गोमुखासन

  1. All about Cow Face Pose or Gomukhasana (गोमुखासन)
  2. गोमुखासन मराठी माहिती Gomukhasana Information in Marathi इनमराठी
  3. Vedobi
  4. गोमुखासन के फायदे, नियम और करने का तरीका
  5. गोमुखासन योग विधि, लाभ और सावधानी। Gomukhasana Steps, Benefits and Precaution
  6. गोमुखासन: लाभ, विधि और सावधानी
  7. गोमुखासन ❤️ स्वामी योगा


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All about Cow Face Pose or Gomukhasana (गोमुखासन)

Can't see the cow's face? Note that the crossed legs look like lips. Arms with elbows bent, one up and one down. And the upper hand near the ear. All about Cow Face Pose or Gomukhasana (गोमुखासन). Gomukhasana (go-mukha-asana) as Sanskrit: गोमुखासन; as IAST: Gomukhasana or Cow Face Pose is in the form of an asana. The name comes from the Sanskrit words Go (गो, Go) meaning “cow”, Mukha (मुख, Mukha) meaning “face” or “mouth”, and Asana (आसन, Asana) meaning “posture” or “pose”. Go = cow (Sanskrit go is a means relevant to the English word “cow”) Mukha = face The word go also means "light", so Gomukh can mean the face or the light of the face or the lightness of the head. The asana got its name because the thighs and calves of the person performing it resemble the face of a cow, wide at one end and narrow towards the other. Cow Face Pose Step-by-Step Instructions Step 1: Sit in Dandasana (Staff Pose), bend your knees, and put your feet on the floor. Slide your left foot under the right knee to the outside of the right hip. Then cross your right leg over the left, hinge the right knee over the left, and bring the right foot to the outside of the left hip. Try to bring the heels at an equal distance from the hips. Keeping the right leg up, you will want to bring the right heel closer to the left hip. Sit evenly on the sitting bones. Step 2: Inhale and extend your right arm straight out to the right, parallel to the floor. Rotate your arm inwardly; The thumb will first turn toward...

गोमुखासन मराठी माहिती Gomukhasana Information in Marathi इनमराठी

gomukhasana information in marathi गोमुखासन मराठी माहिती, आज आपण या लेखामध्ये गोमुखासन या विषयी माहिती घेणार आहोत. सध्या योग आणि व्यायाम म्हणजे काळाची गरज आहे आणि जे लोक योग आणि योगामध्ये अनेक मुद्रा आहेत आणि योगाची प्रत्येक मुद्रा हि आपल्याला कोणता कोणता तरी आरोग्य फायदा जरूर करते पण कोणत्याही योग मुद्रेचा सराव करत असताना मात्र आपण काळजी पूर्वक केला पाहिजे. अन्लोम विन्लोम, भस्त्रिका, पद्मासन, gomukhasana information in marathi गोमुखासन मराठी माहिती – Gomukhasana Information in Marathi मुद्रेचे नाव गोमुखासन इंग्रजी नाव काऊ फेस पोझ (Cow face pose) फायदे शरीरातील रक्तप्रवाह सुधारतो, बहुतेक अवयवांना ताण पडून अवयव हलके होतात, मूत्राशयाच्या समस्या दूर होतात, तणाव कमी होतो, सांधे मजबूत बनतात आणि शरीर सुंदर बनते. गोमुखासन विषयी माहिती – information about gomukhasana in Marathi गोमुखासन हि एक योगमुद्रा म्हणजेच हा योगासनातील एक प्रकार आहे आणि या प्रकाराला इंग्रजीमध्ये cow face pose म्हणून ओळखले जाते. गोमुखासन करताना आपले सर्व शरीर हे तानते आणि तुमचे खांदे, घोटे, हात, नितंब, मांड्या आणि पाठ हे अवयव या पोसमध्ये दुमडलेले असतात आणि हि मुद्रा गाईच्या तोंडासारखी दिसते आणि म्हणून या मुद्रेला गोमुखासन मुद्रा म्हणून ओळखले जाते. गोमुखासन हि अशी मुद्रा आहे जी आपल्या शरीराच्या संपूर्ण अवयवांचा व्यायाम होतो आणि त्यामुळे शरीरातील रक्तप्रवाह देखील चांगल्या प्रकारे होण्यास मदत होते तसेच गोमुखासन केल्यामुळे सांधे मजबूत होतात तसेच शरीर देखील सुंदर बनते. गोमुखासन या आसनाचा अर्थ असा होतो कि गो म्हणजे गाय आणि मुख म्हणजे तोंड म्हणजेच हे आसन केल्यानंतर गाईच्या तोंडासारखे तिसते आणि म्हणून या आसनाला गोमुखा...

