गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान

  1. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है आंसर?
  2. Ncert Solutions Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 Surdas Ke Pad
  3. NCERT Solutions Class 10 Hindi Kshitiz II Chapter 1 पद
  4. NCERT Solutions For Class 10 Kshitiz II Hindi Chapter 1


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गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है आंसर?

गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है आंसर? गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित है कि उद्धव वास्तव में भाग्यवान न होकर अति भाग्यहीन हैं। वे श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी उन के प्रेम से सर्वथा मुक्त रहे । श्री कृष्ण के प्रति कैसे उनके हृदय में अनुराग उत्पन्न नहीं हुआ। अर्थात् श्री कृष्ण के साथ कोई व्यक्ति एक क्षण भी व्यतीत कर ले तो वह कृष्णमय हो जाता है। वे प्रेम की सुखद अनुभूति से पूर्णतया अपरिचित हैं। Dear students अब हम आपसे यही आशा करते हैं कि आपके प्रश्न गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है ? का उत्तर मिल गया होगा। हमारी वेबसाइट WWW.NCERTCLASS.NET में CLASS 10th के सभी विषयो का प्रश्न उत्तर मिल जायेगा । अगर आप हमारे साथ ज्वाइन होना चाहते हैं। तो हमारे ग्रुप में ज्वाइन हो सकते हैं। सामान्य अध्ययन, इतिहास, कंप्यूटर, जीव विज्ञान,भारत का संविधान, भारतीय अर्थव्यवस्था, भूगोल, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विश्व का इतिहास और महत्वपूर्ण जानकरी हमारी मुख्य प्राथमिकता होती है।इसलिए इन विषय की जानकारी आपको हमारे Blog पर मिलेगी। हम कॉपीराइट का पूरा सम्मान करते हैं। इस वेबसाइट NCERTCLASS.NET द्वारा दी जा रही जानकारी से अगर किसी भी जानकारी के अधिकार क्षेत्र से या अन्य किसी भी प्रकार की दिक्कत है तो आप हमें [email protected] पर सूचित करें। हम निश्चित ही उस content को हटा लेंगे। Categories

Ncert Solutions Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 Surdas Ke Pad

Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित या छिपा है कि वो इतने ज्यादा भाग्यशाली हैं कि उन्हें श्री कृष्ण के पास रहने का सौभाग्य मिला है। मगर, तब भी उनके मन में श्रीकृष्ण का मोह व प्रेम भरा नहीं है। इसलिए गोपियाँ उद्धव की तुलना कमल के पत्ते से करते हुए कहती हैं, जैसे कमल के पत्ते पर पानी और तेल के चिकने घड़े (मटकी) पर तेल नहीं टिकता, वैसे ही उद्धव श्री कृष्ण के पास रह कर भी उनके प्रेम में नहीं डूब पाए। Class 10 Kshitij Solutions प्रश्न 2- उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- सूरदास के पद में गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना निम्न चीजों से की है: • गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते से करते हुए कहा है कि तुम उस कमल के पत्ते की तरह हो जो जल में रहते हुए भी कभी उसे छू नहीं पाता और ना ही कभी उस पर टिक पाता है। इसीलिए तुम कृष्ण-कन्हैया के साथ रह कर उनके प्रेमरस में भीग नहीं पाए। • गोपियों के दूसरे उदाहरण के अनुसार, उद्धव जल के बीच रखे तेल के मटके या घड़े की तरह हैं। जिस तरह तेल के मटके पर कभी जल टिक नहीं पाता है, क्योंकि उसे तेल से ही सींचा जाता है, उसी प्रकार उद्धव के मन पर श्रीकृष्ण के प्रेम-आकर्षण का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। Class 10 Kshitij Solutions प्रश्न 3- गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? Class 10 Kshitij Solutions (उत्तर):- गोपियों ने कमल के पत्ते, चिकने घड़े (मटके) और प्रेम की नदी की उपेक्षा करने वाले किसी साधु से उद्धव जी की तुलना करते हुए, उन्हें उलाहने दिए हैं कि तुम तो एक बैरागी हो, तुम्हें प्रेम की समझ नहीं है। इसीलिए त...

