गोबर छत्ता है

  1. गोबर को छेना के नाम से कहाँ जाना जाता है? » Gobar Ko Chena Ke Naam Se Kahan Jana Jata Hai
  2. गोबर में कौन सा गैस पाया जाता है और क्यों पाया जाता है? » Gobar Me Kaun Sa Gas Paya Jata Hai Aur Kyon Paya Jata Hai
  3. पथरैटा में गोबर छत्ता खाने से 8 लोग हुए बीमार, इलाजरत
  4. गोबर छत्ता में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है? » Gobar Chatta Me Kis Prakar Ka Poshan Paya Jata Hai
  5. खास रपटः गोबर का कारोबार


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गोबर को छेना के नाम से कहाँ जाना जाता है? » Gobar Ko Chena Ke Naam Se Kahan Jana Jata Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। गोबर को छीना के नाम से कहा जाना रहता है ना मतलब होता है दूध का बनता है है ना यानी पनीर पनीर कुछ ना कह दे लेकिन आपने तो पूछा है गोबर को छीना कहीं नहीं कहा जाता है गोबर गाय भैंस द्वारा किया गया माल है और छेना दूध को पार कर बनाया गया उत्पाद gobar ko chinaa ke naam se kaha jana rehta hai na matlab hota hai doodh ka banta hai hai na yani paneer paneer kuch na keh de lekin aapne toh poocha hai gobar ko chinaa kahin nahi kaha jata hai gobar gaay bhains dwara kiya gaya maal hai aur chena doodh ko par kar banaya gaya utpaad गोबर को छीना के नाम से कहा जाना रहता है ना मतलब होता है दूध का बनता है है ना यानी पनीर पनी

गोबर में कौन सा गैस पाया जाता है और क्यों पाया जाता है? » Gobar Me Kaun Sa Gas Paya Jata Hai Aur Kyon Paya Jata Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपने पूछा कि गोबर में कौन सा गैस पाया जाता है और क्यों पाया जाता है तो इसका जवाब है कि गोबर या बायोगैस में मुख्य रूप से मीथेन गैस जो कि गोबर गैस में 40 से 50 और 60 पर्सेंट तक की आती है इसके अलावा और कार्बन डाइऑक्साइड जो कि 30 से 40 परसेंट पाई जाती है इस प्रकार गोबर में पाई जाने वाली गैस से मुक्ता मीथेन तथा CO2 धन्यवाद aapne poocha ki gobar me kaun sa gas paya jata hai aur kyon paya jata hai toh iska jawab hai ki gobar ya biogas me mukhya roop se methane gas jo ki gobar gas me 40 se 50 aur 60 percent tak ki aati hai iske alava aur carbon dioxide jo ki 30 se 40 percent payi jaati hai is prakar gobar me payi jaane wali gas se mukta methane tatha CO2 dhanyavad आपने पूछा कि गोबर में कौन सा गैस पाया जाता है और क्यों पाया जाता है तो इसका जवाब है कि गोब

पथरैटा में गोबर छत्ता खाने से 8 लोग हुए बीमार, इलाजरत

सदर थाना क्षेत्र के पथरैटा गांव में शुक्रवार को गोबरछत्ता की सब्जी खाने से एक ही परिवार के 8 लोगों की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद गांव में हड़कंप मच गया। सभी लोगों को निजी क्लिनिक में उपचार के बाद सदर अस्पताल भेज दिया गया है। जहां सभी का इलाज चल रहा है। बीमारों की पहचान अनिल रविदास, साबो देवी, सुशीला देवी, निक्की कुमारी, पूजा कुमारी, सिंद्धेश्वर रविदास, बिक्कू कुमार और धीरज कुमार बताया गया है। इस संबंध में बताया जाता है कि शुक्रवार को पथरैटा गांव के अनिल रविदास के घरवालों ने कूड़े कचरे के ढेर पर उगे गोबरछत्ता (मशरूम) को उखाड़कर घर लाया और उसकी सब्जी बनाई थी। इसके खाने के बाद एक-एक कर घर के सभी सदस्य को उल्टी व दस्त होने लगा। जहां सभी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसके बाद लोगों की स्थिति में सुधार हुआ। डॉक्टरों की मानें तो कूड़े कचरे में पाए जाने वाले कुछ मशरूम जहरीले होते हैं, जिनमें बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से फूड पॉइजनिंग की आशंका होती है। ज्यादा स्थिति खराब होने पर जान भी जाने का डर रहता है। अगर मशरूम की सही पहचान नहीं हाे ताे कूड़े-कचरे पर उगे मशरूम खाने से बचें।