Vedobi

गोमुखासन क्या है? जानें, इसके नियम और फायदे 2022-06-16 00:00:00 योग शास्त्र में वर्णित गोमुखासन बैठकर किए जाने वाले महत्वपूर्ण आसनों में से एक हैं। इसे हठ योग के श्रेणी का आसन माना जाता है। यह संस्कृत भाषा के दो शब्द गौ और मुख से मिलकर बना है। गौ का शाब्दिक अर्थ गाय एवं मुख का मतलब चेहरा होता है। अर्थात इस आसन को करते समय जांघ और पिंडली गाय के चेहरे के समान मुद्रा में आ जाता है। इसलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है। गोमुखासन को अंग्रेजी में काऊ फेस पोज़ (Cow Face Pose) के नाम से जाना जाता है। गोमुखासन करने के नियम- • सर्वप्रथम समतल जमीन पर चटाई बिछाकर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। • इस दौरान आपके दोनों पैर सामने की ओर फैलाएं और हाथ शरीर से सटे हुए जमीन के पास रहें। • अब अपने दाएं पैर को मोड़कर घुटने को बाईं जंघा के नीचे इस प्रकार टिकाएं कि वह नितंब को छुएं। • इसी तरह बाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए दाईं जंघा के ऊपर से घुमाकर इसप्रकार से रखें ताकि पैर जमीन को स्पर्श करें। • इसके बाद दाएं हाथ को ऊपर उठाएं और कोहनी से मोड़ते हुए पीठ के पीछे की ओर ले जाएं। • अब बाएं हाथ को पीठ के पीछे ले जाकर कोहनी से मोड़कर दाएं हाथ की उंगलियों को छूने की कोशिश करें। • ध्यान रखें इस अवस्था में रीढ़ की हड्डी सीधी रहें। • अब इस अवस्था में आंख को बंद करके 1-2 मिनट तक बने रहें और सामान्य रूप से सांस लें। • गोमुखासन से बाहर निकलने के लिए अपने हाथों को खोलें और पैरों को सीधा करें। • पुनः इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी करें। • इस तरह इस आसन को करीब 3-4 बार करें। गोमुखासन के फायदे- • यह आसन पीठ, कुल्हें, बांहों और कंधें की पेशियों को मजबूती प्रदान करता है। • यह पैर की मांसपेशियों की ऐंठन को करता है। • यह आसन स...

गोमुखासन के फायदे, नियम और करने का तरीका

स्वस्थ जीवनयापन के लिए योग और पौष्टिक खान-पान अच्छा तरीका है। अगर आप अपनी दिनचर्या में सुबह या शाम कुछ मिनट योग के लिए निकालते हैं, तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। प्रतिदिन कुछ मिनट का योगाभ्यास न सिर्फ शरीर से तदुंरुस्त रखता है, बल्कि मन को भी शांत रखने में मदद कर सकता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम ऐसे ही एक आसन के बारे में बता रहे हैं, जिसे गोमुखासन कहा जाता है। इसे करना आसान है और कई बीमारियों को दूर रखने में मदद मिल सकती है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम गोमुखासन करने का तरीका और गोमुखासन के फायदे के साथ ही गोमुखासन की सावधानियां भी बताएंगे। गोमुखासन करने का फायदा तभी है, जब इसे नियमित रूप से किया जाए और साथ ही संतुलित आहार का भी सेवन किया जाए। विषय सूची • • • • • गोमुखासन क्या है? – What Is Gomukhasana in Hindi योग के विभिन्न आसनों में से एक गोमुखासन भी है। इस योगासन को हठ योग की श्रेणी में गिना जाता है। गोमुखासन को इंग्लिश में काऊ फेस पॉज के नाम से जाना जाता है। यह दो शब्द गौ और मुख से मिलकर बना है। गौ का मतलब गाय और मुख का मतलब चेहरे से है। इस आसन को करते समय जांघें और दोनों हाथ एक छोर से पतले और दूसरे छोर से चौड़े दिखाई देते है, जो गाय के मुख की तरह दिखाई देते हैं। यही कारण है कि इस आसन को गोमुखासन कहा जाता है ( 1. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए गोमुखासन के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखना शामिल है। दरअसल, इस आसन को करते समय शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है। इससे उच्च रक्तचाप की समस्या से बचा जा सकता है। उच्च रक्तचाप ऐसी स्थिति है, जो हृदय संबंधी समस्या को उत्पन्न कर सकती है। इस प्रकार यह आसन हृदय के लिए लाभकारी हो सकता है ( 2. शरीर के लचीलेपन को बढ़ावा गोमुखासन क...