NCERT Solutions Class 10 Hindi Kshitiz II Chapter 1 पद

उत्तर : गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में यह व्यंग्य निहित है कि उद्धव वास्तव में भाग्यवान न होकर अति भाग्यहीन हैं। वे श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी वे श्री कृष्ण के प्रेम से सर्वथा मुक्त रहे। श्री कृष्ण के प्रति कैसे उनके हृदय में अनुराग उत्पन्न नहीं हुआ? अर्थात् श्री कृष्ण के साथ कोई व्यक्ति एक क्षण भी व्यतीत कर ले तो वह कृष्णमय हो जाता है। वे प्रेम बंधन में बँधने एवं मन के प्रेम में अनुरक्त होने की सुखद अनुभूति से पूर्णतया अपरिचित हैं। प्रश्न : 2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है ? उत्तर : गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना निम्नलिखित उदाहरणों से की हैं 1) गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते से की हैं जो नदी के जल में रहते हुए भी जल की ऊपरी सतह पर ही रहता है। अर्थात् जल में रहते हुए भी जल का प्रभाव उस पर नहीं पड़ता। उसी प्रकार श्रीकृष्ण का सानिध्य पाकर भी उनका प्रभाव उद्धव पर नहीं पड़ा। 2) उद्धव जल के मध्य रखे तेल के गागर (मटके) की भाँति हैं, जिस पर जल की एक बूँद भी टिक नहीं पाती। इसलिए उद्धव श्रीकृष्ण के समीप रहते हुए भी उनके रूप के आकर्षण तथा प्रेम-बंधन से सर्वथा मुक्त हैं। 3) उद्धव ने गोपियों को जो योग का उपदेश दिया था, उसके बारे में उनका यह कहना है कि यह योग सुनते ही कड़वी ककड़ी के सामान प्रतीत होता है। इसे निगला नहीं जा सकता। यह अत्यंत अरूचिकर है। प्रश्न : 3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं ? उत्तर : गोपियों ने कमल के पत्ते, तेल की मटकी और प्रेम की नदी के उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं। प्रेम रुपी नदी में पाँव डूबाकर भी उद्धव प्रभाव रहित हैं। वे श्री कृष्ण के सानिध्य में रहत...

NCERT Solutions For Class 10 Kshitiz II Hindi Chapter 1

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद is part of Board CBSE Textbook NCERT Class Class 10 Subject Hindi Kshitiz Chapter Chapter 1 Chapter Name पद Number of Questions Solved 27 Category NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद प्रश्न 1. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है? उत्तर- गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में वक्रोक्ति है। वे दीखने में प्रशंसा कर रही हैं किंतु वास्तव में कहना चाह रही हैं कि तुम बड़े अभागे हो कि प्रेम का अनुभव नहीं कर सके। न किसी के हो सके, न किसी को अपना बना सके। तुमने प्रेम का आनंद जाना ही नहीं। यह तुम्हारा दुर्भाग्य है। You can also download NCERT Solutions For Class 10 Science to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. प्रश्न 2. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है? उत्तर- उद्धव के व्यवहार की तुलना दो वस्तुओं से की गई है • कमल के पत्ते से जो पानी में रहकर भी गीला नहीं होता है। • तेल में डूबी गागर से जो तेल के कारण पानी से गीली नहीं होती है। प्रश्न 3. गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? उत्तर- गोपियों ने निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं । • उन्होंने कहा कि उनकी प्रेम-भावना उनके मन में ही रह गई है। वे न तो कृष्ण से अपनी बात कह पाती हैं, न अन्य किसी से। • वे कृष्ण के आने की इंतज़ार में ही जी रही थीं, किंतु कृष्ण ने स्वयं न आकर योग-संदेश भिजवा दिया। इससे उनकी विरह-व्यथा और अधिक बढ़ गई है। • वे कृष्ण से रक्षा की गुहार लगाना चाह रही थीं, वहाँ से प्रेम का संदेश चाह रही थीं। परंतु वहीं से ...