले नंबर पर आते हैं। रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश जी का मंदिर फेमस रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के पास स्थित है, इसे रणथम्भौर मंदिर भी कहते हैं। मंदिर 1579 फ़ीट ऊंचा है, जिसके आसपास विं...

Lord Ganesh:गणेशजी की सूंड में छुपा है सुख

सनातन धर्म में भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी मांगलिक कार्य और पूजन के प्रारंभ से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान श्रीगणेश सुख-समृद्धि वाले देव हैं और उनकी कृपा से ही जीवन में सभी कार्य बिना विघ्न के पूर्ण होते हैं, इसलिए लोग भगवान गणेश की प्रतिमा को घर के मंदिर में विराजमान करते हैं। श्रीगणेश की प्रतिमा लाने से पूर्व या घर में स्थापना से पूर्व यह सवाल सामने आता है कि श्रीगणेश जी की सूंड किस तरफ होनी चाहिए ? क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाई ओर होती है। सीधी सूंड वाले भगवान गणेश दुर्लभ हैं। इनकी एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप भी दो प्रकार के हैं। कुछ प्रतिमाओं में गणेशजी की सूंड बांयी ओर घूमी हुई होती है तो कुछ में दांयी ओर। गणपति जी की बांयी सूंड में चंद्रमा का और दांयी में सूर्य का प्रभाव माना गया है। गणेश जी की सीधी सूंड तीनों तरफ से दिखती है। June Monthly Horoscope 2023: आपके लिए जून का महीना कैसा रहेगा ? पढ़ें सभी 12 राशियों का जून मासिक राशिफल दांयी ओर सूंड वाले सिद्धिविनायक दांयी ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं। आमतौर पर ऐसी प्रतिमा घर और ऑफिस में नहीं रखी जाती बल्कि मंदिर में लगाई जाती हैं। इनको स्थापित करने पर कई धार्मिक रीतियों का पालन करना जरूरी होता है। ऐसे गणेशजी का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है। दायीं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो ...

भगवान गणेश की सूंड में छिपे हैं कई रहस्य, क्या जानते हैं आप ?

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ इस बात को तो सब जानते ही हैं कि किसी भी काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है, यानि कि ज्ञान और बुद्धि के देवता गणेश जी सभी देवताओं में प्रथम पूज्य है। ये ऐसे देवता हैं जो हर प्रसंग में जीवन को शुभ-लाभ की दिशा देते हैं। इनकी प्रतिमा को लेकर अकसर ये सवाल उठता है कि इनकी सूंड किस तरफ होनी चाहिए। जब भी लोग अपने घर में उनकी प्रतिमा को लगाते हैं तो हर किसी के मन में सवाल आता वे सूंड किसी तरफ हो, क्योकि उनकी प्रतिमा सही दिशा में होने से भगवान मार्ग में आने वाली हर अड़चन को दूर करते हैं। ऐसा मान्यता है कि सीधी सूंड वाले भगवान गणेश दुर्लभ होते हैं। इनकी एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप भी दो प्रकार के हैं। कुछ प्रतिमाओं में गणेशजी की सूंड बाईं ओर घूमी हुई होती है तो कुछ में दाईं ओर। गणपति जी की बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव माना गया है। वहीं वास्तु के हिसाब से भी इनकी प्रतिमा को रखने के लिए दिशा निर्धारित की जाती है। चलिए आगे जानते हैं इसके बारे में विस्तार से- Follow us on Twitter दाईं सूंड वाले गणशे वास्तु के हिसाब से माना जाता है कि दाईं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी बहुत हठी होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस तरह की तस्वीर घर और ऑफिस में न रखें तो ही बेहतर होता है। अगर किसी कारण इनको स्थापित करना हो तो कई धार्मिक रीतियों का पालन करना ज़रूरी होता है, इसलिए ऐसी प्रतिमा को देवालयों में स्थापित करके वहीं उनकी पूजा की जाती है। ऐसे गणेशजी का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी मान...

भगवान गणेश के सूंड का महत्व, जानिए किस तरफ होता है ज्यादा शुभ

भगवान गणेश के सूंड का महत्व, जानिए किस तरफ होता है ज्यादा शुभ अक्सर श्री गणेश भगवान की प्रतिमा लाने से पहले या घर में स्थापना से पूर्व यह सवाल सामने आता है कि गणेश जी की कौन सी सूंड किस तरफ होनी चाहिए? क्या कभी किसी ने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाई ओर होती है। सीधी सूंड वाले गणेश भगवान दुर्लभ हैं। इनकी एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। अक्सर श्री गणेश भगवान की प्रतिमा लाने से पहले या घर में स्थापना से पूर्व यह सवाल सामने आता है कि गणेश जी की कौन सी सूंड किस तरफ होनी चाहिए? क्या कभी किसी ने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाई ओर होती है। सीधी सूंड वाले गणेश भगवान दुर्लभ हैं। इनकी एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। गणेश भगवान के वक्रतुंड स्वरूप के भी कई भेद हैं। कुछ मूर्तियों में गणेशजी की सूंड को बाई को घुमा हुआ दर्शाया जाता है तो कुछ में दाई ओर। गणेश की अधिकतर मूर्तियां सीधी या उत्तर की ओर सूंड वाली होती हैं। मान्यता है कि गणेश की मूर्ति जब भी दक्षिण की ओर मुड़ी हुई बनाई जाती है तो वह टूट जाती है। कहा जाता है कि यदि संयोगवश आपको दक्षिणावर्ती मूर्त मिल जाए और उसकी विधिवत उपासना की जाए तो अभिष्ट फल मिलते हैं। गणपति जी की बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव माना गया है। गणेश जी की सीधी सूंड तीन दिशाओं से दिखती है। जब सूंड दाईं ओर घूमी होती है तो इसे पिंगला स्वर और सूर्य से प्रभावित माना गया है। ऐसी प्रतिमा का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों ...