गोमुखासन योग विधि, लाभ और सावधानी। Gomukhasana Steps, Benefits and Precaution

गोमुखासन क्या है ? What is Gomukhasana in Hindi संस्कृत में ‘गोमुख’ का अर्थ होता है ‘गाय का चेहरा’ या गाय का मुख़ । इस आसन में पांव की स्थिति बहुत हद तक गोमुख की आकृति जैसे होती है। इसीलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में Cow Face Pose कहा जाता है। यह महिलाओं के लिए अत्यंत लाभदायक आसन है। यह गठिया,साइटिका,अपचन,कब्ज,धातु रोग, मधुमेह, कमर में दर्द होने पर यह आसन बहुत अधिक लाभप्रद हैं| गोमुखासन योग विधि – How to do Gomukhasana in Hindi गोमुखासन योग को करने का तरीका बहुत सरल है। नीचे दिए गए विधि को समझ कर आप इस आसन को बहुत सरलता का साथ अभ्यास कर सकते हैं। तरीका • सबसे पहले आप दोनों पैरों को आगे की ओर फैला कर बैठ जाएं और हाथ को बगल में रखें। • बाएं पांव को घुटने से मोड़ें तथा दाएं नितंब (Buttocks) की बगल से जमीन पर रख लें। • उसी तरह से दाएं पांव को घुटने से मोड़ें, बाएं पांव के ऊपर से लाएं तथा दाईं एड़ी को बाएं नितंब (Buttocks) के पास रखें। • अब आप बाईं हाथ को उठाएं और इसको कोहनी (Elbow) से मोड़ें और पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं। • दार्इं बांह उठाएं, कोहनी (Elbow) से मोड़ें और ऊपर की ओर ले जाकर पीछे पीठ पर ले जाएं। • दोनों हाथों की अंगुलियों को पीठ के पीछे इस तरह से रखें कि एक दूसरे को आपस में गूंथ लें। • अब सिर को कोहनी पर टिकाकर यथासंभव पीछे की ओर धकेलने का प्रयास करें। • जहाँ तक हो सके आगे देखने की कोशिश करें और अपने हिसाब से आसन को धारण करें। • यह आधा चक्र हुआ। • पांवों और हाथों की स्थिति बदलते हुए इसे दोहराएं। • अब एक चक्र पूरा हुआ इस तरह से आप तीन से पांच बार करें। गोमुखासन के लाभ – Gomukhasana benefits in Hindi वैसे तो गोमुखासन के बहुत सारे फायदे हैं। यहां प...