गोबर छत्ता में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है? » Gobar Chatta Me Kis Prakar Ka Poshan Paya Jata Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार दोस्त आपसे पूछा है गोबर छत्ता में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है तो अपने जवाबों का दोस्त गोबर छत्ता में जो है मुख्य रूप से कई प्रकार के पोषक पाए जाते हैं जैसे हो कोशिकाओं में जानू पुष्कर प्रोटीन की मात्रा उसने पाया जाता है namaskar dost aapse poocha hai gobar chatta me kis prakar ka poshan paya jata hai toh apne jawabon ka dost gobar chatta me jo hai mukhya roop se kai prakar ke poshak paye jaate hain jaise ho koshikaaon me janu pushkar protein ki matra usne paya jata hai नमस्कार दोस्त आपसे पूछा है गोबर छत्ता में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है तो अपने जवाबों क

खास रपटः गोबर का कारोबार

गोधन न्याय योजना के पीछे इरादा यह था कि गौ पालकों से गोबर खरीदकर उनकी आमदनी बढ़ाई जाए. अब भूपेश बघेल सरकार इसे राज्य में रासायनिक खाद की कमी को देखते हुए वर्मीकम्पोस्ट या केंचुआ खाद बनाने की योजना बता रही है. गोबर से बनाई जाने वाली चीजों में विविधता लाकर पेंट, फिनाइल और गौ काष्ठ (उपले या कंडे, दाह संस्कार में भी काम आते हैं) सरीखी चीजें बनाने की योजनाएं भी चल रही हैं. गोधन न्याय योजना के पीछे राज्य सरकार की नरवा-गरुवा-घुरवा-बाड़ी परियोजना की प्रेरणा है. इसका मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. गोधन योजना के तहत होने वाले कामों का केंद्र गौठान (गौशालाएं) हैं. बघेल सरकार का मनसूबा कुल 10,569 गौठान—मोटे तौर पर राज्य की हर पंचायत में एक गौठान—बनाने का है. 30 नवंबर तक 7,777 गौठान बन चुके थे. खास रपटः गोबर का कारोबार योजना ऐसे काम करती है सरकार गौठान को गांवों की संपत्ति की तरह देखती है. भला क्यों नहीं, आखिर ये समुदाय की जमीन पर बनाए गए हैं और तरह-तरह की आर्थिक गतिविधियों को सहारा दे सकते हैं. गोधन न्याय योजना के प्रबंध निदेशक एस. भारतीदासन कहते हैं, ‘‘गांव की कुछ जमीनों पर स्थानीय रसूखदारों ने अतिक्रमण कर लिए थे. गौठानों के लिए जमीनों की पहचान करते वक्त इनमें से कई जमीनें मुक्त करवाकर हासिल की गईं.’’ छत्तीसगढ़ में करीब 9,50,000 गौ पालक हैं. गोधन योजना के तहत पंजीकृत 2,73,966 गौ पालकों में से 1,92,144 सरकार को दो रुपए किलो की तय दर से गोबर बेच चुके हैं. गौठानों से गोबर इकट्ठा करने और उससे केंचुआ खाद बनाने का काम महिलाओं के स्व-सहायता समूह (एसएचजी) करते हैं. खाद बनाने में 45-60 दिन लगते हैं. एक किलो गोबर से करीब 400 ग्राम खाद बनती है. इसे नर्सरियों में इस्तेमाल के लिए 10...