गणेशजी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए?

Explanation : गणेशजी की सूंड दाईं दिशा में होनी चाहिए। क्योंकि सिद्धिविनायक, भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है, जिसमें उनकी सूंड दाईं और मुडी होती है। जान ले कि जिस मूर्ति में गणेश की सूंड दाईं ओर होती है, उसे सिद्धिविनायक का स्वरूप माना जाता है। जबकि, बाईं तरफ की सूंड वाले गणेश को विघ्नविनाशक कहते हैं। सिद्धिविनायक को घर के अंदर स्थापित करने की परंपरा है। विघ्नविनाशक घर के बाहर द्वार पर स्थापित करते हैं, ताकि घर के अंदर किसी तरह के विघ्न प्रवेश न करें। व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए बाईं हाथ की ओर सूंड वाले और घर के लिए सीधे हाथ की ओर सूंड वाले गणपति श्रेष्ठ माने जाते हैं। भगवान श्रीगणेश को मंगलमुखी भी कहा जाता है। क्योंकि गणेश जी के मुख की तरफ समृद्धि, सिद्धि, सुख और सौभाग्य होता है। वहीं गणेश जी के पृष्ठ भाग पर दुख और दरिद्रता का वास माना गया है। इसलिए गणेश जी की स्थापना के समय हमेशा यह ध्यान रखें कि मूर्ति का मुख दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए। इसके अलावा घर या ऑफिस में एक ही जगह पर गणेश जी की दो मूर्ति एक साथ नहीं रखें। वास्तु विज्ञान के अनुसार इससे उर्जा का आपस में टकराव होता है जो अशुभ फल देता है। Tags : सात घोड़े की तस्वीर रविवार के दिन लगाना चाहिए, क्योंकि यह दिन सूर्य देवता का दिन माना गया है। इसी के साथ रविवार के दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से जीवन में अवश्य ही लाभ मिलता है तथा सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। सात दौड़ते हुए घोड़ों की तस • गणेश चतुर्थी हर महीने दो बार क्यों मनाई जाती है? ज्योतिष और खगोल शास्त्र के विद्वान पंडित सूर्यनारायण व्यास का जन्म 2 फरवरी, 1902 को उज्जैन में हुआ था। 1932 में एक लेख में भविष्य में आने वाले 300 भूकंपों की सूची प्र...

Diwali: गणेश

डीएनए हिंदीः दिवाली पर मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा लेने से पहले कुछ बातें आपको जरूर जान लेनी चाहिए. प्रतिमा से जुड़े नियम, वास्तु और ज्योतिष विचार को समझ कर अगर मूर्ति ली जाए तो पूजा फलीभूत जरूर होती है. बहुत से लोगों को ये असमंजस होता है कि गणेश जी की सूंड किधर होनी चाहिए या देवी लक्ष्मी खड़ी होनी चाहिए या बैठी और लक्ष्मी माता की प्रतिमा दाहिनी ओर हो या बाईं ओर आदि. इन सारे ही सवालों का जवाब आपको इस खबर में जरूर मिलेगा. साथ ही यह भी जान लें कि गणपति और देवी लक्ष्मी की ये प्रतिमा लेनी किस दिन चाहिए और किस दिशा में रखनी चाहिए. यह भी पढ़ें: धनतेरस पर खरीदें लक्ष्मी-गणेश देवी लक्ष्मी और गणपति की पूजा भले ही आप दिवाली पर करेंगे लेकिन इसे खरीदना धनतेरस के दिन ही चाहिए. धनतेरस के दिन जब आप सोना-चांदी या बर्तन आदि ले रहे हो तभी गणेश-लक्ष्मी को भी खरीदाना चाहिए. धनतेरस पर आप दो बर्तन खरीदें एक कुबेर की पूजा के लिए और दूसरा आप दिवाली पूजा के लिए और दोनों ही बर्तन में मिठाई भरकर घर में प्रवेश करें. यानी जब आप धनतेरस की खरीदारी का घर आएं तो आपके साथ ये सारी ही चीजें होनी चाहिए. यह भी पढ़ें: अब जानें कैसी होनी चाहिए देवी लक्ष्मी और भगवान गणिपति की प्रतिमा ऐसी होनी चाहिए गणेश जी की मूर्ति :गणेश जी की ऐसी मूर्ति लेनी चाहिए जिसमें वह बैठे हों. वहीं उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी होनी चािहए. अगर आप व्यापारिक पूजा के लिए गणपति जी की प्रतिमा ले रहे तब ऐसी प्रतिमा लें जिसमें गणेश जी की सूंड बाईं तरफ मुड़ी हो. गणपति जी पीले रंग के हों तो शुभकारी होगा. गणपित के हाथ में मोदक हो और जनेउ भी धारण किए हों. साथ में चूहा भी जरूर हो. अलग-अलग होनी चाहिए मूर्ति;गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति अलग-अलग होनी चाहिए...