गोमुखासन: लाभ, विधि और सावधानी

कमरदर्द, घुटनों के दर्द, साईटिका व जोड़ों के दर्द से ग्रसित लोगों के लिए गोमुखासन बहुत लाभकारी है। गोमुखासन में बैठने के पश्चात् घुटनों की आकृति गाय के मुख के समान बन जाती है और बगल से निकले पांव गाय के कानों की तरह दिखते हैं इसीलिए इस आसन को गोमुखासन कहा जाता है। इसके नियमित अभ्यास से स्त्री, पुरूष, युवा, बुजुर्ग सभी लाभ उठा सकते हैं। खासकर, कमरदर्द, घुटनों के दर्द, साईटिका व जोड़ों के दर्द से ग्रसित लोगों के लिए यह आसन बहुत लाभकारी है। विधिः कमर को व दोनों टांगों को सामने की ओर सीधा रखते हुए बैठ जायें। अब दाईं टांग को घुटने से मोड़ते हुए दायें पांव को बायें नितम्ब के पास रखें। अब बाईं टांग को घुटने से मोड़ते हुए घुटने के ऊपर इस प्रकार रखें कि बायां घुटना दायें घुटने के ऊपर और बायां पांव दायें नितम्ब के पास जमीन पर टिक जाये। अब बायां हाथ सीधा रखते हुए; हथेली आसमान की ओर ऊपर उठायें और कोहनी से मोड़ते हुए हाथ पीछे की तरफ इस प्रकार मोड़ें कि कोहनी कानों के पास ऊपर आकाश की तरफ रहे। दायां हाथ कमर के पास से पीठ की तरफ मोड़कर बायें हाथ की उंगलियों को पकड़ लें। कमर, गर्दन व सिर को सीधा रखें। धीरे-धीरे लम्बा व गहरा श्वास लेते रहें और आंखें बन्द कर ध्यान को श्वास पर टिका कर कुछ देर बैठने के बाद इसी प्रकार पैरों की स्थिति बदल कर करें। लाभः • उंगलियों, कलाई व कन्धों के विकारों को दूर करता है। • गुर्दों को सशक्त कर बहुमूत्र रोग को दूर करता है। • पांव, ऐड़ी, पंजों में रूके विकारों को दूर कर शक्ति प्रदान करता है। • गर्दन को सुन्दर व सुडौल बनाता है। • साईटिका व जोड़ों के दर्द के लिए यह अति लाभकारी है। • यह फेफड़ों को मजबूत बनाता है। • दमा के रोगी इसके नियमित अभ्यास से लाभ उठा सकते हैं। • गोमुखासन क...

गोमुखासन ❤️ स्वामी योगा

गोमुख आसन शरीर को सुडौल और सुदृढ़ बनाने वाला योग है. योग की इस मुद्रा को बैठकर किया जाता है.इस मु्द्रा में मूल रूप से दानों हाथ, कमर और मेरूदंड का व्यायाम होता है.गोमुख आसन स्त्रियों के लिए बहुत ही लाभप्रद व्यायाम है. गोमुखासन करने की विधि : • पलथी लगाकर बैठें. • अपने बाएं पैर को मोड़ कर बाएं तलवे को दाएं हिप्स के पीछे लाएं. • दाएं पैर को मोड़कर दाएं तलवे को बाएं हिप्स के पीछे लाएं. • अपने हथेलियों को पैरों पर रखें. • हिप्स को नीचे की ओर हल्का दबाएं और शरीर के ऊपरी भाग को सीधा रखें एवं सिर को सीधा और सतुलित करें. • बायीं कोहनी को मोड़ कर हाथों को पीछे की ओर ले जाएं. • सांस खींचते हुए दाएं हाथ को ऊपर उठाएं. • दायी कोहनी को मोड़ कर दाये हाथ को पीछे की ओर ले जाएं. • दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ें. • दोनों हाथों को हल्के से अपनी दिशा में खींचें गोमुखासन करने की लाभ : • गोमुख आसन से रीढ़ की हड्डियां सीधी और तनी हुई रहती हैं. • शरीर सुडौल और आकर्षक होता है.इस योग के अभ्यास से कंधों में मौजूद तनाव दूर होता है एवं इनके जोड़ों में लचीलापन आता है. • गोमुख आसन बांहों के लिए भी लाभप्रद होता है • यह योग गहरी सांस लेने में मददगार होता है. गोमुखासन करने की सावधानियां : जिस समय कंधों मे किसी प्रकार की परेशानी हो उस समय यह आसन नहीं करना चाहिए. गर्दन, हिप्स और घुटनों में तकलीफ के दौरान भी इस योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए. गोमुखासन करने की विधि : सबसे पहले दोनों पैरों को सामने सीधे एड़ी-पंजों को मिलाकर बैठे। बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें,दाहिने पैर को बाएं जाँघ के ऊपर रखें। घुटने एक दूसरे के उपर रहना चाहिए।दाहिने (Right)हाथ को उपर उठाकर पीठ के पीछे ले जाइए अब ...