घर में गणेश जी की मूर्ति का वास्तु महत्व

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है, जो हिंदुओं के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण देवता हैं। गणेश का प्रमुख वास्तु महत्व यह है कि उन्हें सभी बाधाओं को दूर करने वाले के रूप में जाना जाता है। यदि आप गणेश वास्तु के नियमों के अनुसार घर में गणेश जी की मूर्ति रखते हैं, तो आपका घर प्रेम, आनंद, शांति और प्रचुरता से भर जाएगा। इसलिए अधिकांश हिंदू परिवारों की भगवान गणेश में आस्था है और आप अक्सर वास्तु विशेषज्ञों को लोगों को घर में गणेश की मूर्ति रखने की सलाह देते हुए पाएंगे। हालाँकि घर के लिए गणेश की मूर्ति के वास्तु महत्व के बारे में पता होना चाहिए। इसके अलावा भी कई गणेश वास्तु नियम हैं जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है। गणेश जी की मूर्ति की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है और अगर जीवन में कोई खास चीज मांगी जाए तो गणेश जी की मूर्ति बनाने में लगने वाली सामग्री का भी महत्व होता है। नीचे दिए गए ब्लॉग में, हम आपके साथ गणेश मूर्ति के महत्व को साझा करते हैं, महत्वपूर्ण गणेश वास्तु नियम जिनसे आपको अवगत होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, हम आपको यह भी बताते हैं कि किस प्रकार की मूर्ति क्या दर्शाती है। पढ़ते रहिये: भगवान गणेश के शरीर के विभिन्न अंगों का महत्व भगवान गणेश की अनूठी विशेषताएं हैं, जिनमें से प्रत्येक का जीवन में जबरदस्त महत्व है। घर में शांति और समृद्धि लाने के लिए भगवान में मौजूद इन गुणों को आत्मसात कर सकते हैं। गणेश के विभिन्न भागों के महत्व के बारे में पता करें, और शरीर का प्रत्येक भाग हमें क्या सिखाता है। • बड़ा सिर - बड़ा और सकारात्मक सोचें • बड़े कान/छोटा मुँह - बोलो कम और सुनो ज्यादा • छोटी आंखें- एकाग्रता बढ़ाएं • एक दांत - जीवन में अच्छी बातों को याद रखें और बुरी बातों को...

Ganesh Chaturthi 2022 Date Shubh Sthapana Muhurat 4 Thing Keep In Mind While Bring Lord Ganesh Murti At Home

Ganesh Chaturthi 2022 Date: 31 अगस्त को इस मुहूर्त में विराजेंगे गजानन, गणेश जी की मूर्ति लेते समय जरूर रखें इन चीजों का ध्यान Ganesh Chaturthi 2022 Date: 31 अगस्त 2022 को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी पर गणपति की मूर्ति लेने से पहले कुछ बातों का जरुर ध्यान रखें तभी आपकी पूजा फलदायी साबित होगी Ganesh Chaturthi 2022 Date: 31 अगस्त 2022 को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा. मान्यता है कि भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणपति जी का जन्म हुआ था. हर साल गणेश उत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है जिसका समापना 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर होता है. इस बार गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी ) 9 सितंबर 2022 (Anant Chaturdarshi 2022 date) को होगा. हर घर में बप्पा के आगमन के लिए विशेष सजावट की जाती है, झांकियां बनाई जाती है दस दिन तक भक्तजन विधि विधान से विघ्नहर्ता की पूजा करते है. गणपति जी बुद्धि, विद्या के कारक माने गए हैं. इस साल गणेश स्थापना मुहूर्त सुबह 11.05 से दोपहर 1.38 तक है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की मूर्ति घर में स्थापित करने से सुख-शांति आती है, शुभ-लाभ का वास होता है, लेकिन गणेश जी की मूर्ति लेने से पहले कुछ बातों का जरुर ध्यान रखें तभी आपकी पूजा फलदायी साबित होगी और अनेक लाभ मिलेंगे. आइए जानते हैं कैसी होने चाहिए गणपति की प्रतिमा. गणेश चतुर्थी 2022 घर लाएं गणपति की ऐसी मूर्ति (Ganesh Chaturthi 2022 Ganesh Murti rules) सूंड गणेश जी की मूर्ति लेते वक्त उनकी सूंड पर विशेष ध्यान दें. मान्यता है कि गणेश जी की बाईं ओर वाली सूंड की प्रतिमा बहुत शुभ होती है. बाईं ओर सूंड वाली मूर्ति को वाममुखी गणपति कहा जाता है. इन्हें घर में विराजित करने से वो जल्द प्रसन्न होत...